फेसबुक पर मोदी के खिलाफ भी लिखने वाले कुछ कम नहीं हैं। लेकिन वे तो बौखलाए  हुए नहीं हैं । मस्त गज के समान विचरण करते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस बौखलाई हुयी क्यों है? कहीं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन रही है , तो कहीं  लेखकों की ID ही ब्लाक कर रही है ।  इतना भी क्या घबराना। कहीं चोर की दाढ़ी में तिनका तो नहीं ?
 
