बिलकुल ऐसा ही होना था. हमारे प्रधानमन्त्री जी तो ऐसे मरे हुए बोलते हैं जैसे..बुखार हो या फिर कोई ऐसा रोग जिससे जल्द ही मरने वाले हों ...well I am not doctor just like Divya ji लेकिन फिर भी मैंने जानना चाहता था की क्यों प्रधानमन्त्री जी मरी हुयी...दबी हुयी जबान में राष्ट्र को संबोधन करते हैं.... चलो और कुछ भी नहीं तो यार बोलो तो ऐसे की लगे तुम जिन्दा हो...सभी स्वास्थ्य और अन्य कारणों पर गौर करने के बाद मैं इनकी समस्या और निदान तक पहुँच गया हूँ...जो की एक डॉक्टर की तरह यूँ हैं....
Rx.... --------------- Problems ---------------- १. आप की आत्मा और रूह दब चुकी है श्रीमान. २. इसे आपने ही दबाया है .. सब कुछ जानते हुए भी चुप रहकर. ३. बोलने में ताकत खर्च होती हैं, मगर उस ताकत के मुकाबले में कम ही जो आप सच को दबाने में खर्च करते आये हो. ४. देश की मिट्टी पर खड़े हो....तुम मार्ट को सूंघते हो...इससे तुम्हे वो बिमारी लग गयी है जिसका इलाज करवाने तुम्हे इटली..या फिर कहीं ऐसी जगह जाना होगा जहाँ से तुम वापस न लौट सको. ५. मैंने पाया की तुमने अपनी कुर्सी बचाने के लिए तुम्हारा ईमान तक बेच दिया....ये घुटन तुम्हे अंदर ही अंदर खाये जा रही है...सच कहा ना.... ७ खा तो तुमने सब कुछ लिया अब पचाना मुश्किल हुए जा रहा है. --------------- Suggestion ---------------- १. कम 'खाया ' करों...अगर 'खाने' की बहुत ज्यादा मन में आ रही हो तो उतना ही खाओ जितना पचा सको. २. कहदो जमाने से की चोर कौन है...तुम नहीं तो फिर कौन, मन के द्वार खोल प्यारे मन के मोहन. ३. डर कैसा रे मिट्टी के ले सुन....मिट्टी का पुतला एक रोज मिट्टी में मिल जाया करता है ४. विदेशियों की जिस गंध का पीछा करते हो उसे बंद करके सुबह सुबह...उगते सूरज को सलाम करों...देश की ताज़ी हवा से प्यार करो...रूह तक ठंडी न हो जाए तो मुझे कहना.
---------------- Fees ??? ---------------- जीवन मैं पैसा ही सब कुछ नहीं होता डियर, देख देश में कितने गरीब और अभागे हैं..मेरी फीस अगर देने की ज्यादा ही 'मन' में आये तो जाओ और किसी गरीब को एक वक्त की खुशी दो....वो एक वक्त की खुशी तुम्हारे पुरे जीवन में काम आएगी..
pisa h kiska sabyara e reh jaaga rola na kero aaps me inko payar ki bhaasa m samjha do ya jitne aadmiya ke khate h na unko chand pe bhej do 5-7 vars tak akl aajaagi inko
काला धन वापस ले आये होते तो ये दुर्गति न होती...
ReplyDeleteexcellant
ReplyDeleteआमीन...
ReplyDeleteबिल्कुल सटीक!
ReplyDeleteकाश......................
ReplyDeleteअनु
बहुत सही और सटीक..
ReplyDeleteबिलकुल ऐसा ही होना था. हमारे प्रधानमन्त्री जी तो ऐसे मरे हुए बोलते हैं जैसे..बुखार हो या फिर कोई ऐसा रोग जिससे जल्द ही मरने वाले हों ...well I am not doctor just like Divya ji लेकिन फिर भी मैंने जानना चाहता था की क्यों प्रधानमन्त्री जी मरी हुयी...दबी हुयी जबान में राष्ट्र को संबोधन करते हैं.... चलो और कुछ भी नहीं तो यार बोलो तो ऐसे की लगे तुम जिन्दा हो...सभी स्वास्थ्य और अन्य कारणों पर गौर करने के बाद मैं इनकी समस्या और निदान तक पहुँच गया हूँ...जो की एक डॉक्टर की तरह यूँ हैं....
ReplyDeleteRx....
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Problems
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१. आप की आत्मा और रूह दब चुकी है श्रीमान.
२. इसे आपने ही दबाया है .. सब कुछ जानते हुए भी चुप रहकर.
३. बोलने में ताकत खर्च होती हैं, मगर उस ताकत के मुकाबले में कम ही जो आप सच को दबाने में खर्च करते आये हो.
४. देश की मिट्टी पर खड़े हो....तुम मार्ट को सूंघते हो...इससे तुम्हे वो बिमारी लग गयी है जिसका इलाज करवाने तुम्हे इटली..या फिर कहीं ऐसी जगह जाना होगा जहाँ से तुम वापस न लौट सको.
५. मैंने पाया की तुमने अपनी कुर्सी बचाने के लिए तुम्हारा ईमान तक बेच दिया....ये घुटन तुम्हे अंदर ही अंदर खाये जा रही है...सच कहा ना....
७ खा तो तुमने सब कुछ लिया अब पचाना मुश्किल हुए जा रहा है.
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Suggestion
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१. कम 'खाया ' करों...अगर 'खाने' की बहुत ज्यादा मन में आ रही हो तो उतना ही खाओ जितना पचा सको.
२. कहदो जमाने से की चोर कौन है...तुम नहीं तो फिर कौन, मन के द्वार खोल प्यारे मन के मोहन.
३. डर कैसा रे मिट्टी के ले सुन....मिट्टी का पुतला एक रोज मिट्टी में मिल जाया करता है
४. विदेशियों की जिस गंध का पीछा करते हो उसे बंद करके सुबह सुबह...उगते सूरज को सलाम करों...देश की ताज़ी हवा से प्यार करो...रूह तक ठंडी न हो जाए तो मुझे कहना.
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Fees ???
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जीवन मैं पैसा ही सब कुछ नहीं होता डियर, देख देश में कितने गरीब और अभागे हैं..मेरी फीस अगर देने की ज्यादा ही 'मन' में आये तो जाओ और किसी गरीब को एक वक्त की खुशी दो....वो एक वक्त की खुशी तुम्हारे पुरे जीवन में काम आएगी..
धन्य हो !
ReplyDeletesaale sardar bhai itli chle ye baba budhe jisi log rehn na de 2014 t phela raat n liker le yaade te chupcap
ReplyDeletepisa h kiska sabyara e reh jaaga rola na kero aaps me inko payar ki bhaasa m samjha do ya jitne aadmiya ke khate h na unko chand pe bhej do 5-7 vars tak akl aajaagi inko
ReplyDeletem sardar gelya jaangi baajan de mera naada ............... tu mai ke mat jai meri jaan
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