Wednesday, January 30, 2013

अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता

इस देश की सरकार के चलते अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पूरी तरह छीनी जा चुकी है ! शिंदे अगर 100 करोड़ हिन्दुओं को आतंकवादी कह दें तो हिन्दुओं की आत्मा को ठेस पहुंची है , इससे किसी को कोई सरोकार नहीं ! किसी प्रकार का कोई ऐक्शन नहीं लिया गया ! लेकिन कमल हासन की एक निर्दोष फिल्म 'विश्वरूपम' से चंद कट्टर मुसलामानों की बिना मतलब आहत होती भावना को बहुत तूल दिया जा रहा है ! मुस्लिम वोटों की राजनीति ने एक अच्छे कलाकार को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है !

सलमान रुश्दी , तस्नीमा नसरीन और अब कमल हासन ! मुसलमानों को आईना दिखाने वालों का बहुत बुरा हश्र किया जा रहा है!

सरकार का अत्याचार अब बढ़ता ही रहा है !

प्रधानमन्त्री कौन?

शेर ने चुनाव जीतकर ये बता दिया की दरबार हमारा है
अब तुम चूहे को राजा बनाओ तो ये दुर्भाग्य तुम्हारा है !

Zeal

Sunday, January 27, 2013

मुझे तोड़ लेना वनमाली...

चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,

चाह नहीं प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,

चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर, हे हरि, डाला जाऊँ

चाह नहीं, देवों के शिर पर,
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ!

मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,

मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जावें वीर अनेक।

-माखनलाल चतुर्वेदी

जय भगवा

भगवा शब्द इतना पवित्र है की आतंकवादी के आगे लिख जाने से उसका अर्थ 'राष्ट्रवादी' हो जाता है !--- गर्व से कहिये हम 'भगवा-आतंकवादी' हैं ! अब हम मिलकर भगवा-हिन्दू-राष्ट्र बनायेंगे!

जय भगवा
जय भगवा-राष्ट्र

Friday, January 25, 2013

तेज तम अंश पर , कान्हा जिमी कंस पर..

इंद्र जिमि जृंभपर ! बाडव सुअंभपर ! रावण सदंभपर ! रघुकुल राज है … !
पौन वारिवाह पर ! संभु रतिनाह पर ! ज्यो सहसवाहु पर !राम द्विज राज है … !
दावा द्रुमदंड पर ! चिता मृगझुंड पर ! भूषण वितुंड पर ! जैसे मृगराज है … !
तेज तमंअंस पर ! कन्न्ह जिमि कंस पर ! त्यों म्लेंच्छ बंस पर ! सेर शिवराज है … !
कवि भूषण 

क्या यही है गणतंत्र भारत का ?

आजादी मिले 65 वर्ष बीत गए और संविधान बने 63 वर्ष। लेकिन क्या भारतवर्ष में तरक्की हुयी है? हम जहाँ थे वहीँ हैं या फिर और पीछे चले गए हैं ? इतने वर्षों में क्या तरक्की की है हमने ?

अशिक्षित बच्चों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है , ये नहीं जानते की 'गणतंत्र दिवस' और स्वतंत्रता दिवस क्या है। उनके लिए तो इस दिन लड्डू मिल जाते हैं बस यही है इसकी अहमियत।

आधी आबादी जो भारत की सड़कों पर पैदा होती है और फुटपाथ किनारे दम तोड़ देती है क्या ये गणतंत्र दिवस उनके लिए भी है ?

ये झंडा रोहण बड़े-बड़े आफिस , दफ्तरों और संस्थानों तक सीमित है। क्या लाभ इस दिवस का ,जब तक हर नागरिक खुशहाल न हो , स्वस्थ न हो , निर्भय न हो और अनेक अधिकारों से वंचित न हो तब तक।

आजादी के समय नेहरू ने देश को हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में बांटा। आज ये विदेशी सरकार अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों के नाम पर देशवासियों को बाँट रही है।

देश के लिए जज्बा ही कम हो गया है ,

लोगों के दिलों में स्वाभिमान भी मर रहा है,

अपने अधिकारों के लिए लड़ना भी छोड़ दिया है,

आवाज़ ऊंची करने में भी सहमने लगे हैं देशवासी,

अब ये कहने में भी डरते है की 'आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है',

अब सरकार के अत्याचार से डरकर 'खिलाफत' और "असहयोग आन्दोलन" भी नहीं करते,

एक विदेशी महिला २ अरब जनता को अपने इशारों पर नचा रही है और हम "भारत छोडो" कहते हुए भी डरते हैं,

रामलीला मैदान में 'जलियावाला बाग़ काण्ड' दोहराया जाता है और हम चुप रह जाते हैं।

मीडिया बिकी हुयी है , लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छिनी जा रही है , क्या हम वाकई आजाद भारत में रह रहे हैं ?

अब देश में वालमार्ट लाया जाएगा , अब 'दांडी मार्च' नहीं होते। स्वदेशी से किसी को कोई लगाव नहीं ।

अब साधू संतों और भगवा का अपमान किया जाता है।

अब हमारे पवित्र ग्रंथों पर को बैन लगाने की जुर्रत करते हैं कुछ देश।

भारत में आतंकवादियों को सजा नहीं दी जाती।

हाथी ढकने पर करोड़ों व्यय पर गरीबों को कम्बल नहीं दी जाती ।

किसान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री के चेहरे पर शिकन नहीं आती ।

  64 सालों का गणतंत्र !! गजब है हमारी उपलब्धियां !

धन्य है भारत ! धन्य हैं भारतवासी!

कभी-कभी देश के बारे में सोचा भी कीजिये ...

"गणतंत्र की शुभकामनाएं" कहकर खानापूर्ति न कीजिये...

Zeal

Thursday, January 24, 2013

वे भयभीत हैं...

कांग्रेस पार्टी आतंकित है , आजकल वह कॉकरोच से भी डर जाती है इसीलिए भगवा जैसे पवित्र रंग से भी आतंकित हो रही है।

मेरे विचार से इस डरी हुयी जमात को और ज्यादा आतंकित करना चाहिए ! भाजपा को अपनी पार्टी का एक ड्रेस-कोड बनाना चाहिए और पार्टी सदस्यों को भगवा शॉल और सदरी का प्रयोग करना चाहिए ताकि इन देशद्रोहियों की ज़बान लड़खड़ाये कुछ बकने से पहले!

Zeal

Wednesday, January 23, 2013

कांग्रेस की रुदाली

नितिन गडकरी बनें या राजनाथ , कांग्रेस को क्यों तकलीफ हो रही है? --कांग्रेसी तो सारे चमचे हैं , चाची-420 के आगे गर्दन झुकाए उनकी सैंडलों  पर ही दृष्टि रखते हैं ! मुंह में ज़बान और हलक में थूक भी नहीं है की कुछ बोल सकें !  भाजपा का निर्णय उचित है, सबकी सलाह मशविरा लेकर सर्वसम्मति से लिया गया एक समझदारीपूर्ण, नैतिक निर्णय है! --कांग्रेसियों अपना रुन्दन बंद करो , हमें तो तुम्हारा अमूल बेबी को उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय भी मजेदार लगा!

Zeal

Monday, January 21, 2013

"प्रभुता पाहि ना काय मद नाहीं "

"प्रभुता पाहि ना काय मद नाहीं " -- प्रभुता पाकर किसे मद नहीं हो जाता भला ? तो फिर सुशील कुमार शिंदे जी किस खेत की मूली हैं , इन्हें भी सत्ता में बैठकर अहंकार हो गया है और बुद्धि भ्रष्ट !!

हिन्दुओं को आतंकवादी बता रहे हैं और RSS तथा BJP को आतंकवादी गतिविधियों का सरगना !

हे मूर्ख शिरोमणि शिंदे , यदि हिन्दुओं में लेशमात्र भी आतंकवाद होता तो सबसे पहले कांग्रेसियों को ही काट डालते और देश खुशहाल होता !

Zeal

Saturday, January 19, 2013

जय जवान , जय किसान

कल की बारिश और ओले गिरने से कई स्थानों पर 70 फीसदी फसलों का नुकसान हुआ है! खेतों में खड़ी सरसों , मटर और आलू बर्बाद हो गए हैं ! किसानों का दुःख-दर्द पूछने वाला कोई नहीं है इस सरकार में!

काश लाल बहादुर शास्त्री जैसे प्रधानमन्त्री आज भी होते जिन्होंने "जय जवान --जय किसान" का नारा दिया था ! जिन्होंने 1965 के युद्ध के विध्वंस के समय सप्ताह में दो दिन उपवास किया और जनता से भी कहा ताकि अनाज की बचत हो सके और देश में कोई भी भूखा ना सोये ! ये एक इकलौते प्रधानमन्त्री थे जो अपने आवास से निकलकर पैदल ही कार्यालय तक जाया करते थे ताकि अनावश्यक व्यय होने वाली धनराशी को देशहित में बचाया जा सके! डॉ राजेन्द्र प्रसान तो अपनी तनखाह का चौथाई हिस्सा ही संस्कृत के विद्यार्थियों को दान दे देते थे ताकि संस्कृत भाषा का उत्त्थान हो सके !

आज हमें प्रासाद, पटेल और लाल बहादुर शास्त्री जैसे देशहित में सोचने वाले नेताओं की ज़रुरत है , जिनमें संवेदनशीलता और इमानदारी थी , ना कि कांग्रेसियों की जो की जवानो के सर काटे जाने पर भी खामोश रहते हैं और किसानों की बर्बादी पर भी !

Zeal

Thursday, January 17, 2013

पाकिस्तान ने वादा किया है की वो तमीज से रहेगा

पाक ने बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं ! भारत ने जब सबूत सौपें तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया ! 16 दिनों में 20 बार नियंत्रण रेखा पर युद्ध-विराम का उल्लंघन किया! लेकिन जब खेलों से इनका बहिष्कार होने लगा तो इनकी अकल ठिकाने आ रही है! अब पाकिस्तान ने वादा किया है की वो तमीज से रहेगा!

फैशन-परेड की सरताज, हिना रब्बानी ने कहा की -- 'भारत युद्ध चाहता है और हम पर झूठा आरोप लगा रहा है"

Zeal

Tuesday, January 15, 2013

अब फ़रिश्ते नहीं आते ..

 
लोग कहते हैं की बेवजह के पचड़े में कौन पड़े इसलिए वे किसी की मदद को आगे नहीं आते , देखकर भी अनदेखा कर देते हैं ! चाहे किसी के यहाँ चोरी हो गयी हो , किसी के साथ सड़क दुर्घटना हो गयी हो अथवा जैसे अभी 16 दिसंबर को दामिनी बलात्कार की घटना में सड़क पर दोनों निर्वस्त्र पड़े रहे और अस्पताल में भी दो घंटे तक किसी ने मदद नहीं की, या फिर बस में उस युवती को चांटा मारा और छेडछाड की उस कंडक्टर ने लेकिन सहयात्री केवल तमाशा देखते रहे।

क्या इतनी असंवेदनशीलता उचित है? खुद को कोई दिक्कत न हो इसके लिए दूसरों को मरने के लिए छोड़ देंगे क्या? निज स्वार्थ बड़ा है या कर्त्तव्य ? इंसानियत की पहचान क्या है?

मेरे विचार से यथासंभव और यथाशक्ति पीड़ित की मदद तत्काल करनी चाहिए , बिना अपना कोई नुकसान सोचे। आज हम उसके काम आयेंगे , कल कोई हमारे काम आ जाएगा हमारी तकलीफ में ... फ़रिश्ता बनकर ....

Zeal

Hats off to Sujata Patil

Monday, January 14, 2013

ऐसी कायरता पर हँसता होगा पाकिस्तान !!

एक अजनबी प्रतिमा के आँचल की काली छाया में !
बने नपुंसक कब तक गाओगे उसका गुणगान !
रोज तमाचा खाकर भी प्रतिकार नहीं करते हो !
ऐसी कायरता पर हँसता होगा पाकिस्तान !!
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क्रूर भेड़िया घर में घुस कर आग लगा देता है !
संसद पर हमला करता है, ताज ढहा देता है !
तुम संसद में बैठ लिया करते केवल संज्ञान !
ऐसी कायरता पर हँसता होगा पाकिस्तान !!
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नीच पड़ोसी गुर्राता है, आँखें दिखलाता है !
अपने अनुचर भेज यहाँ पर दंगे करवाता है !
बिल में दुबके बैठे हो, सोये हो चादर तान !
ऐसी कायरता पर हँसता होगा पाकिस्तान !!
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अस्त-व्यस्त घर की हालत, मँहगाई सिर चढ़ बोले !
गलत नीति के कारण पूरी अर्थ – व्यवस्था डोले !
जनता के अरबों रुपये का कर आते हो दान !
ऐसी कायरता पर हँसता होगा पाकिस्तान !!
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शब्दों के आडम्बर रच नित सबको भरमाते हो !
सच्चाई स्वीकार नहीं करते हो, शरमाते हो !
भारत के सरदारो रक्खो कुछ तो इसकी शान !
कहीं फिर ऐसी कायरता पर हँसे ये सारा जहान !!
 
By- कमलेश चौबे

Sunday, January 13, 2013

बेहद प्रेरणादायी एक सत्य घटना

सरकारी महकमे में एक चपरासी था। अचानक पत्नी के देहांत हो जाने से सब अस्त-व्यस्त हो गया। छोटे-छोटे तीन बच्चों को कौन संभालता।  बच्चों की मौसी ने माँ की तरह तीनों बच्चों को पाला और उन्हें लायक बनाया। मौसी और उस व्यक्ति के बीच कोई प्रेम-सम्बन्ध नहीं था !  मौसी का भी कोई नहीं था ! रोजी रोटी का भी कोई सहारा नहीं था !

उस व्यक्ति ने अपने रिटायरमेंट के बाद  उससे विधिवत , कानूनी विवाह कर लिया और कहा की उसकी मृत्यु के बाद उसकी पेंशन उसकी नयी पत्नी को मिले!  एक वर्ष बाद उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी !  वो पेंशन आज भी उस स्त्री (मौसी) को मिल रही है और उसी से उसका गुजारा चल रहा है!

वो व्यक्ति कभी भी उससे मिलने नहीं गया ताकि कोई भी अनायास उस स्त्री पर ऊँगली ना उठा सके, लेकिन उसके एहसानों का बदला चुका गया !

धन्य हैं ऐसे लोग

Zeal

Friday, January 11, 2013

पुरुषों से दोस्ती करें अथवा ना करें ?

संत आसाराम बापू का कहना है की "पुरुषों से दोस्ती की जायेगी तो बलात्कार बढ़ेंगे "

इस तरह की बचकानी बात पहले कभी नहीं सुनी !  सभी पुरुष एक जैसे नहीं होते, अतः बलात्कार की घटनाओं को देखकर सभी पुरुषों को राक्षस-स्वरुप में देखना अनुचित है ! स्त्रियों को पुरुषों से दूर रहने की हिदायत देना और स्त्री-पुरुष में भेदभाव बढाने की बातें करना पूर्णतया तर्कविहीन है !

स्त्री और पुरुष एक दुसरे के पूरक हैं ! समाज स्त्री और पुरुष दोनों से मिलकर बना है ! दोनों ही एक दुसरे के अभिन्न अंग हैं , अलग नहीं किये जा सकते! ये सृष्टि दोनों के मिले जुले योगदान से ही चल रही है ! यदि प्रकृति के विरुद्ध जाकर उन्हें पृथक करने की योजना की गयी तो सृष्टि के समस्त कारोबार ही रुक जायेंगे!

आसाराम बापू का ये कथन की लड़कियों को लड़कियों के साथ ही दोस्ती करनी चाहिए और उन्हीं के साथ निकलना चाहिए , पुरुष मित्रों के साथ नहीं !

क्या आसाराम जी को यह नहीं समझ आता  है की उस रात यदि वो लड़की अपने होने वाले पति की जगह अपनी किसी सहेली के साथ गयी होती तो एक नहीं दो लड़कियों का बलात्कार होता ! और यदि उस मित्र की जगह उसके साथ उसके भाई अथवा पिता होते तो क्या बलात्कारियों ने उसे छोड़ दिया होता?

आसाराम जी , दोष स्त्री-पुरुष मित्रता में नहीं है , दोष है समाज में पनपती गनदी मानसिकता का ! दोष है सही संस्कारों के ना मिल पाने का ! सही शिक्षा और गाइडेंस न मिल पाने का !

ऐसे जघन्य अपराधों का समाधान है--- कठोर से कठोरतम सज़ा , संस्कार और नैतिक मूल्यों का धारण करना!

स्त्री और पुरुष को दोष देने से कुछ नहीं होगा !

Thursday, January 10, 2013

विनम्र श्रद्धांजलि

सरहदों की विषम परिस्थितियों में हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान देने वाले शहीद लांस नायक हेमराज और शहीद लांस नायक सुधाकर सिंह को
विनम्र श्रद्धांजलि!
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काश हमारी सरकार वोट-बैंक से हटकर देश की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखती तो यूँ हमारे जवानो को शहीद न होना पड़ता!

Zeal

Tuesday, January 8, 2013

एक अमीर बलात्कारी --

कसाब का कोई दोष नहीं था , गलती मरने वालों की थी, वे ताज होटल में क्यों गए , उन्हें अपने घर पर रहना चाहिए था तो बेचारा कसाब क्यों किसी को मारता देश-विदेश के 377 मूर्खों के कारण कसाब पर इतने इल्जाम लगे! --(सन्दर्भ नीचे है)

दामिनी अपने बलात्कार की जिम्मेदार स्वयं है वो गिड़गिड़iयी क्यों नहीं ? --आसाराम बापू 
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इतना बड़ा मूर्ख पहले कभी नहीं देखा। इससे कोई पूछे दहेज़ के लिए मारी जाने वाली औरतों भी जिम्मेदार हैं अपनी मौत के लिए !

कन्या भ्रूण ह्त्या के लिए कोई जिम्मेदार नहीं , बल्कि भ्रूण ही जिम्मेदार है जो कोख में गिड़गिड़ाता नहीं की मुझे मत मारो।

कल एक आश्रम में 11 बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ , बच्चियों की उम्र 3 वर्ष से लेकर 11 वर्ष है!  जिम्मेदार कौन ? क्या ये मासूम बच्चियां भी अपने साथ हुए दुष्कर्म की जिम्मेदार हैं? --आसाराम बताएं !

स्त्रियों के दुश्मन आसाराम की 'प्रवचन की दूकान' तत्काल बंद करा  देनी चाहिए। पता नहीं क्या क्या गुल खिलते हैं इसके आश्रम में !

इसका बयान देखकर तो ये खुद ही एक बलात्कारी लगता है , जिसके कुकर्म इसकी अमीरी के नीचे दबा दिए जाते हैं!

Zeal


Sunday, January 6, 2013

देशद्रोहियों की कतार --


  • ओवैसी धमकी देता है -"हिन्दुओं के खून की नदियाँ बहा देंगे"
  • सागरिका घोष कहती है--"ओवैसी एक बेहतरीन और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ है"
  • महेश भट्ट कहता है--"मुसलमानों जेहाद करो, भारत मूर्खों और अंधों का देश है"
  • और सरकार ?--वो तो गुपचुप तरीके से डेंगू से मरे आतंकवादीयों को फाँसी लगाती है, जबरदस्ती शवदाह कराती है और ओवैसी जैसे अलगाववादियों को गुपचुप तरीके से भगा देती है , किसी को कानोकान खबर नहीं होती जैसे भोपाल त्रासदी के वारेन एंडरसन को भगा दिया था !
Zeal

Friday, January 4, 2013

जब मिल बैठे गद्दार दो

लगता है देश एक बार फिर से किसी भयानक हादसे से गुजरने वाला है। देश के हुकमरान एक बार फिर किसी को पनपने की वो हर परिस्‍थिति मुहैया करवा रहे हैं, जो आज से कुछ साल पहले कुछ समुदाय नेताओं की दी गई एवं अंत तो पूरा विश्‍व जानता है। मगर अफसोस यह गलती एक ही परिवार बार बार कर रहा है।
 
कथित तौर पर  लिट्टे को जन्‍म देना वाला। पंजाब में सिखों के अलग राज की मांग करने वाले संत। सभी को उभरने के लिए गांधी परिवार ने अपना पूरा सहयोग दिया। मगर जब इन्‍होंने गांधी परिवार से आगे जाकर अपनी खुद की पैठ बनानी शुरू की तो गांधी परिवार को बुरा लगा। अफसोस इसमें नुकसान आम आदमी को भुगताना पड़ा। अब एक बार फिर गांधी परिवार अपनी पुरानी भूल को दोहराने जा रहा है, लेकिन इत्तेहादुल मुसलमीन के विधायक अकबरउद्दीन ओवैसी के रूप में।

अकबरउद्दीन ओवैसी के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने नई दिल्ली के पार्लियामेन्ट स्ट्रीट के डीसीपी को एक पत्र लिख कर शिकायत की है कि ओवैसी ने 24 दिसम्‍बर 2012 को आंध्र प्रदेश के निर्मल शहर में बेहद भड़काऊ भाषण दिया गया था। पूरा भाषण बेहद आपत्तिजनक है, हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काऊ और हमारी सांस्कृतिक विरासत के खिलाफ है। यह हमारे संवैधानिक मूल्यों, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर एक तगड़ा हमला है। ऐसे अप्रिय भाषण समाज को विभाजित करते हैं, शांति भंग करते हैं और सांप्रदायिक दंगों की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं।

यह ऐसा कोई पहला मामला नहीं, जब ओवैसी को लेकर किसी ने एतराज जताया हो। ओवैसी के खिलाफ समय समय पर काफी गम्‍भीर आरोप लगे हैं, लेकिन सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी की छत्रछाया में चल रही सरकार इस बाबत को गम्‍भीरता से लेने को तैयार नहीं।

गुजरात के सूरत से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र लोकतेज की वेबसाइट के सौजन्‍य से निम्‍न  प्रकाशित लेख, जो कांग्रेस के छुपे हुए चेहरे को जग जाहिर करता है ।

क्या भारत सही मायने में धर्मनिरपेक्ष है? क्या भारत संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों को मानता है? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगों और उनके नेताओं के बीच भेद-भाव नही किया जाता? यदि हाँ, तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूंखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है?

इजरायल के चेतावनी की अनदेखी
सूत्रों से ज्ञात हुआ की इजराइली खुफिया एजेन्सी मोसाद ने भारत सरकार को कई बार पत्र लिखकर कहा है कि आपका सांसद जो आपकी यूपीए सरकार को समर्थन दे रहा है वो इजरायल में आतंकवाद पैâला रहा है और साथ ही भारत के गरीब मुस्लिम युवकों का ब्रेनवाश करके उन्हें हमास और हिजबुल्लाह के लिए भर्ती करता है, लेकिन चूँकि भारत की यूपीए सरकार को सिर्पâ हिंदू ही आतंकवादी नजर आते है इसलिए भारत सरकार ओबैसी को खुलेआम छुट दे दिया है। ज्ञात रहे कि हिजबुल्लाह आज विश्व का सबसे बड़ा आत्मघाती दस्ते वाला आतंकवादी संगठन है जो छोटे-छोटे बच्चों को अपने आत्मघाती दस्ते मे भर्ती करता है।

मुस्लिमों ने वैसे धर्म निरपेक्ष देशों को मुस्लिम राष्ट्र बनाया
पूर्व में लेबनान पहले धर्मनिरपेक्ष देश था और वहाँ ४ हिंदू और १० यहूदी भी रहते थे। लेबनान जहां पहले ८० ईसाई तथा अन्य धर्म और २० मुस्लिम रहते थे और लेबनान विश्व का बहुत तेजी से तरक्की करता हुआ मुल्क था, इसकी राजधानी बेरुत को विश्व का गोल्ड केपिटल कहा जाता था क्योकि बेरुत विश्व की सबसे बड़ी सोने की मण्डी थी। इतना ही नहीं खूबसूरत लेबनान में कई हॉलीवुड और बॉलीवुड के फिल्मों की शूटिंग होती थी।

लेकिन लेबनान की तरक्की और खुशहाली पर लेबनान के मुस्लिम नेताओं ने ग्रहण लगा दिया, मस्जिदों में और अपने सम्मेलनों के मुसलमानों को खूब बच्चे पैदा करके लेबनान पर कब्जा करने की बाते करते थे। फिर धीरे-धीरे लेबनान का जनसंख्या का संतुलन बिगड़ गया और फिर लेबनान २५ सालों से गृहयुद्ध की चपेट मे आ गया। आज लेबनान के दो हिस्से है उत्तरी लेबनान जिसमें ईसाई और अन्य धर्मों के लोग रहते है और दक्षिण लेबनान जहां मुस्लिम रहते है उसी तरह राजधानी बेरुत का भी दो अघोषित हिस्सा है जहां एक तरह ईसाई और दूसरी तरफ मुस्लिम रहते हैं।

सांसदों को विदेश यात्रा से पूर्व अनुमति का नियम
जब भी कोई सांसद विदेश यात्रा करता है तो उसे लोकसभा सचिव को लिखित सूचना देकर अनुमति लेनी पड़ती है भले ही वो उसकी निजी यात्रा ही क्यों न हो। एक आरटीआई के जबाब मे मीरा कुमार ने पहले बताया कि उनके पास ऐसी कोई फाइल नही आई जिसमे ओबैसी ने लेबनान और सीरिया के यात्रा की अनुमति मांगी हो। इसका मतलब यही है कि ओवैसी ने बिना अनुमति के विदेश यात्रा की। सवाल ये उठता है कि आखिर इतना घोर साम्प्रदायिकता पैâलाने वाला ओबैसी को यूपीए साम्प्रदायिक क्यों नही मानती है ?

ओबैसी के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट में गांधी परिवार की भूमिका
सबसे बड़ा चौकने वाला खुलासा ये है कि ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट राहुल गाँधी की सिफारिश पर मिला था जबकि खुद आन्ध्रप्रदेश की कांग्रेस सरकार की ही खघ्ुफिया पुलिस ने ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट न देने की रिपोर्ट भेजी थी लेकिन जब राहुल गाँधी ने इस मामले मे हस्तक्षेप किया जब जाकर विदेश मंत्रालय ने ओबैसी को बिना किसी योग्यता-अर्हता के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट जारी कर दिया।

ध्यान रहे कि साधारण पासपोर्ट का कलर नीला होता है जबकि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का कलर मैरून होता है। और तो और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखने वाले व्यक्ति की किसी भी हवाई अड्डे पर तलाशी नही होती और इन्हें वीजा आन अराइवल की भी सुविधा होती है और ये पासपोर्ट केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केबिनेट स्तर के मंत्री और राज्यों में मुख्यमन्त्रियों और राजदूत तथा दूतावास में सचिव स्तर के अधिकारियों को ही जारी हो सकता है ।

बांग्लादेशी मुसलमानों का पुर्नवास क्यों
अभी कुछ दिन पहले संसद में आसाम पर चर्चा के दौरान ओबैसी ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की उपस्थिति मे कहा कि यदि भारत सरकार आसाम मे मुसलमानों का चाहे वो प्रवासी क्यों न हो ठीक ढंग से पुनर्वास नही करती और उन्हें उचित मुवावजा नही देती तो फिर भारत का मुसलमान इस देश की ईंट से ईंट बजा देंगे लेकिन किसी भी सांसद ने ओबैसी के इस बयान की निंदा नही की। इससे बड़ा राष्ट्र का अपमान और क्या हो सकता है की पक्ष व विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर चुप रहे और तो और मीडिया ने भी इसको ब्रेकिंग न्यूज नही बताया सिर्पâ टाइम्स नाउ ने ही इस खबर पर चर्चा की।

यूपीए की नजर में हिन्दू
यूपीए की नजर में सिर्फ भारत के हिंदू ही साम्प्रदायिक है। अगर कोई भारत मे हिंदू हित की बात करेगा तो वो घोर साम्प्रदायिक और राजनितिक रूप से अछूत बन जायेगा। पूरी मीडिया और कई राजनितिक दल सहित कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपनी दूकान चलाने वाली छोटी पार्टियां सब उसको साम्प्रदायिक घोषित कर देंगे। लेकिन यदि कोई सिर्फ मुस्लिम हित की ही बात करेगा तो वो धर्मनिरपेक्ष माना जायेगा।

ओवैसी की नजर में मुस्लिम ही नागरिक
ओवैसी ने आज तक संसद में सिर्पâ मुस्लिम हित और मुस्लिमों के बारे मे ही मुद्दे उठाये हैं और वे सिर्पâ मुस्लिम लोगों की ही मदद करते है यहाँ तक कि आसाम में भी उन्होंने जब राहत शिविर लगाया तो उसके उपर लिख दिया ‘‘ओनली फॉर मुस्लिम’’

इन्होंने सानिया मिर्जा को कई बार सम्मानित किया लेकिन जब एक पत्रकार ने इनसे पूछा कि आप सानिया नेहवाल को कब सम्मानित करेंगे तो ये महाशय माइक फेंक दिये।

आईबी ने दंगों के लिये ओबैसी बंधुओं को जिम्मेदार माना

आंध्र प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ही आईबी हैदराबाद में भड़के कई दंगों के लिए ओबैसी बंधुओ को जिम्मेदार बताती है यहाँ तक की केन्द्र की खुफिया एजेंसियों ने भी कई बार गृहमंत्रालय को ओबैसी के संदिग्ध गतिबिधियों के बारे मे चेतावनी दी है। लेकिन सब बेकार।
 
By Kulwant Happy 
 
 

थुरूर की नौटंकी

थुरूर की नौटंकी --"बलात्कार पीडिता का नाम और तस्वीर सार्वजनिक किया जाए! "

इनकी गर्ल-फ्रेंड को कोई 50 करोड़ की कह दे तो भी तकलीफ होती है और दूसरों की बहन बेटियां नाम और तस्वीर के साथ बलात्कारी का टैग लगवाएं!

अत्याचार और बलात्कार की शिकार लड़की को शहादत का नाम दिया जाएगा! उसके नाम पर क़ानून बनेगा ! अरे कौन सा माँ-बाप होगा जो गर्व से कहेगा--"देखो-देखो  मेरी बेटी का बलात्कार हुआ है और उसके नाम पर क़ानून बना है"

थुरूर को क्या समझ आएगा की ऐसी दुर्घटनाओं में परिजन क्या जिल्लत झेलते हैं ! इन्हें तो अपने विदेशी शैम्पू वाले बाल लहराकर एक डायलौग मारना है बस ! वास्तविकता से परे मूर्खतापूर्ण बयानबाजियां!

Zeal