tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post2280013108815226543..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: मंहगाई की सुनामी में धधकता पेट्रोलZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-88033873121271574852011-08-05T15:07:40.503+05:302011-08-05T15:07:40.503+05:30जनता क्या करे......उसके पास बुरा या उससे बुरा या उ...जनता क्या करे......उसके पास बुरा या उससे बुरा या उससे भी बुरा चुनने का ही विकल्प होता है.........अच्छा तो कोई है ही नहीं.......जब तक इस देश की राजनीती धर्म और जातिवाद से ऊपर नहीं उठेगी तब तक कोई सम्भावना नहीं दिखती|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-61706486077746466072011-08-05T10:19:56.011+05:302011-08-05T10:19:56.011+05:30.
Here is the link --
http://blogsinmedia.com/20....<br /><br />Here is the link --<br /><br />http://blogsinmedia.com/2011/08/%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%B9%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%A7%E0%A4%A7%E0%A4%95%E0%A4%A4/<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-14718143259599104162011-08-05T09:24:37.730+05:302011-08-05T09:24:37.730+05:30अर्थशास्त्री प्रधान मंत्री जी ने साबित कर दिया &qu...अर्थशास्त्री प्रधान मंत्री जी ने साबित कर दिया " लक्ष्मी झाडे झाड-झुंगर,धनपत मांगे भीख,अमर सिंह जैसा मर गया ...........<br />आभार उपरोक्त पोस्ट हेतु.पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-9044742565982927692011-08-04T22:09:28.405+05:302011-08-04T22:09:28.405+05:30लगता है आम आदमी की काफी परीक्षा ली जा चुकी है. राज...लगता है आम आदमी की काफी परीक्षा ली जा चुकी है. राजनीतिज्ञों के प्रति देश में इतनी घृणा पहले कभी महसूस नहीं की.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-7882391891273339392011-08-04T21:10:19.923+05:302011-08-04T21:10:19.923+05:30मंहगाई को पेट्रोल जलाए या पेट्रोल महंगाई को...इस म...मंहगाई को पेट्रोल जलाए या पेट्रोल महंगाई को...इस महंगाई की सुनामी का अंत कब और कहां होगा कोई नहीं जानता।शायद कोई जन-क्रांति हो समय बदले...इसी की कामना रखें हैं।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-37758913533623739542011-08-04T18:58:52.386+05:302011-08-04T18:58:52.386+05:30सरकार तो उद्योगपति चलाते हैं। उद्योगपतियों के इशार...सरकार तो उद्योगपति चलाते हैं। उद्योगपतियों के इशारे पर कीमतें बढ़ती हैं। मंत्रियों को निजी चुनाव खर्च और सौदे में कमीशन उद्योगपतियों से ही मिलता है। ऐसे में आम जनता की समस्याओं का समाधान मुश्किल प्रतीत होता है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-57378415320975913992011-08-04T16:44:35.816+05:302011-08-04T16:44:35.816+05:30आपकी बात से सहमत हूं ...सही लिखा है आपने ..आभार ।आपकी बात से सहमत हूं ...सही लिखा है आपने ..आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-14731271121063923202011-08-04T15:21:14.257+05:302011-08-04T15:21:14.257+05:30दिव्या जी,
मेरे हृदय में इस बात की अत्यधिक पीड़ा ...दिव्या जी, <br />मेरे हृदय में इस बात की अत्यधिक पीड़ा व्याप्त है कि <br />पहचान में आ गये देशद्रोहियों और लुटेरों के हाथों से इस १५ अगस्त को 'राष्ट्रीय ध्वज' फहराया जायेगा.<br />जब तक नहीं जानता था तब तक तो ठीक था... लेकिन ab ... देखकर makkhii nigalii नहीं jaatii.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-21785511848826914032011-08-04T14:59:51.157+05:302011-08-04T14:59:51.157+05:30सरकार बदलने से समाधान नहीं आएगा... विचारणीय आलेख !...सरकार बदलने से समाधान नहीं आएगा... विचारणीय आलेख !अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-76842136790709517732011-08-04T14:45:08.239+05:302011-08-04T14:45:08.239+05:30जब तक पढ़े लिखे...निस्स्वार्थ लोग बहुतायत से राजनी...जब तक पढ़े लिखे...निस्स्वार्थ लोग बहुतायत से राजनीति में आकर सरकार चलाने की जिम्मेवारी नहीं लेते...गरीबों का उद्धार संभव नहीं.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-20594310349988051112011-08-04T14:12:55.242+05:302011-08-04T14:12:55.242+05:30कहते हैं "आने वाली घटनाओं की परछाइयां पहले से...कहते हैं "आने वाली घटनाओं की परछाइयां पहले से दिखने लगती हैं", मुंबई में अरब सागर के तट पर डूबते जहाज के विषय में एक और लिंक...<br /><br />http://www.sify.com/news/coast-guard-rescue-30-crewmen-from-sinking-ship-news-national-lienEjcecai.htmlJChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-10012970143794787212011-08-04T13:40:29.889+05:302011-08-04T13:40:29.889+05:30चिंताजनक विषय है।चिंताजनक विषय है।vishyhttps://www.blogger.com/profile/15129926219486964345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-86272869557261057892011-08-04T13:07:25.791+05:302011-08-04T13:07:25.791+05:30ये सिलसिला क्या थम जाएगा सरकार यदि बदल दें.....
...ये सिलसिला क्या थम जाएगा सरकार यदि बदल दें..... <br />कोई और आएगा फिर वही होगा........Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-15164217127654328532011-08-04T11:39:59.294+05:302011-08-04T11:39:59.294+05:30'डूबते जहाज' के विषय पर निम्नलिखित लिंक दे...'डूबते जहाज' के विषय पर निम्नलिखित लिंक देखा जा सकता है... <br /><br />http://newsclick.in/india/special-interest-driven-upa-resembles-sinking-ship-0JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-80748312065263077162011-08-04T11:32:32.521+05:302011-08-04T11:32:32.521+05:30संगीता स्वरुप 'गीत' जी से पूरी तरह सहमत ...संगीता स्वरुप 'गीत' जी से पूरी तरह सहमत हूँ कि "सरकार कोई भी आए पिसना आम आदमी को ही है .. " यह ठीक है कि वाजपेयी जी के नेतृत्व में पूर्व n d a सरकार ने काफी हद तक महंगाई पर अंकुश लगा रखा था पर बदलते परिवेश में किसी से भी कुछ आशा रखना बेकार है !aarkayhttps://www.blogger.com/profile/04245016911166409040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-61073281317021927982011-08-04T11:28:25.208+05:302011-08-04T11:28:25.208+05:30सुन्दर आलेख. इस व्यवस्था को ही बदलना होगा.सुन्दर आलेख. इस व्यवस्था को ही बदलना होगा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-44075699966552350512011-08-04T09:47:55.301+05:302011-08-04T09:47:55.301+05:30satya wachan !satya wachan !रूपhttps://www.blogger.com/profile/14926598063271878468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-73165089434063251442011-08-04T09:39:58.735+05:302011-08-04T09:39:58.735+05:30The system of Governance has collapsed just becaus...The system of Governance has collapsed just because of greed for dirty money.<br />Even MMS ,considered to honest has fallen into the trapBK Chowla,https://www.blogger.com/profile/03869011550287421537noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-63975144856643349022011-08-04T08:41:59.249+05:302011-08-04T08:41:59.249+05:30मंहगाई रोकने के लिए किसी भी अर्थशास्त्री की आवश्...मंहगाई रोकने के लिए किसी भी अर्थशास्त्री की आवश्यकता नहीं होती है बस देश की जनता के लिए दिल में जज्बा होना चाहिए। लेकिन यहाँ तो केवल सत्ता में बने रहने का ही जज्बा और प्रयास है। इसलिए गैरजरूरी कार्य ही प्राथमिकता में रहते हैं। दूसरों का चरित्रहनन करके नकारात्मक वोट से सत्ता प्राप्ति का प्रयास है, जबकि स्वयं के कृतित्व से सकारात्मक वोट का प्रयास रहना चाहिए।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-79048068372412279722011-08-04T08:31:31.249+05:302011-08-04T08:31:31.249+05:30यह सिलसिला रुकेगा नहींयह सिलसिला रुकेगा नहींरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-79736735527117107962011-08-04T08:01:54.343+05:302011-08-04T08:01:54.343+05:30बाकी जो बचा था महंगाई मार गई .बाकी जो बचा था महंगाई मार गई .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-17438498967297025062011-08-04T07:29:08.894+05:302011-08-04T07:29:08.894+05:30ek vicharniye post sabhi ki chinta ka vishya.very ...ek vicharniye post sabhi ki chinta ka vishya.very nice Dr. Divya.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-76153696841390401402011-08-04T06:39:40.130+05:302011-08-04T06:39:40.130+05:30दिव्या जी, जब हम बच्चे थे तो हम भाग्यवान कहे जा सक...दिव्या जी, जब हम बच्चे थे तो हम भाग्यवान कहे जा सकते हैं कि हमें उस समय खेलने का और 'प्रकृति' को निकट से देखने का अवसर प्राप्त हुआ... किन्तु तब हमारी विश्लेषण करने की क्षमता जन्म के समय लगभग शून्य प्रतीत होती, किन्तु काल के साथ निरंतर परिवर्तन शील प्रतीत होते संसार के साथ साथ अपनी बुद्धि में भी प्रगति और विकास हो रहा होगा,,, जिस कारण जैसे जैसे पहले तो पढ़ाई से ज्ञानवर्धन हुआ, और उसके बाद निजी जीवन में अनेक कटु और थोड़े थोड़े मधुर अनुभव भी होते चले गए (ब्लॉग के माध्यम से भी बहुत!)...<br /><br />जो अपने पूर्वजों के शब्द हमारे आम कथा आदि में भी पढने को मिले (जिन्हें सौभाग्यवश सभी 'हिन्दुओं' को ही नहीं, अपितु किसी भी 'धर्म' से सम्बंधित व्यक्तियों को टीवी पर एक समय सभी को 'रामायण' और 'महाभारत' देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ, और तब ट्रैफिक थम जाता था), 'मुझे' भाग्यवश काल-चक्र के बारे में अपने पूर्वजों के माध्यम से समझ आया कि संभवतः यह जगत ही मिथ्या है (अर्थात 'हम' भी मिथ्या हैं!), और वास्तव में 'हम' शरीर नहीं 'आत्माएं' हैं, अर्थात शक्ति रुपी अनंत 'शिव' के प्रतिबिम्ब अथवा प्रतिरूप हैं जो अपना भूत देख रहे हैं :) और शायद अब युग का अंत निकट है! <br /><br />और इसके संकेत पतंग उड़ाने वाले कुछेक बच्चों को छत से नीचे गिर मृत्यु तक हो जाने के समाचार यदाकदा मिल जाते हैं क्यूंकि पतंग पर एकाग्रता पूर्वक ध्यान होने से वो भूल जाते हैं कि वो छत पर हैं और पीछे की ओर चलते चले जाते हैं :( <br /><br />और 'पूर्वोत्तर भारत' में अस्सी के दशक में निजी अनुभव के कारण पता चला कि कैसे स्थानीय मणिपुरी माईतेई मान्यतानुसार अमृत भगवान् (सीदब, हमारे शिव?) के दो पुत्र हैं, सनामही (कार्तिकेय?) और पाखंग्बा (गणेश?), क्यूंकि उसी प्रकार उनकी मान्यतानुसार पाखंग्बा को पृथ्वी का राजा चुना गया (जो धरती पर सफ़ेद सांप के रूप में दिखाई दे सकते हैं), जबकि सनामाही को घर घर का राजा माना जाता है,,, <br />और इसे सौभाग्य कहें अथवा संयोग कि 'मुझे' एक रात हाइवे पर सफ़र करते ऐसे ही जीप की लाईट में नाग के दर्शन हुए... जिसने मुझे तब अधिक आश्चर्यचकित किया कि उसकी विशेषता यह थी कि वो पीछे की ओर (घाटी की तरफ) जा रहा था जबकि वो कोबरा के समान पहाड़ी की ओर फन ऊंचा किये था, और जो गोल गोल भी चक्र में घूम रहा था!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-37605965497913043012011-08-04T01:06:00.171+05:302011-08-04T01:06:00.171+05:30दिव्या दीदी...
पैट्रोल के दाम बढ़ने के पीछे भी एक ...दिव्या दीदी...<br />पैट्रोल के दाम बढ़ने के पीछे भी एक बहुत बड़ा दुश्चक्र सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है...जयपाल रेड्डी का कहना है की अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेल के दाम बढ़ने के कारण भारत में पैटोल, डीज़ल, कैरोसीन व गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि हुई है| पैट्रोल के दाम बढ़ने से पहले अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल का भाव १०७ डॉलर प्रति बैरल था, जो घट कर ९९ डॉलर प्रति बैरल पर आ गया| फिर किस अधिकार से जयपाल रेड्डी ने अपने गंदे मूंह से यह उलटी की? एक तो जनता पर महंगाई का दबाव बनाया, ऊपर से झूठ भी बोल रहे हैं|<br />कच्चे टेक से पेट्रोलियम प्राप्त करने की प्रक्रिया में एक सफ़ेद रंग का अपशिष्ट निकलता है| ईरान से जहाज के जहाज भर कर वह अपशिष्ट मुंबई में खाली हो रहा है व पैट्रोल में मिलाया जा रहा है| जिससे हमारी गाड़ियों के इंजन खराब हो रहे हैं|<br />कुअत्रोची के बेटे मलुस्मा को अंडमान निकोबार में १५,००० एकड़ जमीन दी गयी तेल खोदने के लिए| कहाँ जा रहा है वह सारा तेल? इटली के सबसे बड़े रैकेटियर को भारत में व्यापार करने के लिए अनुमति दे दी जाती है और किसी को इसका पता भी नहीं चलता| वह आदमी जिसे सी बी आई भी ढूंढ रही है, दिल्ली के कनौट प्लेस स्थित ली मैरेडियन होटल में अपना दफ्तर चला रहा है|<br />तेल के दाम के नाम पर भारत में आम आदमी की खून पसीने की कमाई से सट्टा खेला जा रहा है|<br /><br />@वैसे जो लोग इस सरकार को दुबारा चुनेंगे क्या उनपर इस बढती मंहगाई की मार नहीं या फिर वे सरकार को जिम्मेदार नहीं मानते ?<br /><br />दरअसल या तो ये वे लोग हैं जो खुद भ्रष्ट हैं, अथवा जो बुद्धूजीवी हैं...दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-73179385047572376642011-08-04T00:44:24.239+05:302011-08-04T00:44:24.239+05:30very nice post, thanksvery nice post, thanksS.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.com