Tuesday, June 23, 2015

आयुर्वेद को अपनी प्रतिष्ठा कब वापस मिलेगी ?



आयुर्वेद को अपनी प्रतिष्ठा कब वापस मिलेगी ? योग तो आयुर्वेद का छोटा सा अंग है जिसे विदेशों ने भी अपना लिया है ! चालाक और बुद्धिमान विदेशी हमारे देश की सम्पदा चुरा ले जाते हैं क्योंकि वे उसका मूल्य समझते हैं लेकिन भारत देश के बुद्धिजीवी घर की खेती घास बराबर समझते हैं ! हानिकारक अंग्रेजी दवाईयां लैमनचूस समझकर खाते हैं और प्राकृतिक औषधीय चिकत्सा से परहेज़ रखते हैं ! अज्ञानता की पराकाष्ठा ही व्यक्ति को विवेकहीन कर देती है ! महंगे और हानिकारक इलाज को करते हैं , ये भी नहीं जानते की एक मर्ज के इलाज के बदले दो और मर्ज से ग्रसित हो जाते हैं ! कैंसर से ज्यादा घातक तो कैंसर की अंग्रेजी दवाईयां हैं !
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आयुर्वेद एक समग्र चिकित्सा विज्ञान है, जो रोगों की जड़ से चिकित्सा करता है ! बिना किसी साइड इफेक्ट्स के ! सरकार इस और ध्यान दे तो इस विलुप्त होती विधा को संरक्षित किया जा सकता है ! छह AIIMS की घोषणा के साथ छह आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की भी घोषणा कर सकता है ! यदि चिकित्सा पद्धतियों के साथ निष्पक्ष रहा जाए, सौतेला व्यवहार न किया जाए तो अनमोल पद्धति को पुनर्प्रतिष्ठित किया जा सकता है !
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अंग्रेज़ आये , आयुर्वेद की प्रत्यारोपण तकनीक को उठा ले गए और खुद प्लास्टिक सर्जरी के जनक बन बैठे ! जानों अपना इतिहास और अपनी बौद्धिक सम्पदा को ! आयुर्वेद की रचना सृष्टि की उत्पत्ति के समय हुयी है ! आयुर्वेद , अथर्ववेद का उपवेद है , सहस्त्रों वर्ष पुराना है ! सर्जरी के जनक आचार्य सुश्रुत एवं काय चिकित्सा (मेडिसिन) के जनक धन्वन्तरि हैं ! सुश्रुत के समय में सर्जरी बेहद उन्नत अवस्था में थी ! समय के साथ आयुर्वेद को दबाते चले गए , अंग्रेजी चिकित्सा जो आयुर्वेद का शोध मात्र है , उसे अपनाने में गौरवान्वित समझने लगे ! आज अच्छे अच्छे एडुकेटड लोग भी आयुर्वेद के बारे में कुछ नहीं जानते ! लोग अनेकानेक भ्रांतियों में जी रहे हैं ! वही हाल है जैसे घर का स्वच्छ, सुरुचिपूर्ण और पौष्टिक भोजन त्यागकर लोग ठेले की चाट खाते हैं ! पैसे भी फूंकते हैं और अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी करते हैं !
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आयुर्वेद को पहचानो! हीरों की खान है ! सरकार को अपना दायित्व समझना चाहिए इस बहुमूल्य धरोहर के प्रति ! प्रत्येक शहर में मल्टी-फैसिलिटी आयुर्वेदिक अस्पताल खुलने चाहिए ! आयुर्वेदिक चिकित्सकों को रोजगार मिलना चाहिए और आम जनता में इसके प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए ! सरकार के साथ साथ लेखकों का भी दायित्व है की वे इस क्षेत्र में जागरूकता लाएं !

Thursday, June 11, 2015

सूर्य नमस्कार



सूर्य नमस्कार :
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१- प्रणाम स्थिति :- दोनों हाथों को जोड़कर सीने के पास रखें व दृष्टि सामने रखें !एड़ियां मिलाकर रखें ! अनाहत चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ मित्राय नमः का जाप करें !
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२-हस्तोत्थानासन :- दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर की और ले जाएँ ! विशुद्धि चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ रवैये नमः का जाप करें !
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३-पाद हस्तासन :- श्वास छोड़ते हुए मस्तक को घुटने से वा हाथों को ज़मीन से लगाने का प्रयास स्वाधिष्ठान चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ सूर्याय नमः का जाप करें !
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४-अश्व संचालनासन :- एक पैर को पीछे ले जाएँ व दोनों हाथों को एक साथ रखें तथा छाती को ऊपर उठाएं ! आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ भानवे नमः का जाप करें !
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५-दण्डासन :- दोनों पैरों को पीछे ले जाते हैं व दोनों हाथों को आगे रखें !मणिपुर चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ खगाय नमः का जाप करें !
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६-अष्टांग नमस्कार :- श्वास छोड़ते हुए घुटने, छाती, ठुड्डी व मस्तक को ज़मीन से लगाएं ! अनाहत चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ पूष्णे नमः का जाप करें !
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७- भुजंगासन :-- दोनों हाथों को कंधे के पास रखते हुए धड़ को श्वास लेते हुए ऊपर उठाएं ! स्वाधिष्ठान चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ हिरण्यगर्भाय नमः का जाप करें !
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८-पर्वतासन :- इसमें श्वास छोड़ते हुए मस्तक को ज़मीन से लगाएं वा नाभि को देखने का प्रयास करें ! विशुद्धि चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ मरीचये नमः का जाप करें !
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९- अश्वसंचालनासन :- एक पैर को पीछे ले जाएँ व दोनों हाथों को एक साथ रखें तथा छाती को ऊपर उठाएं ! आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ आदित्याय नमः का जाप करें !
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१०- पाद हस्तासन :-श्वास छोड़ते हुए दोनों पैरों को साथ लाएं तथा मस्तक को घुटने से वा हाथों को ज़मीन से लगाएं ! स्वाधिष्ठान आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ सवित्रे नमः का जाप करें !
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११-हस्तोत्थानासन :-दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर की और ले जाएँ ! विशुद्धि चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ अर्काय नमः का जाप करें !
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१२-प्रणाम स्थिति :- दोनों हाथों को जोड़कर सीने के पास रखें व दृष्टि सामने रखें !एड़ियां मिलाकर रखें ! अनाहत चक्र पर ध्यान केंद्रित करें और ॐ भास्कराय नमः का जाप करें !
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अपनी क्षमानुसार सम्पूर्ण क्रिया को पांच बार दोहराएं और अंत में पांच मिनट का "शवासन" अवश्य करें ! सूर्य (सविता) का प्रखर तेज़ हमें स्वस्थ, प्रसन्न वा पवित्र बना रहा है ऐसा भाव बनाएं रखें !


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Wednesday, June 10, 2015

हमारा "सूर्य नमस्कार" योग दिवस में शामिल करो

प्रधान-सेवक किसके ? हिन्दुओं के या फिर शांतिदूतों के? केवल लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज करने की लालच में औने-पौने, काट-छाँट वाला योगासन क्यों निर्धारित किया ? आतंकवाद फैलाने वाले मुस्लिमों को खुश करने की मजबूरी क्या है? पहले जनमत संग्रह कराया जाए की भारत की कितने प्रतिशत आबादी सूर्य नमस्कार करने के पक्ष में है और कितनी नहीं !
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यदि मुस्लिम फतवा जारी कर सकते हैं तो हम हिन्दू भी बहिष्कार करते हैं इस योग दिवस का ! जब तक सूर्य नमस्कार शामिल नहीं किया जाएगा , तब तक इस योग दिवस का कोई औचित्य नहीं है ! ये मात्र एक खानापूर्ति और कागज़ों पर दर्ज करने वाला आंकड़ा मात्र है !
जब किसी पर, किसी भी प्रकार की बाध्यता नहीं है तो सूर्य नमस्कार हटाने का दुराग्रह क्यों ? इस समय जो तटस्थ रहेगा उसे इतिहास भी माफ़ नहीं करेगा और ना ही उनकी आने वाली औलादें !

Saturday, June 6, 2015

तीरंदाजी..

तीरंदाजी विश्व चैम्पियनशिप के लिए जा रही टीम के ३२ में से २० को वीसा नहीं दिया गया ! तीन महीने से दिन रात मेहनत कर रहे खिलाड़ी निराश हो गए ! कारण बताया गया कि वे ये साबित नहीं कर पाये कि वे खेल के बाद भारत वापस आ जाएंगे ! US embassy भयभीत है कि कहीं ये खिलाड़ी इनके देश में धरना देकर ना बैठ जाएँ ! बताया जा रहा है कि खिलाड़ियों कि इंग्लिश इतनी अच्छी नहीं थी कि वे अपनी बात को सही ढंग से नहीं रख पाये ! खेल एसोसिएशन और भारत सरकार को हस्तक्षेप करके वो बात सामने रखनी थी एंबेसी के जो वे खिलाड़ी अंग्रेजी ठीक से ना आने के कारण नहीं रख पाये थे ! टीम -विड्रॉ कर लेना कोई विकल्प नहीं ! आखिर हमारी टीम को निमंत्रण मिला था, कोई खैरात में नहीं जा रहे थे !