हमारे
देश के दो वीर सैनिको के सर धोखे से काट लिए गए उनमें से एक की विधवा ने
कई दिनों तक भूख हड़ताल की पर राहुल गाँधी न तो उससे मिलने गया और ना ही
कभी उनकी और उनके परिवार की खबर ली पर वोट बैंक का काम देखो एक DSP जो
बलात्कारियो को शय देते हुए मारा गया उसकी पत्नी 'परवीन' की खोज खबर लेने पहुच गया और इसको
सेकुलरिज्म कहा जाता है .
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए नीचे दिया गया लिंक देखिये--
http://www.ndtv.com/article/india/rahul-gandhi-meets-widow-of-murdered-up-police-officer-zia-ul-haq-340323
कुम्भ मे रेल स्टेशन पर कई हिन्दू मारे गए , राहुल गाँधी नहीं आये
हैदराबाद बम ब्लास्ट मे कई हिन्दू मारे गए , राहुल गाँधी नहीं आये
सेना के जवान हेमराज जिसका सर पाकिस्तानी सेना ने काट दिया , राहुल गाँधी नहीं आये
हेमराज की विधवा अपने पति के सर वापस लाने की गुहार करती रही लेकिन केंद्र का कोई मंत्री उसकी गुहार सुनने नही गया
लेकिन एक मुसलमान ऑफिसर जिया उल हक की मौत पर राहुल गाँधी उस परिवार से मिलने चले गए ?
पुरे दो घंटे उसके घर रहे और फिर कब्रिस्तान में जाकर उसकी कब्र पर फतिहा भी पढ़े ..
क्यों की कांग्रेस , समाजवादी पार्टी के लिए जिया उल हक एक सरकारी अफसर की मौत के रूप मे नहीं देख रही है बल्कि एक मुसलमान की मौत के रूप मे देख रही है..
Courtesy Facebook
dohre charitr ke bina n rajniti hoti hai aur n kootniti.
ReplyDeleteबहुत उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteAK NAHI KITNE CHEHRE HAIN,INKE ROJ BADLTE CHEHRE HAI
ReplyDeleteमुझे तो लोगों के ऊपर गुस्सा आता है जो सब कुछ जानते हुये भी अनजान बन जाते हैं.
ReplyDeleteवोटबेंक का लालच क्या नहीं करवा देती !!
ReplyDeleteबहुत उम्दा प्रस्तुति आभार
ReplyDeleteआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे
हिन्दू हैं इसी काबिल !
ReplyDeleteदेश में सभी बराबर हैं भेदभाव उचित नहीं
ReplyDeleteIspasht aur satik--***
ReplyDeletesach kaha
ReplyDeleteLet's C! If people do really able to C that...
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ReplyDeletethe net. Shame on the search engines for not
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क्या करें, ये सेक्युलरिज्म बहुत नंगा नाच नचाता है। हिन्ज्दों की फ़ौज तैयार है। ताली पीट-पीट कर भी नाचेंगे। मुझे तो लगता है कि उस DSP की मौत के दिन को वार्षिक स्याप दिवस घोषित कर देना चाहिए।
ReplyDeleteआपसे पूरी सहमति है दोनों हाथ का अंगूठा लगा कर .पार्टियाँ कोई भी हो नारा है तुष्टिकरण और केवल तुष्टिकरण मुझे स्मरण नहीं आता दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म पर राहुल गाँधी कोई उवाच या मगरमच्छिय विलाप/प्रलाप
ReplyDeleteआखिर हिन्दू समाज को समझ आने में और कितना समय लगेगा?
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