tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post5720505956447297643..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: असमर्थ बेटी -- कहानी !ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger58125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-33016906341995050132015-07-27T00:57:35.238+05:302015-07-27T00:57:35.238+05:30WOW just what I was searching for. Came here by se...WOW just what I was searching for. Came here by searching for general<br /><br />Feel free to visit my website - <a href="http://serviceandevents.com/?option=com_k2&view=itemlist&task=user&id=198628" rel="nofollow">DarrenHJeangilles</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-89478244700567626182015-07-13T19:40:01.250+05:302015-07-13T19:40:01.250+05:30Attractive component of content. I just stumbled u...Attractive component of content. I just stumbled upon your <br />weblog and in accession capital to claim that I get actually loved account your blog <br />posts. Anyway I will be subscribing on your augment or even I <br />fulfillment you get admission to consistently rapidly.<br /><br /><br />Here is my blog post: <a href="http://www.voreb.com/index.php/component/k2/itemlist/user/55805" rel="nofollow">HisakoGGrahan</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-84725591933393277852011-07-29T19:08:38.905+05:302011-07-29T19:08:38.905+05:30आपकी प्रस्तुति मार्मिक और हृदयस्पर्शी है.
जीवन में...आपकी प्रस्तुति मार्मिक और हृदयस्पर्शी है.<br />जीवन में लाचारी एक अभिशाप सी ही लगती है.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-84896500934031798602011-07-29T12:40:23.145+05:302011-07-29T12:40:23.145+05:30मन को झकझोरने में समर्थ है आपकी मार्मिक कहानी ...
...मन को झकझोरने में समर्थ है आपकी मार्मिक कहानी ...<br />चंचल की मनोदशा .......हृदयस्पर्शीसुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-19634833975415269132011-07-28T22:24:08.393+05:302011-07-28T22:24:08.393+05:30अत्यंत मार्मिक...वैसे अगर हम पैसा भी पूल कर सकें.....अत्यंत मार्मिक...वैसे अगर हम पैसा भी पूल कर सकें...तो साझा कोष बन जाता है...तन से की जाने वाली सेवा...किसी भी मायने में धन से कम नहीं हैं...जिसके पास धन है...उसे समयाभाव भी तो है...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-10837043692399182952011-07-28T20:33:21.926+05:302011-07-28T20:33:21.926+05:30दिव्या जी , सुन्दर शिक्षाप्रद प्रस्तुति , भुक्तभोग...दिव्या जी , सुन्दर शिक्षाप्रद प्रस्तुति , भुक्तभोगी हम दो बुजुर्गों का दिल छू गयी ! धन्यवाद , आभार !<br /><br />कथा में आपके सभी किरदारों ने जितनी समझदारी से संयुक्त परिवार के आपसी सहयोग की कोशिशें प्रदर्शित कीं हैं सराहनीय हैं ! अनुकरणीय भी है !<br /><br />एक प्रार्थना है हम दोनों की आपसे , प्लीज़ आप चंचल बिटिया को समझाइये ,उसे दुखी न छोडिये ,उसने अपना कर्तव्य निभाया , उसे प्रसन्न होना चाहिए !लेकिन उसके पिता को भी तो अपना कर्त्तव्य निभाना था! ज़रा सोचिये वह अपनी कमजोर बेटी को कैसे दुखी छोड़ देता उसके सुसराल वालों के ताने सुनने के लिए ?<br />भोला-कृष्णा ( ५ बच्चों और १२ नाती पोतों वाले भाग्यशाली पापा अम्मा ,दादा दादी ,नाना नानी )Bhola-Krishnahttps://www.blogger.com/profile/02397604308408596994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-48177527248279642902011-07-28T07:58:03.473+05:302011-07-28T07:58:03.473+05:30, सबसे पहले उसी असमथ बेट का पैसा चुका दया गया ! चं..., सबसे पहले उसी असमथ बेट का पैसा चुका दया गया ! चंचल को उस छोटे से योगदान से जो मुठ भर संतोष िमला था , वो भी जाता रहा .<br /><br />In panktiyo ne aankho ki kore nam kar di.maarmik prastuti.अशोक कुमार शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00322447925425282794noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-27283962573838411232011-07-28T07:11:12.829+05:302011-07-28T07:11:12.829+05:30वर्तमान में उत्तराखंड के कूर्मांचल क्षेत्र में - ह...वर्तमान में उत्तराखंड के कूर्मांचल क्षेत्र में - हिन्दू मान्यतानुसार कलिकावतार का सफ़ेद घोड़े में आने के संकेत - गोलू देवता को सदियों से पूजा जा रहा है और स्थानीय लोगों द्वारा उनको एक सफ़ेद घोड़े में बैठा दिखाया जाता आ रहा है... इस क्षेत्र में उनके तीन मंदिर हैं (मैंने दो देखे हैं), जिनकी विशेषता है उन मंदिर के प्रांगण में अनगिनत घंटियों को बांधने की प्रथा - किसी समय के एक न्यायप्रिय गोलू राजा, अब गोलू देवता द्वारा उनकी मनोकामना पूरी करने हेतु प्रार्थना, विशेषकर यदि उनके साथ कोई अन्याय हो रहा हो, उसका सही फैसला... <br /><br />हिन्दू मंदिरों में, और घरों में भी, (और स्कूलों में भी छुट्टी के समय सर्वाधिक कर्णप्रिय!) घंटी बजाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है... इसका रहस्योद्घाटन तब हुआ जब मैंने पढ़ा कि आधुनिक पश्चिमी देशों के वैज्ञानिकों ने भी अस्सी के दशक में पहली बार शनि से प्रसारित ध्वनि को रिकॉर्ड कर पाया कि वो तीन ध्वनि का मिश्रण है जिस में से एक घंटी की आवाज़ भी है! और शनि गृह एक रिंग प्लैनेट है (हिन्दुओं के सुदर्शन-चक्र धारी और लक्ष्मीपति विष्णु का प्रतिरूप?), और हिन्दू इसे पश्चिम दिशा का स्वामी भी मानते हैं,,, आदि आदि... वहाँ स्त्रियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने हेतु अर्जी लगाई जा सकती है...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-70402050582814314342011-07-27T21:25:41.766+05:302011-07-27T21:25:41.766+05:30स्त्री को अर्थिक रूप से सक्षम होना ही होगा...इस क...स्त्री को अर्थिक रूप से सक्षम होना ही होगा...इस कथा का सारांश और दंश यही है।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-56726424936756902322011-07-27T21:22:18.069+05:302011-07-27T21:22:18.069+05:30बहुत ही मार्मिक प्रस्तुति..मन को छू गई....बहुत ही मार्मिक प्रस्तुति..मन को छू गई....Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-48801529076177848892011-07-27T17:27:45.597+05:302011-07-27T17:27:45.597+05:30मृत्यु के छः महीने बाद जब वृद्ध पिता ने कुछ पैसों ...मृत्यु के छः महीने बाद जब वृद्ध पिता ने कुछ पैसों का इन्तेजाम किया तो लाख मना करने के बावजूद , सबसे पहले उसी असमर्थ बेटी का पैसा चुका दिया गया ! चंचल को उस छोटे से योगदान से जो मुट्ठी भर संतोष मिला था , वो भी जाता रहा ...<br />..bure samay mein ladkiyan hi sabse kareeb rahkar din-raat sewa karti hain..lekin bada dukh hota hai jab unke dard ko aaj bhi kayee maukon par nazarandaaz kar unhen thes pahchanne mein koi kasar chhuti nazar nahi aati hai..<br />bahut hi maarmsparshi kahani ke liye aabhar!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-48127028631886151902011-07-27T17:19:00.043+05:302011-07-27T17:19:00.043+05:30very emotional postvery emotional postAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-50967857604137123432011-07-27T17:08:22.520+05:302011-07-27T17:08:22.520+05:30very very nice post.very very nice post.Sawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-26830567585080015712011-07-27T16:53:42.301+05:302011-07-27T16:53:42.301+05:30सच है लडकियां कुछ न होने पर भी साथ देती हैं .. मा...सच है लडकियां कुछ न होने पर भी साथ देती हैं .. मानसिक स्तर पर वो बहुत मजबूत होती हैं ... मार्मिक कहानी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-1183383768722895282011-07-27T15:48:32.986+05:302011-07-27T15:48:32.986+05:30मार्मिक कहानी
आंखे नम हो गईं।मार्मिक कहानी<br />आंखे नम हो गईं।महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-62049467780483421672011-07-27T15:31:41.370+05:302011-07-27T15:31:41.370+05:30Behad marmik..shbd nhi hen !Behad marmik..shbd nhi hen !दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-56942241498337344462011-07-27T15:24:13.146+05:302011-07-27T15:24:13.146+05:30aaaaaaaaaah what do i say ,this is how the kids of...aaaaaaaaaah what do i say ,this is how the kids of today should be .. <br /><br />loved the story mam.. heart touching <br /><br /><a href="http://mannbikram.wordpress.com" rel="nofollow">Bikram's</a>Bikramhttps://www.blogger.com/profile/17320753339263375295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-43856089124661648782011-07-27T15:11:49.162+05:302011-07-27T15:11:49.162+05:30zeal ji........आज पहली बार आपको पढने का मौका मिला
...zeal ji........आज पहली बार आपको पढने का मौका मिला<br />निशब्द कर दिया आपकी इस कहानी ने ...<br />बेटी आज भी परायी है....ये एहसास तो है<br />बेटी के मन में इतना दर्द है ....आपकी लेखनी से<br />उभर कर सामने आया....<br />बेहद मार्मिक रचना आपकी ...............आभारAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-79948368211825898812011-07-27T13:48:28.622+05:302011-07-27T13:48:28.622+05:30पुनश्च………
यदि भावनाओं के सम्प्रेषण की आवश्यकता रह...पुनश्च………<br /><br />यदि भावनाओं के सम्प्रेषण की आवश्यकता रहे तो कविता!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-23051962591604299072011-07-27T13:46:27.729+05:302011-07-27T13:46:27.729+05:30अद्भुत विचार स्थापन शैली!!
लेख के माध्यम से एक विच...अद्भुत विचार स्थापन शैली!!<br />लेख के माध्यम से एक विचार की प्रस्तुति<br />उसपर विमर्श और विचार-मंथन का आमन्त्रण।<br />अन्ततः कहानी के माध्यम से स्पष्ठिकरण, और विचार स्थापन!!<br /><br />सार्थक शैली!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-22325922645458248102011-07-27T13:27:35.114+05:302011-07-27T13:27:35.114+05:30चंचल को इस प्रकार भावुक या विचलित होने की कोई आवश...चंचल को इस प्रकार भावुक या विचलित होने की कोई आवश्यकता नहीं है. माता पिता के लिए तो यही बहुत है कि आर्थिक रूप से सक्षम दो बेटियों ने तो उनकी भरपूर सहायता की ! जब कि आज कल आर्थिक रूप से संपन्न संतान भी माँ-बाप के लिए कुछ नहीं करती !aarkayhttps://www.blogger.com/profile/04245016911166409040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-44274420168137708732011-07-27T11:37:01.188+05:302011-07-27T11:37:01.188+05:30मन द्रवित हुआ .मन द्रवित हुआ .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-77384013102663583552011-07-27T10:14:03.910+05:302011-07-27T10:14:03.910+05:30कृपया रचिता के स्थान पर 'रचयिता' पढ़ें.कृपया रचिता के स्थान पर 'रचयिता' पढ़ें.JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-82364774911223995092011-07-27T10:09:34.641+05:302011-07-27T10:09:34.641+05:30पुनश्च -
मानव मस्तिष्क एक सुपर कम्प्यूटर है यह तो ...पुनश्च -<br />मानव मस्तिष्क एक सुपर कम्प्यूटर है यह तो आज सभी 'पढ़े लिखे' को पता होना चाहिए, विशेषकर सभी ब्लॉगर्स को जो दिन भर मानव द्वारा रचित उसके एक साधारण कमप्यूटर रुपी प्रतिरूप के की-बोर्ड पर टिपियाते रहते हैं - अपने विचारों और तस्वीरों आदि को मशीन द्वारा शब्दों में परिवर्तित कर दूसरों तक लगभग पलक झपकते ही पहुंचाने हेतु, संसार में कहीं भी... किन्तु गिगो द्वारा यह भी चेताया जाता है कि 'कूड़ा डालोगे तो कूड़ा ही निकलेगा' (गार्बेज इन गाबेज आउट)... <br /><br />अधिकतर को किन्तु शायद पता न होगा कि विशाल संचार तंत्र के अतिरिक्त पीसी/ लैपटॉप आदि के क्लिष्ट हार्डवेयर के भी अतिरिक्त यह कमाल संभव हो पाया है प्रोग्रामर्स द्वारा यूज़र फ्रैंडली सॉफ्टवेयर के द्वारा इस मशीन को घर घर पहुंचा एक आम आदमी द्वारा भी उपयोग में लाये जाने के लिए... <br /><br />इससे शायद अनुमान लगाया जा सके कि पशु जगत में केवल मानव को ही यह सुपर कंप्यूटर प्रदान कर इसके रचिता कि 'हम' से कुछ न कुछ अपेक्षा तो रही होगी ही?JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-68635034541150340522011-07-27T09:23:46.390+05:302011-07-27T09:23:46.390+05:30इस सम्पूर्ण घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए चंचल को...इस सम्पूर्ण घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए चंचल को अपना भविष्य प्लान करना होगा .<br />आभार ! उपरोक्त पोस्ट हेतु .<br />पी.एस.भाकुनीपी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.com