कल समाचार पत्र में पढ़ा कि - "फेसबुक तनाव देता है" !
ये बात सच भी
है लेकिन इससे भी बड़ा सच ये है की फेसबुक तनावमुक्त भी करता है ! ये तो
आप पर है की आप मुसीबत पाल रहे हैं या खुद को तनावमुक्त कर रहे हैं लेखन के
माध्यम से , जागरूकता लाकर, विसंगतियों के खिलाफ आवाज़ उठाकर , व्यवस्था
परिवर्तन के प्रयासों से या फिर फेसबुक पर फ़्लर्ट कर रहे हैं !
समाचार
पढ़कर मेरे एक शुभचिंतक ने मुझसे कहा मुझे फेसबुक से दूर रहना चाहिए ताकि
तनाव न हो ! मैंने कहा -"मुझे तो फेसबुक कोई तनाव नहीं देता , लेकिन हाँ
मेरे पाठकों को मैं ज़रूर तनाव दे देती हूँ कभी-कभी अपनी फेसबुक टिप्पणियों से !"
खैर
डरने की ज़रुरत नहीं है ! फेसबुक एक वंडर-ड्रग है ! बहुत से लाइलाज रोगों
का इलाज भी ! depression और frustration जैसी परिस्थितियों का बहुत सुदर
विकल्प है 'फेसबुक" !
तानाशाह और कांग्रेसियों को तनाव देता है फेसबुक , जिसका भंडाफोड़ होता है फेसबुक पर !
मुस्कुराईये की आप फेसबुक पर हैं !
Smiles...
Zeal
11 comments:
फेसबुक हमे तो समाधान देता है। अपनी बात रखने का अवसर व मंच देता है। तनाव उनके लिए पैदा हम कर देते हैं जो इस धरा को अपनी दासी समझ बैठे हैं।
आप लिखती रहिये, रुकना मत। आप लिखेंगी तो तनाव पैदा होगा, किन्तु आपको नहीं। उन्हें जिन्हें आपका लिखना रास नहीं आ रहा।
अपुन तो फेसबुक पर स्माइल देते हैं... :)
टेंसन देता फेसबुक, लेता सिब्बल लेट ।
यह तो है मस्ती भरा, तिकड़म तनिक समेट ।
तिकड़म तनिक समेट, तीन से बचना डेली ।
मोहन राहुल मॉम, बड़ी घुड़साल तबेली ।
सो जा चद्दर तान, भली भगवान् करेंगे ।
कर मोदी गुणगान, जिरह बिन नहीं मरेगा ।।
काका कुटिल तबसे कुछ ज्यादा ही तनाव में आ गए जबसे एक अल्पसंख्यक लडकी इनके बिछाए चक्रव्यूह में फंसी . चिंता में है की क्या मुह लेकर अगली बार चांदनी चौक घूमने जायेंगे :)
बिलकुल सही कहा है आपने !!
:=)))
तनावमुक्त रहें!
मन में चोर हो तो डर लगता ही है दिव्या जी। फिर आप खरी खरी लिखती हो। चोरों को टेन्शन होना स्वाभाविक है।
कभी बे -सबब रहा करो ,
कभी कुछ भी न किया करो ,
कभी यूं ही कुछ किया करो ,
कभी बे -वजह फिरा करो ,
मुख चिठ्ठे पे भी दिखा करो ...
आपातकाल लगाने का बहाना ढूंढती है शिवसेना की ताई बोले तो कोंग्रेस .अभी मुंबई ने थोड़ा सा स्वाद ही दिखाया है इस बंदिश का .
सही कहा आपने..
चीज़ जो आवश्यकता से अधिक हो तनाव देता है !!
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