Saturday, June 29, 2013

राहुल विन्ची की नौटंकी से हुए २० जवान शहीद

राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे से राहत कार्यो में खलल पड़ने पर उठ रहे सवालों पर आइटीबीपी ने अपनी मुहर लगा दी है. आइटीबीपी के महानिदेशक अजय चढ्डा ने स्वीकार किया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष के ठहरने के लिए गोचर स्थित आइटीबीपी कैंप के आफिसर्स मेस में जगह बनाई गई थी. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के लिए अब इस पर सफाई देना मुश्किल हो सकता है. ध्यान देने की बात है कि पिछले हफ्ते नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के बाद शिंदे ने वीवीआइपी को राज्य से दूर रहने की नसीहत दी थी. इसके बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था.

कैंप खाली कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर अजय चढ्डा ने कहा कि राहुल गांधी को एसपीजी की सुरक्षा होने के मद्देनजर उन्हें आइटीबीपी के गोचर स्थित कैंप में ठहराने का फैसला किया गया और इसके लिए कैंप के आफिसर्स मेस में विशेष व्यवस्था की गई. जाहिर है पिछले 10 दिनों से राहत और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे आइटीबीपी के अधिकारियों को कैंप के ही दूसरे हिस्से में स्थानांतरित करना पड़ा. आइटीबीपी के इसी कैंप में राहुल गांधी ने रात गुजारी थी. गौरतलब है कि इसी दिन राहत व बचाव में लगे एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से आइटीबीपी के 15 जवान शहीद हो गए थे.

राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे और आइटीबीपी के कैंप में उनके ठहरने को सही ठहराना गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के लिए मुश्किल साबित हो सकता है. इससे पहले वीवीआइपी को उत्तराखंड से दूर रहने की नसीहत के बाद भी राहुल के दौरे पर शिंदे को सफाई देनी पड़ी थी. राहुल के दौरे के बाद अपने बयान से पलटते हुए सुशील कुमार शिंदे ने बुधवार को कहा था कि उक्त सलाह शुरू के तीन-चार दिनों के लिए थी. अब वहां हालात काफी सुधर गए हैं इसलिए कोई भी वीवीआइपी राज्य में जाकर राहत व बचाव कार्यो की निगरानी कर सकता है.

13 comments:


  1. नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड दौरे के तुरंत बाद ही राहुल विन्ची को भारत इम्पोर्ट करके, दिखावे हेतु उत्तराखंड भेजा गया और महानुभाव की आवभगत करने के लिए सेना के जवानो को उनके तम्बू -कनातों से बाहर कर दिया गया। इनके नापाक कदम पड़ते ही बचाव कार्यों में व्यस्त हेलिकॉप्टर , २० जवान सहित दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ये अमूल बेबी लन्दन में ही रहता तो बेहतर था।

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  2. अगर अमेठी और रायबरेली के लोगों में अपने देश वासियों के लिये कोई प्रेम है तो उन को भारत माता की कसम है कि इस बार इलेक्शन में राहुल और सोनियाँ की जमानत जब्त करवाने के लिये अपना योग्दान अवश्य दें।

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  3. राहुल वहां राहत कार्य हेतु नहीं गए थे वे तो पिकनिक मनाने गए थे ये तो देश के लिए ही अशिभ है तो ये जहाँ जायेगा शुभ कैसे होगा ये देश के लिए ही अभिशाप है लेकिनक्या करें भारतीय ऐसे ही हैं जो इन कल्नेमियों को पहचानते ही नहीं.कांग्रेस प्रवक्ता कहती हैं के राहुल वहां केवल पांच मिनट ही रुके क्या सही है ?

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  4. लीपो बेटा भूसे पे जितना लीप सकते हो .बात भी ठीक है अब असली वी आई पी हो आए अब कोई आए कोई जाए .मोदी असली वी आई पी नहीं थे शिंदे की नजर में .

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  5. स्थति वाकई दर्दनाक है !!

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  6. ५०, ००० से अधिक लाशें दबी और बिखरी पडी हैं , लेकिन सरकारी आंकडा मात्र ८०० का है। --आखिर क्यों ? देश पर आयी इस आपदा में दिखी कुव्यवस्था के लिए सरकार जवाब दे। लाखों हिन्दुओं को मरवा दिया। इस साजिश का जवाब दे। मदद के लिए तत्पर मोदी को क्यों रोका सरकार ने ? सरकार अपने निकम्मेपन के लिए जवाबदार है, ----जवाब दे !

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  7. आप रही हैं कि अंग्रेजों के जमाने में भी जो नियम क़ानून यहाँ मौजूद अंग्रेजों के गुलाम अफसर बनाते थे वे यहाँ रहने वाले अंग्रेजो पर लागू नहीं होते थे।:)

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  8. इस हादसे ने बहुत कुछ सिखाया है हमें सबक लेना चाहिए

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  9. शर्मनाक घटना
    बहुत सुंदर

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  10. दिल को झकझोर देने वाले आपके ये लेख मुझे हमेशा ही आपके नए लेख का इंतज़ार करने के लिए बिबश करते हैं ..आप जिस सच्चाई से नकाब में छुपे गद्दारों को बेनकाब करती हैं उस जज्वे को सलाम ...बहुत दिनों से आप धापी भरी ज़िंदगी की बजह से आपके ब्लॉग तक न पंहुचा और तमाम पोस्ट मिस की आज लगभग सभी पढ़ लें ....आप यूं ही सतत कर्मरत रहे सादर प्रणाम के साथ

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  11. शर्म नाक घटना ,यदि कोई समझे,यदि किसी में सोचने की शक्ति हो तो.द्द्स्रों को वहां न जाने न उतरने की अनुमति कहकर अपने आका के लिए देश के ग्रह मंत्री व उतराखंड के मुख्य मंत्री भी जिम्मेदार हैं.आज तिवारी (मनीष) विपक्ष को वहां न जाने के लिए निर्ल्जत्ता से कोस रहें हैं पर बेचारे अपनों द्वारा दिए बयानों को भूल रहें हैं.

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