Friday, June 21, 2013

कहाँ खो गयी है अपनी भारतीय सभ्यता ?

जापान में सुनामी आने पर , मदद के लिए वहां के रेस्टोरेंट्स में भोजन का दाम घटा दिया गया था लेकिन अफ़सोस की भारत में आपदा आने पर एक रोटी ५० रूपए की और पानी की १ बोतल २०० रूपए में बेच कर मौत पर कमाई कर रहे हैं।

10 comments:

  1. सभ्यता बह जाती है यहाँ ,बादलों के फटने के साथ ही....
    :-(


    अनु

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  2. ये सभी प्राकृतिक आपदाएं तो आजकल अब एक opportunity हो गयी हैं, दमड़ी कमाने का जरिया बन चुकी हैं। मानव अब मानव रह ही कहाँ गया इस देश में?
    भगवान राम और कृष्ण के देश में मानवता का ऐसा पतन स्वयं ईश्वर ने भी नहीं सोचा होगा।

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  3. सिर्फ़ यही नहीं ,म़ृत शरीरों पर से कीमती सामान और धन भी बटोर रहे हैं कुछ अधम लोग !

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  4. ये मेरा इंडिया ,आई लव माँ इंडिया .मेरा भारत महान ,सोनिया अराहुल इसकी शान .मनमोहन ठीक से छाता तान .यहाँ तो दुष्कर्म और लूट पाट भी हुई है आपदा में फंसे भक्तों के साथ .यह तीरथ यात्रा शरीर की थी जिसमें कष्ट ही कष्ट हैं ,संकल्प की यात्रा खुद को ज्योति बिंदु दिव्य आत्मा समझ परमात्मा परम ज्योति को याद करने की यात्रा ही असली यात्रा है यहाँ कभी अमरनाथ यात्रा में बर्फ तले दबते रोंदे जाते हैं कभी बाँध से पानी छोड़ के डुबोये जाते हैं .यही है तिहरी बाँध की हकीकत .ॐ शान्ति

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  5. दुर्भाग्य है हमारा लेकिन कांग्रेस का क्या करें-----?

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  6. दुखियों का धन दिखता है, भावनायें नहीं, डाकू और क्या होते हैं।

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  7. मानवता भूल जाते हैं लोग....

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  8. और सेक्यूलर सरकारें तथा उनके पक्षधर चिताओं की आग में रोटी सकते हैं ! कटु सत्य -

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  9. और सेक्यूलर सरकारें तथा उनके पक्षधर चिताओं की आग में रोटी सकते हैं ! कटु सत्य -

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  10. कहां है हमारी संवेदनाएं । पैसे के धुएं में हमें कुच दिखाई सुनाई नही देता ।

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