tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post1693738845245273868..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: क्या हमारी मीडिया भटक गयी है ?ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger96125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-6226213760833663352016-11-24T21:59:09.263+05:302016-11-24T21:59:09.263+05:30Side Effects Of Keflex 500 Cialis 20 Mg Order Cial...Side Effects Of Keflex 500 Cialis 20 Mg Order Cialis Come Usarlo [url=http://drugs20.com]generic cialis[/url] Citalopram Propecia Viagra Giallo Levitra Contro L'Impotenza Order Priligy Cheap [url=http://drugslr.com]generic cialis[/url] Order Effexor Xr Without Prescription Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-72301605435356240152016-10-22T21:42:01.802+05:302016-10-22T21:42:01.802+05:30Comprar Cialis Las Palmas Viagra 100mg 30 Levaquin...Comprar Cialis Las Palmas Viagra 100mg 30 Levaquin In Germany Internet Pharmacy Without Perscription [url=http://atvian.com]cialis[/url] Cheap Viagar No Perscription Diclofenac Gel 20 Buy Purchase Lipitor Generic Online No Presciption Estrofem No Prescription Australia [url=http://antabusefast.com]where to get antabuse in massachusetts[/url] Amoxicillin Dosage For Uti Cialis Canada Generic Finegra Viagra Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-46042556580653016112011-07-25T16:09:59.451+05:302011-07-25T16:09:59.451+05:30मुझे ये बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है की हिंदी ब्...मुझे ये बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है की हिंदी ब्लॉगर वीकली{१} की पहली चर्चा की आज शुरुवात हिंदी ब्लॉगर फोरम international के मंच पर हो गई है/ आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज सोमवार को इस मंच पर की गई है /इस मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है /आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/इस मंच का लिंक नीचे लगाया है /आभार /<br /><br />www.hbfint.blogspot.comprerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-24164543844734739432011-07-21T13:44:37.875+05:302011-07-21T13:44:37.875+05:30दिव्या जी
आपके सवाल पर चर्चा तो होनी चाहिए
मीडिया...दिव्या जी<br /> आपके सवाल पर चर्चा तो होनी चाहिए<br />मीडिया में बहुत सारी कमज़ोरिया है......जागरूक करती पोस्टसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-5790404997227637992011-07-21T10:01:53.127+05:302011-07-21T10:01:53.127+05:30bahut achhe.....vimarsh ka rang........yahan hota ...bahut achhe.....vimarsh ka rang........yahan hota hai........<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-46046952770064693852011-07-21T06:52:09.719+05:302011-07-21T06:52:09.719+05:30boletobindas जी, क्षमा प्रार्थी हूँ... 'मैंने&...boletobindas जी, क्षमा प्रार्थी हूँ... 'मैंने' केवल आपका उदाहरण दिया था यह जताने के लिए कि किसी के पास आज 'टाइम' नहीं है गहराई में जाने के लिए, यद्यपि बहुत टाइम है दोष ढूँढने में - कभी मीडिया के तो कभी राजनीतिज्ञों के, कभी शिक्षा प्रणाली के तो कभी किसी अन्य सैक्टर के... <br /><br />कोई दूर से देखे,,, जैसे उदाहरणतया फव्वारे से ऊपर जाते और फिर नीचे गिरते जल की अनंत बूंदों को... तो पा सकेगा कि वर्तमान में सभी क्षेत्र यदि भ्रष्ट व्यक्तियों से भरे हैं तो 'साधू' भी हैं किन्तु उनकी संख्या निरंतर घटती चली आई है, और विशेषकर कुछ ही वर्षों में त्वरित गति से, जैसे ऊपर फेंके गया पत्थर अथवा गेंद, उलट कर, शून्य गति से आरम्भ कर अपने पतन के मार्ग पर गिरते - धरती से टकराने से पहले - सबसे अधिक गति प्राप्त कर चुका होता है... <br /><br />प्राचीन अत्यंत बुद्धिमान 'हिन्दुओं' ने तो कभी का कहा हुआ है कि काल-चक्र उल्टा चलता है - सतयुग से घोर कलियुग तक जब चारों ओर विष ही दिखाई देगा,,, और काल-चक्र में, ब्रह्मा के लगभग चार अरब वर्षों से अधिक एक दिन में,,, हर युग सत, त्रेता, द्वापर, कलि १०८० बार, बार बार आता है! क्या इस में आपको आज जब पृथ्वी की आयु साढ़े चार अरब वर्ष आंकी गयी है, और जैसा 'मुझे' ब्लॉग से जान्ने को मिला, 'दिल्ली बैली' जैसी मानव को निम्तम स्तर में दर्शाती फिल्म, जबकि सत्तर के दशक में ही 'शोले', और थ्री इडिअटस' भी, इससे बेहतर थी, संकेत नहीं करती कि क्या कि 'ब्रह्मा की रात' अब निकट ही है?... जब में रेलगाड़ी से मुंबई से दिल्ली आया हूँ कई बार, तो जैसे ही निज़ामुद्दीन स्टेशन से गाड़ी छूटती थी तो अपना बिस्तर लपेट तैयार हो जाता था... <br />और प्राचीन ज्ञानी भी कह गए "... पल में प्रलय होउगी / बहुरि करोगे कब" (कब याद करोगे उस लीलाधर को, दोष ही ढूंढते रह जाओगे मीडिया वालो और अन्य व्यक्तियों को भी भटकाओगे)?<br /><br />कहना ही पड़ेगा, "जय श्री कृष्ण", "हमको मन की शक्ति देना / मन विजय करें/..."JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-5496484780337016472011-07-21T05:35:19.686+05:302011-07-21T05:35:19.686+05:30दिव्या जी का किया कहना है...इंतज़ार रहेगा.....दिव्या जी का किया कहना है...इंतज़ार रहेगा.....Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-55907482046270443892011-07-21T05:32:58.866+05:302011-07-21T05:32:58.866+05:30जे सी जी
आपके लगाये आरोप को में पूरी नम्रता के स...जे सी जी <br />आपके लगाये आरोप को में पूरी नम्रता के साथ अस्वीकार करता हूँ...<br /><br />मैंने गहरे मैं जाने की लिए दिव्या जी को इसलिए कहा की कियोंकि वोह ब्लॉग की एक लोकप्रिय लेखिका है...सो उनसे अपेक्षा रहती है की वो कुछ जायदा गहराई मैं जाएँगी ... अगर वो जातीं तो श्याद लिखिती की ...खुद को ढूंढे में लगा मीडिया....न की दिग्भर्मित...यानी की उत्तर खुद मीडिया के लोग अपने अन्दर ही धुंडने की कोशिश कर रहे है....माफ़ कीजियगा मीडिया दुसरो पर उत्तर न मिलने की बात भी नहीं कह रहा...हम हर प्रशन का उत्तर तलाशने की कामयाब कोशिश करते हैं...<br /><br />कई प्रहसन है...जो जनता ने देने है....न की मीडिया को....<br />१रूपये की सिगरते पे सकतें हैं लोग..पर २ रुपए का अखबार नहीं खरीद सकते...<br />घर मैं सीरियल देख सकते है पर कभी समाचार चैनल नहीं देखिते बचे...<br />आखिर इस बात का जवाब भी देते की १२ साल मैं सिर्फ १४ फिसिदी लोग ही समाचार चैनल देख रहे है..ऐसेह मैं चैनल का खर्चा कहा से चले....<br /><br />कुछ सौ आमिर पत्रकारों को देख कर विचार नहीं बाना लेना चाहिए....कई हज़ार पत्रकार बिना सुरक्षा के ..बिना खाए पिए देश की खबर आपको देता है..गोली खता है....जेल मैं नेता और माफिया की कारण सड़ता है.....फिर भी खबर देता है....<br /><br />जबकि दिली मैं भी कई पत्रकार मजदूर से जायदा नहीं कमाते ...सरकार की किताब मैं ४५०० रुपए यानी एक दिन मैं १३० रूपये रोज कमाने वाला पत्रकार होता है..जबकि एक मजदूर के दिहाड़ी २०० सारकार ने तये कर राखी है....<br /><br />देश के बिगड़े हालात के बारे में मीडिया ने देश भर के अखबारों मैं चैनल मैं छपा है...अगर लोगो को नहीं पता तो किया यह मीडिया की गलती है....<br /><br />जैसे दिली देश की तस्वीर नहीं ..वैसे ही कुछ पत्रकार और चैनल साड़ी मीडिया कइ तस्वीर नहीं है....इनकी चकाचोंद से निकल कर असली कराहते मीडिया को देखिये...समर्थन करिए...Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-75392077677696373242011-07-21T00:02:46.551+05:302011-07-21T00:02:46.551+05:30डॉ.दिव्या श्रीवास्तव जी, मुझे नहीं मालूम आपकी लेखन...डॉ.दिव्या श्रीवास्तव जी, मुझे नहीं मालूम आपकी लेखनी के किस प्रशंसक ने आपकी उपरोक्त पोस्ट को इस लिंक http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_20.html पर चार चाँद लगाकर बहुत खूबसूरत बना दिया है. आप एक बार वहाँ जरुर जाकर आये. यहाँ आपको सिर्फ सूचित कर रहा हूँ. आपसे अपने हर ब्लॉग की हर पोस्ट पर टिप्पणी नहीं मांग रहा हूँ. मुझे तो अब कोई भीख भी नहीं देता है. फिर टिप्पणी(विचारधारा) क्यों दें या देंगा. पढ़े-लिखों की दुनियाँ में इस अनपढ़ व गंवार सिरफिरे की विसात कहाँ? इस पागल का कोई दिन-मान नहीं है.क्या पता किसको काटने दौड़ पड़ें? <br /><br />जरुर देखे.<a href="http://blogkikhabren.blogspot.com/" rel="nofollow">"प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया को आईना दिखाती एक पोस्ट"</a>रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-44614191769775874382011-07-20T19:18:27.139+05:302011-07-20T19:18:27.139+05:30डॉ.दिव्या श्रीवास्तव जी,आज सबसे पहले अपनी बात कहने...डॉ.दिव्या श्रीवास्तव जी,आज सबसे पहले अपनी बात कहने से पहले आपकी इस पोस्ट की आलोचना और फिर प्रशंसा करूँगा<br /><br />अपने उपरोक्त पोस्ट में पांच-छह शब्दों का प्रयोग अंग्रेजी में किया.जिनको समझने के लिये मुझे एक-एक शब्द को यहाँ से काटकर अपने ब्लॉग लगे "अंग्रजी-हिंदी शब्द अनुवाद" में डालकर उसका अर्थ पता करना पड़ा. आपने हिंदी के इतने खूबसूरत शब्दों का यहाँ पता नहीं क्यों अंग्रेजी में किया? यह मैं नहीं जानता हूँ. मगर आपको कम से कम ब्लॉग जगत के एक अनपढ़ व गंवार इंसान "सिरफिरा" का ख्याल रखना चाहिए था. आपको किसी प्रकार के किसी अंग्रेजी के शब्द का हिंदी का अर्थ नहीं याद आता है. तब आप भी मेरे तरह से अपने ब्लॉग पर एक "अंग्रजी-हिंदी शब्द अनुवाद" बना सकती है. अगर आपको यह कालम बनाने में परेशानी हो. तब आपने ब्लॉग पर आकर उसी कालम में लिखे "विजेट लगाये" पर किल्क करके आगे दिए निर्द्शों का पालन करें. भगवान महावीर स्वामी की कृपया से आपको सफलता मिलेगी.<br /><br />आपने उपरोक्त पोस्ट में जो विचार व्यक्त किये है. उनसे और यहाँ अब तक आई 86 टिप्पणियों(एक-आध अपवाद छोड़ दें,जहाँ व्यक्ति विशेष या समाचार पत्र और चैनल का नाम लिया गया.मेरे पास ऐसे बहुत से पुख्ता सबूत है.जो यह बताते हैं कि-आज जो बड़ा पत्रकार,समाचार पत्र या चैनल हैं,उसके किसी न किसी तरह से राजनीतिक से संबंध है)से पूर्णत सहमत हूँ. मैं इस पेशे से जुड़ा होने के कारण जानता हूँ कि-कहाँ-कहाँ पर सौदेबाजी होती है और कहाँ पर एक पत्रकार मजबूर होता है.मैं आज तक अपने कर्म "पत्रकारिता" में मजबूर नहीं हुआ,क्योंकि सरकार द्वारा दी जा रही पत्रकारों को सुविधाओं को स्वीकार नहीं किया. इनकी आदत पड़ने पर और लेने पर मैं अपने ईमान और जमीर से निष्पक्ष नहीं रह सकता था आम आदमी कहूँ या पीड़ित व्यक्ति के प्रति.सरकार से अपने समाचार पत्रों को पंजीकृत कराने का लाभ प्राप्त किया है. वो भी कानून और संविधान में अपने मौलिक अधिकारों के कारण.आज अपने बड़े उसूलों कहूँ या सिध्दांतों के कारण भुखमरी की कगार पर खड़ा हूँ. हो सकता आने वाले कुछ दिनों में मेरी मौत भी हो जाए.मगर मैं पहले भी कहता आया हूँ और आज ब्लॉग जगत पर कह रहा हूँ कि-मुझे मरना मंजूर है,बिकना मंजूर नहीं.जो मुझे खरीद सकें, वो चांदी के कागज अब तक बनें नहीं. <br />दोस्तों-गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.<br /><br />अगर हिंदी ब्लॉग जगत के सभी ब्लोग्गर अपने एक-एक ब्लॉग को एक अच्छी "मीडिया-कलम के सच्चे सिपाही" के रूप में स्थापित करने को तैयार हो तो मैं 200 ब्लोग्गरों की यहाँ sirfiraark@gamil.com पर ईमेल आने पर उसके सारे नियम और शर्तों को बनाकर अपना पूरा जीवन उसको समर्पित करने के लिये तैयार हूँ. मैं आज सिर्फ अपनी पत्नी के डाले फर्जी केसों से परेशान हूँ. जिससे मेरे ब्लोगों को पढकर थोड़ी-सी मेरी पीड़ा को समझा जा सकता है. हर पत्रकार पैसों का भूखा नहीं होता,शायद कोई-कोई मेरी तरह कोई "सिरफिरा" देश व समाज सेवा का भी भूखा होता हैं,बस ब्लॉग जगत पर मेरी ऐसे पत्रकारों की तलाश है.<br /><br />आजकल ब्लॉग जगत में भी गरीबों और मजबूर लोगों पर अत्याचार किये जा रहे है. इससे आप नीचे दिए लिंकों को पढकर जान सकती है.<br /><a href="http://sachchadil.blogspot.com/" rel="nofollow">"सवाल-जवाब प्रतियोगिता-कसाब आतंकी या मेहमान"</a> मैं विचार व्यक्त करने का सुअवसर मिला.<br />यहाँ चलता हैं बड़े-बड़े सूरमों का एक छत्र राज और अंधा कानून<a href="http://blogkeshari.blogspot.com/" rel="nofollow">"व्यक्तिगत हित के स्थान पर सामूहिक हित को महत्त्व"</a> http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html और उसके बाद की कई पोस्टें और पहले की कई पोस्ट और उसकी टिप्पणियाँ. मेरे ख्याल से काफी हद तक आप द्वारा पूछे प्रश्न "मेरे नाम के पीछे 'सिरफिरा' क्यों है. वैसे आने वाले कुछ दिनों इसका जवाब मेरे समाचारों पत्र-पत्रिकाओं और ब्लॉग के पाठकों के साथ ही पूरे ब्लॉग जगत को पता भी चल जाएगा. आप इन लिंकों को या मेरे ब्लोगों को एक शोध समझकर पढ़ेंगी तब आपको बहुत कुछ इस "सिरफिरा" को समझ पाएंगी.शायद आपको किसी प्रश्न का उत्तर जाने की इच्छा ही न रहे.ऐसा मेरा विचार है. <br /><a href="http://blogkikhabren.blogspot.com/" rel="nofollow">"रमेश कुमार जैन ने 'सिर-फिरा' दिया"</a>नाम के लिए कुर्सी का कोई फायदा नहीं http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html<br />जरुर देखे.<a href="http://anvarat.blogspot.com/" rel="nofollow">"हम कहाँ से आरंभ कर सकते हैं?"</a> http://anvarat.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.htmlरमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-2933508830820021132011-07-20T17:13:50.449+05:302011-07-20T17:13:50.449+05:30शिल्पा जी, वो गुस्सा आप पर नहीं था, वो स्वयं की &#...शिल्पा जी, वो गुस्सा आप पर नहीं था, वो स्वयं की 'हिन्दू' मान्यता को शब्दों द्वारा बताने के प्रयास में असमर्थता पर था... कृष्ण जी ही गीता में 'आम आदमी' के लिए कह गए कि यदि कोई किसी अन्य व्यक्ति को गाली देता है तो वो वास्तव में उन्ही को गाली दे रहा होता है क्योकि वो सबके भीतर हैं! <br /><br />गीता सभी मानव जाती के ज्ञान वर्धन के लिए है और इसका विभिन्न सांसारिक भाषाओं में रूपांतर भी किया गया है, जिस कारण किसी भी 'धर्म' के मानने वाले इस की ओर आकर्षित होते प्रतीत तो होते हैं किन्तु गहराई में जाने में संभवतः नगण्य ही होंगे, क्यूंकि टीवी के माध्यम से इतने 'धार्मिक' चैनेल भी आज हैं जो पुराण वैसे ही पढ़ते दिखाई देते हैं जैसे बच्चे अपने स्कूल की पुस्तकें रट रहे होते हैं और अधिक मार्क्स प्राप्त करते हैं यदि 'मक्खी पर मक्खी मारने' की क्षमता रखते हों किन्तु सार निकालने में असमर्थ, और दोष शिक्षा प्रणाली को देते हैं! <br /><br />हालांकि वो एक अन्य स्थान में 'पढ़े लिखे' लोगों के लिए यह भी कहते हैं कि उन्हें 'ज्ञान' और 'विज्ञान' से भी पाया जा सकता है किन्तु उनको वो प्रिय हैं जो उनमें आत्म समर्पण कर देते हैं (क्यूंकि परम सत्य को उनकी सहायता के बिना पाना संभव है ही नहीं),,, हर कोई 'माया' से उन्हें अपने अन्दर देखता है और वास्तव में पुरी सृष्टि ही उनके भीतर समाई हुई है! <br /><br />इसे 'आधुनिक वैज्ञानिक', जिन्होंने जान लिया है कि ब्रह्माण्ड एक अनंत अंधकारमय (कृष्ण) शून्य है और जो निरंतर गुब्बारे के समान फूलता ही चला जा रहा है, वो सक्षम हैं गीता में लिखे सत्य को जानने में कि वो ही गीता के कृष्ण हैं जिनके भीतर मायावी साकार, किन्तु अस्थायी, ब्रह्माण्ड समाया है! ... आदि आदि...<br /><br />जय श्री कृष्ण!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-64338495159574783202011-07-20T16:44:38.359+05:302011-07-20T16:44:38.359+05:30आज के मीडिया में वो सारी कमजोरियां है जो आपने लिखी...आज के मीडिया में वो सारी कमजोरियां है जो आपने लिखी हैं ... और इसका कोई तोड़ भी नज़र नहीं आ रहा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-82264349072700594502011-07-20T14:03:31.134+05:302011-07-20T14:03:31.134+05:30आज की मीडिया का बहुत सार्थक और विषद विश्लेषण. आज म...आज की मीडिया का बहुत सार्थक और विषद विश्लेषण. आज मीडिया अपना सामजिक रोल भूल चुकी है और sensatinalism को अपना कर अपनी टी आर पी बढाने के चक्कर में लगी हुई है. सभी किसी न किसी business houses से जुडी हुई है और उनके अपने निहित स्वार्थ हैं और उनके लिये यह भी एक बिजनस है. बहुत सुन्दर और सार्थक पोस्ट..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-16844606324769882542011-07-20T12:47:25.392+05:302011-07-20T12:47:25.392+05:30जय श्री कृष्ण जे सी जी - :)
यदि मेरी किसी बात से ...जय श्री कृष्ण जे सी जी - :)<br /><br />यदि मेरी किसी बात से आपको कुछ बुरा लगा हो - या आपकी कोई भावना आहत हुई हो - तो कृपया बता दें - क्योंकि मुझसे अवश्य कोई तो गलती हुई ही होगी जो आप इतने नाराज़ हुए होंगे | यदि आप बता देंगे - तो शायद मैं अनजाने में किसी और की भावनाएं इस तरह से आहत ना करूँ, ध्यान रखूँ | इसीलिए पूछ रही हूँ बार बार | <br /><br />और हाँ - मेरे कान्हा जी मेरे भी हैं - आपके भी हैं - और हम में से हर एक के हैं - सिर्फ एक राजा की तरह नहीं जो सबका राजा तो होता है किन्तु निजी तौर पर किसी का नहीं होता, बल्कि एक सखा या पिता [ या जिस भी तरह से आपको अच्छा लगे ] निकटतम स्तर पर वह हर एक के लिए "मेरा " है |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-29513155730720825082011-07-20T11:01:42.000+05:302011-07-20T11:01:42.000+05:30श्रीमती शिल्पा मेहता जी, 'मैं' क्षमा प्रार...श्रीमती शिल्पा मेहता जी, 'मैं' क्षमा प्रार्थी हूँ... 'कान्हा' जितने आपके हैं शायद उतने ही वे सभी संसारियों के ही नहीं अपितु सम्पूर्ण सृष्टि के हैं. 'शिव के ह्रदय में निवास करती माँ काली', अथवा हमारी गैलेक्सी के केंद्र में संचित शक्ति 'ब्लैक होल' के रूप में, आदि आदि... <br /><br />और, वो ही 'मेरे' पागलपन का कारण भी हैं... 'मैंने' गीता '८४ में पहली बार पढ़ी (और उसका सार मेरे मस्तिष्क में समां गया!) यद्यपि उसकी एक प्रति मेरे पास '७५ से पड़ी थी, और तब 'मैंने' सोचा यह पहले क्यूँ न पढ़ी!, क्यूंकि 'मेरे' सभी प्रश्नों का उत्तर उसमें मिला! तभी 'माया' का अर्थ भी समझ में आया, और क्यों बचपन में पढ़ा था और समझ नहीं आया था माँ यशोदा को बाल-कृष्ण के मुंह में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड देखने के संकेत को!... आदि आदि...<br />जय श्री कृष्ण!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-52548478159447327272011-07-20T10:03:44.854+05:302011-07-20T10:03:44.854+05:30जे सी जी - माफ़ कीजियेगा - मैं अब भी नहीं समझी | ह...जे सी जी - माफ़ कीजियेगा - मैं अब भी नहीं समझी | हो सकता है मेरी आँखों पर पट्टी हो, हो सकता है मेरी बुद्धि कम हो - तो मेरे कान्हा जी मेरी मदद कर देंगे समझने में | किन्तु मुझे बिल्कुल ही समझ नहीं आ रहा कि मेरी आस्तिकता से मेरे मीडिया के बारे में विचारों का क्या सम्बन्ध है ? <br /><br />और - मैंने नहीं कहा कि मीडिया "इज़ अ वेस्ट" - शायद आपने मेरी बात ठीक से समझी नहीं | मैंने कहा कि वे वही परोसते हैं जो वे स्टेटिस्टिक्स से पाते हैं कि दर्शक देख रहे हैं - न्यूज़ चैनल वालों को भी अपना चॅनल चलाना है - पैसे कमाने हैं , कोम्पीट करना है | यह कहा था मैंने |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-70916841384780488052011-07-20T09:44:03.274+05:302011-07-20T09:44:03.274+05:30News papers are more crazy about advertisements no...News papers are more crazy about advertisements nowadays.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-39908916152753193522011-07-20T05:33:03.338+05:302011-07-20T05:33:03.338+05:30दिव्या जी, पानी में फेंके गए कंकर से उठती लहरों सम...दिव्या जी, पानी में फेंके गए कंकर से उठती लहरों समान मन में विचार उठ जाते हैं... एक अन्य विचार द्वारा उठी तरंग नीचे दे रहा हूं आपकी सूचनार्थ भी...<br /> <br />माफ़ करना xxxx जी, केवल 'हिन्दू परिवार' में पैदा होने से कोई 'हिन्दू' नहीं हो जाता... मायावी राक्षशों द्वारा प्रभावित कोई भी इतिहासकार आपको नहीं बता सकता कि 'इंदु' यानी चन्द्रमा को क्यूँ (अमृत, अनादि-अनंत) शिव के माथे पर दर्शाया जाता आ रहा है, जो अकेले ही विष पान करने में सक्षम हैं, और इस कारण नील-कंठ कहलाये गए, और वो ही अकेले इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के राजा हैं अनादि काल से... शेष सब तो उनकी माया के प्रभाव से साकार प्रतीत होते अस्थायी प्रतिबिम्ब हैं, जैसा 'हम' को अपना प्रति पल बदलता भिन्न भिन्न चेहरा शीशों में नज़र आता प्रतीत होता आया है जन्म से अब तक, और जो कभी भी किसी भी बहाने से मिटटी में मिलने को तैयार है... आदि आदि... <br /><br />इतिहासकार को मुट्ठी भर 'पश्चिम दिशा' (शैतान अथवा शनि ग्रह के नियंत्रण वाली दिशा, सार नीला रंग और धातु स्टील जिसको 'मैंने' भी राउरकेला में सन '६१ में बनते देखा) से आते 'मुग़ल', और जल मार्ग से आते 'अँगरेज़' दिखाई दे गए क्यूंकि वो मायावी साकार रूप में थे,,, और मज़ा यह है कि उनके भीतर भी शिव (शक्ति रुपी आत्मा) विराजमान थी, जो केवल 'हिन्दू' योगियों द्वारा 'अंतर्मुखी' हो देखे जाना संभव है... और यद्यपि वर्तमान 'घोर कलियुग' है, जब चारों दिशाओं में विष व्याप्त है, भले ही वो खाद्य पदार्थ हों, जल हो, वायु हो और यहाँ तक कि अधिकतर वर्तमान में आधुनिक 'भारतीयों' के मन हों (ध्रितराष्ट्र के रिश्तेदार?)... अब तो हमारे राजा भी लाचार प्रतीत होने लगे हैं और मुनि समान मौन धारण करना चाहते हैं, क्यूंकि भय है पोल खुल जाने की... गले में स्थान शुक्र का जाना गया है जबकि चन्द्रमा का स्थान माथे में है, जहां योगी ही पहुँच सकते हैं...स्वार्थी राक्षश नहीं...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-86066302087244538232011-07-19T23:23:47.879+05:302011-07-19T23:23:47.879+05:30there is no news channel like media present in In...there is no news channel like media present in India, Only Masala-channels are operating and they just show what they can acquire at cheap rates and sell in the market,<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-90192073493636873092011-07-19T17:44:03.942+05:302011-07-19T17:44:03.942+05:30दिव्या जी
मीडिया के बारे में आपका विश्लेषण औ...दिव्या जी <br /> मीडिया के बारे में आपका विश्लेषण और आपकी राय शत-प्रतिशत सही है |<br />लगता है कि लोकतंत्र का चौथा खम्भा भी कहीं न कहीं लोच खा रहा है |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-24360867223306629312011-07-19T17:35:31.187+05:302011-07-19T17:35:31.187+05:30'मेरे' लिए तो भाई '०' कृष्ण यानि, ...'मेरे' लिए तो भाई '०' कृष्ण यानि, हमारी गैलेक्सी का केंद्र है, और '१' सौर मंडल का राजा सूर्य है... जो आधुनिक वैज्ञानिकों के अनुसार केंद्र में है और उसके चारों ओर अपनी अपनी कक्षा में कई ग्रह आदि चक्कर काट रहे हैं, जिनमें से सूर्य के सबसे निकट बुद्ध ग्रह, दूसरा शुक्र, और तीसरी हमारी पृथ्वी-चन्द्र की जोड़ी, मंगल ग्रह, छोटे छोटे उपग्रहों का समूह (ऐस्तेरोइड), बृहस्पति ग्रह (शनि समान किन्तु उससे मैले छल्ले वाला ग्रह), और शनि ग्रह (सुंदर छल्लेदार ग्रह, 'रिंग प्लेनेट')... इत्यादि इत्यादि हैं...<br /><br />हिन्दुओं ने मानव शरीर को सूर्य से शनि तक नौ पिंडों के सार से बना जाना, सूर्य का सार केंद्र में यानि पेट में, शुक्र का गले में, और चन्द्र का मस्तिष्क में, यानि हम अनुमान लगा सकते हैं की हृदय में स्थान बुद्ध का है, और क्यूंकि मंगल के सार को मूलाधार में जाना गया, तो ऐस्तेरोइड का उसके ऊपर और बृहस्पति का पेट के नीचे नाभि स्थान में होगा,,, और शनी ग्रह के सार को जाना गया स्नायु तंत्र के रूप में शक्ति को उपर अथवा नीचे ले जाते... और क्यूंकि हरेक पिंड के केंद्र में संचित शक्ति को '०' का प्रतिरूप माना गया प्रतीत होता है, और '१' से ८ तक हम अनुमान लगा सकते हैं ग्रहों के साकार रूप सूर्य से बृहस्पति में परिवर्तित शक्ति को... <br /><br />और हिन्दू मान्यता अनुसार 'हम' सब शक्ति रूप में कलियुग के पात्र हैं, भूत के, भूतनाथ का इतिहास दर्शाते मोहरे, उलटी चलती फिल्म की रील के परदे पर चित्र देखते समान, असत्य, राज ठाकरे हो या चिपलूनकर हो या 'राजा' मन मोहन (सूर्य का शायद प्रथम प्रतिरूप, जब उत्पत्ति आरम्भ ही हुई थी ?)...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-88562432634591027152011-07-19T14:33:33.032+05:302011-07-19T14:33:33.032+05:30प्रतुल भाई, पूर्णत: सहमती जताता हूँ आपसे| सुरेश चि...प्रतुल भाई, पूर्णत: सहमती जताता हूँ आपसे| सुरेश चिपलूनकर जी की निडर लेखनी का मैं बहुत सम्मान करता हूँ| ब्लॉग जगत के तो वे पुराने खिलाड़ी हैं ही, साथ ही स्वतंत्र पत्रकारिता में भी उनका कोई सानी नहीं| आज भी 2G Scam से जुड़े उनके खुलासे ने मारन व मनमोहन सिंह को कटघरे में खडा किया है| जबकि वे कोई पेशेवर पत्रकार नहीं हैं| उज्जैन में फोटो स्टेट व इंटरनेट कैफे की दूकान चलाने वाले इन राष्ट्रवादी लेखक का मैं ह्रदय से सम्मान करता हूँ|<br />आज के print व electronic media में उनके जैसे बेबाक पत्रकारों की बहुत आवश्यकता है|दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-36520551225969458912011-07-19T14:20:59.520+05:302011-07-19T14:20:59.520+05:30mediya bhi sach kahane se katrati hai.yah bhi aek ...mediya bhi sach kahane se katrati hai.yah bhi aek business ho gayaa hai,janataa ko brhamit karane main inakaa bada yogdaan hai.bahut achcha lekh.badhaai aapko.prerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-66934822978028203622011-07-19T13:35:28.460+05:302011-07-19T13:35:28.460+05:30अजित जी से सहमती प्रकट करते हुए अपनी बात कहता हूँ....अजित जी से सहमती प्रकट करते हुए अपनी बात कहता हूँ...<br />मीडिया तो नाम मात्र की रह गयी है ... असल में मीडिया-धर्म तो मीडिया से बाहर के लोग अच्छा निभा रहे हैं.<br />आज मीडिया शब्द 'कैमरे, माइक, डिश वाहन और बक-बक करने वाले संवाददाता' से पहचाना जाता है. <br />'मीडिया' संबोधन प्योर बॉडी से रंगे हुए पेपर के लिये भी दिया जाता है... किन्तु मीडिया-धर्म तो कुछ लोग ही निभाते दिखायी देते हैं.. यथा : बेबाक राय देने वाले... निर्भीकता से सत्य को कहने वाले... बिना लाग-लपेट के सीधे-सीधे नामों के साथ खबर देने वाले.. मुझे इस दृष्टि से सुरेश चिपुलूनकर का नाम लेने में कोई हिचक नहीं है... <br />ब्लॉग-जगत भी काफी हद तक मीडिया-धर्म निभाता दिखायी देता है.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-79972016853659741282011-07-19T13:03:25.792+05:302011-07-19T13:03:25.792+05:30मीडिया आज केवल नकारात्मकता से पैसा कमाने का जरिया...मीडिया आज केवल नकारात्मकता से पैसा कमाने का जरिया बन गयी है। पहले एक शब्द प्रयोग में आता था पीत पत्रकारिता्, लेकिन अब सम्पूर्ण मीडिया ही इसका शिकार है। मुझे तो अब इनपर कुछ भी लिखने का मन नहीं करता।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com