हम सभी को मीडिया से ये शिकायत रहती है की वे हमें कुछ सकारात्मक नहीं दिखाते। तो मैंने सोचा क्यूँ न मैं आपको कुछ सुन्दर, सार्थक और अविस्मर्णीय हस्तियों से मिलाऊं ।
मिलिए डॉ भोला और डॉ कृष्णा जी । माता-पिता तुल्य आदरणीय एवं ममतामयी हस्तियाँ । हमारे बुज़ुर्ग हमारे लिए कितना सकारात्मक योगदान कर रहे हैं अपनी भावी पीढ़ी के लिए जिसके लिए हमें इनका कृतज्ञ होना चाहिए।
तो मिलिए मेरे पिता तुल्य भोला जी से और माता समान कृष्णा जी से --
Zeal
बहुत अच्छा लगा जानकर
ReplyDeleteऐसे ही लोग दिखाते हैं लोगों को समस्याओं से समाधान
ऐसे ही लोगों ने दी है यह पद्धति ,
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/09/130-good-news.html
अच्छा लगा मिलकर ... धन्यवाद !
ReplyDeleteकरेक्शन
ReplyDelete(ऐसे ही लोग दिखाते हैं समस्यओं के समाधान)
नाम जाप एक अति प्राचीन पद्धति है.
इसके कारगर होने में कोई शक नहीं है।
कुछ लोग वाणी से उच्चारित करते हैं और कुछ लोग मन से जाप करते हैं.
किसी भी तरह से जाप किया जाए लेकिन जाप में निरंतरता रहने से वह जाप अखंड भाव से मनुष्य के अंतर्मन में जारी हो जाता है।
तीन माह के बाद आदमी चाहे सोता रहे या रोता रहे या गाता रहे कुछ भी वह जाप उसके अंदर चलता ही रहता है और जाप करने वाला उसे सुनता है।
दिल की आवाज़ को भौतिक जगत की अन्य ध्वनियों की तरह सुना जाना संभव है.
जिसे शक हो ख़ुद करके या हमारे पास आकर देख ले, सुन ले.
इस जाप से मन को शांति मिलती है लेकिन यह जाप तब तक ईश्वर की प्राप्ति का साधन नहीं बन पाता जब तक कि उसके आदेश निर्देश का पालन न किया जाए.
मन मानी के साथ नाम जाप से सिद्धि भी मिल सकती है और शक्ति भी लेकिन प्रभु का वह अनुग्रह नहीं मिल सकता जिसके लिए मनुष्य की सृष्टि की गई और उसे इस जगत में लाया गया।
उसके आदेश से काटने के बाद नाम जाप मात्र एक मनोरंजन भर है।
राम का नाम मंगलदाई है.
ReplyDeleteडॉ भोला जी व कृष्णा जी को सादर नमन.
G.N.Shaw जी ने पहले सी ही उनका फालोअर
बनवा दिया है मुझे.
सच्चे हृदय से निरंतर नाम जप से मनुष्य स्वत:दया,अहिंसा,करुणा
ReplyDeleteप्रेम के भावों से ओत प्रोत होने लगता है.यदि ऐसा नहीं है तो नाम जप
ऊपर का एक देखावा है.
आभार इस मुलाकात के लिए .
ReplyDeleteppl like Krishna ji change the world in their own unique way !!!
ReplyDeleteडॉ. भोला जी और डॉ. कृष्णा जी से उनके विचारों के माध्यम से मिलकर एक सुखद अनुभूति हुई।
ReplyDeleteधन्यवाद ||
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा मिलाकर .......आभार आपका
ReplyDeleteबहुत आभार इस परिचय के लिये.
ReplyDeleteरामराम
आभार परिचय का।
ReplyDeleteबहुत नेक कार्य।
ReplyDeleteअत्यंत प्रसन्नता हुई भोला दंपत्ति से मिल!
ReplyDeleteकथन है कि राम ने प्रत्यक्ष रूप में कुछ ही 'राक्षसों' को मोक्ष दिलाया,,, जबकि उनके नाम ने असंख्य को मोक्ष दिला दिया है :)
मैं कल परेशान रहा कि गुलाम अली द्वारा गाये किस गाने की तर्ज़ पर भोला जी ने गीत जी का गाना गाया?
उसे मैंने कई बार गुनगुनाया, फिर देर बाद अचानक याद आ ही गया "कल बबूलों से भर गया था दश्त / किसकी दहशत ने ख़ाक उड़ाई थी..."...
परिचय के लिए धन्यवाद!
बहुत सुन्दर व्यक्तित्व से परिचय कराने के लिए आपका कोटिशः धन्यवाद
ReplyDeleteदिव्या बेटा ,
ReplyDeleteइतना सम्मान दिया जिसका पात्र नहीं हूँ ! इसके वास्तविक अधिकारी हैं "वह परम" जो इस शरीर से सभी क्रियाएँ करवा रहे हैं ,जो चाहते है लिखा लेते हैं ,जो चीज़ सुनना चाहते हैं वही गवा लेते हैं !
"डॉक्टर अनवर जमाल साहिब" ने बड़े सारगर्भित विचार व्यक्त किये हैं ! उनको सादर प्रणाम ! नाम महिमा के अपने अगले ब्लॉग में उनके विचार अवश्य शामिल करूँगा !
प्रियवर "जे सी" जी ने गजल की धुन पर शोध किया !उन्हें हार्दिक बधाई ! वह धुन मेरी नहीं, पारंपरिक है ! बेगम अख्तर साहिबा , मलिका पुखराज ,मुजद्दिद नियाजी ,यूनुस मलिक , के एल सैगल और अनेको पुराने जमाने के गायकों ने इस धुन पर गजले गायी हैं ! इत्तेफाक से मैंने न मरहूम बड़े गुलाम अली साहेब से न आजकल वाले से ही कभी यह धुन सुनी है !
दिव्या बेटा आपको और आपके सभी विशिष्ट फोलोअर्स को पुनः हार्दिक धन्यवाद !
भोला कृष्णा
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ReplyDeleteमाँ-पिताजी,
अपना आशीर्वाद हम बच्चों पर बनाये रखिये। हमारी नादानियों को क्षमा करते रहिये। आप दोनों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ, सादर, आपकी बिटिया ।
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