Thursday, May 19, 2011

देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री - एक हिंदी ब्लॉगर.

कभी सोचा है आपने की 'हिंदी' भाषा किसी को प्रधानमन्त्री भी बना सकती है ? नहीं सुना न ? तो अब जान लीजिये कैसे मैं प्रधानमन्त्री बनी अपनी राष्ट्र भाषा हिंदी के कारण

एक दिन फोन की घंटी बज रही , हम ब्लौग लिख रहे थे , खैर भागकर फोन उठाया तो पता चला प्रधानमन्त्री मोहना का फोन था। बोले- "दिव्या busy हो क्या , कुछ ज़रूरी मुद्दों पर तुम्हारी राय लेनी थी ?" मैंने कहा - "नहीं, busy नहीं हूँ , आपके किसी काम सकूँ , ये तो सौभाग्य है , कहिये , क्या समस्या है ? "

मोहना - "आजकल ओबामा का बहुत नाम हो रहा है , कुछ बताओ की मैं क्या करूँ ताकि मेरी भी कुछ नाम हो विश्व स्तर पर "

दिव्या - " Sir, listen to your heart "

मोहना- कैसे सुनूँ अपनी , तुम तो जानती हो सोनिया जी की बात भी रखनी पड़ती है।

दिव्या- Sir , एक काम कीजिये, आप सोनिया जी को प्रधानमन्त्री बना दीजिये फिर बन्दूक उनके कंधे पर रखकर....

मोहना - वाह ! ग्रेट आईडिया !

तभी राहुल बाबा गए , बोले -

राहुल - आपकी बातें सुनीं , आप तो जबरदस्त रणनीतिज्ञ हो । "Will you marry me ?"

दिव्या - Sorry Sir , I am already taken । Beauty with brains की डिमांड ज्यादा रहती है और वे शीघ्र ही विवाह करके settle हो जाती हैं

राहुल- इतना घमंडी हो तुम !

दिव्या- अब इसमें घमंड की क्या बात है , जो सच है वो कह दिया आप क्या उम्मीद कर रहे थे की मैं कहूँगी - "कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली ".........ना भाई न , इतना underestimate नहीं कर सकती स्वयं को वैसे आप उदास हों , आपके लिए कोई कोई सरल , सुशीला ढूंढ ही दूँगी।

राहुल बाबा कुछ आश्वस्त दिखे , चिंतामग्न होकर बोले - "दिव्या कोई रास्ता बताओ , माया बहन को सबक सिखाने का ---मैं अपनी राजनीति की शुरुवात उत्तर प्रदेश से ही करना चाहता हूँ"

दिव्या- आप तो बिलकुल सही दिशा में चल रहे हैं बस लगे रहिये। अभी UP police ने जो नर संहार किया है , उसके भंडाफोड़ में आपके बयान अनमोल हैं आपने गरीबों और प्रधानमन्त्री के मध्य वार्तालाप कराकर एक सेतु का काम किया है। आप बधाई के पात्र हैं लगे रहिये !! बस बचे रहिएगा कुछ कांग्रसी मानसिकता के संक्रमण से। वैसे हर प्रकार की आपदा से एक पुरुष को उसकी पत्नी ही बचाती है , इसलिए विवाह कर लीजिये समय रहते।

बहू की बात सुनते ही सोनिया जी भी गयीं। बेटे के हाथ से फोन छीन लिया ,बोलीं- " दिव्या आज बहुत बात करने का मन है तुमसे , कभी चैन के दो पल भी नहीं मिले मुझे ...कुछ बताओ मन को सुकून कैसे मिले "

दिव्या- देखिये सोनिया जी , मन को सुकून सिर्फ देश भक्ति करने से ही मिलता है और वो आपने किया नहीं कभी।

सोनिया - क्या बात करती हो तुम ! मैं तो इतने वर्षों से भारतीय राजनीति में हूँ, महिलाओं के ३३ % आरक्षण के भी हक में हूँ मोहना को अपनी कीमती राय भी समय समय पर देती रहती हूँ , और तुम कह रही हो....

दिव्या- आपने राजनीति की है , देशभक्ति नहीं होश संभालते ही तो आप विदेशी धरती पर गयीं अपने देश की मिटटी की सोंधी खुशबू क्या होती है , ये तो आपने जाना ही नहीं आपका बचपन, सखियाँ सहेलियां ....क्या आपको याद नहीं आती इन सबकी ?...

सोनिया जी नोस्टालजिक हो गयीं , उनकी आखों के कोरों से दो अश्रु की बूँदें टपक पड़ीं॥

थोडा संयत होकर बोलीं - अब क्या करूँ , इधर मोहना ने मुझे प्रधानमन्त्री बना दिया है तुम्हारे कहने पर , अब इतना बड़ा दायित्व छोड़कर जाऊं कैसे ?

दिव्या- चिंता कीजिये , प्रधानमंत्री पद के लिए 'मोदी' से बेहतर कोई ना मिलेगा। फ़ौरन उन्हें सौंप दीजिये देश अच्छा चलायेंगे वे।

सोनिया- नहीं मोदी नहीं , मेरे वोटर नाराज़ हो जायेंगे। और फिर उनके खिलाफ भी सीडी वगैरह तैयार रखी होगी। इसलिए उनके प्रधानमंत्री बनते ही , वे जांचों के घेरे में जायेंगे। एक काम करो , तुम ही प्रधानमंत्री बन जाओ तुम्हें कोई जानता भी नहीं है , इसलिए तुमसे कोई ईर्ष्या द्वेष भी नहीं रखेगा। और फिर तुम तो हिंदी ब्लॉगर हो , इसलिए 'हिंदी' द्वारा दो अरब जनता को एक सूत्र में बाँध भी सकोगी। अब मैं कुछ दिनों के लिए इटली जाती हूँ। वहीँ खाऊँगी 'इटालियन पिज्जा '

क्या करती , सोनिया जी की बात नहीं टाल सकी और मैंने अंततोगत्वा शपथ ले ली प्रधानमन्त्री पद की

प्रधानमन्त्री दिव्या -

अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे इतने सारे मुद्दे और एक अकेली जान खैर , जो भी हो मैदान छोड़ का भाग तो नहीं सकती थी न।

शपथ लिए अभी दो दिन ही हुए थे की विरोधी अपना सर उठाने लगे। दिग्गी जी बोले - " दिव्या अपनी चल-अचल संपत्ति का उल्लेख करें " ....खैर मेरी निजी संपत्ति के नाम एक पुराना लैपटॉप मिला जो अक्सर हैंग हो जाता है।

अभी दिग्गी जी से निजात मिली ही थी की , डॉ अमर, आमरण अनशन पर बैठ गए- काला धन वापस लाओ नहीं तो दिव्या इस्तीफ़ा दें।

क्या करती ...ये हीरो बनें , इससे तो बेहतर था की मैं ही काला धन वापस मंगाकर लोगों के दिलों में राज करती। खैर हिम्मत करके काला धन बटोरने वालों की सूची जारी कर दी। लोग इतने प्रसन्न हुए की उन्होंने मेरा नाम उस सूची में होने के बावजूद मुझे ह्रदय से लगा लिया।

फिर क्या था , मुझमें भी जोश और हिम्मत , zeal ,वापस गयी --
  • सबसे पहले कसाब को पाकिस्तान भिजवाया
  • फिर घोटालेबाजों की संपत्ति को नीलाम करके उन्हें जेल भिजवाया
  • भारत और चढ़ाई करने वाले मुल्कों के मध्य चीन की दीवार से भी लम्बी दीवार के लिए निर्माण शुरू करवा दिया।
  • प्रत्येक जिले में आधुनिक चिक्तिसा सुविधाओं से युक्त अस्पताल और भव्य स्कूल का निर्माण शुरू ...
  • सभी बेरोजगार को रोजगार मिला man power कम पड़ने की स्थिति में अमेरिका से सस्ते लेबर को मंगवाया गया
  • देश से निकलने वाले टनों इलेक्ट्रोनिक कचरे को अमेरिका भेजा जाएगा recycle होने के लिए।
  • किसानों को खाद , बीज और कृषि सबंधी सभी सुविधाएं मुफ्त मुहैय्या। सूखे अथवा किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की स्थिति में , किसानों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
  • महिलाओं को harass करने वालों को पांच साल की बामशक्कत कैद।
  • पत्नी पर घरेलु हिंसा करने वाले पतियों को नौकरी से छुट्टी दिलाकर घर में बर्तन और झाड़ू-पोंछा करवाया जाएगा और पत्नी को नौकरी दी जायेगी।
  • लिस्ट जारी है ....

दिव्या के भ्रष्टाचार विरोधी मंत्री मंडल के सदस्य -

निर्मला कपिला जी ,
शोभना चौरे जी ,
अजित गुप्ता जी ,
राजेश कुमारी जी ,
एवं किरण बेदी जी

अब ज्यादा शोर मचाने की ज़रुरत नहीं की पुरुषों को मंत्री मंडल में क्यूँ नहीं शामिल किया गया। अरे भाई विरोधी दल जितना तगड़ा होगा , सरकार चलाने में उतने ही tough challenges आयेंगे। तभी हम अपना बेस्ट दे सकेंगे और कोशिश करेंगे की हमारा देश हर क्षेत्र में अग्रणी रहे इसलिए पुरुषों को अपने सशक्त विरोधी दल में रखा है। उम्मीद है opposition वाले सहयोग करेंगे।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा

जय हिंद !

.

92 comments:

  1. ख्वाब हो तो ऐसा……………

    ReplyDelete
  2. हमें कोई छोटा मोटा काम मिल जाये दिव्याजी तो बहुत खुशी हुई | वैसे आपने तो सारे प्रश्न चुटकी में सुलझा दिये, अब बचा हि क्या है| और हां एक हिंदी ब्लॉगर और महिला ब्लॉगर के PM बनने से हमारी भी इज्जत बड गयी, अब जरा रोब झाड सकेंगे, दिव्याजी हमारी दोस्त है! पता नही आपको? :) :).

    ReplyDelete
  3. ..वाह! मजा आ गया!...क्या बढिया व्यंग्य है!....जय हो नए प्रधानमंत्री जी!..अब देश के वारे न्यारे हो ही गए समझो!

    ReplyDelete
  4. वाह ! दिव्या जी वाह !
    आपका नहीं है कोई भी जबाब
    देखतीं ही रहें यूँ सुन्दर से ख्बाब
    दुश्मनों के लिया आप बनें आफ़ताब
    लिखी जायेंगीं आप पर अनेको किताब

    प्रधानमंत्री बनने के लिए हार्दिक शुभ कामनाएँ.
    वाकई दिल खुश कर दिया आपने.
    बहुत बहुत आभार.

    ReplyDelete
  5. पुरुषों को आरक्षण ज़रूर मिलना चाहिए... आप इसे भी अपनी लिस्ट में शामिल करें.

    बहुत खुब लिखा.

    ReplyDelete
  6. कितना हसीं है ये एक सपना...:)

    ReplyDelete
  7. बहुत खुब दिव्याजी तो बहुत खुशी हुई

    ReplyDelete
  8. प्रधानमंत्री बनने के लिए हार्दिक शुभ कामनाएँ. अपनी भ्रष्टाचार विरोधी मंत्री मंडल के सदस्यों को जोरशोर से काम पर लगा दीजिए. अगले इलेक्शन की तैयारी भी करनी होगी. चलिए आप को तो काम बहुत है. मैं ज्यादा समय बर्बाद नहीं करती, लेकिन हम गरीब ब्लोगरों का ख्याल रखियेगा.

    एक बार फिर से बधाई.

    ReplyDelete
  9. विरोध पक्ष-

    लेपटॉप जो अचल (हैंग) सम्पत्ति थी उसे चल सम्पत्ती में कन्वर्ट करने के लिए आपने ब्लॉग-जगत की कितनी भूमि अधिग्रहित की ओनेपौने दामों में? जवाब दिजिए……

    ReplyDelete
  10. :))) बहुत बढ़िया जी.

    ReplyDelete
  11. आदरणीय डॉ.दिव्याजी,
    प्रधानमंत्री बनने के लिए हार्दिक शुभ कामनाएँ ओर मेरी बधाई स्वीकार करे

    दिव्याजी….जिंदाबाद ! हिंदी ब्लॉगर…जिंदाबाद !

    ReplyDelete
  12. दिव्य P M दिव्या जी ! सुधार करें, अन्यथा घोर आन्दोलन होगा...... और गली-गली में ---------

    म्याऊँ के सर ताज है.
    सुअर करे दिन रात सफाई, गधे खुरों से सड़क पाटते.
    नगर सुरक्षा कुत्ते करते भौंक- भौंक के रात काटते .
    चोर-उचक्के-पाखंडी लोगो को ऐसी डांट डांटते -
    गिड़-गिड़ करके भीख मांगते, गिर-गिर करके चरण चाटते
    कहते इसमें राज़ है .म्याऊँ के सर ताज है.

    जाति-प्रथा मजबूत यहाँ पर संस्कार सोलह होते
    हंसे लोमड़ी कसे व्यंग खर औ सियार दर दर रोते
    न्याय निराले काले भालू वादी-प्रतिवादी-दर पोते
    लड़ते-भिड़ते उमर काटते अंत दोऊ दीदा खोते
    न्याय बिधा पर नाज़ है.म्याऊँ के सर ताज है.

    कहीं भाग्य से टूटे छींके, छींके यहाँ तोडती बिल्ली
    चौबिस चूहे घंटी लेकर कहते बहुत दूर है दिल्ली
    हदबंदी की गीदड़ भभकी, मिलती बिना तेल की तिल्ली
    नलबंदी पर खास जोर है दो से हद पिल्ले या पिल्ली
    कहने में क्या लाज है .म्याऊँ के सर ताज है.

    नहीं तराजू बाँट यहाँ पर, बन्दर बंदरबांट बांटते
    चूहों ने है भरी तिजोरी मोलभाव बिन मॉल छांटते
    ऊन छोड़ खादी को पहने, भेड़-भेड़िया खीर चाटते
    देशी घी के कटे पराठे , सम्मलेन में सांठ गांठते
    युवा मंच नाराज़ है.म्याऊँ के सर ताज है.

    यहाँ टाइगर खेती करते सीमा पर चीते रहते
    शीत लहर लू वर्षा सहते विपदा में जीते रहते
    यहाँ भी केवल एक सिंह hum MOHANA जिसे कहते
    नस्ल यहाँ हाथी सफ़ेद की दारू-रम पीते रहते
    बाज न आता बाज है .म्याऊँ के सर ताज है.

    गंधी इत्र चित्र कंगारू दारू ब्लैक हार्स का धंधा
    चम्गीदर आडिओ-वीडियो उल्लू करे टार्च को अँधा
    गाय डालडा घी निर्माता बैल बोझ धोने का धंधा
    भैंसा बैठा करे सवारी साम्यवाद का चिलता कंधा
    प्रतिबंधित आवाज है.म्याऊँ के सर ताज है.

    चुगुल्खोर चालक लोमड़ी कुत्तों की अच्छी यारी
    छप जाये गर उल्टा सीधा सरे आम पिट जाये बिचारी.
    रट्टू तोता पाठ रटाते बना तरीका सरकारी
    बकरे की माँ खैर मनाये तेज करे औजार शिकारी
    कितना व्यथित समाज है.म्याऊँ के सर ताज है.

    म्याऊँ की एक गाय दुधारू टैक्सों का है जो अधिकार
    पीने को पाती सपरेटा बछड़े जाते क्रीम डकार
    मोर-मोरनी डिस्को करते गाता गधा राग मल्हार
    एक मंच पर आना होगा कहते सारे रंगे सियार
    जोकि मुश्किल आज है म्याऊँ के सर ताज है.

    ए जी टू जी महा घुटाले, आदर्शवादी नाम है
    कामन वेल्थ में हेल्थ बनाए खेल नहीं संग्राम है
    आरक्षण की आग लगी इत, उधर नक्सली काम है
    रेल पटरियां कही तोड़ते कही रोड पर जाम है -
    सफ़र पे गिरती गाज़ है म्याऊँ के सर ताज है.

    शाही को शह मिली हुई है सरे आम देखे करतब
    कांटे चुभा-चुभा के चूसे मौका उसे मिले जब-तब
    खाना-पीना-मौज मनाना लगे हुए है बाकी सब
    म्याऊँ सोच रही गद्दी पर देख बिलौटा बैठे कब-
    क्या बढ़िया अंदाज़ है .म्याऊँ के सर ताज है.

    ReplyDelete
  13. वाह ..
    क्‍या बात है !!

    ReplyDelete
  14. व्यंग में कितनी सटीक बातें कह दी हैं ...बहुत बढ़िया लेख ..

    ReplyDelete
  15. दिव्या प्रधानमंत्री बनेगी तो सभी हिंदी ब्लोगरों को लाल बत्ती निश्चित है , कोई आयोग के सदस्य बन जाते , कोई प्रयोगशाला के जहाँ कई नए प्रयोग होने होते , हिंदी ब्लोगरों का मंत्री भी तो कोई होता तब तक सारी आबादी ब्लॉग ही लिख रही होगी और उन्हें दिशा देने को मंत्रालय की निहायत ज़रुरत होगी . मन बहलाने को ये कवाब अच्छा है . दिव्या जी आपका कवाब सच हो शुभकामनाये

    ReplyDelete
  16. बढिया व्यंग्य
    वाह! मजा आ गया!

    ReplyDelete
  17. bhai man gaye.....kya kissagoi kari hai apne......

    yse koshish karta hoon.....bipaksh majboot bani rahe.......to sarkar sahi chale................

    ek smilee bhi......

    pranam.

    ReplyDelete
  18. बधाई हो दीदी आपको प्रधान मंत्री बनने पर...
    हमें विश्वास है कि आप देश अच्छी तरह चला सकती हैं...
    और विभाग आप कहीं भी किसी को भी सौंप दें किन्तु रक्षा मंत्रालय मुझे ही देना...मैं यह काम भली भाँती संभाल सकता हूँ...
    दरअसल मैं भारतीय सेना में जाना चाहता था...इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में College Campus में Indian Army आई थी...इंटरव्यू में मुझे सेलेक्ट कर लिया गया और चयन के लिए SSB Allahabad बुलाया गया...किन्तु ६ साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मेरे सिर में चोट आने से मेरी आँखों में Keratoconus हो गया था, जिसका पता मुझे बहुत बाद में चला...जब मैं इलाहाबाद पहुंचा तो बाकी सब तो बहुत अच्छा रहा किन्तु Medical Test में यह सामने आ गया...जिसके कारण मुझे SSB में सेलेक्ट नहीं किया गया...इसका दुःख तो बहुत हुआ था...क्यों कि जीवन का एक सबसे बड़ा सपना टूट गया था...
    अब फौजी तो नहीं बन सका किन्तु रक्षा मंत्री तो बन सकता हूँ और मुझे पता है कि यह काम मेरे लिए एकदम सही है...इसे मैं अच्छी तरह कर सकता हूँ...क्योंकि देश की सीमाओं की रक्षा के सन्दर्भ में मैं अकेले में बैठा बैठा बहुत कुछ सोच चूका हूँ...बहुत सारे Ideas हैं मेरे पास...
    तो यह मंत्रालय मैं मेरा ही समझूँ? वैसे मुझे पता है कि आप मुझे इसके लिए ना नहीं कहेंगी, क्योंकि आप भी मानती हैं कि योग्य व्यक्ति को उसके स्थान पर होना ही चाहिए...
    तो प्रधान मंत्रालय आपका और रक्षा मंत्रालय मेरा, बाकी मंत्रालय आप किसी भी योग्य व्यक्ति को सौंप दीजिये...

    काश ये सपना सच हो जाए...

    ReplyDelete
  19. very interesting , i hope we do get someone like you who will get rid of all the bad things happening...

    but one request why send kasab back to pakistan kill him instead.. then we will have to pay for his transport tooo .. .

    wish all that you did happens in reality ...

    Bikram's

    ReplyDelete
  20. बहुत सुन्दर, हंसी हंसी में कितने सारे मुद्दों पर सटीक टिप्पणी कर दी आपने। वैसे आपके कामकाज के तरीके को देखकर लग रहा है कि प्रधानमंत्री पद आपको जरूर मिलना चाहिए।

    ReplyDelete
  21. रोचक ।
    हास्य भी है और व्यंग्य भी।

    ReplyDelete
  22. wah kya baat hai khwaab ho to aisa.majaaak majaak main hakikat bayaan karati hui anoothi rachanaa.kaash koi aisaa aa jaaye ki aapka ye khwaab hakikat ban jaaye to kamaara desh swarg se sunder ho jaaye.badhaai aapko do pal hi sahi hume bhi aapne apni rachanaa ke maadhyam se achcha khwaab to dikhayaa.

    ReplyDelete
  23. बधाई हो आपको प्रधान मंत्री बनने पर,प्रधानमंत्री बनने के बाद आप के सरे कार्य पूर्ण हों , शुभकामनायें .....

    ReplyDelete
  24. दिव्‍या तुमने हमें इस लायक तो समझा कि भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहीम में हम शामिल हो सकते हैं। एक बात बहुत अच्‍छी लगी राजनीति और देशभक्ति में अन्‍तर होता है। हम भारत को अपनी माता मानते हैं लेकिन क्‍या वे भी इसे माता ही मानती हैं? रावण की लंका सोने की हो सकती है लेकिन वहाँ रामराज्‍य नहीं स्‍थापित हो सकता। सपने देखो, सपने ही हकीकत बनते हैं।

    ReplyDelete
  25. वाह क्या बात है, आपने तो, सोनिया का भी पत्ता कट कर दिया,

    ReplyDelete
  26. कितने ऊंचे सपने देखती हो दिव्या जी ।
    कहीं बचपन का निबंध तो याद नहीं आ गया । :)

    ReplyDelete
  27. Adbhut,rochak,vyangaatmak lekh ke liye salute to you Dr.Divya.Atleast PM banne par(imagination)me hi sahi you have a vision for the development of the country.yahan to inke dream me bhi koi vision nahi hai sivaay kursi bachane ke.oh yes thanx a lot to add me in your ministry as an anti curroption minister.i am honoured.kaash is desh ka prdhan mantri young mansikta vaala ho.

    ReplyDelete
  28. बढिया रोचक हास्य और व्यंग्य ....
    शुभकामनायें

    ReplyDelete
  29. वाह वाह वाह वाह वाह वाह
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह

    हिला दिया जी। मैं तो आपके व्यंग के इस विद्या से महरूम ही था। कहां कहां मारा है, दे घूमा। जय हो।

    पर एक निवेदन मेरा भी है दिव्या जी ..एक ब्लॉगर मंत्रलाय का गठन जरूर कर लिजिएगा और हां ब्लॉगर मंत्री कौन बनेगे इसका फैसला आप ही पर , पर एक नाम सुझा देता हंू... वहीं समीर लाल समीर जी....

    ReplyDelete
  30. उम्मीद है opposition वाले सहयोग करेंगे
    .
    क्या इसकी आवश्यकता है?
    .
    भ्रष्ट किसी कहते हैं? यह कौन तै करेगा? दूसरा भ्रष्ट ? इमानदार कहां मिलते हैं अब जो इमानदारी से तै कर सके कौन भ्रष्ट है कौन सुधरा.
    .
    आज हर कोई कहता हो वो इमानदार है और दूसरा भ्रष्ट.

    ReplyDelete
  31. मुबारक हो जी , प्रधानमंत्री बन गयी , देश को दलदल से निकालिए . मंत्रिमंडल अच्छा बना है आपने भी जोश पर अनुभव को वरीयता दी है .शुभकामनायें.

    ReplyDelete
  32. बहुत ही बढ़िया व्यंग्य....और इतने रोचक तरीके से लिखा है...मजा आ गया,पढ़कर
    वैसे सपने देखे ही ना जाएँ तो सच कैसे होंगे.

    ReplyDelete
  33. प्रधानमंत्री बनने के लिए हार्दिक शुभ कामनाएँ

    विपक्ष में ही सही कही तो जहाग मिली हमें

    ReplyDelete
  34. प्रधानमंत्री बनने के लिए हार्दिक शुभ कामनाएँ

    ReplyDelete
  35. यह वार्तालाप आलेख तो बहुत बढ़िया रहा!

    ReplyDelete
  36. इतना घमंडी हो तुम !

    तुम दिव्या हो दिवा स्वप्न देखना छोड दो:)

    ReplyDelete
  37. अब हम भी शान से कह सकते हे कि भारत २०२० मे एक महिला प्रधान देश बन जायेगा:)ओर बीबी से आज तक कोई जीत नही पाया तो आधी आबादी से कोन जीत पायेगा....

    वोट फ़ोर दिव्व्या, दिव्व्या जिन्दा वाद, नारी एकता जिन्दा वाद!!
    शुक्र समय रहते हम भारत से बाहर सटक लिये,वर्ना आप की कोप द्रिष्टि सब से पहले हम पर ही पडती, ओर हम जेल मे मक्की का आटा, तो कभी गेंहू का आता पिसते....

    ReplyDelete
  38. :) :) सपने हों तो ऐसे.... !!

    ReplyDelete
  39. लिस्ट जारी है...जब से ये नारी मुक्ति शुरू हुई है...पत्नी पीड़ितों की संख्या में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है...माननीया प्रधानमंत्री कृपया इस दिशा में भी कुछ प्रयास करें...हर समय पुरुषों को धमकाना सरासर अन्याय है...

    ReplyDelete
  40. सटीक व्यंग और जोरदार हास्य ।
    उम्दा रचना के लिये आभार ।

    ReplyDelete
  41. सटीक व्यंग और जोरदार हास्य ।
    उम्दा रचना के लिये आभार ।

    ReplyDelete
  42. zeal ji bahut accha laga.....
    सबसे पहले कसाब को पाकिस्तान भिजवाया।
    फिर घोटालेबाजों की संपत्ति को नीलाम करके उन्हें जेल भिजवाया।
    भारत और चढ़ाई करने वाले मुल्कों के मध्य चीन की दीवार से भी लम्बी दीवार के लिए निर्माण शुरू करवा दिया।
    प्रत्येक जिले में आधुनिक चिक्तिसा सुविधाओं से युक्त अस्पताल और भव्य स्कूल का निर्माण शुरू ...
    सभी बेरोजगार को रोजगार मिला । man power कम पड़ने की स्थिति में अमेरिका से सस्ते लेबर को मंगवाया गया ।
    देश से निकलने वाले टनों इलेक्ट्रोनिक कचरे को अमेरिका भेजा जाएगा recycle होने के लिए।
    किसानों को खाद , बीज और कृषि सबंधी सभी सुविधाएं मुफ्त मुहैय्या। सूखे अथवा किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की स्थिति में , किसानों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
    महिलाओं को harass करने वालों को पांच साल की बामशक्कत कैद।
    पत्नी पर घरेलु हिंसा करने वाले पतियों को नौकरी से छुट्टी दिलाकर घर में बर्तन और झाड़ू-पोंछा करवाया जाएगा और पत्नी को नौकरी दी जायेगी।
    लिस्ट जारी है ....

    ek list aur.....
    mandir masjid ke naam par liye jaaye karoron rupay ke badale cancer ,organ transplantation jaise rog ke liye us paisa ka upyog.....iske liye hospital banaaya jaye....


    main ye jaanta hoon ki orphanage me rahne wale bacche ko pyaar chahiye hota hai...par unke liye koshish ki jaani chahiye ki unhe parents mil saken.......iske liye bhi ek niyam banani chahiye....

    ReplyDelete
  43. ख्वाब है.. यह या कोई हकीकत
    इस मोहना लँतरानी में एक जगह आपने गलत करवट ले ली,
    आप भूल ही गयीं, कि आपने मुझे अपने मँत्रिमँडल में शामिल कर आँतरिक मामलों का प्रभार सौंप रखा है.... :), भला मैं कैसे आमरण अनशन पर बैठ सकता हूँ, वह भी काले-सफ़ेद के लिये ?
    यदि इसका भूल सुधार अगले दो घँटों में न हुआ, तो मेरा इस्तीफ़ा स्वीकृत समझा जाये !
    लेकि...न, मैं अभी भी मुरीद नहीं हुआ ;)

    ReplyDelete
  44. बहुत सुन्दर व्यंग्य लिखा है, सटीक भी. प्रधानमंत्री नेक हो अब पक्ष विपक्ष की क्या जरुरत है ?


    आभार

    ReplyDelete
  45. .

    नीलांश जी ,
    आपके बहुमूल्य सुझावों को अपनी सूची में शामिल कर लिया गया है । मुझे बहुत हर्ष है की आपने अपने प्रधानमन्त्री में विश्वास जताते हुए उनसे कुछ अपेक्षा की । अन्य सुझाव भी हों तो अवश्य लिखियेगा। यकीन जानिये उनपर अमल किया जाएगा। ऐसा मेरा आपसे वादा है ।

    भाई दिवस ,
    रक्षा मंत्रालय आपका हुआ। आपके दिल से निकले हुए वक्तव्य बहुत प्रभावित करते हैं।

    राज भाटिया जी ,
    प्रधानमन्त्री को ये अख्तियार है की वे विदेश से भारतीय नागरिकों को तत्काल वापस बुला लें। आपको दोगुने वेतन पर वापस बुलाया जा रहा है । सपरिवार वापस आइये। हमें अच्छे लोगों की ज़रुरत है अपने मंत्रालय में।

    अमर कुमार ,
    मेरा मुरीद तो केवल वही हो सकेगा जिसका मन बहुत ही पवित्र होगा। आम इंसान तो मुरीद होने के पहले ईर्ष्या और द्वेष से ही ग्रसित हो जाता है। आपके जैसे आलोचकों/निंदकों के लिए एक ख़ास कुटी छवाई गयी है , जिसमें tiles लगी हैं। आपको विरोधी दल का नेता नियुक्त किया जाता है।

    .

    ReplyDelete
  46. .

    @-तुम दिव्या हो दिवा स्वप्न देखना छोड दो:

    Chandrmauleshwar ji ,

    I will be finished the moment i'll stop dreaming.

    In my humble opinion , one must always DREAM BIG...

    .

    ReplyDelete
  47. Bahut acha khwab hai divya mam. . . . Duwa karta hun ki aapka ye khwab pura ho.. Humko ek aadarsh leader ki jarurt hai. Wese mujh me bhi kabiliyat hai. . . . . . ,jai hind jai bharaj

    ReplyDelete
  48. .

    @राकेश जी ,

    ये आलेख आपके निवेदन पर ही लिखा गया है । इस आलेख का पूरा श्रेय आपको ही जाता है। आपको पसंद आया , इससे मेरी खुशी द्विगुणित हो गयी है।

    मालिनी जी ,
    निसंदेह आप कह सकती हैं , प्रधानमंत्री आपकी मित्र हैं। कोई कितनी भी ऊँचाइयों तक क्यूँ न पहुँच जाए , मित्र बदलते हैं क्या भला? मुझे गर्व है की मालिनी मेरी मित्र हैं।

    @ बिक्रमजीत ,
    कसाब को उसके घर में ही मारा जाएगा , वो भी ओबामा द्वारा । हमारी धरती खूनियों के खून से नहीं रंगी जायेगी । और आतंकवादियों के लिए लिए भारत भूमि पर कोई जगह नहीं है , यह सन्देश जाएगा समस्त विश्व को।

    .

    ReplyDelete
  49. .

    वाणभट्ट जी एवं एम् सिंह जी ,

    देश में पुरुषों की दुर्दशा एवं उनपर हो रहे अत्याचार के मद्देनज़र उनके लिए विशेष सुविधायें दी जाएंगी। आपको आश्वस्त किया जाता है।

    रचना दीक्षित जी ,
    हमें आपका ख़याल निरंतर बना रहता है। आज सत्ताधारियों में संवेदनशीलता बहुत कम देखने को मिलती है , इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार होने के साथ ही आप जैसे संवेदनशील ब्लॉगर को अवश्य स्थान मिलेगा और आपकी सभी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास होगा।

    रविकर जी ,
    'म्याऊं' के सर पर ताज है । बहुत अच्छी कविता लिखी आपने । कविता में वर्णित आपकी सभी व्यथा को यथाशीघ्र दूर किया जायेगा। आश्वस्त रहिये।

    .

    ReplyDelete
  50. चर्चा -मंच पर आपका स्वागत है --आपके बारे मै मेरी क्या भावनाए है --आज ही आकर मुझे आवगत कराए -धन्यवाद !
    http://charchamanch.blogspot.com/

    ReplyDelete
  51. विपक्ष से सहयोग की उम्मीद ना रखे वह असहयोग ले लिए विरोध में बैठा है

    ReplyDelete
  52. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  53. Just read your post.
    It's great to see that you are good at Satire too.

    Best wishes.
    G Vishwanath

    ReplyDelete
  54. जागो, मिस मोहनी!

    सोनिया जी का पिज़्ज़ा खत्म हो गया है
    और राहुल जी दिग्गी राजा के साथ मिलकर आपके सपनों पर घड़ो पानी डाल चुके हैं!

    ReplyDelete
  55. हर हाईनेस दिव्या जी ! हम तो अगली बार आपको ही वोट देंगे........बस आप बदल भर मत जाइयेगा. रिश्तों का ख्याल रखियेगा ....और .....और.....और .....अब मैं कैसे कहूं ......आप तो सब जानती हैं घर की हालत. बस एक आध कामन वेल्थ type का ठेका मुझे भी ........आठ-दस पीढियां तर जायेंगी ..बाकी आप खुद समझदार हैं ......थोड़ा लिखा अधिक समझना. - आपका डॉक्टर कौशलेन्द्र .

    ReplyDelete
  56. दिलचस्प ख्वाब...
    आमीन...

    ReplyDelete
  57. दिव्या के दिवा स्वप्न के अलावा इसमें भ्रष्टाचार के विरुद्ध धिक्दर्शन भी तो है :))

    ReplyDelete
  58. सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने की बजाये , आपको समर्थन देने का मन बनाया है क्योंकि इस पद के लिए इमानदारी सहित जो गुण चाहियें आप में हैं. परन्तु एक बात का ध्यान रखिये दिव्या जी , पद तब ही स्वीकार करें यदि पूर्ण बहुमत आपका अपना हो और किसी गठबंधन की आवश्यकता न पड़े . नहीं तो घोषणा पत्र के अनुसार उपलब्धियां प्राप्त करने में बाधाएँ आ सकती हैं.
    हार्दिक शुभकामनायें, स्वप्न साकार होने के लिए !

    ReplyDelete
  59. हाहाहहाहा.. आपके इनकार के बाद राहुल किस हाल में था, उसकी जानकारी आपने नहीं दी। ये जानना जरूरी है इसलिए उसे काफी गलतफहमी है कि जिस लड़की को भी वो आफर करेगा, कोई मना नहीं करेगा। उसका ये भ्रम टूटा तो उसे कैसा लगा।
    खैर दिव्या जी अगर कभी ऐसा हो कि भगवान मुझे मिल जाएं और पूछें कि मैं तुम्हारा एक काम पूरा कर दूंगा, तो मैं उनसे आपके सपने को सच करने की ही बात करुंगा। अभी से बता दे रहा हूं कि फिर कहीं मुझे भी अर्जेस्ट कर दीजिएगा। एक बात और प्रधानमंत्री बनने के बाद अपना हैंग होने वाला ये लैपटाप भी बदल दीजिएगा। हाहाहहा

    ReplyDelete
  60. प्रधानमंत्री 'दिव्या जी' को मेरा हार्दिक नमन.
    आपने प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मुझे याद रखा यह आपका बड़प्पन है.
    अब आप कैसा महसूस कर रहीं हैं?
    आपका दिमाग कितना तेजी से चल रहा होगा ,यह मैं समझ सकता हूँ.
    विपक्ष से भी कुछ लोगो को अपने पक्ष में ले ही लीजियेगा,एक मिशाल कायम होगी.
    ब्लोगिस्तान के बारे में क्या सोचा है आपने? कोई टैक्स-वैक्स तो नहीं लगा रहीं हैं न
    आपको घर में सब सहयोग मिल रहा है न ?
    मेरी पत्नी तो बहुत खुश है आपको 'प्रधानमंत्री' के पद पर शोभित देख.अपनी हार्दिक बधाईयाँ प्रषित कर रहीं हैं आपको.
    लगता है अब हर घर में पक्ष-विपक्ष बनकर रहेगा..

    ReplyDelete
  61. बहुत अच्छा सपना है .....अब ये पूरा भी होना चाहिये))).....
    अग्रिम शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  62. काश ये सपना भी सच हो जाये...बढ़िया भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
  63. दिव्या जी, कुछ कहने के लिए शब्द नहीं मिल रहे. क्या कहना चाहिए, आप पर छोड़ दिया है. आभार.... और आप हकीकत में प्रधानमंत्री बन सको. ..शुभकामनायें.

    ReplyDelete
  64. dilchsp rahi vaartalaap ,kya jaane ye sapne le jaaye kis kinare

    ReplyDelete
  65. मुझे अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद
    क्यों की आज कल मैं बहुत व्यस्त हूँ इस लिए इसमें बुरा मानने की भी कोई बात नहीं है !!

    ReplyDelete
  66. अब अपनी भी हनक रहेगी पी.एम.ओ.तक ।

    वाह,ये इन्वेस्टमेंट (आपसे थोडी जान पहचान का) तो काफ़ी रिटर्न देने वाला है,लगता है ।

    ReplyDelete
  67. ये भी खूब रही.

    ReplyDelete
  68. वाह दिव्या मलाई मलाई खुद और जूते खाने को निर्मला। अरे मुझे तो कलमाडी वाल्री सीट चाहिये खाली है न अब हमारे देश मे नेताओं को कौन सी कडी सजा मुइलती है धन कमा लेंगे कुछ दिन बदलाव के लिये जेल की हवा मिल भी गयी तो क्या है?---- हा हा हा वैसे धन्यवाद कि मुझे इस काबिल समझा सपने मे ही सही। पढ कर बिमारी दूर हो गयी। बस ऐसे ही सपने देखा करो। बायें हाथ से लिखने मे पूरे 30 मिन लगे\

    ReplyDelete
  69. bahut sunder aur manoranjak sapna hai.

    ReplyDelete
  70. दिव्‍या जी, बधाई .... विलम्‍ब तो हो ही गया देने में और आने में भी .. आपके लेखन की जितनी भी तारीफ करूं कम होगी ... हमेशा की तरह लाजवाब ... ।

    ReplyDelete
  71. बहुत सुन्दर आलेख! बेहतरीन प्रस्तुती!

    ReplyDelete
  72. वाह,दिव्या वाह !!
    देश के बहुत से राजनीतिज्ञों को पटख़नी दे सकती हो .
    हौसला बुलन्द रहे !

    ReplyDelete
  73. प्रधानमंत्री को बधाई। हमें रचनात्मक विपक्ष में समझना।

    ReplyDelete
  74. ख्वाब देखने में कोई हर्ज़ नहीं। सपनों में ही सही कुछ तो सार्थक मिला।

    ReplyDelete
  75. "माया"वी मत बनना दिव्या,"ममता"मय ही रहना
    बागडोर अब हाथ आगई डट कर शाशन करना !!

    लौह दिव्य बिटिया!पुरुषो से कभी नहीं तुम डरना
    कलमाडी राजा जैसों से काराग्रह सब भरना !!

    बधाई आशीर्वाद शुभ कामना

    ReplyDelete
  76. प्रधानमंत्री बनने पर आपने उचित निर्णय लिये...
    आप लोकप्रिय प्रधानमंत्री सिद्ध होंगे ... ऐसा विश्वास है.
    आपका मंत्रिमंडल कुशल ब्लोगरों से निर्मित है. बस वे भी कार्यक्षेत्र में आया-जाया करें तो अच्छा रहेगा. जिस ब्लॉग पर भी कुछ भ्रष्ट-आचरण होता है वे नदारत रहते हैं. अपने जैसे जोश से भरे ब्लोगरों को आप मंत्रीमंडल में शामिल करें... जैसे दिवस जी, राकेश जी, कौशलेन्द्र जी, गौरव जी, सुज्ञ जी. आपने किरण बेदी जी को ब्लॉग-जगत के बाहर से क्यों आमंत्रित किया है? क्या वे ब्लोगर हैं? यदि हैं तो कृपया उनका लिंक अवश्य दें.

    ReplyDelete
  77. NICE & FUNNY POST. THANKS FOR SHEARING.

    ReplyDelete
  78. aapki soch, aapke tewar, aapka shabd-sandhan kis par baat kee jaje, aur kise chhoda jaye. is duvidha se behtar hai ki aapko chupchap badhaai dedi jaye.

    ReplyDelete
  79. मेरी आँखें , मेरे ख्वाब
    आते रहें , सुनहरे ख्वाब.
    रंग बिरंगे नहीं हुये तो
    फिर काहे कहलाये ख्वाब.
    शुभकामनायें.................

    ReplyDelete
  80. दिव्या जी.सुन्दर.बहुत सुन्दर। काश ! आप प्रधानमंत्री हों हमेंतो विपक्ष मंजूर है।

    ReplyDelete
  81. हा हा हा .....। मनोरंजक ही नहीं बल्कि व्यंग्य के माध्यम से चिंतन को विवश करती पोस्ट। लगता है डॉ दिव्या बदल रही हैं। यह भी एक अच्छा संकेत है। पर एक बात है। लगता है प्रधानमंत्री पद पाकर आप भी पक्षपाती हो गई हैं जबकि आपको तटस्थ होना चाहिए था। आपके एजेण्डे में केवल महिलाओं को पीड़ित करने वालों को ही दण्ड का विधान है। लेकिन महिलाओं से पीड़ित पुरुषों के बारे में कोई प्रावधान नहीं। अन्यथा न लेते हुए विचार करें। हा हा हा....। समग्र में पोस्ट अच्छी लगी।

    आभार,

    ReplyDelete
  82. अरुण जी
    ख्वाबों की मत बात करो प्रिय सकल श्रृष्टि ही सपना है
    यहाँ सभी कुछ अपना लगता मगर न कुछ भी अपना है !!

    कुर्सी , राजभवन सा बँगला मिलता है छिन जाता है
    खाली हाथ जीव आता है औ खाली ही जाता है !!

    दिव्या जी - Must keep dreaming. U can't fix the goal
    without dreaming . BUT prevent EGO from overriding
    after U achieve .

    भुक्तभोगी युगल
    Mrs.KRISHNA & V N SHRIVASTAV "Bhola"

    ReplyDelete
  83. दिव्या,

    बहुत दिनों बाद आई हूँ, लेकिन बहुत अच्छा लगा ये व्यंग्य पढ़ कर. एकदम से हल्के मूड वाली दिव्या से मिलकर.

    ReplyDelete
  84. बहुत-बहुत बधाई आपको ....

    आपने सबको सही सलाह दिया ...

    प्रधानमन्त्री बनने के बाद तो आपने बड़े जरूरी काम निपटाने शुरू कर दिए , जनता को अवश्य मिलेगी....ख़ुशी और राहत |

    ReplyDelete
  85. I hope so it happens , AMEN to that and YES Lets hope our leaders have enough of a backbone to show the world that we can reply and stand for ourself.. I hope so too I Pray for that too ..

    Bikram's

    ReplyDelete
  86. प्रधानमंत्री बनने के लिए हार्दिक शुभ कामनाएँ..........

    ReplyDelete