tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post5950088155215134439..comments2024-03-18T11:14:46.125+05:30Comments on ZEAL: कटु लहजा..ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-19367958618698144642012-02-20T15:37:52.203+05:302012-02-20T15:37:52.203+05:30अपनी बात को जनमानस तक पहुँचाने के लिए...हर व्यक्ति...अपनी बात को जनमानस तक पहुँचाने के लिए...हर व्यक्ति की अलग शैली होती है...और दूसरों को उसका सम्मान करना चाहिए...आप अपनी बात बहुत ही साफगोई से रखतीं हैं...जो संभव है हर किसी को पसंद ना आये...लेकिन आप भी तो सिर्फ आप हैं...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-44230560794694224632012-02-19T18:13:22.764+05:302012-02-19T18:13:22.764+05:30एकदम सही सोचती हैं आप...
हार्दिक बधाई..एकदम सही सोचती हैं आप...<br />हार्दिक बधाई..S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-74395425714075434502012-02-19T13:29:25.845+05:302012-02-19T13:29:25.845+05:30आज देश की राजनीति ऐसी सड गल चुकी है कि आम आदमी की ...आज देश की राजनीति ऐसी सड गल चुकी है कि आम आदमी की भाषा और तेवर तेज़ाब सरीखी बन जाए तो यही उचित है । तेवर बनाए रखिए , कल देश को इसी की जरूरत सबसे ज्यादा पडने वाली है दिव्या जी ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-59329105397727241662012-02-18T22:28:09.232+05:302012-02-18T22:28:09.232+05:30हम जैसे बने है हमें वैसा परिस्थिति ने बनाया है
न त...हम जैसे बने है हमें वैसा परिस्थिति ने बनाया है<br />न तो इसमें हमारा कुछ जस है और न ही कोई दोष।<br />आपने सच्ची बात लिखी है। मैं तो इसे आपकी विशेषता समझता हूँ।dinesh aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/18216221541613478194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-59093210308512266932012-02-18T22:11:10.043+05:302012-02-18T22:11:10.043+05:30काश! कि गुलाबी इन्किलाब आ जाए॥काश! कि गुलाबी इन्किलाब आ जाए॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-42442439305988080502012-02-18T21:02:03.635+05:302012-02-18T21:02:03.635+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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कल शाम से नेट की समस्या ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति!<br />--<br />कल शाम से नेट की समस्या से जूझ रहा था। इसलिए कहीं कमेंट करने भी नहीं जा सका। अब नेट चला है तो आपके ब्लॉग पर पहुँचा हूँ!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी की गई है!<br />सूचनार्थ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-9739222274197126252012-02-18T19:45:57.508+05:302012-02-18T19:45:57.508+05:30प्रभावशाली प्रस्तुती....प्रभावशाली प्रस्तुती....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-62667099809838255642012-02-18T19:05:28.436+05:302012-02-18T19:05:28.436+05:30aapke udgaaron ko salaam.aapke udgaaron ko salaam.Prabodh Kumar Govilhttps://www.blogger.com/profile/12839366183996594801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-90474247502158076472012-02-18T18:48:07.561+05:302012-02-18T18:48:07.561+05:30दिवस जी से सहमत... और आपसे निवेदन - अपना तेवर और ल...दिवस जी से सहमत... और आपसे निवेदन - अपना तेवर और लहजा यूँ ही कड़क बनाये रखना... विचारों में आग जरुरी है..लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-79904888896293763402012-02-18T17:51:38.499+05:302012-02-18T17:51:38.499+05:30बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-38969686050384601272012-02-18T14:50:06.710+05:302012-02-18T14:50:06.710+05:30भाषा भाव के अनुकूल होती है- मन में जैसा कुछ उमड़ता...भाषा भाव के अनुकूल होती है- मन में जैसा कुछ उमड़ता है अनायास व्यक्त हो जाता है.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-49793588377685619032012-02-18T13:44:01.686+05:302012-02-18T13:44:01.686+05:30केवल दिव्या जी की भाषा ही इन परिस्थितियों से प्रभा...केवल दिव्या जी की भाषा ही इन परिस्थितियों से प्रभावित नहीं हुई है. परिवर्तन वास्तव में यह हो चुका है कि पहले जिन बातों पर जनता को गुस्सा आता था अब उन्हें सुन कर जनता में घृणा का तीव्र भाव पैदा होता है. देखते हैं आगे चल कर जनता कैसे व्यवहार करती है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-89842371318110715222012-02-18T12:55:58.433+05:302012-02-18T12:55:58.433+05:30मैं आपकी बातों से सहमत हूँ |
---------------------...मैं आपकी बातों से सहमत हूँ |<br />------------------------<br />और एक महिला क्रन्तिकारी को आकाश कुमार का सैलूट - जय हिंद |<br />------------------------<br />मैं भी दर्खावस्त करता हूँ की अब "याचना नहीं अब रन होगा ! जीवन जय या की मरण होगा !"<br />------------------------<br />सार्थक पोस्ट धन्यवाद |आकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17420922344485600342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-57912501213984496482012-02-18T12:03:48.807+05:302012-02-18T12:03:48.807+05:30हमारे सामने जैसी परिस्थितियां आती हैं वैसी हमारी ...हमारे सामने जैसी परिस्थितियां आती हैं वैसी हमारी प्रतिक्रियाएं अभिव्यक्त होती रहती हैं। संवेदनशील लोगों के साथ ऐसा होना स्वाभाविक है।<br />देश के तथाकथित राजनेताओं की विवेकहीन बातें और भ्रष्ट आचरण हर संवेदनशील मन को आक्रोशित कर रहा है।<br />आपने सही कहा कि हम उन्हें सुधार भले न सकें लेकिन उनकी करतूतों का आईना उन्हें दिखा ही सकते हैं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-30252852667729680782012-02-18T11:16:36.583+05:302012-02-18T11:16:36.583+05:30इसी भाषा की दरकार है आज। हम पर तलवार चलाने वालों क...इसी भाषा की दरकार है आज। हम पर तलवार चलाने वालों को हम गांधी जी की तरह फूल देकर गेट वेल सून नहीं कह सकते। फूल की जगह फूल काम आता है किन्तु युद्ध तलवारों से ही होता है। आप भी युद्ध ही लड़ रही हैं। वाकयुद्ध में कटु होना पड़ता है।<br />हम उनमे से नहीं कि कोई हमारे परिजनों का रक्त बहाए, कोई हमारे धन संपदा लुटे, कोई हमारे स्त्रियों पर कुदृष्टि डाले, कोई हमसे घात करे, कोई हमारे पूज्यों का अपमान करे, हमारे धर्म अथवा धर्मग्रंथों का अपमान करे और हम ही ही ही हे हे हे करते हुए चापलूसी करते रहें।<br />हमारा सुख-चैन छीनने वाला कभी सुकून से जिन्दा नहीं रह पाएगा।<br />आपकी भाषा बहुत सही व सटीक है। कृपया इसे बरकरार रखें। क्योंकि छुरी टमाटर पर गिरे अथवा टमाटर छुरी पर पर काटना टमाटर को ही पड़ता है। अत: हमे टमाटर न बन स्वयं को छुरी बनाना ही पड़ेगा।दिवसhttps://www.blogger.com/profile/07981168953019617780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-48559259837601201392012-02-18T10:09:39.877+05:302012-02-18T10:09:39.877+05:30इन बेशर्म चिकने घड़ों पे उसका भी कोई फर्क नहीं पड़...इन बेशर्म चिकने घड़ों पे उसका भी कोई फर्क नहीं पड़ता!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-38903865611723465232012-02-18T09:56:41.284+05:302012-02-18T09:56:41.284+05:30जैसा घटित होगा वही तो सामने आएगा..जैसा घटित होगा वही तो सामने आएगा..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-46401670001797552932012-02-18T09:22:16.907+05:302012-02-18T09:22:16.907+05:30जय हिंद!जय हिंद!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2911361780403920194.post-2014689394254790112012-02-18T08:25:39.810+05:302012-02-18T08:25:39.810+05:30.
Anand Kumar Singhal ---divya, you seem to be to....<br /><br />Anand Kumar Singhal ---divya, you seem to be too harsh, but soft approach is also useless for these politicians, jo yeh samajhte hai, ki desh sirf unki jayedad hai. janta ke saamne ek mahine ke liye haath jor kar, ghoom2 kar meetings kar lo aur phir usee janta ka 4 saal 11 maheeney kat SHOSHAN karo.......................<br />3 hours ago · Like<br /><br />-------<br /><br />Anand Kumar Singhal ,,,,,,,,,,,, any way i have been following ur comments on fb. these are bold and true. Keep it up. country needs persons like you.<br />3 hours ago · Like<br /><br />-----<br /><br />आनद जी की उपरोक्त टिप्पणियों के उत्तर में ..<br /><br />---ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com