Wednesday, March 19, 2014

केजरीवाल का ओवर-कॉन्फिडेंट अंडा

एक अंडा था , एक बार छत से कूद गया , फूटा नहीं ---(जाको राखे साईयाँ मार सके ना कोय ) ! ---

वो फिर से छत पर गया और दुबारा कूदा , फूटा नहीं ---- (प्रैक्टिस मेक्स अ मैन परफेक्ट)----

वो अंडा फिर से छत पर चढ़ा और कूद गया --फूट गया इस बार ! [ओवर-कॉन्फिडेंस]
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दिल्ली में जीत गया तो ओवर-कॉन्फिडन्स उसे बनारस खींच रहा है ! अंजाम तो हमने ऊपर लिख ही दिया है !

Zeal

6 comments:

  1. वो अभी वाराणसी को नहीं जानता उसे यहीं पता लगेगा कि राजनीती क्या होती है.

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  2. वाह..बहुत सही कहा..देखर्ते है आगे आगे क्या होता है..?

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  3. राजनीति के सफल अभी-नेता हैं केजरीवाल... दिल्ली वाले तो महसूस कर ही रहे होंगे.

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  4. केजरी का ओवर कॉंन्फिडेंस भी एक दिन अंडे की भाँति ही फूट जाएगा| राजनीति का सबसे घटिया इंसान...

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  6. नौटंकीबाज है कजरी इसीलिए अन्ना इसको राजनीती में जाने समाना किया था अपने मुह की खाके वापस आ जायेगा .

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