tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post2528390080686671417..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: मन बेहद-बेहद-बेहद उदास है -- इसे बर्बरता कहें या मक्कारी , अत्याचार कहें या अनाचार.ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger130125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-1016620377433124342013-04-20T18:37:06.034+05:302013-04-20T18:37:06.034+05:30I was recommended this website by my cousin.
I am...I was recommended this website by my cousin.<br /><br />I am not sure whether this post is written by <br />him as no one else know such detailed about my problem. You're wonderful! Thanks!<br /><br />my blog ... <a href="http://www.erovilla.com" rel="nofollow">www.erovilla.com</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-132199802539453892011-07-07T11:46:50.940+05:302011-07-07T11:46:50.940+05:30डॉक्टर दिव्या, वैसे तो मैं आपके लेखन की हमेशा से द...डॉक्टर दिव्या, वैसे तो मैं आपके लेखन की हमेशा से दीवानी रही हूँ लेकिन टिपण्णी शायद पहली बार कर रही हूँ. आप हमेशा खरी खरी कहती हैं और आपका साहसिक लेखन शायद कुछ लोगों को विचलित कर देता है. बस आप ऐसे ही लिखती रहिये. आपको बहुत बहुत शुभकामनायें.indianrjhttps://www.blogger.com/profile/16452757563692397750noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-85085209526236971642011-07-07T11:45:56.255+05:302011-07-07T11:45:56.255+05:30डॉक्टर दिव्या, वैसे तो मैं आपके लेखन की हमेशा से द...डॉक्टर दिव्या, वैसे तो मैं आपके लेखन की हमेशा से दीवानी रही हूँ लेकिन टिपण्णी शायद पहली बार कर रही हूँ. आप हमेशा खरी खरी कहती हैं और आपका साहसिक लेखन शायद कुछ लोगों को विचलित कर देता है. बस आप ऐसे ही लिखती रहिये. आपको बहुत बहुत शुभकामनायें.indianrjhttps://www.blogger.com/profile/16452757563692397750noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-69265548970551405282011-06-08T16:37:09.835+05:302011-06-08T16:37:09.835+05:30.
६० साल की गुलामी के बाद कोई तो खड़ा हुआ....<br /><br /><br /> ६० साल की गुलामी के बाद कोई तो खड़ा हुआ है देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए।<br /> यदि बाबा लोभी हैं तो क्या ज़रुरत हैं उन्हें देशवासियों की खातिर भूखा रहने की ?<br /> निर्दोष स्त्रियों और बुजुर्गों को घसीटा मारा गया , लोग अस्पताल में मौत से जूझ रहे हैं , इस बर्बरता का समर्थन कैसे?<br /> एक स्त्री का पूरा शरीर paralytic हो गया है , फिर भी उसने अनशन नहीं तोडा अभी तक। <br /> समाचार सुनती हूँ इस दरिंगी का तो आँखों में आँसू आ जाते हैं। <br /> कितनी लाचार है ये जनता , ये साबित हो गया है , इस अमानवीय काण्ड के बाद। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-65153376529074166252011-06-07T15:46:56.375+05:302011-06-07T15:46:56.375+05:30इस लेख पर दो दिन बाद आना हुआ| कुछ डॉ. यहाँ ऐसे आए ...इस लेख पर दो दिन बाद आना हुआ| कुछ डॉ. यहाँ ऐसे आए कि अपनी डॉक्टरी को ही शर्मसार कर गए...<br />सबसे बड़े दो महानुभाव<br />१.डॉ.अमर कुमार<br />२.डॉ.अनवर जमाल<br />दोनों के नाम सुनने में कुछ कुछ एक जैसे ही लगते हैं...दोनों की फितरत भी कुछ कुछ एक जैसी ही है...<br />मुझे तो शंका है कि ये दोनों डॉ. भी हैं...<br />अब डॉ. अमर के विषय में बात ना ही की जाए तो सही होगा...क्यों कि अब उनका यहाँ दिखना असंभव है...<br />तो डॉ. जमाल आप के ऊपर कुछ चर्चा करते हैं...<br />आपके कुछ कमेंट्स मैंने इस ब्लॉग पर पहले भी देखें हैं...अफ़सोस इस बात का होता है कि जब भी ऐसा कोई अवसर आता है जब आपको करार जवाब दे सकूं, मैं यहाँ उपस्थित नहीं हो पाता...<br />डॉ. जमाल एक बात बताएं, क्या आप कुछ मंद बुद्धि हैं...आपको लेख का विषय कभी समझ ही नहीं आता...ऐसा बहुत बार देखा है मैंने...<br />यहाँ मुद्दा यह है कि क्या इस प्रकार सोती हुई जनता पर लाठियां बरसा देना, साधू सन्यासियों को लाते मार मार कर मंच से नीचे फेंक देना, महिलाओं को स्नानघर व शोचालय से नग्न अवस्था में बाहर घसीटना, महिलाओं को बाल पकड़ कर घसीटना, छोटे छोटे बच्चों व बुजुर्गों पर लाठियां बरसाना आपको उचित लगता है? उन लोगों पर अत्याचार करना जो संवैधानिक तरीके से अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं...दिल्ली में ही मंडी हाउस के समीप सरकार की नाक के नीचे गिलानी व अरुंधती देश विरोधी बयान देते हैं, कुछ कश्मीरी पंडित इसका विरोध करते हैं तो सरकार पंडितों को जेल में ठूंस देती है व गिलानी जैसे दो कौड़ी के कुत्तों को सुरक्षित शहर से बाहर निकाल देती है|<br />अब आप बताएं कि उस देश द्रोही, पाकिस्तान की नाजायज़ औलाद, अव्वल दर्जे के धूर्त, भारत को तोड़ने में सक्रीय गिलानी के दुष्कर्म को सरकार संवैधानिक मानती है तो हमें क्या यह विचार नहीं करना चाहिए कि सरकार भी शायद देश द्रोह में शामिल है?<br />आज देश का हर नागरिक (मुट्ठी भर दिग्गियों, लालुओं, सिब्बलों, गांधियों, कलमाड़ियों, राजाओं आदि को छोड़कर) चाहता है कि काला धन देश में वापस आए| इसके लिए स्वामी रामदेव ने आन्दोलन खड़ा किया| जिसमे देवबंद के मौलवी भी शामिल थे (शायद इससे आपको कुछ तकलीफ हो)| इस आन्दोलन में कुछ भी गैर संवैधानिक नहीं था| पुलिस ने हम सोते हुए लोगों पर लाठियां चलाई हैं...मैंने अपने शरीर पर तीन लाठियां खाई हैं| संख्या में हम एक लाख से भी ज्यादा थे, और पुलिस बल कोई पांच हज़ार के आस पास| यदि हम गैर संवैधानिक होते तो पुलिस को उसी बिल में घुसेड सकते थे जहाँ ये भ्रष्ट नेता उस रात छिपे हुए थे|<br />लेख का मुद्दा यही है कि क्या इस प्रकार पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों पर अत्याचार उचित है?<br />आपको इस सम्बन्ध में राय देनी है किन्तु आप तो पता नहीं कहाँ कहाँ की बकवास पेलने में लगे हुए हैं...इसलिए शंका है कि आप भी भगवा के कारण ही बाबा रामदेव का विरोध कर रहे हैं...शायद आप पर व आप जैसे अनेकों भी विचार करना होगा कि आप खुद को भारतीय मानते हैं या अभी भी इच्छा है भारत की पश्चिमी सीमाओं को पार करने की| यदि ऐसा चाहते हैं तो जा सकते हैं क्यों कि पश्चिमी सीमा पर स्थित वह देश अब कुछ ही दिनों का मेहमान है...उसके बाद जो इस देश का होगा वही यहाँ रहेगा, जो इस देश का नहीं हो सकता वो ही यहाँ नहीं रहेगा...<br />बात पर ध्यान दें...यदि आपको भगवा आतंकी रंग लगता है तो बताना चाहूँगा कि भगवा का आतंक देश के सभी दुश्मनों को अब आतंकित करने लगा है|<br />विचार करलें कि आप क्या चाहते हैं...<br />आपसे इस प्रकार की भाषा के लिए कोई क्षमा नहीं मांगूंगा...जो हमने वहां दिल्ली में झेला है, जो हमने वहां दिल्ली में देखा है उसके तहत अब हम अपनी सहिष्णुता छोड़ चुके हैं...अब बारी आपकी है...<br /><br />दिव्या दीदी आपसे इस प्रकार की भाषा के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ...यह ब्लॉग आपका है...आपको उचित लगे तो इस टिप्पणी को......<br />किन्तु अब क्रोध से मन अशांत है, अब कोई बातचीत नहीं, कोई लव लेटर नहीं...<br />इन देश द्रोहियों को अब जवाब इनकी ही भाषा में देना होगा...चाहे वह सरकार हो या सरकारी चापलूस चमचे...दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-18601322392784216312011-06-07T15:33:11.446+05:302011-06-07T15:33:11.446+05:30ब्लाग जगत मे बदनाम अनवर जमाल की गंदी सोच देखिये.
य...ब्लाग जगत मे बदनाम अनवर जमाल की गंदी सोच देखिये.<br />ये एक जगह कह रहे है कि<br />रामदेव पर एक औरत को नंगा करने का पाप भी चड़ा है. क्यो कि एक औरत ने अपने कपड़े उतार कर बाबा को दिये.<br />कितनी गंदी सोच है इस जाहिल आदमी की.<br />बाबा रामदेव को कपड़े देने वाली डा. सुमन आचार्य ने न्यूज चैनलो को बताया कि उन्होने अपने बैग से निकाल कर कपड़े दिये.<br />लेकिन इस जाहिल व्यक्ति अनवर को कौन समझाये.ROHIThttps://www.blogger.com/profile/06777108993458979775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-27524898577887780582011-06-07T14:17:29.391+05:302011-06-07T14:17:29.391+05:30.
JC जी ,
आपने इतनी बेहतरीन टिप्पणी की है , की प....<br /><br />JC जी ,<br /><br />आपने इतनी बेहतरीन टिप्पणी की है , की प्रशंसा के लिए शब्द कम हैं । आपका ज्ञान और विद्वता प्रेरित करता है और भी बहुत कुछ जानने और सीखने के लिए। आपकी टिप्पणियों से अपने धर्म , वेदों और पुराणों के बारे में बहुत सी नयी जानकारियाँ मिलती हैं। हम सभी टिप्पणीकारों की तरफ से आपका हार्दिक आभार प्रकट करते हैं। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-26499636267860193842011-06-07T13:52:15.779+05:302011-06-07T13:52:15.779+05:30पुलिसिया बर्बरता से ज्यादा दुःख यहाँ टीपन्नियो को ...पुलिसिया बर्बरता से ज्यादा दुःख यहाँ टीपन्नियो को देख कर हुआ! हम हमेशा दो दलों में खड़े होते हैं और सरकारें मनमानी करती जाती हैं! बाबा रामदेव से विरोध या समर्थन एक अलग मुद्दा है! और सरकारी बर्बरता एक अलग मुद्दा! हर बहने वाला खून न तो हिन्दू का होता है न मुसलमान का और न भारतीय का न ही विदेशी का <br />खून सिर्फ खून होता है बदहवासी और परेशानी को खानों में मत बाटिये! बाबा रामदेव क्या हैं नहीं है अब इस पर बहस बेकार है <br />अब बहस सिर्फ सरकारी दादागिरी पर होनी चाहिए! रात के समय मची भगदड़ में कुचले गए लोग <br />हमारी संवेदनशीलता पर पर्श्न्चिंह हैं और कम से कम आत्मा पर ग्लानी का तो बोझ रहने दीजियेEP Adminhttps://www.blogger.com/profile/15274052540330540379noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-75115270292611339762011-06-07T11:32:31.605+05:302011-06-07T11:32:31.605+05:30आदरणीय दिव्या दीदी नमस्कार, कल शाम ही जयपुर पहुंचा...आदरणीय दिव्या दीदी नमस्कार, कल शाम ही जयपुर पहुंचा हूँ| अत: आते ही पहले इस विषय पर अपने ब्लॉग पर मेरी आपबीती लिखी...आज सुबह आपका ब्लॉग देखा तो आपकी यह पोस्ट देख कर बहुत अच्छा लगा|<br />सच में वहां तो बर्बरता की हद हो गयी थी|<br />मुझे समझ नहीं आता की यदि हम संवैधानिक तरीके से अपना विरोध करते हैं तो सरकार हमारा दमन क्यों करती है| सरकार क्या चाहती है की हम भी नक्सली बन जाएं...<br />बेहद शर्मनाक है यह सब...<br />मैंने भी अपने ब्लॉग पर आन्दोलन से जुडी अच्छी बुरी यादों को पिरो कर लिखा है...कृपया एक दृष्टि अवश्य डालें...दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-50113771656075667472011-06-07T09:01:09.313+05:302011-06-07T09:01:09.313+05:30Taqiyah = A dispensation allowing believers to con...<a href="http://www.al-islam.org/taqiyah/" rel="nofollow">Taqiyah = A dispensation allowing believers to conceal their faith when under threat, persecution or compulsion.</a>Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-68086769022020582092011-06-07T08:09:08.963+05:302011-06-07T08:09:08.963+05:30.
अनवर जमाल ,
आपको शर्म आनी चाहिए , अपने मेरी टिप....<br /><br />अनवर जमाल ,<br />आपको शर्म आनी चाहिए , अपने मेरी टिप्पणी को अपने ब्लॉग पर लगा दिया और उसे हिन्दू-मुस्लिम का जामा पहना दिया। और कुछ पाठकों ने बिना सन्दर्भ जाने टिप्पणी भी कर दी।<br /><br />अनवर जमाल ,<br />मेरा नाम लिखकर बहुत दूकान चलाते हैं आप । पहले मेरे खिलाफ लेख लिखकर भाड़े के टट्टुओं से गाली दिलवायीं , और फिर वापस मेरे ब्लौग पर आकर 'बंदगी' शुरू कर दी । आपने सोचा होगा मैं वापस आ जाउंगी आपके ब्लौग पर । लेकिन नहीं आपका सोचना गलत है। एक बार दुश्मन चिन्हित कर लेती हूँ तो सावधान रहती हूँ अपने दुश्मनों से।<br /><br />मेरे ब्लौग पर कम लोग आयें वो बेहतर है , लेकिन दोस्त के मुखौटे में दुश्मन न आयें।<br /><br />आप जैसे लोग कभी भी अपने स्वार्थ के लिए बहुत नीचे गिर सकते हैं , जिसका परिचय आपने उस घटिया पोस्ट को लिखकर दिया था , जिसमें कुछ मानसिक रूप से विकृत पुरुषों ने मेरे खिलाफ जहर उगला। और जिसने भी मेरे समर्थन में लिखा , उसकी टिप्पणियां ही आपने डिलीट कर दीं। <br /><br />आप धर्म से ऊपर उठकर सोच ही नहीं पाते कभी । मेरी टिप्पणी को अपने आलेख में लगाकर आप चंद मुसलामानों और गुलाम मानसिकता वाले कांग्रेसी हिन्दुओं की सहानुभूति पाना चाहते हैं । शर्म आनी चाहिए आपको । एक जागरूक और देशभक्त नागरिक की तरह देश हित में लिखने की कोशिश कीजिये । मेरी टिप्पणियों को अपने आलेख में शामिल करके अपनी दूकान मत चलिए।<br /><br />कुछ नया लिखिए। कुछ मौलिक लिखिए। इधर-उधर ब्लौग से सामग्री चुराकर , आलेख मत लिखिए। यदि एक स्त्री से इतनी ही दुश्मनी निकालनी है , तो 'प्यारी माँ' जैसे ब्लौग शीर्षक का कोई औचित्य नहीं है।<br /><br />आपने अपने आलेख में मुझे दुबारा बदनाम करने की कोशिश की है , जो अति-निंदनीय है।<br /><br />आपकी टिप्पणी , जिसमें अपने मेरे खिलाफ लिखे घटिया आलेख का विज्ञापन दिया था उसे हटा दिया है। भविष्य में मेरे ब्लौग को विज्ञापन का स्थल मत बनाइएगा। मुझे टिप्पणियों के साथ 'विज्ञापन' कतई पसंद नहीं है।<br /><br />आपने आलेख का शीर्षक रखा --" घूँघट में सन्यासी , वो भी दाढ़ीवाला" .....आपको शर्म आनी चाहिए किसी पर आलेख लिखते समय उसकी वेश भूषा आदि पर वार करने से।<br /><br />कुछ कुबुद्धि लोगों का वक्तव्य है की बाबा को स्त्री के कपडे पहनकर अपनी रक्षा नहीं चाहिए थी बल्कि स्वयं को गिरफ्तार करा देना चाहिए था।<br /><br />वाह !...पर उपदेश कुशल बहुतेरे । जब जान पर बनी हो तो भागना भी नहीं चाहिए। दुश्मनों के आगे घुटने टेक दें ? इन प्रवचनकर्ताओं को खुद तो कुछ करना नहीं है , लेकिन जो लोग देश के लिए अपनी जान , और कीमती वक्त लगा रहे हैं , उनकी गलतियाँ निकाल रहे हैं, उसमें दोष ढूंढ रहे हैं।<br /><br />अरे , जिन लोगों को देश के लिए कुछ करना है , उनका जिन्दा रहना भी बहुत जरूरी है। वरना सरकार के भेडिए तो बैठे ही हैं कुचलकर अस्तित्व को ख़तम करने के लिए।<br /><br />बाबा को मारने की पूरी योजना थी , साथ में उनके समर्थकों को भी , लेकिन दुष्टों के दमन के लिए और सच्चाई की रक्षा के लिए ईश्वर स्वयं अपना 'सुदर्शन चक्र' उठा लेते हैं। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-50454297765506164302011-06-07T08:03:31.587+05:302011-06-07T08:03:31.587+05:30आवश्यकता है आज मानव के, अथवा आत्माओं के, अपने स्वय...आवश्यकता है आज मानव के, अथवा आत्माओं के, अपने स्वयं के इतिहास पर नज़र डालने की और अपने स्रोत भूतनाथ पर पहुँचने की... <br /> <br />वर्तमान में भी हम जानते हैं कि संस्कृत में इंदू का अर्थ चन्द्रमा होता है, और 'सत्य' की खोज में लगे वैज्ञानिक कहते हैं यह मनमोहक पिंड हमारी सुंदर पृथ्वी से ही उत्पन्न हुआ है और तुलना में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की अधिकता के कारण पृथ्वी की परिक्रमा भी कर रहा है, जबकि दोनों मिल कर अन्य ग्रहों समान प्रकाश और अनंत प्राणीयों के जीवनदायी शक्ति के स्रोत, सूर्य की भी अपनी अपनी अंडाकार कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं,,, जबकि प्राचीन 'हिन्दू' मान्यतानुसार, (जो काल की गणना , सूर्य की पृथ्वी के घूमने के कारण प्रतीत होती चाल को भी ध्यान में रख चन्द्रमा को उच्चतम स्थान दे उसकी चाल से करते थे), सम्पूर्ण साकार ब्रह्माण्ड ही मिथ्या है, इन्द्रियों द्वारा जनित भ्रम है! जो वर्तमान में बॉलीवुड, यानि 'माया जगत', में बनी फिल्मों द्वारा भी समझा जा सकता है जो अमीर - गरीब सभी को निरंतर चुम्बक समान खींचते है; वैसे ही जैसे पृथ्वी अपने गुरुत्वाकर्षण से स्वयं को चार अरब वर्षों से भी अधिक समय से बनाये रखने के अतिरिक्त गंगा नदी के स्रोत चन्द्रमा को एवं तीनों लोक में व्याप्त (आकाश, धरा, भूमिगत) अनंत प्राणी जगत को भी त्रिपुरारी शिव समान धारण किये हुए है (सांकेतिक भाषा में शिव के मस्तक पर चन्द्रमा को दर्शाया जाता आ रहा है)... <br /><br />सभी जानते हैं साकार रूप अस्थायी हैं, और जो नदी के विशाल तंत्र द्वारा उपलब्ध कराये गये जीवनदायी पेयजल और सागर जल, अथवा 'जल' के अतिरिक्त 'अग्नि' अथवा शक्ति, और उसके वातावरण यानि 'आकाश' और उस में कैद 'वायु' को मिला, 'पृथ्वी' किसी भी साकार रूप के अस्तित्व के लिए आवश्यक 'पंचतत्व' अथवा 'पंचभूत' जाने गए जो अनादि काल से ब्रह्माण्ड में विद्यमान प्रतीत होते हैं... <br /><br />और प्राचीन ज्ञानी पृथ्वी को ब्रह्माण्ड का केंद्र दर्शाते आये हैं... <br /><br />यद्यपि यह दोहराने की आवश्यकता नहीं है क्यूंकि सभी जानते होंगे कि एक फिल्म बनाने के पीछे कई 'बहुरूपिया' कलाकारों के अतिरिक्त अनेकों अन्य क्षेत्र से सम्बंधित व्यक्ति लगते हैं, जिनके मिले जुले प्रयास से रीलों में लिपटी तस्वीरों कि लड़ी बन जाती है, (और जो अब छोटी सी 'डीवीडी' में भी समांने लगी हैं और हिन्दुओं ने साकार रूपों का स्रोत नादबिन्दू को जाना !), जिनके प्रकाश स्रोत के सामने पूर्व- निर्धारित गति से चलने पर रूपहले पर्दे पर हर दृष्टा को वैसा ही आभास होने लगता है जैसा वो अपने रोजमर्रा के जीवन में करता आता है, यानि यद्यपि हर कोई किसी अंधकारमय कक्ष में लगभग निर्जीव सा कुर्सी में पड़ा माया के प्रभाव से विभिन्न इन्द्रियों, विशेषकर आँख और कान के माध्यम से, मन में विभिन्न दुःख-सुख आदि की अनुभूति करता है जब तक सारी रीलें उसे दिखा नहीं दी जातीं... भ्रम तब टूटता है जब कक्ष प्रकाशमान हो जाता है (जैसे नाटक में अंत में स्टेज पर पर्दा गिरने पर भी होता था अथवा वर्तमान में भी होता है), और बाहर आ हर व्यक्ति अपने रोल को निभाने लग जाता है... <br /><br />मानव शरीर को प्राचीन ज्ञानियों ने सौर-मंडल के नौ सदस्यों, सूर्य से शनि तक, के सार से बना पाया... और इस कारण उनकी तुलना में अज्ञानी हिन्दू वर्तमान में ऊर्जा के मुख्य स्रोत सूर्य को दूर से पानी चढाने के अतिरिक्त 'नवग्रह' पर भी जीवन-दायी जल चढ़ाता आता है, गंगा का हो तो और भी अच्छा...अर्थात जब व्यक्ति कहीं भी स्नान करते समय अपने शरीर पर जल चढ़ाता है, अथवा गंगा में डुबकी लगाता है, तो वो भी शिव की प्रतिमूर्ति पर ही जल चढ़ा रहा होता है !JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-27859019366533799292011-06-07T00:02:47.925+05:302011-06-07T00:02:47.925+05:30अक्षय ठाकुर जी आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है !जिसस...अक्षय ठाकुर जी आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है !जिससे आम जनता कांग्रेस की निति को समाज सके !अब रही बात की मायावती ने नोएडा में बाबा को अनुमति क्यों नहीं दी !तो इसके मात्र दो कारण हो सकते है पहला की मायावती का केंद्र की सर्कार से बड़ा स्वार्थ छुपा है और दूसरा यह की सायद मायावती पर् केंद्र का दवाब हो!<br />फिर भी कुछ कहो अब समय आ गया जनता के लिए की वह जनता की हितेसी सर्कार को पहचान सके! चाहे वो कोई भी पार्टी हो!आप लोग मेरे ब्लॉग पर् भी आये लिंक -www.samratbundelkhand.blogspot.comupendra shuklahttps://www.blogger.com/profile/15384897251827279177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-21310270770520271222011-06-06T22:48:14.515+05:302011-06-06T22:48:14.515+05:30zeal ji ,aapne bahut acchi post likhi
desh ke liy...zeal ji ,aapne bahut acchi post likhi<br /><br />desh ke liye sochne ke liye party se upar uthana hoga ......jo galat hai wo galat hai...aur ye to bahut galat aur nindaniya hai ki 5000 police aakar is tarah ki kaarywaahi karte hain....<br /><br />mera personalmat hai hame khud sudharna hoga ....hame bhrastachaar aur bhrastachaariyon ka saath nahi dena hoga aur vyaktigat roop se ham khud ko tyaar karen is saatvik dharm ke liye jo desh ki izzat ke liye hoga.....bismil,subhash,ashfaaq,bhagat,raani laxmi bai,sarojini naidu ,kalaam ,aur kurbaan hue seema par shaheed jo larte hain bas tirange ke liye....नीलांशhttps://www.blogger.com/profile/06348811803233978822noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-8405964565165510322011-06-06T20:40:50.382+05:302011-06-06T20:40:50.382+05:30सत्ता का मद जो न करा ले,
पर अब जन-जन जाग रहा है .ए...सत्ता का मद जो न करा ले,<br />पर अब जन-जन जाग रहा है .एक नई क्रान्ति का सूत्रपात लगता है मुझे तो !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-4730381240033569812011-06-06T19:29:02.942+05:302011-06-06T19:29:02.942+05:30I agree with you. It is not democracy anymoreI agree with you. It is not democracy anymoreAmrithttps://www.blogger.com/profile/16023510703283897521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-33927429419924897082011-06-06T16:42:53.163+05:302011-06-06T16:42:53.163+05:30जमाल साहब कह रहे है सलमान शाहरुख से लोग प्रेरणा ले...जमाल साहब कह रहे है सलमान शाहरुख से लोग प्रेरणा ले रहे है.<br /><br />हाँ भाई प्रेरणा तो ले रहे है कि कैसे अपने चोर दोस्त का समर्थन किया जाये.<br />जैसे दोनो अपने चोर दोस्त मोरानी का समर्थन कर रहे है.<br /><br />आप लोगो को पता है कि इन दोनो सलमान और शाहरुख नाम के नचनियो ने इस आन्दोलन का विरोध क्यो किया.<br /><br />अरे भाई इनका काफी माल स्विस बैँको मे जमा है .<br />जो दुबई से इनके पास आता है.ROHIThttps://www.blogger.com/profile/06777108993458979775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-84109127087223160412011-06-06T16:36:30.068+05:302011-06-06T16:36:30.068+05:30जो कुछ हो रहा है...बहुत ही गलत हो रहा है!..दो दिन ...जो कुछ हो रहा है...बहुत ही गलत हो रहा है!..दो दिन से टी. वी. पर हम लोग आंखे गडाएं बैठे है!.. क्या पुलिस और क्या हमारे राजकीय नेता!...सभी को अपनी पडी हुई है!..देश की चिंता करने वालों के साथ यह लोग किस तरह से पेश आते है...यह सब हमारे सामने है!..कब,क्या नई खबर आ जाए कहा नही जा सकता!...हमारे पडोसी श्री. भाटियाजी, रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के पंडाल में रात के समय थे!..उनसे भी आंखों देखा हाल सुना!..और रौंगटे खडे हो गए!...<br /><br />...मै 15 जून को जर्मनी के लिए रवाना हो रही हूं!...मेरी बिटिया और दामाद वहां रहते है!..और भी बहुतसी जगहों पर घुमने का प्रोग्राम है!..आप की याद सदैव मेरे साथ ही है झील!...अनेक शुभेच्छाएं!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-36873183213513489872011-06-06T16:32:31.842+05:302011-06-06T16:32:31.842+05:30आपकी बात से सहमत ... सरकार के इस काम की भत्सरना हो...आपकी बात से सहमत ... सरकार के इस काम की भत्सरना होनी चाहिए ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-44654574563125972962011-06-06T16:21:51.135+05:302011-06-06T16:21:51.135+05:30एक बार फिर शिव त्रिनेत्र को,प्रलय रूप खुल जाने दो
...एक बार फिर शिव त्रिनेत्र को,प्रलय रूप खुल जाने दो<br />एक बार फिर महाकाल बन इन कुत्तों को तो मिटाने दो..<br />एक बार रघुपति राघव छोड़ , सावरकर को गाने दो...<br />एक बार फिर रामदेव को, दुर्वासा बन जाने दो...<br /><br />"आशुतोष नाथ तिवारी"आशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-69223268501777307522011-06-06T16:17:59.537+05:302011-06-06T16:17:59.537+05:30जमाल साहब
लोग कांग्रेस से नाराज है
लेकिन आप तो खुश...जमाल साहब<br />लोग कांग्रेस से नाराज है<br />लेकिन आप तो खुश है न.<br />तो फिर चिकन मटन खाकर खुशी मनाईये.<br /><br />और हाँ बाबा का महाप्रयाण करवाने की कामना मत करिये.<br />क्यो कि बाबा कई लोगो के महाप्रयाण करवाने के लिये ही आये है.ROHIThttps://www.blogger.com/profile/06777108993458979775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-75196251306133285112011-06-06T15:48:01.970+05:302011-06-06T15:48:01.970+05:30सारे विश्व को भारत सरकार के इस अत्याचार के समाचार ...सारे विश्व को भारत सरकार के इस अत्याचार के समाचार मिल चुके हैं ! मैंने भी यहाँ बोस्टन U S A में भारतीय T V पर प्रसारित समाचारों में पिछले ४८ घंटों से दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई बर्बरता के सजीव चित्र देखे ! इन चित्रों ने मुझे १९४२ में हमारे बलिया नगर में ब्रिटिश सरकार के द्वारा किये अत्याचारों की याद दिला दी ! मन इतना दुखी हुआ की , (मानसिक पीड़ा से मुझे बचाने के लिए) ,बच्चों ने T V. ऑफ करवा दिया , यह कह कर की "पापा It is all so depressing" ! U P A सरकार की पूरी चंडाल चौकड़ी ने शांति से सोये हुए स्त्री पुरुषों और बच्चों को इस बर्बरता से डंडे मार कर teargas के गोले दाग कर वहा से निकाला , यह भी न सोचा के बाहर गाँव से आये ये लोग इतनी रात में कहाँ जायेंगे ,कैसे जायेंगे ? इसका विचार आते ही मन बहुत दुखी हो रहा है !Bhola-Krishnahttps://www.blogger.com/profile/02397604308408596994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-9124855150791232632011-06-06T15:28:05.121+05:302011-06-06T15:28:05.121+05:30यह घटना बहुत शर्मनाक और भरसना योग्य है |यह प्रजातं...यह घटना बहुत शर्मनाक और भरसना योग्य है |यह प्रजातंत्र की ह्त्या है |यही कारण है कि देश दिनोंदिन खोखला होता जा रहा है |<br />जो आवाज उठाता है उसे जद मूल से नष्ट करने की कोशिश की जाती है |आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-59144602491492918902011-06-06T14:43:32.656+05:302011-06-06T14:43:32.656+05:30अब कांग्रेस को चाहिए कि वह स्वामी रामदेव से बातचीत...अब कांग्रेस को चाहिए कि वह स्वामी रामदेव से बातचीत के लिए प्रणव मुखर्जी जैसे महारथी को झोंक दे इससे शायद बीजेपी का रवैया कुछ नरम पड़ जाए. देश अशांति से बच जाए :))Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-11305632012584312912011-06-06T14:40:46.076+05:302011-06-06T14:40:46.076+05:30ये ही नीति है इस दुनिया की, खुद तो कुछ सही करना मत...ये ही नीति है इस दुनिया की, खुद तो कुछ सही करना मत और अगर कोई दूसरा करे तो उसे छोड़ना मत ! बहुत ही दुखद !<br />मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : <a href="http://blinddevotion.blogspot.com/2011/06/blinddevotion-post_06.html" rel="nofollow" title="Blind Devotion Blog - Love, Affection and Admiration for Someone">Blind Devotion - स्त्री अज्ञानी ?</a>Sachin Malhotrahttps://www.blogger.com/profile/03009133788693822541noreply@blogger.com