tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post3700716836275688723..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: ब्लॉग अनुभव -- भाग -११ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger57125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-20928750284181233562011-04-10T11:16:54.735+05:302011-04-10T11:16:54.735+05:30गंभीर है मेरी बिमारी , कहते हैं जिसे - "बोरिय...गंभीर है मेरी बिमारी , कहते हैं जिसे - "बोरियत"<br />कुछ करो संजीदगी से , पूछो न केवल खैरियत<br />राधिका बोली -<br />"दिव्या तुम्हारा अब कुछ नहीं हो सकता ,<br />अरिष्ट लक्षण साफ़ नज़र आ रहे हैं<br />उँगलियों पे गिनो गिनती , <br />परलोक के दिन अब करीब आ रहे हैं "<br /><br />इस पोस्ट में सब कुछ बदला-बदला सा है.कथ्य भी, सन्देश भी, तेवर भी. यह सन तो ठीक है लेकिन इधर कुछ दिनों से निराशा और अवसाद के भाव आखिर क्यों? समेदंशील होना बुराई नहीं अच्छाई है लेकिन एक लौह महिला का एकाएक रूपांतरण होना कहीं आशंकित करता है, एक डॉ सा लगने लगा है. आप पहले जैसी ही बेबाक रहें, वही तेवर आवश्यक है, सृजन और सुधार दोनों ही दृष्टि से. आप स्वस्थ रहे यही कामना है.Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-4299659901917064342011-04-06T19:21:33.322+05:302011-04-06T19:21:33.322+05:30आपके दिन गिनने वाले के हाथ में कितनी उँगलियाँ है.....आपके दिन गिनने वाले के हाथ में कितनी उँगलियाँ है...<br /><br />झलकियाँ अच्छी लगीं..Manoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-82360404911221901192011-04-06T08:05:16.962+05:302011-04-06T08:05:16.962+05:30.
कौशलेन्द्र जी ,
प्रेम और स्नेह ही तो जीवन में ....<br /><br />कौशलेन्द्र जी ,<br /><br />प्रेम और स्नेह ही तो जीवन में विश्वास का संचार करते हैं । और इसी के सहारे , बड़ी से बड़ी जंग भी जीती जा सकती है। आपसे मिले इस स्नेह के लिए मन में कृतज्ञता है। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-29026017398680688712011-04-05T21:47:39.602+05:302011-04-05T21:47:39.602+05:30और !!शुभ रात्रि !!और !!शुभ रात्रि !!Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/14297388415522127345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-91063693015791969252011-04-05T21:47:10.897+05:302011-04-05T21:47:10.897+05:30आदरणीय डॉ दिव्या श्रीवास्त
क्या बात है आज ?
हमसे क...आदरणीय डॉ दिव्या श्रीवास्त<br />क्या बात है आज ?<br />हमसे कोई गलती हो गई या किसी और की बात पर नाराज है या कोई और बात है!<br /><br />आप तो डाक्टर है अब में बीमार हो जाहुगा......... <br /><br />!!शुभ रात्रि !!Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/14297388415522127345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-69506049347486131762011-04-05T20:00:32.702+05:302011-04-05T20:00:32.702+05:30उनकी टिप्पणी की भड़ास पर ,
प्रति-टिप्पणी लिखने की...उनकी टिप्पणी की भड़ास पर , <br />प्रति-टिप्पणी लिखने की प्यास थी बहुत । <br />लेकिन पी गए हम अपनी तलब को , <br />नियति समझकर...<br />आखिर ब्लौगिंग के दस्तूर जो समझ लिए थे हमने...<br /><br />एक नया रूप..बहुत सुन्दर और रोचक लगा..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-28357704243617336772011-04-05T19:45:34.821+05:302011-04-05T19:45:34.821+05:30दिव्या जी ! मुझे लगता है कि तुम सबकी चहेती बन गयी ...दिव्या जी ! मुझे लगता है कि तुम सबकी चहेती बन गयी हो ...सब तुम्हें प्रेम करते हैं ...and it is not conditional but spontaneously we love you .... जो कभी तुम्हारे विरोधी थे वे भी अन्दर ही अन्दर तुम्हें प्रेम करते हैं ...कोई सहानुभूति नहीं ...एक सहज अनुराग है. तुमने ठीक कहा, एक डॉक्टर प्रोग्नोसिस को अच्छी तरह समझ सकता है ...उससे कैसे न डरा जाय ? पर जो सुनिश्चित है हम वहीं क्यों उलझ कर रह जाएँ ? आगे बढ़ते हैं...पास में जितने पल हैं उनका भरपूर उपयोग जीवन को जीने में लगा दें.....जब हमें यह पता नहीं होता कि हमारे खाते में कितने पैसे हैं तो बड़ी दुविधा होती है पर एक बार जब पता चल जाय तो हम प्लान कर सकते हैं कि कितने पैसे कहाँ खर्च करने हैं .....और एक बेहतर व्यवस्था बन सकती है. हम पूरी ज़िंदगी कुछ पलों में भी जी सकते हैं ...बहुत बेहतर तरीके से. और फिर यह तो यात्रा है अनंत यात्रा ....एक पड़ाव भर आने वाला है पिछले पड़ाव की तरह ...अगले स्टेशन की उत्सुकता से प्रतीक्षा होती है किसी भी यात्री को .....वहां डर नहीं उत्सुकता मिश्रित आनंद होता है.....एक बार मैं अस्वस्थ्य था तब मेरे लडके (उस समय ८ वीं में पढ़ता था )ने मुझसे कहा " आपकी मृत्यु पर मैं औरों की तरह बिलकुल नहीं रोऊँगा" उसकी माँ ने डांटा ...चुप, कुछ भी बोलता रहता है. लडके ने फिर कहा - "नहीं माँ ! हमें तो खुश होना चाहिए कि पिताजी को एक नया जीवन मिलने वाला है. उनका टिकट यहीं तक का होगा.यहाँ से दूसरा टिकट लेना पडेगा. और अगली यात्रा फिर शुरू इसमें दुःख क्यों ?" अच्छी-अच्छी दिव्या रानी ! मुझे नहीं पता तुम्हें क्या हुआ है पर इतना समझ सकता हूँ कि तुम्हें अपनी prognosis पता है. पर आगम की चिंता छोड़ कर उपलब्ध पूंजी को बेहतर तरीके से प्लान करके खर्च किया जा सकता है. तुमसे अनुरोध है अगस्त में जब भारत आना तो मुझे खबर करना कुछ पल मुस्करायेंगे ....हँसेंगे .....उत्सव मनाएंगे.....और यदि संभव हुआ तो आपको एशिया का नियाग्रा जल प्रपात भी दिखाएँगे जोकि बस्तर में है.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-71941523699562681052011-04-05T19:16:23.326+05:302011-04-05T19:16:23.326+05:30दिव्या जी ,
आप निराश न हों तो अच्छा ही होग...दिव्या जी ,<br /> आप निराश न हों तो अच्छा ही होगा | सभी बाधाएं दूर होंगी , आप शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ होकर पूर्व की भाँति<br />ब्लाग जगत में दहाडेंगी | हमारी सारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं |<br />हाँ , आप तो स्वयं डाक्टर हैं ---जो भी परेशानी हो उसका इलाज़ अविलम्ब करा लें |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-23033434237909183082011-04-05T18:42:32.510+05:302011-04-05T18:42:32.510+05:30अच्छा हुआ दिव्या जी अपने बता ही आप मस्ती के मूड मे...अच्छा हुआ दिव्या जी अपने बता ही आप मस्ती के मूड में है हम घबरा ही गए थेSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-84770837757250046202011-04-05T17:43:45.970+05:302011-04-05T17:43:45.970+05:30क्या परलोक में भी स्थान रिक्तता का विज्ञापन निक...क्या परलोक में भी स्थान रिक्तता का विज्ञापन निकला है ? <br /><br /><br />ये नयी पोस्ट के लिए जिस पर बैन लगाया है :-<br /><br /><br />सुख दुःख जीवन के दो पहलु है परन्तु दुखो से भयाक्रांत होना एक डॉक्टर को शोभा नहीं देता . निराश होने की आवश्यकता नहीं समय पर सब कुछ सही होता चल जाता हैगिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-43330930566587075052011-04-05T16:58:23.304+05:302011-04-05T16:58:23.304+05:30इस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू ह...इस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू होता है इस नव संवत्सर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं......मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-88569524392785914902011-04-05T16:43:31.835+05:302011-04-05T16:43:31.835+05:30कुछ वर्ड कप जितने की ख़ुशी में मस्ती मनाने तथा कु...कुछ वर्ड कप जितने की ख़ुशी में मस्ती मनाने तथा कुछ निजी कार्यों में व्यस्त रहने के कारण मै देर से आया. इसके लिए माफ़ी चाहता हूँ. मैंने आपके सारे पोस्ट पढ़े. बहुत बेबाक लेखन है आपका. जितनी भी तारीफ की जाय कम है. एक निवेदन है आपसे!! कितनी भी आंधियां आयें किन्तु ये साहस कभी नहीं छूटना चाहिए. यही आप की पहचान है. सौ झूठ पर एक सत्य ही भारी होता है. झूठ का एक न एक दिन पतन होना ही है किन्तु सत्य कभी नहीं मिटाया जा सकता. हौसला रखिये!! ईश्वर की कृपा रही तो बीमारी से भी पीछा छूटेगा आपका .<br />मेरे और से आपको हार्दिक शुभ कामनाएं ..........मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-82474914790783436102011-04-05T16:43:20.646+05:302011-04-05T16:43:20.646+05:30Are aapne aapki nayi post pe comments kyon rok diy...Are aapne aapki nayi post pe comments kyon rok diye?Aap kahiye,sab kuchh kahiye....hame bhee aapke saath,saath kahne deejiye!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-85765447973443945142011-04-05T16:25:02.299+05:302011-04-05T16:25:02.299+05:30.
राकेश जी ,
आपकी टिप्पणी तो बहुत ही पसंद आई है ....<br /><br />राकेश जी ,<br /><br />आपकी टिप्पणी तो बहुत ही पसंद आई है मुझे । सॉरी कहकर क्यूँ अनायास ही शर्मिंदा कर रहे हैं हमें । मैंने ये पोस्ट सचमुच बिलकुल मस्ती के मूड में ही लगाई है। कृपया मस्ती के साथ ही पूरा-पूरा आनंद उठाइये और मेरा भी आनंद बढाइये। शीघ्र ही नयी पोस्ट के साथ उपस्थित होउंगी। <br /><br />छोटी-मोटी बातों से घबराकर हम मस्ती करना थोड़ी ही छोड़ देंगे। <br /><br />I am always fit, fine and zealous.<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-36450668434927140292011-04-05T16:08:25.902+05:302011-04-05T16:08:25.902+05:30Sorry,उपरोक्त टिपण्णी तो केवल मजाक में की थी.आपकी ...Sorry,उपरोक्त टिपण्णी तो केवल मजाक में की थी.आपकी पोस्ट 'कैसे इंकार करदूं की डरती नहीं' से जाना कि आप अस्वस्थ चल रही हैं.प्रभु से प्रार्थना है कि अति शीघ्र आप स्वास्थ्य<br />लाभ करें .जाने अनजाने में मुझ से कहीं कुछ गलत लिखा गया हो तो ,please क्षमा कीजियेगा.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-65089714697329189532011-04-05T15:10:09.399+05:302011-04-05T15:10:09.399+05:30हूं ...हमेशा की तरह यह भी अच्छा है ... शुभकामनाएं...हूं ...हमेशा की तरह यह भी अच्छा है ... शुभकामनाएं ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-71076202360325730512011-04-05T14:52:00.407+05:302011-04-05T14:52:00.407+05:30बहुत खूब दिव्या जी आप तो कवि बन गई --
अब तो कविता...बहुत खूब दिव्या जी आप तो कवि बन गई --<br /><br />अब तो कविता के लिए अलग से ब्लोक बना ही डालो <br />टिपण्णी न सही कॉपी -पेस्ट तो कर ही देगे !<br /><br />जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया है आपने !दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-65425015448679465752011-04-05T14:25:47.563+05:302011-04-05T14:25:47.563+05:30उँगलियों पे गिनो गिनती ,
परलोक के दिन अब करीब आ रह...उँगलियों पे गिनो गिनती ,<br />परलोक के दिन अब करीब आ रहे हैं "<br /><br />कहीं भी जाएं....लैपटाप तो साथ है ना.Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-19531654735892652092011-04-05T13:21:32.506+05:302011-04-05T13:21:32.506+05:30चौथी मे हालत हमारी बयान की! धन्यवाद! दिव्याजी!चौथी मे हालत हमारी बयान की! धन्यवाद! दिव्याजी!Mohini Puranikhttps://www.blogger.com/profile/11971969513354282016noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-3010458752437271412011-04-05T13:17:11.392+05:302011-04-05T13:17:11.392+05:30दिव्या जी,
इहलोक में परलोक कहाँ से घुस आया ?
मगर...दिव्या जी,<br /><br />इहलोक में परलोक कहाँ से घुस आया ?<br /><br />मगर यह भी खूब रही !सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-90710948114852798072011-04-05T13:06:40.231+05:302011-04-05T13:06:40.231+05:30पुनश्च :
आपके दिनकर की "हुँकार " वाल...पुनश्च :<br /> आपके दिनकर की "हुँकार " वाले तेवर ही अच्छे लगते हैं , न कि परलोक की चर्चा !<br />खुश रहें !aarkayhttps://www.blogger.com/profile/04245016911166409040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-76099453042976702152011-04-05T13:01:58.596+05:302011-04-05T13:01:58.596+05:30आप तो अच्छी खासी कविता भी कर लेती है , दिव्या जी...आप तो अच्छी खासी कविता भी कर लेती है , दिव्या जी ! आपका यह कवयित्री रूप भी भा गया .aarkayhttps://www.blogger.com/profile/04245016911166409040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-44004450068221865542011-04-05T12:51:14.208+05:302011-04-05T12:51:14.208+05:30दिव्या हमारी ,है सब की तू प्यारी
अच्छा नही है डरा...दिव्या हमारी ,है सब की तू प्यारी <br />अच्छा नही है डराना उनको ,<br />जिनकी लागे तू सबसे ज्यादा दुलारी||<br /><br />आशीर्वाद!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-39933919419618219402011-04-05T12:39:15.168+05:302011-04-05T12:39:15.168+05:30मज़ेदार्।मज़ेदार्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-76380892987998137692011-04-05T11:47:06.003+05:302011-04-05T11:47:06.003+05:30everything is nice except the last para... :(
god ...everything is nice except the last para... :(<br />god bless you...Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.com