tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post4554871614740405343..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: चिरस्थायी प्रेमZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-23180540271686507862012-06-25T18:00:34.781+05:302012-06-25T18:00:34.781+05:30सुन्दर विचार....
टिप्पणियाँ भी बहुत बढ़िया लगीं.सुन्दर विचार.... <br />टिप्पणियाँ भी बहुत बढ़िया लगीं.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-71519069001435306142012-06-24T13:52:43.612+05:302012-06-24T13:52:43.612+05:30प्रेम समर्पण चाहता, आकर्षण अधिकार |
प्रेम मधुर झंक...प्रेम समर्पण चाहता, आकर्षण अधिकार |<br />प्रेम मधुर झंकार है,आकर्षण बस तार ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-8529431884453491972012-06-24T10:59:06.523+05:302012-06-24T10:59:06.523+05:30बहुत कठिन हो जाता है प्रेम को परिभाषित कर पाना .न ...बहुत कठिन हो जाता है प्रेम को परिभाषित कर पाना .न जाने कब वह बदल जाती है आसक्ति में ,और कब बदल जाती है श्रद्धा में ,प्रेम का स्वरुप भी आकारहीन <br />है . आपकी विवेचना मन को भा गई .बस आप यूँ ही लिखा करिए ..आनंद आनंद अति आनंद ......Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-51949400417540921432012-06-24T10:03:43.870+05:302012-06-24T10:03:43.870+05:30bahut badhiya........bahut badhiya........nayee duniahttps://www.blogger.com/profile/12166123843123960109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-38938452198599846652012-06-24T08:50:39.198+05:302012-06-24T08:50:39.198+05:30बहुत हीं उत्तम बात कही है आपने....जो प्रेम समझे उ...बहुत हीं उत्तम बात कही है आपने....जो प्रेम समझे उसका जीवन सफल है....स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/15401454238866410073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-83605613760442218142012-06-24T00:59:53.633+05:302012-06-24T00:59:53.633+05:30आज सड़कों पर, पार्कों में और यहाँ वहां जो दिख रहा ह...आज सड़कों पर, पार्कों में और यहाँ वहां जो दिख रहा है वह प्रेम नहीं प्रेम के नाम कलंक है...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-50868986818218652432012-06-23T18:39:58.651+05:302012-06-23T18:39:58.651+05:30वास्तविक और चिरस्थायी प्रेम में निरंतरता होती है, ...वास्तविक और चिरस्थायी प्रेम में निरंतरता होती है, आकर्षण घटता-बढ़ता है।<br /><br />छिनहिं चढ़ै छिन उतरै, सो तो प्रेम न होय,<br />अघट प्रेम पिंजर बसै, प्रेम कहावै सोय।<br />-कबीरमहेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-49262492157396378862012-06-23T14:54:05.625+05:302012-06-23T14:54:05.625+05:30क्या मैं बोलूं और क्या ना बोलूं कुछ समझ नहीं आ रहा...क्या मैं बोलूं और क्या ना बोलूं कुछ समझ नहीं आ रहा है<br /><br />मेरी जिंदगी में भी कुछ प्यार आये हैं जो अभी तक बने हुए हैं और आगे भी बने रहेंगे, ये प्यार हैं मेरे दादा-दादी का प्यार, माता-पिता, भाई-बहनों, दोस्तों और कुछ सच्चे लोग इस रस्ते पर मिले जिनसे सच्चे दिल से जुड़ मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता हूँ और ये लोग मुझे अपना छोटा भाई मानते हैं और मैं भी दिल से उन्हें आदर और प्यार देते हुए अपना भाई और बहन मानता हूँ| (इसके अलावा अभी दुसरे तरह का प्यार नहीं है मेरे साथ) पर ये प्यार जो अभी मेरे साथ हैं ये कैसे जीवनपर्यंत चलेगा? ये एक बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है| इसके लिए जो सच्चाई मैं आज दिखा रहा हूँ या मेरे पास है उनके लिए वो हमेसा बनी रहनी चाहिए| मुझे तैयार रहना चाहिए की अगर मैं कहीं गलत हूँ तो जो मेरे से बड़े हैं या छोटे भी हैं वो मुझे समझा सकें| पर अगर मेरा अहम् कहीं आड़े आएगा तो ये सारे रिश्ते जो किसी भी इन्सान के जीवन की कमाई होते हैं एक ही झटके में रेत के सामान हाथ से फिसल जायेंगे और बचेगा कुछ भी नहीं| इन सभी रिश्तों के लिए एक एहसास, एक लगाव, एक जुडाव, एक झुकाव, एक मान्य स्थान और सबसे अहम् बात एक आदर होना चाहिए|<br /><br />ऐसा मेरा मानना है कृपया इसे अन्यथा ना लीजियेगाvineet kumar singhhttps://www.blogger.com/profile/05355169460122227483noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-81635666125992248502012-06-23T13:10:16.788+05:302012-06-23T13:10:16.788+05:30प्रेमी के प्रति पूर्ण समर्पण ही तो वास्तविकता मे प...प्रेमी के प्रति पूर्ण समर्पण ही तो वास्तविकता मे प्रेम होता है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-14694760057336455582012-06-23T11:51:18.321+05:302012-06-23T11:51:18.321+05:30न किसी ने किया , न किसी को किया | इसलिए पूर्णतः अन...न किसी ने किया , न किसी को किया | इसलिए पूर्णतः अनभिज्ञ हूँ |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-7955735458141922942012-06-23T11:40:50.411+05:302012-06-23T11:40:50.411+05:30प्रेम समर्पण है,
भावों का अर्पण है
प्रेम कोई अभिला...प्रेम समर्पण है,<br />भावों का अर्पण है<br />प्रेम कोई अभिलाषा नहीं ,<br />सिर्फ न्योछावर है ।........Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-92194172768674000362012-06-23T08:29:00.272+05:302012-06-23T08:29:00.272+05:30**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**...**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**<br />~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~<br />*****************************************************************<br /><b><i> उम्दा लेखन, बेहतरीन अभिव्यक्ति<br /><br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.in/2012/06/blog-post_22.html" rel="nofollow"><br /> हिडिम्बा टेकरी<br /></a> चलिए मेरे साथ </i></b><br /><br /><br /><b><i> ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥<br /><a href="http://blog4varta.blogspot.in/2012/06/4_23.html" rel="nofollow"><br />♥ पहली बारिश में गंजो के लिए खुशखबरी" ♥</a></i></b><br /><br />♥सप्ताहांत की शुभकामनाएं♥ <br /><br /> ब्लॉ.ललित शर्मा <br />***********************************************<br />~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^<br />**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-10455628815341761022012-06-23T08:11:34.884+05:302012-06-23T08:11:34.884+05:30sahi bat hai ..prem ko samjhna bahut kathin hai lo...sahi bat hai ..prem ko samjhna bahut kathin hai log aakarshan ko prem ka naam de dete hain...Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-59109032110733370262012-06-22T22:50:36.115+05:302012-06-22T22:50:36.115+05:30चिर स्थायी प्रेम जितना कठिन होता है, उतना ही आनन्द...चिर स्थायी प्रेम जितना कठिन होता है, उतना ही आनन्दमयी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-55121252235603387852012-06-22T22:47:31.449+05:302012-06-22T22:47:31.449+05:30puri tarah se sahmat hoonpuri tarah se sahmat hoonमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-70821437020330781202012-06-22T22:42:55.219+05:302012-06-22T22:42:55.219+05:30जो चिरस्थाई है वही प्रेम है.........
जो घटता बढ़ता...जो चिरस्थाई है वही प्रेम है.........<br />जो घटता बढ़ता या गुम होता जाए वो भ्रम है....ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-70996224158277082152012-06-22T20:40:33.616+05:302012-06-22T20:40:33.616+05:30प्रेम , पूरी तरह से समर्पण है , जिसमें प्रेम करने ...प्रेम , पूरी तरह से समर्पण है , जिसमें प्रेम करने वाला व्यक्ति स्वयं को भुलाकर उसकी खुशियों के लिए ही जीता है। <br />AAPSE PURI TARAH SE SAHMAT HUN.Arshad Alihttps://www.blogger.com/profile/00741578153298460528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-44144379331737249762012-06-22T20:26:14.097+05:302012-06-22T20:26:14.097+05:30मानव-स्वभाव बड़ा विचित्र है - जिसे समझना मुश्किल !...मानव-स्वभाव बड़ा विचित्र है - जिसे समझना मुश्किल !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-91780632348857522222012-06-22T20:22:31.676+05:302012-06-22T20:22:31.676+05:30बहुत सच्ची और बहुत अच्छी बात कही है प्रेम सभी करते...बहुत सच्ची और बहुत अच्छी बात कही है प्रेम सभी करते हैं प्रेम के रूप अलग हैं अक्सर आकर्षण को लोग प्रेम की संज्ञा दे डालते हैं जो चार दिन में धूमिल हो जाता है असली प्रेम समर्पण और त्याग में है डिमांड में नहीं अपेक्षा में नहींRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.com