Sunday, April 3, 2011

कृपया इसे पोस्ट न समझा जाए -- ये मात्र एक आवश्यक सूचना है -- I love speed !

कुछ ब्लॉगर मित्रों को शिकायत है की मेरी पोस्ट जल्दी-जल्दी आती है और वो थक जाते हैं पढ़ते पढ़ते । मुझे इस बात का खेद है । लेकिन क्या करूँ , मस्तिष्क में आने वाले विचारों के साथ अन्याय तो नहीं कर सकती न ? ये भारतीय अदालत नहीं है जहाँ वर्षों केसेज़ पेंडिंग रखे जाते हैं ।

जाने क्यूँ मुझे लगता है की मेरे पास वक़्त बहुत कम है। इससे पहले की देर हो जाए , लिख डालना है , कह डालना है सब कुछ । मैं अपनी गति से लिखूंगी , आप अपनी गति से पढियेगा।

यदि आप नहीं पढ़ पायेंगे , तो भी कोई गिला नहीं , और यदि आप कुछ बिना कहे चले जायेंगे , तो भी बुरा नहीं मानूंगी । आप लोग मुझे इतना बर्दाश्त करते हैं , इसके लिए वैसे ही आप सभी की बहुत आभारी हूँ ।

कैसे समझाऊं की वक़्त बहुत कम है ...लिख लेने दीजिये मुझे।

पुनः याद दिला दूँ , यह कोई लेख नहीं है , बस यूँ ही आप सभी से मुखातिब हूँ । कल सुबह Morning walk से लौटकर Morning chores के बाद एक नए विमर्श के साथ उपस्थित रहूंगी , जहाँ आप सभी की उपस्थिति अति अनिवार्य होगी। अभी से निमंत्रण दे रही हूँ ।

कल प्रातः सभी पत्रों का जवाब लिखूंगी और अपने पसंदीदा ब्लॉग भ्रमण पर निकलूंगी।

तब तक के लिए -- शुभ रात्रि ।

24 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

हिन्दू नवसंवत्सर २०६८ की हार्दिक शुभकामनाएँ

http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/04/hindi-twitter.html

Unknown said...

कैसे समझाऊं की वक़्त बहुत कम है ...लिख लेने दीजिये मुझे।
कोई अप्रिय बात मत कहियेगा, न ही कोई अनहोनी, आपने तो डरा दिया है , सुबह का इंतज़ार रहेगा, आपकी कलम का भी, आपकी स्पीड का भी

Darshan Lal Baweja said...

शुभ रात्रि ।

Dr.J.P.Tiwari said...

डॉ. दिव्या !
क्या बात है...? निराशावादी तो आप है नहीं, ..फिर यह अवसाद क्यों..? ..आपकी वाणी में आज निराशा क्यों? यह शब्दावली तो शुभ चिंतकों को डरानेवाली है. आपको ऐसा क्यों लगता है कि समय कम है आप के पास ..? आप लिखिए और खूब लिखिए.....लेकिन मनहूस बातें कृपया न लिखें. हम जैसों की ढेर सारी शुभकामनाएं हैं कि लम्बे समय तक साथ रहें, स्वस्थ रहें...., आप लिखती रहें ...मित्र गण पढ़ते रहें.....आप जैसी निर्भीक और स्पष्टवादी चिन्तक और प्रखर लेखिका की बहुत आवश्यकता है आज ......सच कहता हूँ इसमें बनावटीपन नहीं है कहीं से भी....हम जैसे लोग इस नेर्भिकता के ही कायल हैं.....
नवरात्रि की शुभकामनाएं.

आपका अख्तर खान अकेला said...

doktr saahibaa kisi ke khne ki kisi ki kmi nikalane ki kisi ki sudhar ke liyen sujhaav dene ki or kisi ki tezi se bdhte logon se thodi si .... hoti he lekin bas jisko jo krna voh krte rhen mujh se bhi logon ko isi trah ki shikaayt he lekin hm to vichar bhejte hen logon ko pdhaa kar us pr vaah vaahi lutne ke mohtaaj nhin he isliyen befikr ho kar likhen hm hain na apke gyan ko praapt krne vaale . akhtar khan akela kota rajsthan

kshama said...

Divyaji,waqt to sabhee ke paas utnahee hota hai,jitna aapke paas....aap badhiya istemaal kartee hain!
Aap likhiye,khoob likhiye,ham padhnewale haazir hain!

प्रवीण पाण्डेय said...

जो मन में आये सहजता से व्यक्त करें, गति पर ध्यान न दें।

Atul Shrivastava said...

अब यह पोस्‍ट नहीं है तो टिप्‍पणी क्‍या दें पर जब यहां तक आ ही गए हैं तो कुछ तो कहना बनता ही है ताकि आपको लगे कि हम भी यहां पहुंचे थे, सो आपको नए साल की बधाई ही दे दें।
दिव्‍या जी आपको और आपके परिवार को हिंदु नववर्ष की शुभकामनाएं....

mridula pradhan said...

apke post ka intzar hai.......

जयकृष्ण राय तुषार said...

नये संवत्सर की शुभकामनाएं |सुप्रभातम |

Rakesh Kumar said...

आपके पास गति है क्यूंकि भाव हैं,विचार हैं और उनको प्रकट करने में आप सक्षम हैं ,सर्जन की शक्ति है आपमें ,लेकिन उसमें कहीं आपका लक्ष्य भी है,मंजिल पाने की तलाश भी है.ईश्वर करे कि आप अपने लक्ष्य को पाने में सफल रहें और आपके भाव और विचार नित घुमुड घुमुड कर निरंतर लक्ष्य की और बहें.हर नदिया की सफलता समुन्द्र में मिल जाने की ही होती है ,फिर चाहे वह धीमी गति से बहे या तीव्र गति से ,अकेली चले या अन्य सरिताओं के साथ मिल कर.क्या फर्क पड़ता है जमुना गंगा में मिल गंगा कहलाये या मिलने के बाद भी उसे जमुना ही बोलें. लेकिन निरंतर जल का बहाव अति आवश्यक है
"सजल मूल जिन्ह सरितन्ह नाहीं,बरषी गए पुनि तबहिं सुखाहीं"
जिन नदिओं के मूल में कोई जल स्रोत नहीं हैं (यानि जिनको केवल बरसात का ही आसरा है) वे वर्षा बीत जाने पर तुरुन्त ही सूख जाती हैं.

BK Chowla, said...

In fact I was wanting to send that msg, but you have already answered it here.
The frequency is a bit fast

Rahul Singh said...

स्‍तर बना रहे तो संख्‍या की परवाह न करें. (ऐसी सेंचुरी न हो जो गिनती में सैकड़ा और असर में हार का कारण बने.)

प्रतुल वशिष्ठ said...

:-:

अजित गुप्ता का कोना said...

जो समय बहुत है ऐसा सोचकर बैठे रहते हैं, वे जीवन में कुछ नहीं कर पाते। समय नहीं है, ऐसा सोचने पर ही त्‍वरित गति से कार्य होता है। स्‍पीड तो जीवंतता की निशानी है, बनाए रखिए।

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

दिव्या जी ,

यह तो आप पर माँ वाणी की कृपा ही है कि आपको अनवरत नए भाव और नए विचार मिल रहे हैं | आप द्रुत गति से लिखती रहें , हमें पढना है तो पढ़ ही लेंगे .....थोडा विलम्ब से ही सही |

आपकी लेखनी अबाध गति से चलती रहे .....हार्दिक शुभकामनायें |

सदा said...

लिखते रहिये - लिखते रहिये ... आपकी यह ऊर्जा यूं ही कायम रहे, और लेखनी बिना किसी रूकावट के हरसमय चलती रहे ....।

aarkay said...

Speed thrills and in this case does not even kill. So please keep it up .
Best wishes !

Dr (Miss) Sharad Singh said...

नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं |

Sawai Singh Rajpurohit said...

"नव संवत्सर तथा नवरात्रि पर्व" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

Unknown said...

अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आप बस न्याय करती रहें।

मेरा ब्लॉग भी देखें
अब पढ़ें, महिलाओं ने पुरुषों के बारे में क्या कहा?

SANDEEP PANWAR said...

जाट देवता की राम राम,
आप बीती बताते रहो,
जो जी में आये वो बताते रहो

नीलांश said...

Divya Didi mujhe aapki post acchi lagti hai

wo upyogi hoti hain janmanas ke liye...

mano ya na mano ...

ZEAL said...

.

प्रिय अभिषेक ,

दीदी कहकर आपने बहुत मान दिया है। भाई बहन के इस अनमोल रिश्ते को पूरी कोशिश के साथ निभाना । मैं बड़ी हूँ आपसे और बहन हूँ , इसलिए मेरी जिम्मेदारी ज्यादा होगी , इस सुन्दर रिश्ते के फलने-फूलने में।

.