Sunday, August 5, 2012

केवल बुद्धिविहीन भारतीयों के लिए एक पोस्ट



विदेशी दलाल मायिनो जिसने स्वयं और अपने बेटे विन्ची को ,दो देशो की (इटली और भारत ) नागरिकता दिला रखी है , और भारत की मासूम जनता, उसकी संस्कृति, हिन्दू धर्म और धरोहर के साथ खिलवाड़ कर रही है है, उसने आचार्य बालकृष्ण , जिन्होंने हमारी आयुर्वेदिक धरोहर में अभूतपूर्व योगदान दिया है , जिन्होंने हिमालय-भ्रमण करके अनेक दुर्लभ वनस्पतियों (ऋद्धि, सिद्धि, काकोली, क्षीर -काकोली आदि ) पर श्रेष्ठ ग्रन्थ लिखा , को विदेशी बताकर जेल में सडा रही है। कुंद-बुद्धि भारतीय , नपुंसकों की भाँती अपने देश की तबाही का तमाशा देख रहे हैं।

Zeal

11 comments:

  1. जब मदर टेरेसा विदेश से आ कर देश सेवा कर सकतीं हैं...तो बालकृष्ण क्यों नहीं...नेपाल और भारत के बीच तो कभी वीसा की दरकार भी नहीं रही...सरकार घुसपैठियों को तो रोक नहीं पा रही है...नेपाली मूल के नागरिक हिंदुस्तान के हर कोने में मिल जायेंगे...

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  2. Very nice post.....
    Aabhar!
    Mere blog pr padhare.

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  3. न पहले आई न अब आएगी.

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  4. बहुत ख़ूब!
    आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 06-08-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-963 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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  5. सीने में फांस चुभती है जब भारत में हिन्दुओं के साथ ऐसा व्यवहार होता है| 7 करोड़ बांग्लादेशियों को देख पाना इस निकम्मी सरकार के बस में नहीं| उन्हें राशन कार्ड बांटे जा रहे हैं क्योंकि वे सब मुल्ले हैं किन्तु आचार्य बालकृष्ण हिन्दू हैं ऊपर से राष्ट्रवादी इसलिए जेल में सड़ रहे हैं| अरे यदि वे सच में विदेशी हैं तब भी उन्हें यहाँ रहने का अधिकार है|

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  6. एक नेपाली बालकृष्ण आयुर्बेद द्वारा भारत ही नहीं विश्व की सेवाकर रहे है तो उन्हें जेल वही सिस्टर निर्मला वह भी नेपाली है लेकिन वह मदर टेरसा की वारिस है जिसका कम ही भारत का ईसाई कारन करना और आतंक में भारत को झोकना उसके खिलाफ लोई कार्यवाही नहीं क्यों की वह सोनिया की बिरादरी की है.

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  7. देश भक्तों की मौत-
    घुसपैठियों की मौज ||

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  8. दीर्घतमा और दिवस जी के विचारों से सहमत हूँ... चाहकर भी अधिक नहीं कहूँगा. फिर भी दबे भाव व्यक्त हो ही जाते हैं...
    "विदेशी केंडल के स्याह घेरे में हूँ .... पतंगा बन मंडराता नहीं.... लेकिन तथ्यों की गंध पाने को उतावला ज़रूर रहता हूँ"

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  9. .आने दो नौ तारीक (तारीख )दिव्या ,आग लगेगी दिल्ली में ,.......भाग मचेगी दिल्ली में ,साम्राज्ञी अब चुप्पा तोड़ो ,आग लगेगी दिल्ली में ....,नहीं चलेगा पीज़ा मेरी दिल्ली में .....
    ram ram bhai

    ram ram bhai
    सोमवार, 6 अगस्त 2012
    भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ से

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  10. मेरी टिपण्णी क्या दिव्या जी स्पैम बोक्स में गई .प्लीज़ चेक करें ..
    सोमवार, 6 अगस्त 2012
    भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ सेविकर भाई बड़ा ही दुखद रहा है यह प्रसंग .राजनीति के आश्रय में कभी प्रेम पल्लवित नहीं हो पाता .

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  11. दिव्या जी आपके विचारों से में पूर्ण रूप से सहमत हूँ यह सर्कार बिलकुल बेशर्म हो गयी है और अगर इसे २०१४ के चुनाव में नहीं उखाड़ा गया तो निश्चित रूप से
    ये लोग देश को ही बेच देंगे.

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