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स्वभाव से संकोची सचिन तेंदुलकर जी एक बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी हैं । गर्व है की हम उस देश के नागरिक हैं जहाँ सचिन जैसे हर दिल अज़ीज़ खिलाड़ी हैं। १५ वर्ष की आयु से क्रिकेट में अपने कैरियर की शुरुवात करते हुए निरंतर कामयाबी की बुलंदियों को छूते चले गए।
आखिर इस कामयाबी का राज़ क्या है । विनम्रता , गंभीरता , दायित्वों का पूर्ण एहसास , खेल के प्रति समर्पण, देशभक्ति और देशवासियों के लिए प्यार ही सचिन की कामयाबी और शोहरत का कारण है ।
कल साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में सचिन ने अपना पसीना बहाकर भारत को एक मज़बूत मकाम पर खड़ा किया लेकिन अन्यों की लापरवाही ने जीता हुआ मैच हरवा दिया । कल उनकी फील्डिंग भी देखने लायक थी । इतना बेहतरीन प्रदर्शन की तारीफ़ के लिए शब्द कम पड़ें । सचिन खेल में अपनी जी-जान लगा देते हैं। खेल के प्रति सचिन का समर्पण लाखों खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
विनम्रता तो सचिन में जैसे कूट-कूट कर भरी है । जब मांजरेकर ने कहा की "सचिन को खेल से संन्यास ले लेना चाहिए" तब भी उन्होंने विनम्रता पूर्वक मौन रखा । भावुक सचिन अनाथ बच्चों के लिए समाज सेवा से भी जुड़े हुए हैं ।
सन २०१० में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध बेहतरीन दोहरी शतकीय पारी खेल कर तकरीबन जिता दिया था भारत को , लेकिन अंत में मात्र दो रनों से भारत की हार होने पर सचिन की आखों से आँसू निकल पड़े थे । इस तरह से समर्पित होकर विरले ही खिलाड़ी खेलते हैं ।
कुछ लोगों का मानना है की सचिन जब शतक लगाते हैं तो भारत की हार निश्चित हो जाती है । अब ऐसे अंधविश्वासों का क्या मतलब है । क्या सचिन शतक लगाना छोड़ दें ?
सचिन का अपने देश के लिए जज्बा अनुकरणीय है । जब मुंबई में मराठी भाषा का मुद्दा गरमाया हुआ था तो सचिन का वक्तव्य था - "मुझे महाराष्ट्रीयन होने पर गर्व है , लेकिन मैं सबसे पहले भारतीय हूँ " । देश का नाम ऊँचा करने वाले ऐसे खिलाडी को 'भारत-रत्न' से पुरस्कृत होना चाहिए।
सुना है सचिन को सी-फ़ूड बहुत पसंद है , खासकर झींगा (Shrimp)। सचिन का थाईलैंड में स्वागत है । यहाँ झींगा का बोलबाला है।
सचिन तुम खेलो हज़ारों साल ,
खेल के रन हों पचास हज़ार ।
आभार ।
आखिर इस कामयाबी का राज़ क्या है । विनम्रता , गंभीरता , दायित्वों का पूर्ण एहसास , खेल के प्रति समर्पण, देशभक्ति और देशवासियों के लिए प्यार ही सचिन की कामयाबी और शोहरत का कारण है ।
कल साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में सचिन ने अपना पसीना बहाकर भारत को एक मज़बूत मकाम पर खड़ा किया लेकिन अन्यों की लापरवाही ने जीता हुआ मैच हरवा दिया । कल उनकी फील्डिंग भी देखने लायक थी । इतना बेहतरीन प्रदर्शन की तारीफ़ के लिए शब्द कम पड़ें । सचिन खेल में अपनी जी-जान लगा देते हैं। खेल के प्रति सचिन का समर्पण लाखों खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
विनम्रता तो सचिन में जैसे कूट-कूट कर भरी है । जब मांजरेकर ने कहा की "सचिन को खेल से संन्यास ले लेना चाहिए" तब भी उन्होंने विनम्रता पूर्वक मौन रखा । भावुक सचिन अनाथ बच्चों के लिए समाज सेवा से भी जुड़े हुए हैं ।
सन २०१० में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध बेहतरीन दोहरी शतकीय पारी खेल कर तकरीबन जिता दिया था भारत को , लेकिन अंत में मात्र दो रनों से भारत की हार होने पर सचिन की आखों से आँसू निकल पड़े थे । इस तरह से समर्पित होकर विरले ही खिलाड़ी खेलते हैं ।
कुछ लोगों का मानना है की सचिन जब शतक लगाते हैं तो भारत की हार निश्चित हो जाती है । अब ऐसे अंधविश्वासों का क्या मतलब है । क्या सचिन शतक लगाना छोड़ दें ?
सचिन का अपने देश के लिए जज्बा अनुकरणीय है । जब मुंबई में मराठी भाषा का मुद्दा गरमाया हुआ था तो सचिन का वक्तव्य था - "मुझे महाराष्ट्रीयन होने पर गर्व है , लेकिन मैं सबसे पहले भारतीय हूँ " । देश का नाम ऊँचा करने वाले ऐसे खिलाडी को 'भारत-रत्न' से पुरस्कृत होना चाहिए।
सुना है सचिन को सी-फ़ूड बहुत पसंद है , खासकर झींगा (Shrimp)। सचिन का थाईलैंड में स्वागत है । यहाँ झींगा का बोलबाला है।
सचिन तुम खेलो हज़ारों साल ,
खेल के रन हों पचास हज़ार ।
आभार ।
सचिन ज़िंदाबाद !! The Greatest of them all !!!
ReplyDeleteThere's no doubt about it. He is the best.... :)
ReplyDeletehe did very good job ,,,visit my blog plz
ReplyDeleteDownload latest music
Lyrics mantra
Hey Irfan !...Where have you been ? ..You were found absconding on my last two posts....Smiles !
ReplyDeleteसचिन जैसे सपूत कम ही जन्म लेते हैं ! शुभकामनायें आपको !!
ReplyDeleteIndeed Amitabh...He is the greatest of them all..
ReplyDeleteoh.. yaa.. just missed those , may be bcoz of some engagements at work place.... will go through those.....
ReplyDeleteBTW thanx for the concern... :)
We are proud of him.
ReplyDeleteबहुत सुंदर पोस्ट ,सचिन जैसे महान खिलाड़ी कभी -कभी जन्म लेते हैं |महानता के साथ विनम्रता हो तो सोने पे सुहागा |ऐसे महान भारतीय को मेरा नमन |
ReplyDeleteLekin jis match me Sachin chamakta hai vo match India haar kyun jaati hai
ReplyDeletesachin is living legend and ideal cricketer. he truly desrevs bharat ratna.
ReplyDeleteमेरी भी शुभकामनायें आपके माध्यम से।
ReplyDeletedeserves--correction
ReplyDeleteदिव्या जी सचिन जी को बहुत बहुत बधाइयाँ इस देश के अनमोल रतन होने पर..
ReplyDeleteकभी कभी ये मन सोचता है की हम सभी लोग इस समय क्रिकेट के बुखार में खो गएँ है..
क्या भारत के वर्ल्ड कप जितने से बस्तर के आदिवासी बच्चो का कुछ भला हो सकता है??
या विदर्भ में मरते किसान जिनको पूरे साल में २०-१५ मिनट का मीडिया कवरेज मिलता है...
चलिए एक बार फिर सचिन की महानता को प्रणाम वर्ल्ड कप को सलाम...
जय हिंद
My father is Sachin's fan.
ReplyDeleteI am Sachin's fan
My nephew (10 Yrs old) is Sachin's fan.
I respect this great man. Amitabh too is great but their comparison is not justified.
Remember there are only Replays but no re-takes in cricket ground.
हर सच्चे भारत-वासी को अपने सचिन पर गर्व है |
ReplyDeleteसचिन का कोई जवाब नही |जुग-जुग जियो सचिन |
आशीर्वाद !
सचिन का पूरे किर्केट जगत में कोई जवाब नहीं है!
ReplyDeleteसचिन! तुझे सलाम!!
ReplyDeletenice 2 see u recalling sachin n talking abt. this superstition that whenever he scores a century, India loses. It's actually the food of crooked kitchen . The person responsible for Yesterday's loss is M S Dhoni n not Sachin..........One more truth I'd like 2 add it here "People like me watch Cricket for Sachin only.
ReplyDeletehats off to sachin and his devotion..
ReplyDeleteपेड़ पर जितने ज्यादा फल होते है पेड़ उतना ही झुका हुआ होता है |मास्टर सचिन ने यह उक्ति चरितार्थ कर दी है |
ReplyDeleteआपके माध्यम से सचिन को बधाई अवम शुभकामनाये |
super like....
ReplyDeleteसचिन को याद करते ही अपने कर्म के प्रति समर्पण का भाव स्वतः आ जाता है। शायज इसीलिए उसे भगवान कहते हैं।
ReplyDeleteअच्छे खिलाडी हैं सचिन।
ReplyDeleteजितनी तारीफ की जाए कम है।
पर भारत रत्न।
मैं इससे सहमत नहीं।
सचिन श्रेष्ठ खिलाड़ी तो हैं ही, श्रेष्ठ इंसान भी हैं।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति,आभार
ReplyDeleteसचिन के लिये शुभकानाऎ आने वाले मेचो के लिये, वैसे कल बहुत दुख हुआ, एक जीता हुआ मेच हम ने खो दिया
Sach! Sachin jaisa heera is deshko milna apna aho bhagya hai!
ReplyDelete.
ReplyDeleteसचिन मतलब :
— — भारतीयता का आदर्श रूप
— राष्ट्रीयता का एक ताज़ा दृष्टांत
— अपने क्षेत्र का सतत साधनारत तपस्वी
— एक सिद्धपुरुष
... लेकिन जब वे स्वदेशी उत्पादों को छोड़ विदेशी उत्पादों का विज्ञापन करते नज़र आते हैं - तब जरूर मलाल होता है.
एक युसूफ पठान हैं जो अपनी दाढी-मूछों के सामने बड़े-बड़े प्रलोभनों को अहमियत नहीं देते.
इतनी उपलब्धियों को पाने के बाद यदि सचिन भी .. युसूफ पठान से कुछ सीख लें तो ... मैं उन्हें भारत-रत्न का दावेदार मन से मानूँगा.
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सी-फ़ूड बहुत पसंद है , खासकर झींगा...... सचिन काथाईलैंड में स्वागत है । यहाँ झींगा का बोलबाला है।
ReplyDelete@ मैं समझ नहीं पाया हूँ ... क्या आप मांसाहार का समर्थन तो नहीं कर रहे हैं?
झींगा क्या समुद्री-वनस्पति की कोटि में आता है? क्या उसे सी-फ़ूड कहना उपयुक्त है?
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ReplyDelete@ प्रतुल वशिष्ट जी ,
सचिन ने २० करोड़ का ऑफर ठुकरा दिया दिया था क्यूंकि वो पेप्सी का विज्ञापन नहीं करना चाहते थे । उनका ये निर्णय भी अनुकरणीय है ।
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helicopter shots........
ReplyDeletesallute to sachin
pranam.
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ReplyDeleteमुझे सचिन के त्याग की यह जानकारी नहीं थी.
फिर भी ....... एक मन में बात है ... एक उदाहरण द्वारा पूछता हूँ. .... क्या ऐसा व्यक्ति कितना सही है?
— जिसने बीस वर्ष पहले कोई घोटाला किया हो... और उससे अर्जित धन के आधार पर आज़ संतई कर रहा हो?
— मैं एक ऐसे परिवार को जानता हूँ जिसने केवल चोरी, लूट-खसौट करके, अवैध ज़मीनों पर कब्जे करके अकूत धन-संपदा जोडी... और आज़ वही परिवार समाज में अपने वैभव की बदौलत प्रतिष्ठित है.
बेशक उनमें कुछ लोग राजनीतिक लाभ पाने के लिये अपनी विनम्रता का नाट्य करते हैं.
— पूर्व का भ्रष्ट मंत्री यदि पकड़ा न जाकर आज़ राजनीति में सफलता पाले ..!
— आर्थिक संघर्ष झेलता कोई व्यक्ति अपने जीवन के प्रारम्भ में बिना उसूलों के सभी काम करने को सहमत दिखायी दे और बाद में वही व्यक्ति अपने आचरण से सक्षम होजाने पर उसूलवाला और प्रेरक हो जाये.
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* आज कितने सक्षम लोग हैं जो समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं? ज्यादातर तो स्वार्थी हैं।
ReplyDelete* कोई पहले भ्रष्ट था तो क्या बाद में सुधर नहीं सकता ?
* सुबह का भूला शाम को घर लौट आये तो ?
* जो असक्षम है , वो चाहते हुए भी समाज के लिए कुछ कर नहीं पाता , लेकिन जो सक्षम हैं और अनाथों और दीनों के लिए कर रहे हैं , वे निसंदेह प्रशंसनीय हैं ।
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ReplyDeleteडॉ A P J अब्दुल कलाम
किरण बेदी
नरेंद्र मोदी
बाबा रामदेव
सचिन तेंदुलकर
ऐसे लोग विरले ही हैं जिनके लिए मेरे ह्रदय में सम्मान है , यदि मैं इनको न सराहूँ तो किसे सराहूँ ?
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सचिन पर हमे भी गर्व है। शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति बहुत ही अच्छी लगी हम सबको सचिन पर गर्व है आपके इस लेखन के लिये बधाई सचिन जी के लिये शुभकामनाएं ...।
ReplyDeleteसचिन के बारे में जो भी देखतें है,सुनते है और समझते हैं,उससे तो यही नजर आता है की सचिन एक कर्मयोगी है ,जो अपनी उपलब्धि
ReplyDeleteपर कहीं रुकता नजर नहीं आता. गीता में इसे ही कर्मयोगी का 'कर्म फल त्याग'बताया गया है.अर्थात केवल अपना कर्तव्य कर्म करते जाना,बैगर किसी भी उपलब्धि या विफलता पर रुके और यही रास्ता व्यक्ति को महान बनाता है व परमानंद की मंजिल तक पहुंचाता है.
I'm also very proud of him. He is my most favorite cricketer too. Nice post.
ReplyDeletekabile tarif
ReplyDeletesachin to hain hi aapka aalekh bhi
दिव्या जी, आपने सही कहा। सचिन एक सर्वोत्तम खिलाड़ी होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे व्यक्ति भी हैं।
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