Saturday, November 3, 2012

ईर्ष्या उसी से होती है , जिसमें दम ख़म हो...

A man of substance

11 comments:

  1. ईर्ष्या उसी से होती है , जिसमें दम ख़म हो...

    @ इसी कारण तो ब्लॉग जगत में भी बड़े समझे जाने वाले मोहरे एक ब्लोगर के मोह में हरे हरे जाते हैं।
    जहाँ तक ईर्ष्या की सामूहिक उपस्थिति की बात है ... वह उन हृदयों में अनुपस्थित ही होगी जो उसके प्रेमी हैं।

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  2. यही जलन नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को दुगनी गति से बढा रही है ।

    जरूरी है दिल्ली में पटाखों का प्रदूषण

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  3. ये तो सच कहा आपने

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  4. काश ब्लॉग पर भी लाइक करने की सुविधा होती...

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  5. Narendra Modi is a man of substance.
    सच में एक युगपुरुष के रूप में मोदी का उदय एक आशा के सूर्य का उदय लगता है। अब देशद्रोहियों को ऐसे राष्ट्रभक्त से तो ईर्ष्या होगी ही। मोदी इन सेक्युलर देशद्रोहियों के लिए एक मिर्ची है जो इन्हें बहुत जलाती है।
    मोदी का धन उनकी काबिलियत, दृढ़ता, आत्मविश्वास और राष्ट्रवादिता हैं। इसी धन के सहारे उन्होंने राष्ट्रनिर्माण का मार्ग चुना। जनता के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता कांग्रेसियों से हजम भी नहीं हो रही।

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