Thursday, August 20, 2015

हृदयविहीन , पाषाणहृदया ...

आरोप लगते रहते हैं मुझ पर 
की मैं पाषाणहृदय हूँ 
प्रेम से परे, ह्रदय विहीन 
रुक्ष, शुष्क और नमी के 
अभाव से ग्रस्त ...
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सोचने पर मजबूर हो गयी
कि सत्य क्या है
मानने पर विवश हो गयी
कि सत्य यही है
लेकिन मस्तिष्क इस सत्य को
स्वीकार करने को तैयार नहीं था ...
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बच्चों ने कहा -बेस्ट ममा
पति ने कहा -वंडरफुल वाईफ
भाई ने कहा- नटखट बहना
पिता ने कहा- गर्व है तुम पर
सास ने कहा - घर कि लक्ष्मी
मित्रों ने कहा -मेरी हो तुम...
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सोचने पर मजबूर हो गए
थोड़ा सा कन्फ्यूज़ हो गए
जो राष्ट्र का सतत चिंतन करता हो
समाज कि अवहेलना से व्यथित होता हो
लोकतंत्र का एक स्तम्भ बनकर खड़ा हो
निष्ठां से सारे दायित्व निभा रहा हो ...
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क्या वो प्रेम और समर्पण से दूर है?
हृदयविहीन , रुक्ष और शुष्क है?

Sunday, August 9, 2015

सोशल मीडिया पर आतंकवाद

समाचार पत्रों पर निगाह दौड़ाते हुए पाया की किस तरह ब्लॉगरों और लेखकों की हत्या की जा रही रही है ! बांग्लादेश में अब तक चार ब्लॉगरों की हत्या की जा चुकी है ! हमारे फेसबुक मित्र संजय चौहान को जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं !
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ये एक विकट होती समस्या है ! सोशल मिडिया पर लिखने वाले वाले अब सुरक्षित नहीं हैं ! अनेक कुत्सित और कलुषित विचारों वाले खूंखार प्रकृति के लोग सोशल मिडिया पर सक्रीय हैं ! इनमें से कुछ सरकार के गुंडे हैं, तो कुछ अन्य पार्टियों के ! कुछ धर्म विशेष के गुंडे हैं तो कोई दलित समूह के ! कोई यादव समाज का, कोई जाट समाज का, कोई ब्राम्हण तो कोई कायस्थ समाज का !अलग अलग वर्ग, जाती , धर्म और संगठनों के ठेकेदार सोशल मिडिया पर गुंडागर्दी की जड़ें जमायें बैठे हैं ! चूँकि समाज इतने छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटा हुआ है और कोई भी किसी दुसरे का वर्चस्व नहीं चाहता !
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सहअस्तित्व में कोई जीना ही नहीं चाहता ! हर वर्ग यही चाहता है की सिर्फ उसके समर्थन में ही लिखा जाये , किसी अन्य समुदाय अथवा दल को समर्थन न दिया जाए ! आलोचना सिर्फ विरोधी दलों की जाए , उनके द्वारा समर्थित दलों की आलोचना तक न हो ! कितनी कुत्सित और तुच्छ सोच बढ़ रही है समाज में जो सोशल मिडिया के माध्यम से उजागर हो रही है !
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सोशल मिडिया पर एक से बढ़कर एक गुंडे बैठे हैं जो शराफत का चोगा ओढ़े हुए हैं ! पूरे पूरे गिरोह के साथ बैठकर दलगत राजनीति करते हैं ये लोग ! समूह में आकर उत्पीड़ित करते हैं लेखकों को ! पता नहीं इन प्रायोजित लोगों को पैसा किन संगठनों के ज़रिये से आता है लेकिन ये लोग सामान्य जनता के बीच सफेदपोश बने बैठे हैं और वाचिक आतंकवाद से शुरू करके , खुनी आतंकवाद से सोशल-मीडिया को रक्त-रंजीत कर रहे हैं !
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एक नए तरह के आतंकवाद की और बढ़ती अत्यंत खेदजनक और भयावह प्रगति जहाँ लोग एक दुसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं ! विरोधी विचारों को पचा नहीं पा रहे ! अहम इतना बड़ा ! धैर्य एकदम नगण्य ! बात-बात पर तिलमिलाना और लेखक के खून का प्यासा हो जाना ! कहाँ जा रहा है ये समाज ? कितना पतन देखना बाकी है अभी?

Thursday, August 6, 2015

मैं और मेरी तन्हाई

मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं ...
चलो अच्छा हुया प्रशांत भूषण वकील है, न्यायाधीश नहीं !

Wednesday, August 5, 2015

विवाह

विवाह एक पवित्र संस्था है ! विवाह सूत्र में बंधकर, अपने दायित्वों को बेहतर अंजाम दिया जा सकता है ! गृहस्थ आश्रम भी जीवन का अहम हिस्सा है ! उसमें प्रवेश कर , उसमें रहते हुए भी परिवार और राष्ट्र , दोनों के प्रति अपना दायित्व पूरी निष्ठां के साथ निभाया जा सकता है ! अतः वैवाहिक जीवन को किसी भी प्रकार से कमतर आंकना या मखौल उड़ाना , उचित नहीं लगता ! यदि कुछ लोगों ने अविवाहित रहते हुए देश के प्रति अपना दायित्व निभाया है तो लाल बहादुर शास्त्री जैसे अनेकों भारत के लालों और लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं ने विवाहित रहकर अपना राष्ट्रधर्म, पूरी निष्ठां से निभाया है ! विवाहित जीवन में पत्नी अथवा पति एक दुसरे के लिए बहुत बड़ी ताकत और सम्बल साबित होते हैं ! ये बात तो वही जानता है जिसके पास ये दौलत है !
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आजकल वायरल हो रही इस तस्वीर द्वारा विवाह जैसी पवित्र सामाजिक रीती का मखौल उड़ाया गया है ! जो सर्वथा अनुचित है ! एक मानसिक विकार जैसा प्रतीत होता है !

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Saturday, August 1, 2015

मिसाइल मैन

मिसाइल मैन, डॉ कलाम की जीवनी बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल कर लेनी चाहिए अगले सत्र से, ताकि बच्चों के अंदर देशप्रेम और और देश के कुछ करने का जज़्बा पैदा हो सके और विज्ञान में रूचि बढे ! डॉ कलाम आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सदैव एक आदर्श एवं प्रेरणा का स्रोत रहेंगे !