tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post4578113976453507123..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: महिला है--मुट्ठी में रखो, ना माने तो प्रताड़ित करो.ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-41714695955668181812011-11-15T17:21:16.917+05:302011-11-15T17:21:16.917+05:30घोर निंदनीय कृत्य....
ऐसे बेशर्मों को कानूनन दंड म...घोर निंदनीय कृत्य....<br />ऐसे बेशर्मों को कानूनन दंड मिलने के साथ-साथ सामाजिक बहिष्कार भी मिलना चाहिए |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-81538353561132460982011-11-12T16:46:11.099+05:302011-11-12T16:46:11.099+05:30bahut hi galat hai ye,,,bahut hi galat hai ye,,,SAJAN.AAWARAhttps://www.blogger.com/profile/10975214181930047006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-78913209256415790542011-11-12T11:20:50.663+05:302011-11-12T11:20:50.663+05:30.
JC ji's comment--
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[Offline] JC via....<br /><br />JC ji's comment--<br /><br />------<br /><br />[Offline] JC via blogger.bounces.google.com to me<br /> <br />show details 9:12 AM (2 hours ago)<br /> <br />JC has left a new comment on your post "महिला है--मुट्ठी में रखो, ना माने तो प्रताड़ित करो...":<br /><br />एक पढ़े-लिखे इंजिनियर समान (जिसे किसी भी भवन आदि के निर्माण से पूर्व किसी भी, भवन/ बाँध आदि, संरचना में संभावित शक्तियों का ज्ञान होना वांछित है, और तदनुसार उसके विभिन्न अंशों का सही डिजाइन करना भी) सभी जानते हैं कि यदि इमारत लम्बे समय तक (कैलाश पर्वत इत्यादि हिमालय के शिखरों समान, जो पृथ्वी कि कोख से ही उत्पन्न हुई) बुलंद रखनी है तो उसकी नींव मजबूत होना आवश्यक है...और निर्माण के पश्चात संरचनाओं का सही रख-रखाव भी आवश्यक है...<br /><br />और मानव शरीर को परम ज्ञानी भगवान् का ही प्रतिरूप जान, प्राचीन ज्ञानी-ध्यानी 'हिन्दू' यह बता गए कि ब्रह्मनाद ('बिग बैंग') से बना सम्पूर्ण साकार ब्रह्माण्ड परम शक्तिशाली नादबिन्दू, अजन्मे और अनंत निराकार विष्णु / शिव पर अनादिकाल से टिका है...<br />इस कारण यदि किसी को ब्रह्म पर विश्वास नहीं है तो वो मन से 'हिन्दू' नहीं है भले ही जन्म से वो शरीर से व्यक्ति विशेष हिन्दू कहता हो अपने आप को :(<br />श्रद्धा अत्यावश्यक है परम सत्य तक पहुँचने के लिए... <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-59677872708490329802011-11-11T23:48:14.856+05:302011-11-11T23:48:14.856+05:30vesry sadvesry sadAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-74469852106302916622011-11-11T13:10:08.354+05:302011-11-11T13:10:08.354+05:30Really unfortunate ! Someone has to take up cudge...Really unfortunate ! Someone has to take up cudgels against such practices in the system !aarkayhttps://www.blogger.com/profile/04245016911166409040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-70709283599394614032011-11-11T11:10:16.659+05:302011-11-11T11:10:16.659+05:30बहुत ही गलत है यह ... आपकी बात से सहमत हूं ।बहुत ही गलत है यह ... आपकी बात से सहमत हूं ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-52800959949416151242011-11-11T09:32:19.747+05:302011-11-11T09:32:19.747+05:30Boss is not all in all.He can not do every thing a...Boss is not all in all.He can not do every thing at his own will & whim.He will have to allow resuming the duties provided medical certificate is submitted with the joining letter.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-58999482407979286022011-11-11T01:32:29.590+05:302011-11-11T01:32:29.590+05:30आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा आज दिनांक 11-11-...आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा आज दिनांक 11-11-2011 को शुक्रवारीय <a href="http://charchamanch.blogspot.com" rel="nofollow"><b>चर्चा मंच</b></a> पर भी होगी। सूचनार्थचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-10990783681296371412011-11-10T23:25:01.816+05:302011-11-10T23:25:01.816+05:30आपका मुद्दा सही है मै आपसे सहमत हूँआपका मुद्दा सही है मै आपसे सहमत हूँधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-52507917576642896222011-11-10T22:53:47.012+05:302011-11-10T22:53:47.012+05:30apne haq ke liye stri ko abhi bhi sangharsh krna ...apne haq ke liye stri ko abhi bhi sangharsh krna hi pdta hai.good n relevent rachana.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-2217634666994406162011-11-10T22:36:47.007+05:302011-11-10T22:36:47.007+05:30उस शातिर बास का अपराध अक्षम्य है। इस अपराध के लिए ...उस शातिर बास का अपराध अक्षम्य है। इस अपराध के लिए उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। विडंबना है कि जिस देश में नारी की पूजा होती थी, आज वहीं नारी को प्रताडि़त किया जा रहा है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-7862042518502136202011-11-10T21:14:09.031+05:302011-11-10T21:14:09.031+05:30sundar sandesh deti hui sam samayik rachna stri ki...sundar sandesh deti hui sam samayik rachna stri ki vidambana yahi hai kintu aajkal har kshetra me yesi shikayton ke liye praavdhan hain himmat se samna kare aur us boss ko sabak sikhaye.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-52721003473637490712011-11-10T19:57:47.602+05:302011-11-10T19:57:47.602+05:30हिन्दू मान्यता कि थोड़ी से गहराई में ही जाओ तो शाय...हिन्दू मान्यता कि थोड़ी से गहराई में ही जाओ तो शायद कोई जान पाए कि इतना सरल नहीं है किसी भी 'आम आदमी' का 'सही' निर्णय पर पहुँच पाना, जब "मैं कौन हूँ?" और मानव जीवन के उद्देश्य का ही न पता हो... (गीता में उसे परम सत्य अर्थात निराकार ब्रह्म को, और उनके साकार रूप, ब्रह्मा-विष्णु-महेश, को ही जानना है)... <br /><br />'महाभारत' की कथा, जिसमें स्वार्थी कौरवों का कृष्ण की सेना के असंख्य सिपाहियों का उनकी ओर से लड़ना, और दूसरी ओर भाग्यशाली पांच पांडवों की, कृष्ण की सहायता से, जीत दर्शाते हुए 'पहुंचे हुवे' योगियों ने गीता में 'कृष्ण' को कहते दर्शाया है कि अर्जुन को अपने केवल उसी एक जन्म के बारे में पता था, किन्तु पार्थसारथी कृष्ण (गैलेक्सी के प्रतिरूप) को धनुर्धर अर्जुन (सूर्य के प्रतिरूप) के भूत का भी ज्ञान था, क्यूंकि वो आरम्भ से ही उसके साथ जुड़े थे (सूर्य और चन्द्रमा को कृष्ण ही प्रकाशमान करते भी दर्शाया जाता है)... अर्थात, शिव के पैर के नीचे धूलिकण समान पड़े अन्य अपस्मरा, अर्थात भुलक्कड़, पुरुषों की तुलना में केवल कृष्ण ही परम ज्ञानी विष्णु / अमृत शिव के अष्टम अवतार, ब्रह्माण्ड के सार अमृत गंगाधर शिव (पृथ्वी) के निकटतम हैं...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-58682936955965064362011-11-10T19:49:28.859+05:302011-11-10T19:49:28.859+05:30The laws are different here. I think a female can ...The laws are different here. I think a female can choose to tell to a female in HR. But in India, I can see that happening. My wife is a feminist and fights for women rights.Amrithttps://www.blogger.com/profile/16023510703283897521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-7726299676030084982011-11-10T18:16:27.018+05:302011-11-10T18:16:27.018+05:30आदरणीय दिब्या जीनारी के प्रति पुरूष का ऐसा व्यवहार...आदरणीय दिब्या जीनारी के प्रति पुरूष का ऐसा व्यवहार सदियों से होता आया है । अवगत कराना चाहता हूँ कि किसी कार्यालय में तैनात पुरूष अधिकारी अथवा सहकर्मी द्वारा अपनी सहयोगी महिलाकर्मी की निजता में दखल देना भारतीय दंड संहिता के अधाीन दंडनीय है । दंड प्रक्रिया संहिता1972 में इससे संबंधित एक संपूर्ण अध्याय उपलबध है। महिलाओं को ऐसे प्रकरणोे को मजबूरी में कुढकर सहलेने से समाज में यह संदेश जाता है कि ऐसे प्रकरणों में कुछ नहीं होता। महिला को मुखर होकर अपनी बात कहनी चाहिये। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसी अनेक महिलाये हुयी हैं जिन्होंने विद्रोह किया और समय आने पर उन्हें प्रतिष्ठा प्राप्त हुयीं। ऐसी ही एक महान हिंदी की लेखिका हुयी है अमृता प्रीतम जी। इस अवसर पर आपके साथ उनसे संबंधित एक महत्वपूर्ण साहित्यिक उद्देश्य साझा करना चाहूँगा । बात यूँ है कि प्रेम की उपासक अमृता जी का नई दिल्ली में हौज खास वाला घर बिक गया है। कोई भी जरूरत सांस्कृतिक विरासत से बडी नहीं हो सकती। इसलिये अमृताजी के नाम पर चलने वाली अनेक संस्थाओं तथा इनसे जुडे तथाकथित साहित्यिक लोगों से उम्मीद करूँगा कि वे आगे आकर हौज खास की उस जगह पर बनने वाली बहु मंजिली इमारत का एक तल अमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति को प्रेषित अपने पत्र की प्रति आपको भेज रहा हूँ । उचित होगा कि आप एवं अन्य साहित्यप्रेमी भी इसी प्रकार के मेल भेजे । अवश्य कुछ न कुछ अवश्य होगा जन्म दिवस की बहुत बहुत शुभकामना के साथ महामहिम का लिंक है भवदीयa href="http://presidentofindia.nic.in/ "महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है । कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें!!!!/aअशोक कुमार शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00322447925425282794noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-50860706463281601772011-11-10T16:02:35.312+05:302011-11-10T16:02:35.312+05:30यह तो गलत है।यह तो गलत है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-68454934810302638142011-11-10T14:32:27.917+05:302011-11-10T14:32:27.917+05:30I visit on your blog after long time.. but i fill ...I visit on your blog after long time.. but i fill much better. really you are writing very well & your screept are supper.. Keep-it-up & Visit on my blog... http://akashsingh307.blogspot.comआकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17420922344485600342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-88070142097248051892011-11-10T13:55:07.377+05:302011-11-10T13:55:07.377+05:30आपने सही मुद्दा उठाया है |प्रशासन की संवेदनहीनता द...आपने सही मुद्दा उठाया है |प्रशासन की संवेदनहीनता दर्शाता है ये |Humanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-35332141199526187672011-11-10T12:37:21.091+05:302011-11-10T12:37:21.091+05:30यदि बॉस को लगता है की मेडिकल सर्टिफिकेट लगाना चाह...यदि बॉस को लगता है की मेडिकल सर्टिफिकेट लगाना चाहिए तो उसकी मांग करे, अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण मांगे अथवा जरूरी कागज़ात produce करने को कहे। लेकिन ye कौन सी कार्यालयी कारवाई हुयी की स्त्री द्वारा उसकी जबानी सुनी जाए उसकी व्यक्तिगत समस्याओं को और नौकरी से निकाल दिया जाए बिना किसी ठोस प्रमाण के। अनुचित है ye baat.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-78171145809546219832011-11-10T12:32:13.237+05:302011-11-10T12:32:13.237+05:30सुन्दर , सामयिक , सार्थक प्रस्तुति , आभार .सुन्दर , सामयिक , सार्थक प्रस्तुति , आभार .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-90389112334904140792011-11-10T11:10:00.584+05:302011-11-10T11:10:00.584+05:30संभवतः चिकित्सा प्रमाण-पत्र कार्यालय को नहीं दिया ...संभवतः चिकित्सा प्रमाण-पत्र कार्यालय को नहीं दिया गया. उसमें वर्णित स्वास्थ्य संबंधी समस्या को ज़बानी डिस्कस करना शेष नहीं रह जाता. यदि चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर दिया गया है तो बॉस को उसके व्यवहार के लिए टाँगा जा सकता है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-41617215618129135772011-11-10T11:02:07.682+05:302011-11-10T11:02:07.682+05:30जब तक स्त्री सहती रहेगी तब तक ये जारी रहेगा जब सहन...जब तक स्त्री सहती रहेगी तब तक ये जारी रहेगा जब सहन करना बंद कर देगी तो ये सब भी रुक जायेगाDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-13848854133351773282011-11-10T09:11:58.733+05:302011-11-10T09:11:58.733+05:30and yes i fully agree and endorse the heading of ...and yes i fully agree and endorse the heading of this post <br />and agree that woman are ill treated every where and if they raise a voice they are called with various names <br /><br />in toto the post is a good one coming after a long time from a warrior of woman issues !!!!रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-77328568810237784242011-11-10T09:07:42.653+05:302011-11-10T09:07:42.653+05:30Zeal
When one works one has to follow some rules ...Zeal <br />When one works one has to follow some rules <br />If the rule is to submit the reports then irrespective of the fact how so ever personal the problem may be , report would need to be submitted <br />BUT <br />If the rule is different for man and woman employees , which means that man dont need to submit and woman is asked to then its <br /><br />HARASSMENT and sexual harassment is a punishable offense <br /><br />Many a times I have seen in offices woman want to be always treated as woman and for every small problem like menstrual cycle they want leave , for child care they want leave , for karva chauth they want leave , which as a employee they are not permitted <br /><br />If we work we have to work as per the rules of the company <br /><br />I am sure you must have studied in depth this case because i am not aware of it , but my comments are on the situation related to this case <br /><br />WOMAN IF THEY CHOOSE TO WORK HAVE TO FORGET ALL PROBLEMS AND WORK AS PER THE RULE BOOK <br /><br />WHICH MEANS THEY HAVE TO FORGET THEY ARE WOMAN <br /><br />thanks <br />rachnaरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-81288582196772953412011-11-10T07:19:13.746+05:302011-11-10T07:19:13.746+05:30'प्राचीन भारत' में जो जाना और माना 'सत...'प्राचीन भारत' में जो जाना और माना 'सत्य' है वो यह है कि एकमात्र परम शक्तिशाली निराकार शक्ति रुपी 'देवी', 'परमेश्वर', ने साकार ब्रह्माण्ड की रचना की - मात्र 'पञ्च तत्वों'/ 'पञ्च भूतों' से बने विभिन्न प्रतीत होते 'शरीर' और 'शक्ति' के योग से... <br /><br />और इस प्रकार, उसकी स्वयं अपनी सुविधा हेतु पृथ्वी पर व्याप्त पशु जगत में, 'सत्य' अथवा 'असत्य', अर्थात विपरीत अनुभूतियों समान 'देवी/ विष्णु' के ही अनंत प्रतिरूप/ प्रतिबिम्ब, यद्यपि मिश्रित किन्तु साधारणतया आध्यात्मिक शक्ति प्रधान 'नारी', अथवा भौतिक शक्ति प्रधान 'पुरुष' रूप आदि हमें भी (वास्तव में विभिन्न शरीरों में कैद आत्माओं को) दिखाई दे रहे प्रतीत होते हैं... <br /><br />और हम इन्ही में जीवन पर्यंत उलझ के रह जाते हैं, अपने सीमित जीवन-काल में... और यूँ एक मौक़ा अपने हाथ से जाने देते हैं... <br /><br />इसे ही 'मायाजाल' कहा गया, जबकि मानव को इस से ऊपर उठ 'परम सत्य' तक पहुँचने का प्रयास करना ही इस धरा पर मानव रूप में जन्म का उद्देश्य माना गया है... <br /><br />किन्तु यह भी कहा गया है कि बिरले ही अपने मन पर नियंत्रण कर पाते हैं और 'मोक्ष' प्राप्त कर पाते हैं... <br /><br />जबकि कृष्ण कह गए कि सभी के भीतर उपस्थित वे ही परम ज्ञानी के एक मात्र प्रतिबिम्ब हैं और वे ही केवल 'परम सत्य' तक किसी को भी पहुंचाने में सक्षम है... किन्तु उस के लिए उन पर आत्म-समर्पण आवश्यक है (यही शायद 'माया' के कारण कुछेक साधारण प्रतीत होते 'पुरुष' की भी, कुर्सी के कारण, प्रकृति दिखाई पड़ती है... और 'नारी' में ('पुरुषों' में भी) भौतिक शक्ति की कमी से जनित विश्वास की कमी, अथवा काल के प्रभाव से, कभी कभी कोई 'झांसी वाली रानी' / 'द्रौपदी' आदि अवतरित होती है)...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.com