चैटिंग क्या है ?
आभासी दुनिया में ऑनलाइन होने पर एक दुसरे के साथ किसी भी विषय पर लिखित में वार्तालाप करने को चैटिंग कहते हैं । ये आनंददायी भी है और दुखदायी भी ।
चैटिंग के लाभ --
आभासी दुनिया में ऑनलाइन होने पर एक दुसरे के साथ किसी भी विषय पर लिखित में वार्तालाप करने को चैटिंग कहते हैं । ये आनंददायी भी है और दुखदायी भी ।
चैटिंग के लाभ --
- बहुत कुछ सीखने को मिलता है । जिस भी भाषा में संवाद कर रहे हैं , उसमें धीरे-धीरे प्रवीणता आने लगती है।
- जो बातें आप रियल लाइफ में कह नहीं पाते और अन्दर ही अन्दर घुटते रहते हैं , वो इस आभासी दुनिया की चैटिंग में किसी के साथ शेयर कर सकते हैं और अपना मन हल्का कर सकते हैं।
- यहाँ आपको कोई सुनने वाला मिल जाता है जो धीरे-धीरे आपके आत्मविश्वास को भी बढाता है ।
- कुछ लोगों का एकाकीपन दूर करने में भी बहुत मददगार साबित होता है ।
- कभी कोई जानकारी चाहिए होती है तो वो ऑनलाइन मित्रों की मदद से तुरंत मिल जाती है ।
- देश विदेश में रह रहे मित्र एवं परिवार वालों से बात करने का एक बेहतरीन जरिया ।
चैटिंग से होने वाली हानियाँ --
- कक्षा छः तक आते आते बहुत से बच्चे मित्रों के साथ चैटिंग में व्यस्त हो जाते हैं । इससे उनकी सकारात्मक ऊर्जा का व्यय कंप्यूटर पर ही हो जाता है , और पढाई के समय थके रहते हैं या फिर चैट के वक्त हुए वार्तालाप पर उनका ध्यान भटकता रहता है ।
- चैटिंग कई बार एक नशे का रूप ले लेती है। और व्यक्ति के जरुरी कार्य पेंडिंग होते जाते हैं। इकठ्ठा हुए कार्य बाद में व्यक्ति को चिंता और झुंझलाहट देते हैं । स्वभाव में चिडचिडापन आ जाता है ।
- व्यक्ति समाज से थोडा कट जाता है , और आभासी दुनिया पर ज्यादा निर्भर रहने लगता है ।
- अक्सर कुछ असामाजिक तत्व भी होते हैं इस आभासी दुनिया में , जो आपके परिवार की जानकारी हासिल कर आपको ब्लैकमेल करने लगते हैं । आपका उठना - बैठना मुश्किल कर देते हैं ।
- कुछ लोग जो parasite टाइप के एवं अवसादग्रस्त होते हैं , वो पिस्सू की तरह आपके ऊपर बुरी तरह निर्भर करने लगते हैं तथा आपकी ऊर्जा एवं समय को खा जाते हैं और आप इंसानियत निभाने के फेर में स्वयं को बिलकुल अशक्त ( drained ) महसूस करने लगते हैं ।
- जब संवाद एक स्त्री और पुरुष के मध्य हो रहा होता है तो बहुधा लोग अपनी मर्यादाएं लांघ जाते हैं । वो भूल जाते हैं की वो किसी सम्मानित व्यक्ति से बात कर रहे हैं । अक्सर पुरुष , स्त्री की भावुकता का नाजायज लाभ उठाता है और अनाधिकार चेष्टाएं करता है । Attention न मिलने की अवस्था में उसके अन्दर का जानवर जागृत होकर , स्त्री को अनेक प्रकार से यातनाएं देता है ।
- ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
Yea true, there are +ve and -ve aspects attached to it.
ReplyDeleteशानदार बातें कही हैं आपने. धन्यवाद्
ReplyDeleteमेरा नया ब्लॉग www.dunali.blog.com
ाच्छा विचारणीय आलेख। धन्यवाद।
ReplyDeletesahi kaha aapne
ReplyDeletehakikat he
bahut badhiya jankari
very true about chatting....
ReplyDeleteevery thing have its good n bad side, it depends how we use n take that....
BTW in olden days people use to talk "face to face" where as now its on facebook.....
चेतावनी और सही दिशा दिखाती पोस्ट
ReplyDeleteबहुत अच्छा विश्लेषण किया है जी
ReplyDeleteमैं तो कोई आवश्यक बात करने के लिये या समय एकदम खाली होने पर ही चैटिंग का प्रयोग करता हूँ।
प्रणाम
चैटिंग सम्बन्धी बड़ा सुगढ़, सुन्दर और सुव्यवस्थित आलेख प्रस्तुत करके आपने एक कामयाब लेखिका का दायित्व निभाया है साथ ही आलेख की अंतिम निम्न पंक्तियाँ आपके कुशल डॉक्टर होने की योग्यता का प्रमाण भी प्रस्तुत करती हैं.
ReplyDelete"ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं"
बिल्कुल सटीक विश्लेषण किया है…………आभार्।
ReplyDeleteआपने चैटिंग का बहोत सही विश्लेषण किया
ReplyDeleteवैसे भी हर वस्तु गुण-दोष युक्त ही होती है आवश्यकता इस बात की रहती है कि हमें क्या चाहिए ?
आभार
बिल्कुल सटीक पोस्ट लगाई है आपने!
ReplyDeleteहानि और लाभ दोनों ही बता दिये है!
अब यह हम पर निर्भर करता है कि
हम इन बातों की कितना अपने पर लागू कर पाते हैं!
आपका लेख वास्तव में सही मार्ग दर्शन करता है. लाभ हानि का विचार कर सीमित उपयोग ही उचित है. वैसे भी
ReplyDeleteयह मामला मानसिक परिपक्वता की मांग करता हैं.
साधुवाद !
चैटिंग में मन नहीं लगता है, बहुधा समय व्यर्थ होता है।
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति। इस से बचाव के तरीके भी बताने थे, लेकिन हम अभी तक बचे हे, पता नही उम्र के कारण या दुसरो का हाल देख कर, लेकिन अभी हालात इतने खराब नही.
ReplyDeleteहर सुविधा के अपने गुण अवगुण होते है . आपने एकदम सटीक विवरण दिया है .
ReplyDeleteआनंददायी है
ReplyDeleteचैटिंग का सही विश्लेषण किया है आपने !
ReplyDeleteविचारणीय लेख !
धन्यवाद !
# कुछ लोग जो parasite टाइप के एवं अवसादग्रस्त होते हैं , वो पिस्सू की तरह आपके ऊपर बुरी तरह निर्भर करने लगते हैं तथा आपकी ऊर्जा एवं समय को खा जाते हैं और आप इंसानियत निभाने के फेर में स्वयं को बिलकुल अशक्त ( drained ) महसूस करने लगते हैं।
ReplyDeleteपिस्सुओं से भी इंसानियत?
बिल्कुल सही कहा है आपने ...विचारणीय प्रस्तुति ।
ReplyDeletevery true..........!
ReplyDeletechatting matlab cheating---
ReplyDeletesab kuch galat batate hai---
jai baba banaras---
दिव्या जी ,
ReplyDeleteचैटिंग के सकारात्मक एवं नकारात्मक , दोनों पहलुओं का बहुत सार्थक विश्लेषण किया है अपने लेख में |
जीवनोपयोगी प्रस्तुति सराहनीय है |
कुछ पिस्सुओं से मेरा वास्ता पड़ा था. उनसे एक-दो बार की चैटिंग के बाद शीघ्र पीछा छुड़ाना पड़ा. कई लोग तो पहली ही बार में बच्चों, घर आदि की पूरी जानकारी माँगने लगते हैं. इनसे खबरदार रहने की आवश्यकता होती है. ये आपराधी किस्म के लोग हो सकते हैं. चैटिंग पर बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए आभार.
ReplyDeleteavanchhit to kdm kdm pr milte hai ye to khud pr nirbhr krta hai ki unhe hm apni pridhi me ghusne se kaise roke our chaiting krte smy is bat ka pura khyal rkhe ki unhe hm jane anjane is vyvhar ke liye aamntrit to nhi kr rhe hai ?
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (26.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletepoornty shi
ReplyDeleteमैं तो इसे अनावश्यक ही मानता हूँ । कभी किसी विशेष परिस्थति की बात अलग है ।
ReplyDeleteaap bahut parishram karti hai,prerna lene yogya.
ReplyDeleteक्या ज़माना आ गया है । अब लोग चैट ( बात ) भी करते हैं तो बिना मूंह खोले ।
ReplyDeleteहम तो पहले से ही चैट नहीं करते । अब आप का लेख पढ़कर तो बिल्कुल भी नहीं करेंगे ।
अच्छा सन्देश दिया है दिव्या जी ।
चैटिंग तो कभी किया नहीं, समय नहीं मिलता, रुचि भी नहीं है।
ReplyDeleteखाली समय को पुस्तकें पढने या कोई वाद्य बजाने में व्यतीत करता हूं।
आपने चैटिंग के संबंध में चेतावनी भी दे दी, सो उससे दूर ही रहूंगा।
चैटिंग अच्छे सेवक के और क्रूर स्वामी की तरह है जो जैसा उपयोग करना चाहे उसके लिए वैसा ही है |
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी..आभार
ReplyDeleteसार्थक, सामयिक और एक डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन की तरह लिया है इसे।
ReplyDeleteपर मर्ज़ भी तो बता ही दूं,
* कोई खास रूचि नहीं है इस रोग को पालने में
** कुछ अच्छे मित्र बनाए हैं इस रोग के संक्रमण से
*** छुपकर (INVISIBLE) रहता हूं, अतः अनावश्यक आक्रमणकारियों को जवाब नहीं देने से काम चल जाता है।
और यह आभासी दुनिया , जहाँ पर हम अपने दुःख दर्द को अभिव्यक्त करते हैं, किसी जाने अनजाने के साथ ...आपने सही कहा है .....
ReplyDeleteचैटिंग के नफा-नुकसान का सही विश्लेषण।
ReplyDeleteचैटिंग से वाहियात कुछ नहीं हो सकता...(शायद)
ReplyDeleteअच्छा सन्देश दिया है दिव्या जी ।
ReplyDeleteथोड़ी देरके लिए तो चैटिंग ठीक है किन्तु सारा दिन
चैटिंग करना आदमी को निकम्मा बना देता है
मै आपकी बातों से पुर्णतः सहमत हूँ ...
ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए आभार.
अच्छा सन्देश दिया है दिव्या जी ।
ReplyDeleteथोड़ी देरके लिए तो चैटिंग ठीक है किन्तु सारा दिन
चैटिंग करना आदमी को निकम्मा बना देता है
मै आपकी बातों से पुर्णतः सहमत हूँ ...
ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए आभार.
चैटिंग क्या, नेट ही एक नशा है..
ReplyDelete
ReplyDeleteचार दिनों की है ज़िन्दगानी
जिसमें हरदम समय का टोटा
फिर काम का अँबार, ऎसे में
ग़र चढ़ पड़ा चैटिंग का बुखार
अल्लाह मेरी तौबा.. अल्लाह मेरी तौबा
सही विश्लेषण
ReplyDeleteसही विश्लेषण
ReplyDeletebahut acchi post mam
ReplyDeleteand nice blog
thanks tocome to my blog
please come again and follow the blog for updates
http://iamhereonlyforu.blogspot.com/
analytically correct, but sometimes people get carried away and trap themselves in emotional breakdown...
ReplyDeleteCHATING.......CHEATING.....
ReplyDeleteचैटिंग क्या, नेट ही एक नशा है..
PRANAM.
बहुत अच्छा विश्लेषण....
ReplyDeleteशानदार बातें कही हैं आपने, बहुत अच्छी जानकारी..आभार
ReplyDeleteचैटिंग का सही विश्लेषण किया है आपने !
ReplyDeleteविचारणीय लेख !
धन्यवाद !
चैटिंग में अगर दोनों पक्ष समझदार हों तो यह, एक सुखद अनुभव रहता है....थोड़ा सा हंसी मजाक...थोड़ा विचार-विमर्श...और रोजमर्रा की एकरसता में थोड़ी विविधिता आती है...पर मुश्किल तब आती है जब एक पक्ष के पास समय ही समय हो..और दूसरे के पास सैकड़ों काम...फिर तो ऐसे लोगों को ब्लॉक करने के सिवा कोई चारा नहीं बचता .
ReplyDeleteमुझे तो इस वजह से याहू मेसेंजर ही डिलीट करना पड़ा क्यूंकि, वहाँ invisible के साथ buzz का ऑप्शन भी है...छुपना भी मुश्किल :)
चैटिंग का बहुत सुन्दर विश्लेषण.
ReplyDeleteहानियों के बावजूद काफी उपयोगी है.
सलाम.
विचारणीय आलेख.......
ReplyDeleteआप अच्छा लिखते है, आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा.... कृपया यहाँ पर आयें और समर्थक लेखक बन उत्तरप्रदेश ब्लोगर असोसिएसन का हैसला बढ़ाएं. आप आयेंगे तो हमें अच्छा लगेगा. हम आपका इंतजार करेंगे.....
ReplyDeletehttp://uttarpradeshbloggerassociation.blogspot.com
सटीक विश्लेषण किया है,आभार्.....
ReplyDeleteबहुत लट - पटा और चट - पटा लगा.धन्यवाद.
ReplyDeleteबढ़िया विश्लेषण !!
ReplyDeletebahut badhiya jankari vali post.........
ReplyDeleteआदरणीय डॉ.दिव्याजी,
ReplyDeleteनमस्कार
चैटिंग का सही विश्लेषण किया है आपने!
सचेत करती सार्थक पोस्ट
ReplyDeleteअति हर चीज की बुरी होती है.
आपने लाभ और हानि दोनों ही बातें बखूबी बता दीं हैं
दिक्कत यह है कि कब कोई शौक हमारी लत बन जाती है हमें खुद ही नहीं पता चलता.
चैटिंग के गुण दोष का विश्लेशण कर अच्छा ज्ञानवर्धन कराया है आपने .बाल वर्ग के लिए तो यह बहुत घातक हो सकती है .पुरानी कहावत है 'चट्टो खोवे एक घर ,बत्तो खोवे दो घर ' यानि जिसको चाट (खाने -पीने) का ही शौक है वह तो केवल अपने घर का ही नुक्सान करेगा ,लेकिन किसी को बेवजह बतियाने की आदत है तो वह खुद का और बतियाने वाले , दोनों का नुकसान करेगा .
ReplyDeleteРиэлтор или риелтер, как же все-таки правильно?
ReplyDeleteЗанимаясь вопросами квартира в Минске недорого [url=http://kotlovan.by/realt/list/prodazha-kvartir]цены на квартиры в Минске[/url] и недвижимость в Минске.
Необходимо учитывать такой важный аспект, как юридическое сопровождение сделки,
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Разъяснить различные правовые аспекты поможет агент, лучше - риелтор, но никак не черный маклер.
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