नितीश ने मांग की है की एक शरीफ और सेक्युलर प्रधानमन्त्री होना चाहिए भारत का। मैंने तो बहुत सोचा , मुझे तो कांग्रेस के सिवा दूसरा कोई शरीफ और सेक्युलर दिखाई नहीं दिया। तो फिर २०१४ में लुटेरों को दुबारा जिता दिया जाये ? या फिर श्री श्री १००८ स्वामी नितीश कुमार को ही प्रधानमंत्री बना दिया जाए ?
राष्ट्रपति की तो मारा-मारी चल ही रही है। UPA , आनन्-फानन में अपना मनचाहा चुन ही लेगी, लेकिन प्रधानमन्त्री किसे बनाएं ?
Zeal
सही कहा आपने, आपसे सहमत
ReplyDeleteNo party in India is secular or democratic
ReplyDelete1ooooooooooooooooooooooooooooo8
ReplyDeleteजी वैसे तो करोडो ईमानदार और सरीफ आदमी हैं, पर सबकी ऐसी किस्मत कहाँ ?मेरी नज़र में एक ही आदमी हैं ,श्री मान मोदी साहिब जिनमें प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं ,पर कुछ लोग इनमें भी कमियाँ निकाल रहें हैं ......
ReplyDeleteom ji,
ReplyDeletebilkul 101 %saty kaha .is tathakathit sekularishth congresiyo ko bnbakr sri nitish ji ko bhi khub kamane ka mauka mil jayega ,jaisa ki mulla-mulayam/mayabati kr rahe hai ,aur congress ke sauhadra se dusre mulla nitish bhi bn jaye ,aur hamesha
satta pr kabij hone ka spna bhi safal hojaye . badi uchi soch hai bah..............bah...kamal......!!!
अगर हिन्दुस्तान की पहचान को बनाये रखना है तो गाँधी वाद और धर्म निर्पेक्षता के जाल से बाहर निकल कर नयी सोच के साथ कट्टरता से हिन्दू धर्म को अपनाना होगा।
ReplyDeleteजब आस पास बीमारी फैलती है तो उसे रोकने के लिये 'कट्टर' दवाईयाँ खानी पडती हैं।
नितीश कुमार जैसे धर्म निर्पेक्ष लोग घास में छुपे साँप हैं पता नहीं कब और कहाँ काट लें।
क्या बात है!!
ReplyDeleteआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 25-06-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-921 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
I am ready zeal , can you help
ReplyDeletelove
rachna
अधर्मी पी एम् बने, बकते श्री नितीश ।
ReplyDeleteमोदी से भरसक इन्हें, बे-हिसाब है रीस ।
बे-हिसाब है रीस, छोड़ देंगे गठबंधन ।
पर कहिये श्रीमान, राष्ट्रपति पद पर क्रंदन ।
एन डी ए असहाय, दिखे सब की बेशर्मी ।
दिया ना कंडीडेट, ढूँढ़ ना सके अधर्मी ।।
एक ही शेर दिल इन्सान है जो प्रधान मंत्री बनने लायक है वो हैं मोदी जी...पर कुछ भेड़ें मिल कर उन्हें डराने में लगी हैं...और सेक्युलरिज्म का पाठ पढ़ा रही है...क्या वो भेड़ें सेक्युलरिज्म के बारे में खुल कर बोल पाएंगी की क्या है सेक्युलरिज्म? और ये सेक्युलरिज्म जब शायद इसकी सबसे ज्यादा जरुरत थी १९५० में तब क्यों नहीं जोड़ा गया था|
ReplyDeleteअब नितीश भी प्र.म. बनने के सपने देखने ही लग गया !!
ReplyDeleteनितीस जी की मांग जायज है,,,,
ReplyDeleteRECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: आश्वासन,,,,,
सेक्युलर के मायने ही बदल गए हैं आज
ReplyDeleteकभी कभी मन मे आया प्रश्न भी सुन्दर होता हैं ...
ReplyDeleteसुमित जी
ReplyDeleteधन्यवाद
आपसे मै वाकिफ हूँ/
मेरी आदत है पढ़ कर मंथन करना /
उसके निष्कर्ष को अपने ब्लॉग में पोस्ट करना/
मै आप से सहमत हूँ / हर चीज पर गहरी पैठ रखता हूँ. /
शैलेश कुमार
यह नितीश कुमार की महत्वाकांक्षा है जो हिलोरे मार रही है | मोदी उन्हें इसी वजह से स्वीकार्य नहीं हो पा रहे हैं | बिहार की सत्ता भाजपा के सहयोग से ही मिली है , इस तथ्य को शायद भूल गए हैं | शायद सोच रहे हों कि कांग्रेस उन्हें प्रधानमंत्री बना देगी ! भला दिवास्वप्न देखने से कौन रोक सकता है ?
ReplyDeleteशरीफ.... परिभाषाएँ बादल गई हैं देश में
ReplyDeleteअब तो इसका उल्टे स्वभाव का ढूँढना चाहिए...
सादर
शरीफ़ कौन है आज? किसी को भी बना दें कुर्सी मिलते ही सब बदल जाते हैं।
ReplyDeleteयूपीए ने प्रधानमंत्री पद के लिये योग्यताएँ रखी हैं :
ReplyDelete१] मितभाषी [मतलब .... हाँ और नहीं में उत्तर देने वाला]
२] सहिष्णु [मतलब .... चिकना घड़ा]
३] धैर्यवान [मतलब..... अवसर खोने वाला]
४] चतुर [मतलब .... मौकापरस्त]
५] प्रजा-हितैषी [मतलब ..... दलालों का यार]
... और भी खूबियाँ हैं... लेकिन अभ्यर्थी को हो बतायी जाएँगी.
कोई भी बने प्रधान मंत्री पर अपना दिमाग भी रखता हो और जबान भी रखता हो
ReplyDeleteबहुत नमूने हैं अभी मैडम के पास...
ReplyDeleteहाहाहाहा सेकुलर का राग सब गा रहे हैं ...... क्या करें वोट की चिंता में दुबले हो जाते है जयादातर नेता ... कई लोगों के लिए तो मोदी का मतलब सिर्फ सांप्रदायिक होता है
ReplyDeleteसेक्युलर शब्द हमारे सम्विधान से हटा दिया जाए जो इंदिराजी ने जुड़वाया था ..तभी से यह शब्द हिन्दुस्तान के समुदायों में दरार डालने वालों का वोट बैंक बढाए है .अब इसे तुष्टिकरण कह लो या कुछ और .नीतीश जी अच्छे खासे आदमी हैं बढिया संभाषण करतें हैं अच्छे सहृदय प्रशासक हैं ये पंथ -निरपेक्ष ,धर्म निरपेक्ष वोट बैंकियों के झांसे में कैसे आ गए .... .कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteram ram bhai
सोमवार, 25 जून 2012
नींद से महरूम रह जाना उकसाता है जंक फ़ूड खाने को
http://veerubhai1947.blogspot.com/
वीरुभाई ,४३,३०९ ,सिल्वर वुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन ,४८ ,१८८ ,यू एस ए .
modi se itna kyun chidhte hain..poore desh kee janta jo chahti hai wo galat hai..accha dharmnirpekshata ka dhindhora peet rakha hai..sadar badhayee ke sath
ReplyDeleteजो कोई भी; एक परिवार को ही सर्वोपरि मान कर उसके ही हित के लिए कामना करे, जो देश-भगवान् के स्थान पर एकमात्र माँ-बेटो को ही सब कुछ माने!जो उन्ही के इशारों पर देश तो क्या अपने परिवारों तक को बेच खाए... ओह सॉरी उन्हें बेच खिलाये ....
ReplyDeleteवो ही शरीफ है इस सरकार में तो!
कुँवर जी,
तथाकथित सैक्युलर अगर भ्रष्ट है तो इसका प्रधानमंत्री भी हमें नहीं चाहिए.
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