Friday, May 29, 2015

नपुंसकों का हिस्सा छीनकर गुंडों को दे दिया

अंबेडकर ने जातिवाद का बीज बोया,
कांग्रेस ने पैसठ साल तक पानी दिया 
अब बीजेपी आकर खाद डाल रही है ! 
सरकारें कभी नहीं बदलती , 
केवल मतलबी चेहरे बदलते हैं
अंबेडकर के दिए ज़ख्म में,
कांग्रेसी चाकू से लहू रिसता रहा
बीजेपी ने आकर ज़ख्म में नमक डाल दिया !
डरपोक , मौकापरस्त सरकारों ने
गुज्जरों की अराजकता के आगे घुटने टेक दिए
इनकी जेब से क्या जाता है,
हमारा हिस्सा, इन पिस्सुओं को खैरात में दे दिया !
गुंडों को मिलेगा आरक्षण तो देश का ख़ाक विकास करेगा ?

2 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (30-05-2015) को "लफ्जों का व्यापार" {चर्चा अंक- 1991} पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत ख़ूब!