tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post2158697708879220060..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: संविधान में संशोधन की आवश्यकता ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-43021998797300810902012-11-28T10:53:44.930+05:302012-11-28T10:53:44.930+05:30यहां तो हर शब्द के अर्थ तोड मरोड दिये जाते हैंयहां तो हर शब्द के अर्थ तोड मरोड दिये जाते हैंvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-10625100952792538632012-11-27T23:37:56.328+05:302012-11-27T23:37:56.328+05:30बेहतरीन विचार सहमत हूँ ,,,,
resent post काव्यान्ज...बेहतरीन विचार सहमत हूँ ,,,,<br /><br />resent post <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/11/blog-post_26.html#comment-form" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: तड़प,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-53290457934334057142012-11-27T22:41:15.974+05:302012-11-27T22:41:15.974+05:30हिन्दू धर्म स्वयं में इतना अधिक उदार है कि उसमें स...हिन्दू धर्म स्वयं में इतना अधिक उदार है कि उसमें सभी मत-मतान्तर आकर घुल-मिल जाते हैं फिर संविधान में "धर्म-निरपेक्ष" शब्द रखने का कोई तुक नहीं समझ आता. यह तो बाँटो और राज करो की साजिश के तहत हमारे तथाकथित नेताओं के दिमाग की उपज है इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं.KRANT M.L.Vermahttps://www.blogger.com/profile/16522523292171432524noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-7125707341826751332012-11-27T21:54:33.643+05:302012-11-27T21:54:33.643+05:30दिव्याजी! पिछले कुछ समय से अंतरताना जगत से सम्पर्क...दिव्याजी! पिछले कुछ समय से अंतरताना जगत से सम्पर्क न के बराबर रहा बीच बीच में फेसबुक पर यदा कदा आया पर न के बराबर अस्तु!<br /><br />आज ब्लॉग खोलते ही सबसे पहले तुम्हारे सभी ब्लॉग एक झटके में पढ़ गया आश्वस्त हूँ कि क्रान्ति की यह आग बुझेगी नहीं जब तक दिव्या जैसी देवियाँ हैं.<br /><br />पत्नी को मेरी अनुपस्थिति में जबदस्त हार्ट अटैक पड़ा बेटे ने तत्काल अस्पताल पहुँचाया दो स्टेंट पड़े अब तक नार्मल नहीं हुईं.<br /><br />बहरहाल अब मनस्थिति कुछ कुछ बनी है अत: लिख रहा हूँ. मेरा प्रयास रहेगा कि यह श्रृंखला जारी रहे. <br /><br />मेरा सभी को अभिवादन, स्नेह व नमस्कारKRANT M.L.Vermahttps://www.blogger.com/profile/16522523292171432524noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-30493376728033691962012-11-27T17:22:47.855+05:302012-11-27T17:22:47.855+05:30दिब्य जी नमस्ते
आपने बहुत विषय उठाया है इस हिन्दू...दिब्य जी नमस्ते <br />आपने बहुत विषय उठाया है इस हिन्दू राष्ट्र को संबिधान संसोधन द्वारा ही बचाया जा सकता है .<br /> आपका ब्लॉग के ऊपर का चित्र बहुत सुन्दर है <br /> भारत माता की जय सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-31935193653314638232012-11-27T12:07:48.277+05:302012-11-27T12:07:48.277+05:30You have hit the nail on the head!
Our Constitut...You have hit the nail on the head! <br /><br />Our Constitution and the constitutional bodies are poised against Hindus and crave to favor minorities.Chand K Sharmahttps://www.blogger.com/profile/11344122592087979250noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-4159629585117887992012-11-27T11:17:34.990+05:302012-11-27T11:17:34.990+05:30Apke vicharon se sahamat hun ...Apke vicharon se sahamat hun ...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-23696088944785328742012-11-27T10:36:43.865+05:302012-11-27T10:36:43.865+05:30किसी भी एंगल से देख लो, स्थिति सचमुच चिंताजनक है. ...किसी भी एंगल से देख लो, स्थिति सचमुच चिंताजनक है. जनता जिसे भी चुनती है वही उसका शोषण करता है. कमोबेश हरेक देश का यही हाल है. सत्ताधारी केवल पूंजीपतियों के हित साध रहे हैं. भारत के हरेक प्रांत में गरीब और आदिवासियों की दुर्दशा सामने है.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-87935032109144651012012-11-27T10:23:41.827+05:302012-11-27T10:23:41.827+05:30डॉ दिव्या जी, संविधान पूर्णतः धर्मनिर्पेक्ष राज्य ...डॉ दिव्या जी, संविधान पूर्णतः धर्मनिर्पेक्ष राज्य की गारंटी देता है. बात इतनी सी है कि सत्ताधारी क्या करते हैं. इनके सामने कितने भी संशोधन पास करके रख दीजिए ये संविधान को संसद के पुस्तकालय की चीज़ समझते हैं और अनपढ़ देश को अपने तरीके से हाँकते हैं. नीयत किसी राजनीतिक दल की ठीक नहीं.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-18843153100411234512012-11-27T09:50:57.014+05:302012-11-27T09:50:57.014+05:30कत्तई नहीं-
सर्व-धर्म समभाव ही असली धर्मनिरपेक्षता...कत्तई नहीं-<br />सर्व-धर्म समभाव ही असली धर्मनिरपेक्षता है-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com