Thursday, April 26, 2012

सरकार कर रही है सर्वोच्च न्यायलय की अवमानना

सरकार को चाहिए की वे विदेशी निवेश की अहमियत को समझे। विदेशी निवेशकों पर मनमाना कर लगाकर वे उन्हें नाराज़ कर रहे रहे हैं। ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय टेलीकॉम कंपनी पर ११ हज़ार करोड़ रुपयों का कर देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है , जबकि सर्वोच्च न्यायलय ने सरकार के दावे को निरस्त करते हुए ये कहा था की क़ानून के मुताबिक़ यह कर देय नहीं है। लेकिन सरकार की बचकानी दलील है कि --" दुसरे देशों ने भी तो ऐसा ही किया है..."

प्रणब मुखर्जी अपने अहम् कि तुष्टि के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय कि अवमानना कर रहे हैं और कर-नियमों को तोड़-मरोड़ कर बदल देना चाहते हैं।

सरकार द्वारा इतना परेशान किये जाने पर , उस कंपनी ने अब अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जाने का मन बना लिया है। इस प्रकार तो ये कांग्रेसी सरकार हमारे देश के साथ घात कर रही है। यदि इसी प्रकार से विदेशी निवेशकों को हैरस किया जाता रहेगा तो विदेशी निवेशकों को उच्चाटन हो जाएगा, फिर कौन करेगा निवेश यहाँ। अर्थ व्यवस्था चरमरा जायेगी।

सरकार के निरंतर गलत फैसलों और गन्दी राजनीति के कारण ही आज भारत कि साख इतनी गिर गयी है कि देशों कि क्रेडिट तय करने वाली संस्था S & P ने भारत का आउटलुक स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया है।

चेत जाओ प्रणब दा..

Zeal

9 comments:

  1. NAHIN CHETENGE........
    AISE HI GHONCHOO BANE RAHENGE

    KAR LO JO KARNA HAI.....
    HAMAARE LIYE JO NAME PLATE BANA HAI
    US PAR SAAF SAAF LIKHA HAI
    SUDHARNA MANA HAI.......HA HA HA
    SORRY......SHAME SHAME SHAME..

    JAI HIND

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  2. videsi nivesh ka hamein karna bhi kya hai. swadesi hi hamare liye kaafi hai

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  3. सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को तो मानना ही चाहिए।
    आपके तर्क सही हैं।

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  4. videsi campnies ko chale hi jaana chaaiye. swedesi me unka poora vikalp hai.

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  5. .

    @- Gagan Parashar-- You should know the significance of foreign investment.

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  6. जहां विदेशी निवेशकों पर कर लगाना चाहिए, वहाँ तो उन्हें छूट व देशी निवेशकों की कमर तोड़ दी जाती है। आने वाले संभावित ऍफ़ डी आई को इसका ताजा उदाहरण माना जा सकता है। किन्तु जहां, जिस क्षेत्र में विदेशी निवेश की आवश्यकता है, वहाँ उनकी ही कमर तोड़ देते हैं। कुल मिलाकर देश के साथ तो घात ही करना है।

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  7. @ gagan prashar:- sir, you should know that india is still developing country not developed.. so we still depends on developed country for many things.

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  8. gagan parasher sahab...aap ko samjhna chahiye ki india devloped nahi devloping country hai...ab bhi hum kai cheezo per dusro per depand hai.

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  9. gagan parasher sahab...aap ko samjhna chahiye ki india devloped nahi devloping country hai...ab bhi hum kai cheezo per dusro per depand hai.

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