Wednesday, January 30, 2013

प्रधानमन्त्री कौन?

शेर ने चुनाव जीतकर ये बता दिया की दरबार हमारा है
अब तुम चूहे को राजा बनाओ तो ये दुर्भाग्य तुम्हारा है !

Zeal

12 comments:

  1. बिल्कुल सही कहा..

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  2. चूहे चाचा चतुर हैं, भ्रमित भतीजा भक्त ।

    कुतर कुतर के तंत्र को, कर जनतंत्र विभक्त ।

    कर जनतंत्र विभक्त, रोटियां रहे सेकते ।

    सान सान के रक्त, शान से उधर फेंकते ।

    किन्तु निडर यह शेर, नहीं जनता को दूहे ।

    सुदृढ़ करे जहाज, भागते देखो चूहे ।

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  3. आप की ये खूबसूरत रचना शुकरवार यानी 1 फरवरी की नई पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है...
    आप भी इस हलचल में आकर इस की शोभा पढ़ाएं।
    भूलना मत

    htp://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com
    इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है।

    सूचनार्थ।

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  4. ये गणतंत्री मूषक (चूहे )प्रजातंत्र को पहले ही कुतर चुके हैं .ऐसा न करने पर इनके दांत खुट्टल हो जाते हैं जनता को यह वैज्ञानिक तथ्य भी नजर अंदाज़ नहीं करना चाहिए .

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  5. नाभिषेको न संस्कारो, सिंहस्य क्रियतेमृगे! विक्रमार्जित राज्यस्य, स्वमेव मृगेन्द्रता !!__________चिंता मत कीजिए जिस तरह सिंह को अभिषेक की जरुरत नहीं उसी तरह यह सिंह भी आसीन होगा. चिंतन जरी रखें!!!!

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