- ओवैसी धमकी देता है -"हिन्दुओं के खून की नदियाँ बहा देंगे"
- सागरिका घोष कहती है--"ओवैसी एक बेहतरीन और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ है"
- महेश भट्ट कहता है--"मुसलमानों जेहाद करो, भारत मूर्खों और अंधों का देश है"
- और सरकार ?--वो तो गुपचुप तरीके से डेंगू से मरे आतंकवादीयों को फाँसी लगाती है, जबरदस्ती शवदाह कराती है और ओवैसी जैसे अलगाववादियों को गुपचुप तरीके से भगा देती है , किसी को कानोकान खबर नहीं होती जैसे भोपाल त्रासदी के वारेन एंडरसन को भगा दिया था !
Zeal
जब तक सबकुछ जानकार भी अनजान बनने का ढोंग करते रहेंगे तब तक यही होगा !!
ReplyDeleteपता नहीं पर मुझे तो लगता है इसके लिए हम ही जिम्मेवार है..
ReplyDeletesarkar to vahi karegi jo use uski kursi bachane me madat kare,"desh jai bhad me kursi bachani chahiye ,...new posts.mujhe ji to lijiye aur betiyan
ReplyDeleteमहेश भट्ट तो मुस्लमान है-- . और दीपक को जब बुझना होता है तो भभकता है इस्लाम की यही गति होनी है.
ReplyDeleteयही तो विडम्बना है....!
ReplyDeleteओ-वेशी मत बकबका, मुहाजिरों को देख |
ReplyDeleteसर्वाइव कैसे करें, शिया मियां कुल शेख |
शिया मियां कुल शेख, पाक की हालत बदतर |
इत मुस्लिम खुशहाल, किसी से हैं क्या कमतर ?
विश्लेषण अनुसार, हिन्दु है बड़ा हितैषी |
बाप चुके थे बाट, बाट मत अब ओ बेशी ||
ओ वेशी मत बकबका, सह ले सह अस्तित्व ।
ReplyDeleteजीवन की कर बात रे, क्यूँकर घेरे मृत्यु ।
क्यूँकर घेरे मृत्यु , बात कर सौ करोड़ की ।
लानत सौ सौ बार, बंद कर बन्दर घुड़की ।
कन्वर्टेड इंसान, पूर्वज तेरे देशी ।
कर डी एन ए मैच, बकबका मत ओ वेशी ।।
लोग टुच्चे है (ज्यादातर ) मानसिकता निहायत टुच्ची है। जब लोगो की मानसिकता निम्न दर्जे की है तो सरकार कहाँ से भली आयेगी? क्योंकि सरकार चुनते तो यही लोग है।
ReplyDeleteEnderson ka nam bhi yad n raha.
ReplyDeleteyaddasht bahot kamzor hai awam ki.
लाचार बने रहने या हिम्मत हारने से कुछ नहीं होगा। किसी की लिखावट पर 'सहमति' जता देने से भी कुछ नहीं होने वाला। धर्म निर्पेक्षी कायरता का खून हमारे जिस्म में पानी की तरह ठंडा हो चुका है।
ReplyDeleteयह मत भूलो कि हमारा मुकाबला कट्टरपंथी जिहादियों और उन की संरक्षक काँग्रेसी परिवारवादी सरकार से है। हिन्दूओं को भी कट्टरवादी बनना पडे गा। अपनी पहचान को आगामी पीढी तक देने के लिये कुछ घरेलू रस्मों को भी कट्टरता से अपनाना पडेगा। उस के लिये समय भी निकालना पडे गा।
शुरुआत घर से करिये। अपने धर्म के बारे में अपनी संतान को बताईये उन्हें कुछ ‘D0s AND DON'Ts’ समझा कर लागू करवाईये। उन्हें ‘यम-नियम’ घर से ही सिखाईये, अगर आप को ही नहीं पता कि वह क्या चीज है तो पहले स्वयं पढिये। यह सब कुछ 'करना' पडे गा - खाली कमेन्टस लिखने और पढने से कुछ नहीं होगा सिर्फ फर्स्ट्रेशन ही बढती रहै गी और निराशा जमा होती रहै गी।
बहुत सही..
ReplyDeleteसरकार का क्या है? इसी कांग्रेस (नेहरु) ने पहले गुपचुप तरीके से सरदार पटेल को मारा, फिर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को रास्ते से हटाया, वो भी गुपचुप तरीके से।
ReplyDeleteबाद में इसी नेहरु की बेटी इंदिरा ने लाल बहादुर शास्त्री जी को उसी गुपचुप तरीके से मरवाया, बाद में जय प्रकाश नारायण को भी जेल में चुपके से मार दिया। इस चुड़ैल ने तो अपने पति फ़िरोज़ और बेटे संजीव तक की गुपचुप हत्या करवा दी।
इंदिरा के बाद उसके पुत्र राजिव ने गुपचुप तरीके से भोपाल में यूनियन कार्बाइड के वारेन एंडरसन को नरसंहार की अनुमति दी और नरसंहार के बाद गुपचुप तरीके से एंडरसन को भगा दिया।
राजिव की पत्नी सोनिया भी कहाँ पीछे रहने वाली थी? इसने इसी गुपचुप परम्परा का पालन करते हुए, गुपचुप हत्याएं करने वाली आपनी सास व गुपचुप नरसंहार करने वाले अपने पति तक को रास्ते से हटा दिया। बाद में इसी सोनिया ने उसी गुपचुप तरीके से राजिव भाई दीक्षित को भी मरवा डाला। बाबा रामदेव के आन्दोलन को रातों-रात गुपचुप तरीके से कुचल दिया। कसाब को गुपचुप फांसी (जो फांसी थी ही नहीं) दे डाली। दामिनी का गुपचुप क्रियाक्रम तक करवा दिया और अब ओवेसी को भी गुपचुप भगा दिया। यहाँ तक कि खुदका गुपचुप विपक्ष (केजरीवाल) भी खड़ा कर लिया जो उसकी ही सता को आगे बढ़ा रहा है।
वाकई ये कांग्रेस बड़ी गुपचुप है। हिन्दुओं अब तो अपनी अक्ल का इस्तेमाल करो। इनका गुपचुप षड्यंत्र पहचानो।
अकबरूददीन औवेसी साहब ज़रूर एन्टी पार्टी के साथ मिला होंगे। पहले भी ऐसा हो चुका है। एक नेता मंदिर निर्माण के लिए कारसेवक भेजता था और दूसरा उन पर गोली चलवाता था। बाद में पता चला कि दोनों ही लंगोटिया यार हैं और इतने पक्के यार निकले कि यारी निभाने के चक्कर में अपनी पार्टी ही डुबो ली।
ReplyDeleteयह हक़ीक़त सामने आने के बाद पता चला कि इन नेताओं को हिन्दू या मुसलमान किसी से हमदर्दी नहीं है। इन्हें तो बस अपने लिए वोटों का ध्रुवीकरण करना है।
औवेसी साहब यही कर रहे हैं। इसका लाभ उनसे ज़्यादा उनकी विरोधी पार्टी को मिलेगा। मारा जाएगा बेचारा आम आदमी।
राष्ट्रद्रोही है ओवेसी। ओवेसी पर प्रतिबन्ध पर्याप्त नहीं है, उस प्रवृत्ति पर प्रतिबन्ध होना चाहिये जो देश की अखण्डता और एकता के लिये बाधक हो। भारत के इस्लामीकरण की योजना पूरी मानवता के लिये ख़तरा है। पाकिस्तान और बंग्लादेश इस्लाम के नाम पर ही तो बने ....क्या हालत है वहाँ? आम आदमी की ज़िन्दगी मुश्किल में है वहाँ। वहाँ सिर्फ़ इस्लाम जीता है आदमी नहीं। भारत को ऐसे इस्लाम से तोबा करनी चाहिये।
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