कल एक मंच पर " राम-चरित्र" लघु नाटिका देखने का अवसर मिला।  सीता स्वयंवर में धनुष टूटने पर क्रोधित हुए लक्ष्मण-परशुराम संवाद तो बस देखते ही बनता था !  बारह  कलाओं से युक्त भगवान् श्री राम का विनयशील चरित्र अत्यंत प्रेरणादायी है , परन्तु जहाँ ज़रूरी हो वहां क्रोध करना ही पड़ता है । कहा भी गया है -- " भय बिनु होए न प्रीती..."
जय श्री राम !
जय श्री राम !
 
