भारत की पवित्र भूमि पर , देश के लिए मर मिटने वाले अनेक देश भक्तों ने जन्म लिया , जिन पर हमारी आने वाली पीढियां भी नाज़ करेंगी। वैसी ही ,एक हस्ती जिसने मुझे बहुत प्रभावित किया है , वो है अमेरिका के राष्ट्रपति 'बराक ओबामा' । जो काम कोई नहीं कर सकता था , वो ओबामा ने कर दिखाया।
जैसे रावण को मारने के लिए राम और कंस को मारने के लिए कृष्ण ने अवतार लिया , वैसे ही कण-कण में व्याप्त हो रहे आतंकवाद को फैलाने वाले आतंकवादी 'ओसामा' को समाप्त करने के लिए ही ओबामा एक अवतार की तरह जन्मे और निसंदेह एक देशभक्त जिसपर वहाँ की जनता गर्व कर सके। उन्होंने न सिर्फ अपने देश पर बल्कि समस्त मानव जाति को उपकृत किया है , इस दानव से मुक्ति दिलाकर ।
कुछ लोगों का विचार है की की किसी भी देश में इस तरह घुसपैठ नहीं की जानी चाहिए , ये अंतर्राष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध है। लेकिन लोगों को ये सोचना चाहिए की नियम और कायदे शरीफों के लिए होते हैं । जो देश आतंकवादियों को संरक्षण दे , उनके साथ इसी तरह पेश आना चाहिए।
हमारे देश के सत्ताधारियों को ओबामा से शिक्षा लेनी चाहिए की शासन कैसे किया जाता है । देश और देशवासियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था अब जाहिर हो चुकी है । महान आतंकवादी भी महफूज़ नहीं रहा वहां , आम जनता की क्या कहें । इसके विपरीत भारत की सुरक्षा व्यवस्था अति मज़बूत है । यहाँ कसाब जैसे आतंकवादी ३७६ खून करने के बाद भी 'शाही दामाद' की हैसियत से रह सकते हैं।
नेतृत्व करने के लिए जो गुण चाहिए [ संवेदनशीलता, मानवता ,लोकप्रियता, देशभक्ति , ज्ञान , strategy], वे सभी गुण ओबामा में मौजूद हैं। वे एक आदर्श राष्ट्रपति हैं।
मेरे ह्रदय में ऐसी हस्ती के लिए बहुत सम्मान है । मेरे आदर्श हैं ओबामा।
जैसे रावण को मारने के लिए राम और कंस को मारने के लिए कृष्ण ने अवतार लिया , वैसे ही कण-कण में व्याप्त हो रहे आतंकवाद को फैलाने वाले आतंकवादी 'ओसामा' को समाप्त करने के लिए ही ओबामा एक अवतार की तरह जन्मे और निसंदेह एक देशभक्त जिसपर वहाँ की जनता गर्व कर सके। उन्होंने न सिर्फ अपने देश पर बल्कि समस्त मानव जाति को उपकृत किया है , इस दानव से मुक्ति दिलाकर ।
कुछ लोगों का विचार है की की किसी भी देश में इस तरह घुसपैठ नहीं की जानी चाहिए , ये अंतर्राष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध है। लेकिन लोगों को ये सोचना चाहिए की नियम और कायदे शरीफों के लिए होते हैं । जो देश आतंकवादियों को संरक्षण दे , उनके साथ इसी तरह पेश आना चाहिए।
हमारे देश के सत्ताधारियों को ओबामा से शिक्षा लेनी चाहिए की शासन कैसे किया जाता है । देश और देशवासियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था अब जाहिर हो चुकी है । महान आतंकवादी भी महफूज़ नहीं रहा वहां , आम जनता की क्या कहें । इसके विपरीत भारत की सुरक्षा व्यवस्था अति मज़बूत है । यहाँ कसाब जैसे आतंकवादी ३७६ खून करने के बाद भी 'शाही दामाद' की हैसियत से रह सकते हैं।
नेतृत्व करने के लिए जो गुण चाहिए [ संवेदनशीलता, मानवता ,लोकप्रियता, देशभक्ति , ज्ञान , strategy], वे सभी गुण ओबामा में मौजूद हैं। वे एक आदर्श राष्ट्रपति हैं।
मेरे ह्रदय में ऐसी हस्ती के लिए बहुत सम्मान है । मेरे आदर्श हैं ओबामा।
140 comments:
@ आशुतोष - आपको ओसामा का अमानवीय चेहरा पसंद था क्या ?
.नहीं, ओबामा आदर्श नेता नहीं हैं । वह केवल अपने देश की नीतियों के पोषक हैं । पाकिस्तान को निर्भर बनाये रख कर अपने सामरिक हितों के लिये उस देश की सरज़मीं का प्रयोग कोई आदर्श स्थिति नहीं है । रही बात अंतर्राष्ट्रीय नियमों की अवहएलना की... तो मज़बूत आर्थिक आधार एवँ सैन्य-समर्थ कोई भी देश कर सकता है.. समरथ को नहिं दोष गुसाँई, यह who cares की अहमन्यता है । यदि आपने सरसरी तौर पर भी पवन करण की यह रचना पढ़ी हो.. तो आपके सम्मुख अमेरीकी राष्ट्रपति का चरित्र उजागर हो जायेगा । मैं ओसामा का समर्थक नहीं, न ही मैं आतँक की नीति को उचित मानता हूँ, पर ’ओसामा’ का अँत एक पूर्वनियोजित सोची समझी वेल-टाइम्ड स्क्रिप्टेड ऑपरेशन है ! निःसँदेह ओबामा अपने देश के प्रति वफ़ादार हैं, वरना वह पूरे विश्व में भ्रमण कर बेरोजगार अमेरिकीयों के लिये रोजगार के अवसर न तलाशते... या अचानक ही उनकी नज़रों में भारतीय डॉक्टर या भारत में उपल्ब्ध सस्ता इलाज़ न चुभने लगता ।
चूँकि आपने नारा ही यह दिया है कि, "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो " अतः यहाँ आगे विमर्श की कोई स्थिति नहीं बनती... अतएव आप मुझसे असहमत होने को स्वतँत्र हैं !
कृपया ध्यान दें, यह तिलमिलाहट नहीं है, जैसा कि आप मानती हैं, "सबसे बढ़कर तिलमिलाना देखा ब्लौगिंग के क्षेत्र में । काफी निकट से हस्तियों की तिलमिलाहट देखने को मिली। कहीं तिलमिलाकर लोग अनर्गल प्रलाप करते हैं टिप्पणियों में तो कहीं ऐसे लेख ही लिख डालते हैं जिससे दूसरे की छवि को नुकसान पहुंचे। " यह एक विवेचना मात्र है ।
ओह zeal जी माफ़ कीजियेगा galat post ho gaya.
१-टिप्पणीकारों से निवेदन है , कृपया विषय पर ही लिखें , अनावश्यक स्पष्टीकरण न दें ।
२- कृपया किसी प्रकार का लिंक या विज्ञापन न दें , सिर्फ अपने विचार अपने ही शब्दों में दें।
मै आपसे सहमत हूँ लेकिन आपका इस तरह लिखना ? धर्म निरपेक्ष लोग आप के विरोधी हो सकते हैं
डॉ अमर,
कृपया विषयांतर मत किया करिए। पुरानी पोस्ट की चर्चा, पुरानी पोस्ट पर जाकर कीजिये। यहाँ 'तिलमिलाहट' का अनावश्यक उल्लेख मत कीजिये। हो सके तो अपने मन से किसी भी प्रकार का पूर्वाग्रह या दुराग्रह निकाल दीजिये।
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पूनम जी ,
सर्वप्रथम तो ये बता दूँ की मैं भी 'धर्मनिरपेक्ष हूँ ।
दूसरा आपसे ये प्रश्न है की लोग बुरा क्यूँ मान जायेंगे ? ऐसा क्या लिखा है ?
तीसरा लोगों के विरोध के कारण अपने मन के विचार लिखना छोड़ देना चाहिए क्या ?
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No body is 100%perfact in this world.lekin humare me koi kami ho to auron se sabak lekar to use sudhar hi sakte hain.mudda agar apne desh ki swatantrta ka hai to yes hume obaama ji se seekh leni chahiye he is bold ,stands on his words.but on other side his strategy about Iraak is not appreciable.any way every body has different opinion.we should welcome to this nice article.
अन्तरराष्ट्रीय राजनीति पर तो हमें बोलना नहीं है, बस प्रश्न यह है कि ओबामा जैसा राजनेता हमारे देश को भी चाहिए या नहीं? यदि ओबामा अपने देश के हितों को सर्वोपरि रखते हैं तो हमें ओबामा पसन्द हैं। यदि ओबामा अपने देश में फैल रहे आतंक के प्रति चिंतित हैं और आतंककारियों को सजा देने में दृढ़ प्रतिज्ञ हैं तो हमें ऐसे ओबामा पसन्द हैं। यदि वे अपने देश के बेरोजगारों के लिए चिंतित हैं और उनके लिए सम्पूर्ण विश्व में रोजगार तलाशते हैं तो ऐसे ओबामा हमें पसन्द हैं। हमारे राजनेता में भी अपने देश के लिए चिंतन हो हम यही चाहेंगे। हम स्वाभिमानी बने, आर्थिक दृष्टि से सक्षम बने और सैन्य शक्ति में भी सुदृढ़ बने, बस यही चाहेंगे। अपने देश का भला चाहेंगे तो दूसरे का कुछ न कुछ तो नुक्सान होगा ही, इसका यह तो अर्थ नहीं होना चाहिए कि इसलिए हम अपना भला नहीं करें। ओबामा सदृश्य राजनेता ही अपने देश को आगे ले जाते हैं। नहीं तो कोई भी हमें चारा समझकर उदरस्थ कर लेगा।
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पूनम जी ,
आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता । कृपया आतंकवाद को किसी धर्म से मत जोड़िये। ये लेख धर्म पर नहीं , अपितु नेतृत्व पर है ।
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मेरा स्वभाव है लोगों के गुणों की तरफ ध्यान देना , क्यूंकि उनसे हमें सकारात्मक दिशा मिलती है । यदि हम ओबामा के व्यक्तित्व से कुछ नहीं सीखेंगे तो हमारा देश यूँ ही भ्रष्ट नेताओं के हाथों का खिलौना बना रहेगा । काला धन देश के बाहर जमा होगा और मासूम, गरीब जनता मरेगी भूखी । आतंकी राज करेंगे और आम जनता सहम सहम कर जियेगी ।
अमेरिका में तो हमला करने के पहले आतंकी सौ बार सोचेंगे , लेकिन कसाब जैसे दामादों को प्रश्रय देकर हम बार बार ९/११ की संभावनाओं को बुलंद करेंगे।
देश का पालक वही होता है , जो अपनी जनता को सबसे पहले सुरक्षा प्रदान करे। और ओबामा कोई भ्रष्ट और चोर नहीं । एक संवेदनशील , देशभक्त व्यक्तित्व हैं । हमारे देश के पुलपुले नेताओं से लाख गुना बेहतर एवं अनुकरणीय।
ओसामा जैसे मानवता के दुश्मनों का सही हश्र हुआ। अब आतंकवादियों के रूहें भी कापेंगीं आतंक फैलाने के पहले।
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@-ओबामा सदृश्य राजनेता ही अपने देश को आगे ले जाते हैं। नहीं तो कोई भी हमें चारा समझकर उदरस्थ कर लेगा।
very well said Ajit ji.
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bura isliye की yadi osama bin laden की pransha kartin to aapko adhik maan diya jaata .amerika to hamara kattar dushman है aur usi के mukhia का prashansha kar rahi हैं
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पूनम जी ,
हम लोग विदेश जब पढाई करने जाते हैं , तो वहां कुछ नया सीखने जाते हैं , इससे हमारी देशभक्ति पर फरक नहीं पड़ता। हम कुछ नया सीखकर उसे अपने देश के हित में प्रयुक्त कर सकते हैं न ।
यदि मैं ओबामा की प्रशंसक हूँ, तो इसमें गलत क्या है । मैं तो हमेशा ही हिम्मत वाले , साहस वाले , देश भक्ति वाले लोगों को अपना आदर्श मानती हूँ।
यदि हम ओबामा जैसे व्यक्तित्व से कुछ अच्छा ग्रहण कर सकें तो इसमें बुराई ही क्या है ?
जो हमसे बेहतर हैं , चाहे किसी भी क्षेत्र में हों , हमें उनसे सीखना ही चाहिए। किसी की अनावश्यक निंदा से क्या लाभ होगा भला। दूसरों की ज्यादा से ज्यादा अच्छाई यदि स्वयं में आत्मसात कर सकें तो हमारा ही विकास होगा न ।
आतंकवाद से कैसे निपटना चाहिए ये हमें ओबामा से सीखना चाहिए। लातों के भूत बातों से नहीं समझते । उंगलियाँ टेढ़ी करनी ही पड़ती हैं।
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कृपया मुझे माफ़ करिए मै पूरी तरह हिंदी में नहीं लिख पा रही हूँ
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Poonam ji ,
Feel free in writing in any language you are comfortable with .
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"आतंकवाद से कैसे निपटना चाहिए ये हमें ओबामा से सीखना चाहिए। लातों के भूत बातों से नहीं समझते । उंगलियाँ टेढ़ी करनी ही पड़ती हैं।"
ab aapne mere man ki baat kah di .
iske liye aapka bahut dhanyavad.
दिव्या जी ओबामा को आप जैसे लोग आदर्श न बनायें जिनकी अपने स्वतंत्र और सकारात्मक सोच है. हाँ, ओबामा का काम नितांत गलत (कानूनी रूप में) होने के बाद भी हम समर्थन करते हैं क्योंकि इस कदम से अंत एक आतंकी का हुआ.
ओबामा, अमेरिका...वे नाम हैं जिन्हों ने सदैव अपने हितों को ऊपर रखा है...पाकिस्तान, ईराक, ईरान, अफगानिस्तान...आदि-आदि इसी अमेरिका की दें हैं, आज इसका चेहरा एक अश्वेत है पर है तो अमेरिका का चेहरा ही. हम इस बात की आशा करें कि भारत के काले अंग्रेजों में से कोई निकल का आये और देश का भला करे.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
निसंदेह ओबामा द्वारा किया गया यह काम प्रशंसनीय है...अब इससे पहले ओबामा क्या करता रहा यह लेख का विषय नहीं है...मुद्दे की तो यह है कि अपने देश का अपमान करने वाले को ओबामा ने दंड दे ही दिया...हमारे नेताओं को भी ओबामा से यह सीखना चाहिए...वोट बैंक की राजनीति बंद करनी चाहिए...
अभी कुछ दिन पहले फेसबुक पर चर्चित राष्ट्रवादी बलॉगर सुरेश चिपलूनकर जी की एक टिप्पणी देखी जो इस विषय पर एकदम सटीक बैठती है, उसे यहाँ लिख रहा हूँ...
पश्चिम से हमने चुम्बन लिया, पश्चिम से हमने समलैंगिकता ली, लिव-इन-रिलेशनशिप लिया, कम कपड़ों वाली नंगी पुंगी लडकियां भी पाईं, नाबालिक कन्याओं के गर्भपात भी बस दहलीज़ पर खड़े ही हैं...लेकिन हमने पश्चिम से अनुशासन नहीं लिया, समय की पाबंदी नहीं ली, राष्ट्र के दुश्मनों को मार गिराने की प्रतिबद्धता नहीं ली, अपने देश के नागरिकों के लाभ के लिए "किसी भी हद" तक जाने की जीवटता नहीं सीखी... लानत है हम पर, दूसरों को क्या दोष दें...
इसी सम्बन्ध में प्रसिद्ध हास्य कवी श्री अशोक चक्रधर जी का कहना है कि पश्चिम से हमने वेलेंटाइन तो लिया किन्तु वह नहीं लिया जिसकी आवश्कता अधिक है...WEST से BEST लेना चाहिए किन्तु हमने तो WEST से सब WASTE ले लिया...
अत; इस मामले में तो हमें ओबामा को आदर्श मानकर उससे सीखना ही चाहिए...
दीदी इस प्रस्तुति के लिए आपका धन्यवाद...
सादर...
दिवस...
OBAMA APNE DESH KE LIYE JO KAR RAHA HAI WO SAHI KAR RAHA HAI. AGAR HUMARE DES ME KUCH LOGO KE DWARA WO PASAND NAHI KIYA JATA TO USME USKI GALTI NAI HAI. AGAR USKE JESA NETA HUMARE DES ME HO TO WO HUMARE LIYE TO SAHI HOGA PAR OR DESO KE KUCH LOGO KE LIYE NAHI BHI HO SKTA. MENE YAHA TIPPNIYAN PADHI HAI, TO ME EK BAAT BTATA HUN, JO TITLE DIYA GYA HAI SHAYAD LOGO KO US PAR AAPTTI HAI. LEKI ISME HUMARE NETA KA OBAMA KI TARAH DES KE LIYE LADNE WALA HONE KI ICHCHA JAHIR KI GAYI HAI , NA KI KHUD OBAAMA. . . . . . . ME IS VICHAR SE SAHAMAT HUN. AGAR KUCH GALAT HAI TO BTAIYE. . . . . .JAI HIND JAI BHARAT
ओबामा के अंदर समाएं हुए बहुत सारे सदगुण..इनकी थोडीसी कमियों को नजर अंदाज करवा देते है!..आप के विचारों से सहमत हूं!
क्या बात है दिव्या!...आपने और हमने एक साथ ही 'ओबामा' को याद किया..अजीब संजोग है!..बात का बतंगड...पर आ कर देखिए!
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@--ओबामा, अमेरिका...वे नाम हैं जिन्हों ने सदैव अपने हितों को ऊपर रखा है...
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कुमारेन्द्र जी , यही तो मैं कहना चाहती हूँ की हमारे देश के नेता भी अपने देश के हितों को समझें और ऊपर रखें। ये सीख तो हमें अमेरिका के लोगों से ही लेनी पड़ेगी , वरना अपने देश के नेताओं से क्या सीखा जाये ? देश को बेचना ? या करोड़ों का घपला करना ?
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aapki baato se sahmat nahi hoon...
hamare yahan bhi kuchh neta to jarur aise hain...jo desh ke liye sochte hain...aur unme wo sab gun hain ...jo aapne bataya...par ye yaad rakhna chahiye ki India USA nahi ho sakta...aaj maan lijiye India ne Dawood ko dhundhne ke liye Pakistan me koi bomb barding ki...to ye USA chup rahega...wahi sabse pahle chilallayega..!
Dr Amar ki baato se sahmat!
दिव्या जी,
कई लोगों ने आपसे असहमति प्रकट की है, पर मैं इस बात पे आपसे सहमत हूँ ... जैसे कि आपने पहले ही कहा है, नियम शरीफों के लिए होता है ... एक आतंकवादी को मारने के लिए नियम से चलने की कोई ज़रूरत नहीं है ... जो कहते हैं कि अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है ... वो लोग उन हज़ारों मासूमों के बारे में भूल जाते हैं जिनको ओसामा ने मारा है ....
दूसरी बात यह है कि ओसामा का क़त्ल सोची समझी स्क्रिप्टेड हो या साहसी कदम ये एक अवांतर प्रश्न है ... हकीकत यह है कि यह एक सही कदम है ... ओबामा ने इसे अपने फायदे के लिए भले ही किया हो ... पर उसने ऐसा कुछ किया है जिससे पूरी मानवजाति का भला हो ... हमारे नेता तो देश के लोगों को कबके भूल चुके हैं ...
आपने सही कहा है ... नेता हो तो ओबामा जैसे ...
हर व्यक्ति में कुछ अच्छाइयां और कुछ बुराइयां होती हैं। हमें केवल अच्छाइयों को ग्रहण करना चाहिए। ओबामा से हम यह सबक ले सकते हैं कि 9/11 की घटना के बाद उन्होंने आतंकवाद से निपटने में जो दृढ़ता दिखाई, उसी दृढ़ता से हमें भी आतंकवाद से निपटने की जरूरत है। लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने दूसरे राष्ट्र की सम्प्रभुता का उल्लंघन किया है। यदि कुछ इसी प्रकार का कृत्य अमेरिका द्वारा हमारे देश में हमारी अनुमति के बिना किया गया होता, तो हमें भी अच्छा नहीं लगता।
मेरा स्वभाव है लोगों के गुणों की तरफ ध्यान देना , क्यूंकि उनसे हमें सकारात्मक दिशा मिलती है । यदि हम ओबामा के व्यक्तित्व से कुछ नहीं सीखेंगे तो हमारा देश यूँ ही भ्रष्ट नेताओं के हाथों का खिलौना बना रहेगा । काला धन देश के बाहर जमा होगा और मासूम, गरीब जनता मरेगी भूखी । आतंकी राज करेंगे और आम जनता सहम सहम कर जियेगी ।
अमेरिका में तो हमला करने के पहले आतंकी सौ बार सोचेंगे , लेकिन कसाब जैसे दामादों को प्रश्रय देकर हम बार बार ९/११ की संभावनाओं को बुलंद करेंगे।
देश का पालक वही होता है , जो अपनी जनता को सबसे पहले सुरक्षा प्रदान करे। और ओबामा कोई भ्रष्ट और चोर नहीं । एक संवेदनशील , देशभक्त व्यक्तित्व हैं । हमारे देश के पुलपुले नेताओं से लाख गुना बेहतर एवं अनुकरणीय।
excellent
obama nitigat roop se galat ho sakte hain ,lekin ismen koi do rai nhin ki ve karmath aur dridh sankalpi hain aur bharity netaaon men ye kmi aam hai . kash bhart ka netartav karne vale jo chalta hai chalne de ki soch ko chhod pate
is hisab se aapka lekh steek hai ,bhart ko bhi karmath aur dridh sanklpi neta ki jroorat hai
निसंदेह ओबामा द्वारा किया गया यह काम प्रशंसनीय है वरना हमने तो कसाब को अपने ही घर मै और ज्यादा सुरक्षित करके रखा हुआ है हम कही बहार जाकर किसी का क्या बिगड़ेगे !
हिंसक पशु हिंसा ही करता है. शेर के लिए गाय और हिरन मैं कोई फर्क नहीं होता. जब अपने हितों को साधने के लिए भारत के साथ ऐसी ही हरकत क़ी जाएगी जैसी पाकिस्तान के साथ क़ी है तो आप कहेंगी कि ओबामा को सबक सिखाने के लिए एक ओसामा चाहिए. ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे.
ओबामा की देश की समस्याओ के बारे में गंभीरता से मनन और देश हित के लिए नीतियों का लागू करना , उनका सबसे बड़ा धनात्मक पक्ष है .
डॉक्टर दिव्या
विषयांतर = यदि इसे व्यक्तिविशेष की सोच का एक पहलू समझा जाता, तो अच्छा था ।
तिलमिलाहट = यह पूर्वाग्रह और दुराग्रह को सँदर्भित है, न कि छवि बिगाड़ने का प्रयास !
निष्कर्ष = बहुमत को देखते हुये मैं गलत ही सही, अब सच तो यही है कि " ओबामा जैसा कोई नहीं "
इस पोस्ट पर मुझे एकला चोलो रे का निर्वाह कर लेने दीजिये.... आगे से ध्यान रखूँगा !
obama ka yah kadam keval theek tha
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Sharif Khan said...
हिंसक पशु हिंसा ही करता है. शेर के लिए गाय और हिरन मैं कोई फर्क नहीं होता. जब अपने हितों को साधने के लिए भारत के साथ ऐसी ही हरकत क़ी जाएगी जैसी पाकिस्तान के साथ क़ी है तो आप कहेंगी कि ओबामा को सबक सिखाने के लिए एक ओसामा चाहिए. ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे.
May 12, 2011 1:41 PM
@ शरीफ खान -
जब भारत के साथ यही हरकत की जायेगी तब हम जो कहेंगे , वो हम अभी ही कह देते हैं - "भारत को ओबामा जैसा बनना पड़ेगा । भारत को भी मौकापरस्ती सीखनी होगी ओबामा से " ...भारत को भी अपने आत्म सम्मान को बढ़ाना होगा । भारत को भी काला धन और घोटालों से दूर रहना होगा।
यदि भारत अमेरिका और पाकिस्तान के सरपरस्तों को चाय पानी करता रहेगा और समोसा खिलायेगा तथा साथ में बैठकर विश्व कप देखेगा तो एक दिन ज़रूर गच्चा खायेगा।
अगर भारत ओबामा से Strategy बनाना नहीं सीखेगा , तो इसी तरह जिल्लत के साथ रहेगा और आवाम भी घुट घुट कर गुलामी की जिंदगी जियेगी।
ओबामा अपने देश की खातिर , पाकिस्तान के साथ जो कर रहा है , वही सही है । लेकिन हमारे नेता बस चाटुकारिता में फंसे हैं।
ओबामा एक कर्मठ , आध्यात्मिक, बहादुर , निर्णय लेने में सक्षम , और देश के लिए समर्पित व्यक्तित्व है । उसकी निष्ठा अमेरिका के साथ है , भारत के साथ नहीं । उनसे हमें यही सीखना है की अपने देश के साथ निष्ठां कैसे निभायी जाती है।
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@--ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे...
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शरीफ खान जी ,
यदि और ओसामा पैदा हो सकते हैं तो पृथ्वी वीरों से खाली नहीं होगी कभी । एक ओसामा पर दस ओबामा ज़रूर पैदा होते रहेंगे। आतंकवादियों का अंत होना ही चाहिए । कम से कम इस पृथ्वी पर कोई तो है जो सक्षम है ।
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well said
lekin hamaare aisaa karne par Pakistan chup nahee baithegaa .
kya ham yuddh ke liye taiyyar hain??
दिव्या ,
अक्षरश:सहमत हूं ...
किसी नाम या राष्ट्रीयता के घेरे में पड़ने से अच्छा है कि गलत नीतियों के लिये बेशक भर्त्सना करें पर अपने राष्ट्र के हित और स्वाभिमान का मान रखना जरूर सीखना चाहिये .....जब ऐसा हो जायेगा तब ,जैसी कि अभी आशंका जतायी गयी है ,किसी की हिम्मत हो ही नही सकती हमारे देश में इस तरह घुस जाये ....सराहनीय लिखा है ....
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@-इस पोस्ट पर मुझे एकला चोलो रे का निर्वाह कर लेने दीजिये....
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अमर जी ,
एकला चलो में कोई तारीफ़ की बात नहीं है । सच का साथ देना चाहिए , जैसे भारत की जनता ने अन्ना हजारे का साथ दिया। या फिर ओबामा की तरह एकला चलो रे।
जब ठमक के कमेन्ट लिखते हैं तो प्रति टिप्पणियों से घायल क्यूँ हो जाते हैं। कम से एक निंदक तो मुझे चाहिए ही अपनी लेखों पर । ईश्वर के सामने कसम तो खा सकूँगी की निंदक/ आलोचक भी आते थे मेरे लेखों पर पूरी आजादी के साथ।
वैसे मैं चाहे ओबामा के बारे में लिखूं , या फिर बाबा रामदेव , या फिर स्त्री सशक्तिकरण या फिर कोई चिकित्सकीय विषय हो । आप मुझसे मत-वैभिन्य रखते ही हैं। वजह आप ही जानते होंगे बेहतर।
वैसे आपकी टिप्पणियां अन्य लेखकों के ब्लॉग पर भी पढने का मौका मिलता है । वहां आप काफी प्रसन्नचित नज़र आते हैं । चलिए यही सही ।
लेकिन डरा मत कीजिये मुझसे । न मैं डरती हूँ , न ही डरने वाले लोगों को पसंद करती हूँ। जम के करा कीजिये मेरी आलोचना । अब तो मोडरेशन भी नहीं है , फिर शिकायत कैसी ? जो जी चाहे लिख दिया कीजिये।
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धन्यवाद जी....
बराक ओबामा ने अपने देश पर हमला कराने के अपराधी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बीन लादेन को मारकर अपने देश के हित में बहुत अच्छा काम किया है , उनका यह कार्य अनुसरण के योग्य हैं । पर बडे दुःख के साथ कहना पडता है कि भारत की जनता तो बहादुर है लेकिन नेता है कमजोर और कायर , ये दूसरे देश में घुसकर अपने देश पर हमला करने वाले अपराधियों तो क्या मारेगे , अपने देश की जेलों में बन्द अपराधियों को भी मारने का साम्थर्य नहीं रखते ।
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ओबामा तो श्रीकृष्ण के बताये मार्ग पर "साम, दाम, दंड, भेद" द्वारा आगे बढ़ रहा है । गलत क्या है । ये तो हमारी ही अज्ञानता है जो श्रीकृष्ण के बताये जीवन सूत्रों को समझ नहीं पा रहे , न ही अमल में ला रहे।
अमेरिका एक विकसित राष्ट्र है, हमें वहां की बहुत सी नीतियों को राष्ट्र हित में अपनाना चाहिए। ओबामा जैसे तरक्कीपसंद और प्रगतिशील नेतृत्व से हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए।
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@--lekin hamaare aisaa karne par Pakistan chup nahee baithegaa .
kya ham yuddh ke liye taiyyar hain??
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अजय जी ,
पूरा जीवन ही युद्ध स्थल है । हमें सबसे पहले जिस बात के लिए तैयार रहना चाहिए वो है युद्ध के लिए। काला धन वापस लायें , घोटाले रोकें और चौगुनी बड़ी फौजें तैयार करें भारत की , की दुश्मन थरथराने लगे हमारी सुरक्षा व्यवस्था देखकर। न चीन, न अमेरिका , न ही पाकिस्तान ये जुर्रत कर सके की हमारी और आँख उठा कर भी देख सके।
सत्य की रक्षा के लिए , अधिकारों के लिए , देश की सुरक्षा के लिए और आतंकवाद और अन्याय के खिलाफ गांडीव उठाना ही पड़ता है ।
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दरिंदों को मारने के लिए अगर हम नियम को लेकर चलेंगे तो उनका अंत कभी नहीं हो पायेगा !
क्या कोई बतायेगा? जब निर्दोष लोगों को यूँ ही मौत के घाट उतार दिया जाता है ,जब जवान बहुओं की खुशियों को बेरहमी से कुचल कर उन्हें विधवा बना दिया जाता हैं ,जब फूल से कोमल बच्चों की लाशें सड़क पर टुकड़े टुकड़े होकर बिखरी मिलती हैं तो ये सारे नियम कहाँ चले जाते हैं !
आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए इसी तरह के कठोर निर्णय की आवश्यकता है !
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने .... आपकी बात से सहमत
ओबामा ने जो कुछ किया, अच्छा किया।
एक तरह से सही लगता है कि दुश्मन को उसकी मांद में ही घुस कर मारा..
पर फिर लगता है इस एक इंसान को मारने के लिए अपने ६००० से ज्यादा सैनिक और खरबों रुपये का खर्च?
और वैसे भी किसे पता है कि कौन मारा गया.. सब एक बड़ी शाजिश के तहत किये गए काम लगते हैं..
पर हाँ यह बात तो मैं मानूंगा कि शख्सियत ओबामा जैसी होनी चाहिए.. बुड्ढे अपना भार तो संभाल नहीं पा रहे हैं.. देश क्या ख़ाक संभालेंगे.. विडम्बना है जी.. भारी विडम्बना है...
यदि और ओसामा पैदा हो सकते हैं तो पृथ्वी वीरों से खाली नहीं होगी कभी । एक ओसामा पर दस ओबामा ज़रूर पैदा होते रहेंगे। आतंकवादियों का अंत होना ही चाहिए । कम से कम इस पृथ्वी पर कोई तो है जो सक्षम है ।
sahi likha zeal ji
ham kisi osama ko paida na hone denge
na jaichand ko ...aamin
ishwar nyay karta hai aur karega..
hitler na raha
na sikander rahe
...
jai hind ..
jai bhaarat....
देश सर्वोपरि हो।
ओबामा द्वारा किया गया यह काम प्रशंसनीय है.
Desh hit aur sirf jan kalyan kee hee soche hamare netagan aisee abhlasha hai .
विचारों का काफी दंगल हो चुका है...बधाई...इतनी प्रतिक्रियाओं के लिए...मै सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि कहीं तो देश आगे होना चहिये...कहीं धर्म, कहीं सम्प्रदाय, कहीं क्षेत्र, कहीं भाषा...इतने अलगाव...क्या कोई कॉमन कॉज नहीं है...किसी को भी चुन लेंगे और वो देश चलाने लगेगा...बिहार में नितीश और गुजरात में मोदी ने सिद्ध कर दिया कि अगर नेता सिर्फ विकास और देश की बात करे तो हमें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता...आतंकवाद या नक्सलवाद सब पेट की लड़ाई हैं...जिसे वैचारिक जमा पहना दिया गया है...कुछ दिन पहले बाबा रामदेव ने कहा कि जिस देश के राजा और संत महलों में रहते हैं वहां जनता झोपड़ी में रहती है...और जहाँ राजा और संत झोपड़ी में रहते हों वहां जनता महलों में रहती है...यहाँ उनका मतलब है कि देश तभी तरक्की कर सकता है जब संपन्न लोग त्याग करने को तैयार हों...वहां ओबामा भी देश के कानून से बंधा है...यहाँ हर कोई दबंग बनाने पर आमादा है...ज्यादा लिख गया...मुद्दा ही ऐसा है...
बहुत अच्छी पोस्ट डॉ० दिव्या जी| आप और हम या भारतीय वसुधैव कुटुम्बकम की भावना रखते है ,लेकिन अमेरिकी सिर्फ़ अपने हितों के पोषक होते हैं |वहाँ राष्ट्रपति बदलते हैं नीतियां नहीं |
नेतृत्व करने के लिए जो गुण चाहिए [ संवेदनशीलता, मानवता ,लोकप्रियता, देशभक्ति , ज्ञान , strategy], वे सभी गुण ओबामा में मौजूद हैं। वे एक आदर्श राष्ट्रपति हैं।
Aaka ye kahna bhee sahee hai....aur ye bhee sahee hai,ki,Obama ke peechhe ek shaktishaalee rashtr kee ,shaktishaalee sena khadee hai!
mukhya baat ye hai ki hamaare netaaon me deshbhakti, imaandari aur bahadduri honi chaahiye.......
baaki baaten apne apne mat hain
मेरी समझ में यह नहीं आ रहा कि यह क्यूँ कहना पड़ रहा है कि "ओबामा को सबक सिखाने के लिए एक ओसामा चाहिए. ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे."
क्या ओसामा ओबामा को कोई सबक सिखा रहा था या सबक सिखाने की कोई हैसियत रखता था ?
ऐसी कौन सी काबलियत थी ओसामा में सबक सिखलाने की सिवाय आतंकवाद के ?
क्या ओसामा विश्व-बंधुत्व का प्रतीक था या उसमे अन्य कोई ऐसा मानवीय गुण था कि उसके निधन को हम शहादत समझें ?
हम और ओसामाओं के पैदा होने की क्यों अपेक्षा रखते हैं ?
भारतीय होने के कारण हम 'ओबामा' को सराहें या 'ओसामा' को ?
दिव्या जी नमस्ते ! आपने समयानुकूल बहुत सही विषय उठाया है | मेरा पूरा समर्थन आपके साथ है | हम कब तक दब्बू बने रहेंगे? हम कब तक निर्णायक वार करने से डरते रहेंगे? क्या हम इसलिए डरते रहेंगे की पकिस्तान पर अमेरिका का वरद हस्त है या सारे इस्लामिक देश हमसे नाराज हो जायेंगे | एक ओर तो हम कहते हैं की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता दूसरी ओर उनके विरुद्ध कार्यवाही करते वक्त धार्मिक दृष्टिकोण का हवाला भी देते हैं | हम आर या पार की लड़ाई क्यों नहीं लड़ते? ओबामा ने जो भी किया उचित किया उसे किसी भी तरह अनूचित नहीं ठहराया जा सकता | हमें उनसे सबक लेनी चाहिए | उसने कभी नहीं सोचा की चीन क्या कहेगा, दुसरे इस्लामिक देश क्या कहेंगे |
आतंकवादी किसी भी देश में हों उन्हें वहां घुस कर मारना कोई गुनाह नहीं है | चाहे वो हमारा ही देश क्यों न हो यदि कोई सरकार नकारा है तो उसका यही इलाज होना चाहिए |
लादेन की मौत के बाद अपने यहां जो लोग इस संभावना पर खुश थे कि अब दाऊद को भी इसी तर्ज पर निशाना बनाया जा सकता है, उन्हें अमेरिका का ताजा नजरिया धक्का पहुंचा सकता है। अमेरिका ने ऐसी किसी संभावित भारतीय कार्रवाई का विरोध करते हुए साफ-साफ कहा है कि 9/11 और 26/11 में अंतर है। साफ है कि जिस तरह कथित संप्रभुता के हनन के बावजूद पाकिस्तान के लिए अमेरिकी सहयोग जरूरी है, उसी तरह बार-बार पकड़े जाने के बावजूद महाशक्ति देश को इसलामाबाद का साथ चाहिए। ऐसे में हमें आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई अकेले ही लड़नी होगी।
अब जब आतंकवाद और उससे लड़ाई के सारे नियम बदल गए हैं, तब भारत को भी नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी होगी। यह भी गौर करने लायक है कि ओबामा प्रशासन ने ऑपरेशन ओसामा के लिए किसी दूसरे राष्ट्र पर भरोसा नहीं किया। संयुक्त राष्ट्र की भूमिका तो इराक पर हमले के समय से ही महाशक्ति देश के पिछलग्गू जैसी हो गई है।
जिस देश की नीति ही आतंकवाद पर चल रही है, उसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता। यही वक्त है, जब भारत को आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धताओं को मजबूती से दुनिया के सामने रखना होगा।
एक न एक दिन तो हमें सत्य का समर्थन करना ही पड़ेगा | आपके हौसले को मेरा कोटिशः सलाम !!!
हमारा नेता कैसा हो ? लाल बहादुर शास्त्री जी की तरह का,जो देश ओर देशावासियो को गर्व से जीना सीखाये, ओर विदेशो क्मे भी भारत का गोरव बढाये.
चुनाव के पहले ओबामा ने कहा था कि वह पाकिस्तान जैसे आतंकी देश की नकेल कसेगा पर चुनाव के बाद अरबों डालर उनको हर वर्ष भेंट में दे रहा है जबकि उसके देश में हाहाकार मचा हुआ है। वह अन्य देशों से कुंठा रखता है जब वे आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। वह भारत और चीन को सदा पीछे धकेलने की चालें चल रहा है। अब आप ही कहिए कि वह आदर्श नेता कैसे हो गया?
आपने एक सार्थक चर्चा की शुरुआत की है. मुझे लगता है कि हमारा नेता ओबामा जैसा नहीं ,बल्कि महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद , अमर शहीद भगत सिंह,चन्द्रशेखर आज़ाद और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जैसा होना चाहिए . वैसे इराक पर बुश के नेतृत्व में हुए अमरीकी हमले के बारे में आपका क्या कहना है ? एक ऐसा हमला जो वहाँ रासायनिक हथियार होने के बहाने झूठ की बुनियाद पर खड़े होकर किया गया था, जिसमे लाखों बेगुनाह इंसान मारे गए, वहाँ के निर्वाचित राष्ट्रपति को अमरीका ने कैद कर मौत की सजा दे दी , आज भी इराक पर अमरीकी कब्जा है, लीबिया में ओबामा के अमरीका समेत नाटो सेनाओं द्वारा किए जा रहे मानव-संहार के बारे में आपके क्या विचार हैं ? ओबामा के अमरीका में सुरक्षा जांच के नाम पर भारतीयों के साथ क्या सलूक होता है ,उसकी खबरें तो मीडिया के ज़रिये आप तक भी पहुँचती होंगी , उसके बारे में आपका क्या ख्याल है ? ओबामा जब भारत आए थे ,तब उनकी पूरी सुरक्षा व्यवस्था अमरीकी सेना के हाथों में थी राजघाट जाने से पहले उनके कुत्तों ने हमारे राष्ट्रपिता की समाधि की चेकिंग की थी ,यह सब हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान के खिलाफ था . क्या भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के अमरीका दौरे पर वहाँ भारत सरकार को ऐसी सुरक्षा अपनी तरफ से करने की छूट मिलेगी ?
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Blogger.com ने maintenance के दौरान हमारी अंतिम दो पोस्ट्स को remove कर दिया था , जो अब वापस दिख रही हैं लेकिन उनपर आये कमेंट्स डिलीट कर दिए उन्होंने। कॉपी पेस्ट करने की कोशिश करुँगी , ताकि पाठकों के अमूल्य कमेंट्स सुरक्षित रह सकें और उनके बहुमूल्य विचारों का लाभ अन्य पाठक भी ले सकें।
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डा० अमर कुमार has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
.नहीं, ओबामा आदर्श नेता नहीं हैं । वह केवल अपने देश की नीतियों के पोषक हैं । पाकिस्तान को निर्भर बनाये रख कर अपने सामरिक हितों के लिये उस देश की सरज़मीं का प्रयोग कोई आदर्श स्थिति नहीं है । रही बात अंतर्राष्ट्रीय नियमों की अवहएलना की... तो मज़बूत आर्थिक आधार एवँ सैन्य-समर्थ कोई भी देश कर सकता है.. समरथ को नहिं दोष गुसाँई, यह who cares की अहमन्यता है । यदि आपने सरसरी तौर पर भी पवन करण की यह रचना पढ़ी हो.. तो आपके सम्मुख अमेरीकी राष्ट्रपति का चरित्र उजागर हो जायेगा । मैं ओसामा का समर्थक नहीं, न ही मैं आतँक की नीति को उचित मानता हूँ, पर ’ओसामा’ का अँत एक पूर्वनियोजित सोची समझी वेल-टाइम्ड स्क्रिप्टेड ऑपरेशन है ! निःसँदेह ओबामा अपने देश के प्रति वफ़ादार हैं, वरना वह पूरे विश्व में भ्रमण कर बेरोजगार अमेरिकीयों के लिये रोजगार के अवसर न तलाशते... या अचानक ही उनकी नज़रों में भारतीय डॉक्टर या भारत में उपल्ब्ध सस्ता इलाज़ न चुभने लगता ।
चूँकि आपने नारा ही यह दिया है कि, "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो " अतः यहाँ आगे विमर्श की कोई स्थिति नहीं बनती... अतएव आप मुझसे असहमत होने को स्वतँत्र हैं !
कृपया ध्यान दें, यह तिलमिलाहट नहीं है, जैसा कि आप मानती हैं, "सबसे बढ़कर तिलमिलाना देखा ब्लौगिंग के क्षेत्र में । काफी निकट से हस्तियों की तिलमिलाहट देखने को मिली। कहीं तिलमिलाकर लोग अनर्गल प्रलाप करते हैं टिप्पणियों में तो कहीं ऐसे लेख ही लिख डालते हैं जिससे दूसरे की छवि को नुकसान पहुंचे। " यह एक विवेचना मात्र है ।
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poonam has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
मै आपसे सहमत हूँ लेकिन आपका इस तरह लिखना ? धर्म निरपेक्ष लोग आप के विरोधी हो सकते हैं
zeal has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
पूनम जी ,
सर्वप्रथम तो ये बता दूँ की मैं भी 'धर्मनिरपेक्ष हूँ ।
दूसरा आपसे ये प्रश्न है की लोग बुरा क्यूँ मान जायेंगे ? ऐसा क्या लिखा है ?
तीसरा लोगों के विरोध के कारण अपने मन के विचार लिखना छोड़ देना चाहिए क्या ?
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RAJESH has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
No body is 100%perfact in this world.lekin humare me koi kami ho to auron se sabak lekar to use sudhar hi sakte hain.mudda agar apne desh ki swatantrta ka hai to yes hume obaama ji se seekh leni chahiye he is bold ,stands on his words.but on other side his strategy about Iraak is not appreciable.any way every body has different opinion.we should welcome to this nice article.
ajit gupta has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
अन्तरराष्ट्रीय राजनीति पर तो हमें बोलना नहीं है, बस प्रश्न यह है कि ओबामा जैसा राजनेता हमारे देश को भी चाहिए या नहीं? यदि ओबामा अपने देश के हितों को सर्वोपरि रखते हैं तो हमें ओबामा पसन्द हैं। यदि ओबामा अपने देश में फैल रहे आतंक के प्रति चिंतित हैं और आतंककारियों को सजा देने में दृढ़ प्रतिज्ञ हैं तो हमें ऐसे ओबामा पसन्द हैं। यदि वे अपने देश के बेरोजगारों के लिए चिंतित हैं और उनके लिए सम्पूर्ण विश्व में रोजगार तलाशते हैं तो ऐसे ओबामा हमें पसन्द हैं। हमारे राजनेता में भी अपने देश के लिए चिंतन हो हम यही चाहेंगे। हम स्वाभिमानी बने, आर्थिक दृष्टि से सक्षम बने और सैन्य शक्ति में भी सुदृढ़ बने, बस यही चाहेंगे। अपने देश का भला चाहेंगे तो दूसरे का कुछ न कुछ तो नुक्सान होगा ही, इसका यह तो अर्थ नहीं होना चाहिए कि इसलिए हम अपना भला नहीं करें। ओबामा सदृश्य राजनेता ही अपने देश को आगे ले जाते हैं। नहीं तो कोई भी हमें चारा समझकर उदरस्थ कर लेगा।
zeal has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
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मेरा स्वभाव है लोगों के गुणों की तरफ ध्यान देना , क्यूंकि उनसे हमें सकारात्मक दिशा मिलती है । यदि हम ओबामा के व्यक्तित्व से कुछ नहीं सीखेंगे तो हमारा देश यूँ ही भ्रष्ट नेताओं के हाथों का खिलौना बना रहेगा । काला धन देश के बाहर जमा होगा और मासूम, गरीब जनता मरेगी भूखी । आतंकी राज करेंगे और आम जनता सहम सहम कर जियेगी ।
अमेरिका में तो हमला करने के पहले आतंकी सौ बार सोचेंगे , लेकिन कसाब जैसे दामादों को प्रश्रय देकर हम बार बार ९/११ की संभावनाओं को बुलंद करेंगे।
देश का पालक वही होता है , जो अपनी जनता को सबसे पहले सुरक्षा प्रदान करे। और ओबामा कोई भ्रष्ट और चोर नहीं । एक संवेदनशील , देशभक्त व्यक्तित्व हैं । हमारे देश के पुलपुले नेताओं से लाख गुना बेहतर एवं अनुकरणीय।
ओसामा जैसे मानवता के दुश्मनों का सही हश्र हुआ। अब आतंकवादियों के रूहें भी कापेंगीं आतंक फैलाने के पहले।
zeal has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
पूनम जी ,
आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता । कृपया आतंकवाद को किसी धर्म से मत जोड़िये। ये लेख धर्म पर नहीं , अपितु नेतृत्व पर है ।
poonam has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
bura isliye की yadi osama bin laden की pransha kartin to aapko adhik maan diya jaata .amerika to hamara kattar dushman है aur usi के mukhia का prashansha kar rahi हैं
zeal has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
@-ओबामा सदृश्य राजनेता ही अपने देश को आगे ले जाते हैं। नहीं तो कोई भी हमें चारा समझकर उदरस्थ कर लेगा।
very well said Ajit ji.
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zeal has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
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पूनम जी ,
हम लोग विदेश जब पढाई करने जाते हैं , तो वहां कुछ नया सीखने जाते हैं , इससे हमारी देशभक्ति पर फरक नहीं पड़ता। हम कुछ नया सीखकर उसे अपने देश के हित में प्रयुक्त कर सकते हैं न ।
यदि मैं ओबामा की प्रशंसक हूँ, तो इसमें गलत क्या है । मैं तो हमेशा ही हिम्मत वाले , साहस वाले , देश भक्ति वाले लोगों को अपना आदर्श मानती हूँ।
यदि हम ओबामा जैसे व्यक्तित्व से कुछ अच्छा ग्रहण कर सकें तो इसमें बुराई ही क्या है ?
जो हमसे बेहतर हैं , चाहे किसी भी क्षेत्र में हों , हमें उनसे सीखना ही चाहिए। किसी की अनावश्यक निंदा से क्या लाभ होगा भला। दूसरों की ज्यादा से ज्यादा अच्छाई यदि स्वयं में आत्मसात कर सकें तो हमारा ही विकास होगा न ।
आतंकवाद से कैसे निपटना चाहिए ये हमें ओबामा से सीखना चाहिए। लातों के भूत बातों से नहीं समझते । उंगलियाँ टेढ़ी करनी ही पड़ती हैं।
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poonam has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
"आतंकवाद से कैसे निपटना चाहिए ये हमें ओबामा से सीखना चाहिए। लातों के भूत बातों से नहीं समझते । उंगलियाँ टेढ़ी करनी ही पड़ती हैं।"
ab aapne mere man ki baat kah di .
iske liye aapka bahut dhanyavad.
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डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
दिव्या जी ओबामा को आप जैसे लोग आदर्श न बनायें जिनकी अपने स्वतंत्र और सकारात्मक सोच है. हाँ, ओबामा का काम नितांत गलत (कानूनी रूप में) होने के बाद भी हम समर्थन करते हैं क्योंकि इस कदम से अंत एक आतंकी का हुआ.
ओबामा, अमेरिका...वे नाम हैं जिन्हों ने सदैव अपने हितों को ऊपर रखा है...पाकिस्तान, ईराक, ईरान, अफगानिस्तान...आदि-आदि इसी अमेरिका की दें हैं, आज इसका चेहरा एक अश्वेत है पर है तो अमेरिका का चेहरा ही. हम इस बात की आशा करें कि भारत के काले अंग्रेजों में से कोई निकल का आये और देश का भला करे.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
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SAJAN.AAWARA has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
OBAMA APNE DESH KE LIYE JO KAR RAHA HAI WO SAHI KAR RAHA HAI. AGAR HUMARE DES ME KUCH LOGO KE DWARA WO PASAND NAHI KIYA JATA TO USME USKI GALTI NAI HAI. AGAR USKE JESA NETA HUMARE DES ME HO TO WO HUMARE LIYE TO SAHI HOGA PAR OR DESO KE KUCH LOGO KE LIYE NAHI BHI HO SKTA. MENE YAHA TIPPNIYAN PADHI HAI, TO ME EK BAAT BTATA HUN, JO TITLE DIYA GYA HAI SHAYAD LOGO KO US PAR AAPTTI HAI. LEKI ISME HUMARE NETA KA OBAMA KI TARAH DES KE LIYE LADNE WALA HONE KI ICHCHA JAHIR KI GAYI HAI , NA KI KHUD OBAAMA. . . . . . . ME IS VICHAR SE SAHAMAT HUN. AGAR KUCH GALAT HAI TO BTAIYE. . . . . .JAI HIND JAI BHARAT
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Er. Diwas Dinesh Gaur has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
निसंदेह ओबामा द्वारा किया गया यह काम प्रशंसनीय है...अब इससे पहले ओबामा क्या करता रहा यह लेख का विषय नहीं है...मुद्दे की तो यह है कि अपने देश का अपमान करने वाले को ओबामा ने दंड दे ही दिया...हमारे नेताओं को भी ओबामा से यह सीखना चाहिए...वोट बैंक की राजनीति बंद करनी चाहिए...
अभी कुछ दिन पहले फेसबुक पर चर्चित राष्ट्रवादी बलॉगर सुरेश चिपलूनकर जी की एक टिप्पणी देखी जो इस विषय पर एकदम सटीक बैठती है, उसे यहाँ लिख रहा हूँ...
पश्चिम से हमने चुम्बन लिया, पश्चिम से हमने समलैंगिकता ली, लिव-इन-रिलेशनशिप लिया, कम कपड़ों वाली नंगी पुंगी लडकियां भी पाईं, नाबालिक कन्याओं के गर्भपात भी बस दहलीज़ पर खड़े ही हैं...लेकिन हमने पश्चिम से अनुशासन नहीं लिया, समय की पाबंदी नहीं ली, राष्ट्र के दुश्मनों को मार गिराने की प्रतिबद्धता नहीं ली, अपने देश के नागरिकों के लाभ के लिए "किसी भी हद" तक जाने की जीवटता नहीं सीखी... लानत है हम पर, दूसरों को क्या दोष दें...
इसी सम्बन्ध में प्रसिद्ध हास्य कवी श्री अशोक चक्रधर जी का कहना है कि पश्चिम से हमने वेलेंटाइन तो लिया किन्तु वह नहीं लिया जिसकी आवश्कता अधिक है...WEST से BEST लेना चाहिए किन्तु हमने तो WEST से सब WASTE ले लिया...
अत; इस मामले में तो हमें ओबामा को आदर्श मानकर उससे सीखना ही चाहिए...
दीदी इस प्रस्तुति के लिए आपका धन्यवाद...
सादर...
दिवस
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डा. अरुणा कपूर. has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
ओबामा के अंदर समाएं हुए बहुत सारे सदगुण..इनकी थोडीसी कमियों को नजर अंदाज करवा देते है!..आप के विचारों से सहमत हूं!
क्या बात है दिव्या!...आपने और हमने एक साथ ही 'ओबामा' को याद किया..अजीब संजोग है!..बात का बतंगड...पर आ कर देखिए!
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@--ओबामा, अमेरिका...वे नाम हैं जिन्हों ने सदैव अपने हितों को ऊपर रखा है...
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कुमारेन्द्र जी , यही तो मैं कहना चाहती हूँ की हमारे देश के नेता भी अपने देश के हितों को समझें और ऊपर रखें। ये सीख तो हमें अमेरिका के लोगों से ही लेनी पड़ेगी , वरना अपने देश के नेताओं से क्या सीखा जाये ? देश को बेचना ? या करोड़ों का घपला करना ?
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Indranil Bhattacharjee ........."सैल" has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
दिव्या जी,
कई लोगों ने आपसे असहमति प्रकट की है, पर मैं इस बात पे आपसे सहमत हूँ ... जैसे कि आपने पहले ही कहा है, नियम शरीफों के लिए होता है ... एक आतंकवादी को मारने के लिए नियम से चलने की कोई ज़रूरत नहीं है ... जो कहते हैं कि अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है ... वो लोग उन हज़ारों मासूमों के बारे में भूल जाते हैं जिनको ओसामा ने मारा है ....
दूसरी बात यह है कि ओसामा का क़त्ल सोची समझी स्क्रिप्टेड हो या साहसी कदम ये एक अवांतर प्रश्न है ... हकीकत यह है कि यह एक सही कदम है ... ओबामा ने इसे अपने फायदे के लिए भले ही किया हो ... पर उसने ऐसा कुछ किया है जिससे पूरी मानवजाति का भला हो ... हमारे नेता तो देश के लोगों को कबके भूल चुके हैं ...
आपने सही कहा है ... नेता हो तो ओबामा जैसे ...
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घनश्याम मौर्य has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
हर व्यक्ति में कुछ अच्छाइयां और कुछ बुराइयां होती हैं। हमें केवल अच्छाइयों को ग्रहण करना चाहिए। ओबामा से हम यह सबक ले सकते हैं कि 9/11 की घटना के बाद उन्होंने आतंकवाद से निपटने में जो दृढ़ता दिखाई, उसी दृढ़ता से हमें भी आतंकवाद से निपटने की जरूरत है। लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने दूसरे राष्ट्र की सम्प्रभुता का उल्लंघन किया है। यदि कुछ इसी प्रकार का कृत्य अमेरिका द्वारा हमारे देश में हमारी अनुमति के बिना किया गया होता, तो हमें भी अच्छा नहीं लगता।
Mukesh Kumar Sinha has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
aapki baato se sahmat nahi hoon...
hamare yahan bhi kuchh neta to jarur aise hain...jo desh ke liye sochte hain...aur unme wo sab gun hain ...jo aapne bataya...par ye yaad rakhna chahiye ki India USA nahi ho sakta...aaj maan lijiye India ne Dawood ko dhundhne ke liye Pakistan me koi bomb barding ki...to ye USA chup rahega...wahi sabse pahle chilallayega..!
Dr Amar ki baato se sahmat!
Bhagat Singh Panthi has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
मेरा स्वभाव है लोगों के गुणों की तरफ ध्यान देना , क्यूंकि उनसे हमें सकारात्मक दिशा मिलती है । यदि हम ओबामा के व्यक्तित्व से कुछ नहीं सीखेंगे तो हमारा देश यूँ ही भ्रष्ट नेताओं के हाथों का खिलौना बना रहेगा । काला धन देश के बाहर जमा होगा और मासूम, गरीब जनता मरेगी भूखी । आतंकी राज करेंगे और आम जनता सहम सहम कर जियेगी ।
अमेरिका में तो हमला करने के पहले आतंकी सौ बार सोचेंगे , लेकिन कसाब जैसे दामादों को प्रश्रय देकर हम बार बार ९/११ की संभावनाओं को बुलंद करेंगे।
देश का पालक वही होता है , जो अपनी जनता को सबसे पहले सुरक्षा प्रदान करे। और ओबामा कोई भ्रष्ट और चोर नहीं । एक संवेदनशील , देशभक्त व्यक्तित्व हैं । हमारे देश के पुलपुले नेताओं से लाख गुना बेहतर एवं अनुकरणीय।
excellent
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Dilbag Virk has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
obama nitigat roop se galat ho sakte hain ,lekin ismen koi do rai nhin ki ve karmath aur dridh sankalpi hain aur bharity netaaon men ye kmi aam hai . kash bhart ka netartav karne vale jo chalta hai chalne de ki soch ko chhod pate
is hisab se aapka lekh steek hai ,bhart ko bhi karmath aur dridh sanklpi neta ki jroorat hai
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RAJPUROHITMANURAJ has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
निसंदेह ओबामा द्वारा किया गया यह काम प्रशंसनीय है वरना हमने तो कसाब को अपने ही घर मै और ज्यादा सुरक्षित करके रखा हुआ है हम कही बहार जाकर किसी का क्या बिगड़ेगे !
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Sharif Khan has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
हिंसक पशु हिंसा ही करता है. शेर के लिए गाय और हिरन मैं कोई फर्क नहीं होता. जब अपने हितों को साधने के लिए भारत के साथ ऐसी ही हरकत क़ी जाएगी जैसी पाकिस्तान के साथ क़ी है तो आप कहेंगी कि ओबामा को सबक सिखाने के लिए एक ओसामा चाहिए. ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे.
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ashish has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
ओबामा की देश की समस्याओ के बारे में गंभीरता से मनन और देश हित के लिए नीतियों का लागू करना , उनका सबसे बड़ा धनात्मक पक्ष है .
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Sunil Kumar has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
obama ka yah kadam keval theek tha
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Sharif Khan said...
हिंसक पशु हिंसा ही करता है. शेर के लिए गाय और हिरन मैं कोई फर्क नहीं होता. जब अपने हितों को साधने के लिए भारत के साथ ऐसी ही हरकत क़ी जाएगी जैसी पाकिस्तान के साथ क़ी है तो आप कहेंगी कि ओबामा को सबक सिखाने के लिए एक ओसामा चाहिए. ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे.
May 12, 2011 1:41 PM
@ शरीफ खान -
जब भारत के साथ यही हरकत की जायेगी तब हम जो कहेंगे , वो हम अभी ही कह देते हैं - "भारत को ओबामा जैसा बनना पड़ेगा । भारत को भी मौकापरस्ती सीखनी होगी ओबामा से " ...भारत को भी अपने आत्म सम्मान को बढ़ाना होगा । भारत को भी काला धन और घोटालों से दूर रहना होगा।
यदि भारत अमेरिका और पाकिस्तान के सरपरस्तों को चाय पानी करता रहेगा और समोसा खिलायेगा तथा साथ में बैठकर विश्व कप देखेगा तो एक दिन ज़रूर गच्चा खायेगा।
अगर भारत ओबामा से Strategy बनाना नहीं सीखेगा , तो इसी तरह जिल्लत के साथ रहेगा और आवाम भी घुट घुट कर गुलामी की जिंदगी जियेगी।
ओबामा अपने देश की खातिर , पाकिस्तान के साथ जो कर रहा है , वही सही है । लेकिन हमारे नेता बस चाटुकारिता में फंसे हैं।
ओबामा एक कर्मठ , आध्यात्मिक, बहादुर , निर्णय लेने में सक्षम , और देश के लिए समर्पित व्यक्तित्व है । उसकी निष्ठा अमेरिका के साथ है , भारत के साथ नहीं । उनसे हमें यही सीखना है की अपने देश के साथ निष्ठां कैसे निभा
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@--ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे...
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शरीफ खान जी ,
यदि और ओसामा पैदा हो सकते हैं तो पृथ्वी वीरों से खाली नहीं होगी कभी । एक ओसामा पर दस ओबामा ज़रूर पैदा होते रहेंगे। आतंकवादियों का अंत होना ही चाहिए । कम से कम इस पृथ्वी पर कोई तो है जो सक्षम है ।
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अजय कुमार has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
well said
lekin hamaare aisaa karne par Pakistan chup nahee baithegaa .
kya ham yuddh ke liye taiyyar hain
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nivedita has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
दिव्या ,
अक्षरश:सहमत हूं ...
किसी नाम या राष्ट्रीयता के घेरे में पड़ने से अच्छा है कि गलत नीतियों के लिये बेशक भर्त्सना करें पर अपने राष्ट्र के हित और स्वाभिमान का मान रखना जरूर सीखना चाहिये .....जब ऐसा हो जायेगा तब ,जैसी कि अभी आशंका जतायी गयी है ,किसी की हिम्मत हो ही नही सकती हमारे देश में इस तरह घुस जाये ....सराहनीय लिखा है ....
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vishwajeetsingh has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
बराक ओबामा ने अपने देश पर हमला कराने के अपराधी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बीन लादेन को मारकर अपने देश के हित में बहुत अच्छा काम किया है , उनका यह कार्य अनुसरण के योग्य हैं । पर बडे दुःख के साथ कहना पडता है कि भारत की जनता तो बहादुर है लेकिन नेता है कमजोर और कायर , ये दूसरे देश में घुसकर अपने देश पर हमला करने वाले अपराधियों तो क्या मारेगे , अपने देश की जेलों में बन्द अपराधियों को भी मारने का साम्थर्य नहीं रखते ।
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दर्शन has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
धन्यवाद जी....
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zeal has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
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@--lekin hamaare aisaa karne par Pakistan chup nahee baithegaa .
kya ham yuddh ke liye taiyyar hain??
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अजय जी ,
पूरा जीवन ही युद्ध स्थल है । हमें सबसे पहले जिस बात के लिए तैयार रहना चाहिए वो है युद्ध के लिए। काला धन वापस लायें , घोटाले रोकें और चौगुनी बड़ी फौजें तैयार करें भारत की , की दुश्मन थरथराने लगे हमारी सुरक्षा व्यवस्था देखकर। न चीन, न अमेरिका , न ही पाकिस्तान ये जुर्रत कर सके की हमारी और आँख उठा कर भी देख सके।
सत्य की रक्षा के लिए , अधिकारों के लिए , देश की सुरक्षा के लिए और आतंकवाद और अन्याय के खिलाफ गांडीव उठाना ही पड़ता है ।
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zeal has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
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ओबामा तो श्रीकृष्ण के बताये मार्ग पर "साम, दाम, दंड, भेद" द्वारा आगे बढ़ रहा है । गलत क्या है । ये तो हमारी ही अज्ञानता है जो श्रीकृष्ण के बताये जीवन सूत्रों को समझ नहीं पा रहे , न ही अमल में ला रहे।
अमेरिका एक विकसित राष्ट्र है, हमें वहां की बहुत सी नीतियों को राष्ट्र हित में अपनाना चाहिए। ओबामा जैसे तरक्कीपसंद और प्रगतिशील नेतृत्व से हमें बहुत कुछ सीखना चाहिए।
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ज्ञानचंद मर्मज्ञ has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
दरिंदों को मारने के लिए अगर हम नियम को लेकर चलेंगे तो उनका अंत कभी नहीं हो पायेगा !
क्या कोई बतायेगा? जब निर्दोष लोगों को यूँ ही मौत के घाट उतार दिया जाता है ,जब जवान बहुओं की खुशियों को बेरहमी से कुचल कर उन्हें विधवा बना दिया जाता हैं ,जब फूल से कोमल बच्चों की लाशें सड़क पर टुकड़े टुकड़े होकर बिखरी मिलती हैं तो ये सारे नियम कहाँ चले जाते हैं !
आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए इसी तरह के कठोर निर्णय की आवश्यकता है !
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sada has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने .... आपकी बात से सहमत
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mahendra verma has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
ओबामा ने जो कुछ किया, अच्छा किया।
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Pratik has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
एक तरह से सही लगता है कि दुश्मन को उसकी मांद में ही घुस कर मारा..
पर फिर लगता है इस एक इंसान को मारने के लिए अपने ६००० से ज्यादा सैनिक और खरबों रुपये का खर्च?
और वैसे भी किसे पता है कि कौन मारा गया.. सब एक बड़ी शाजिश के तहत किये गए काम लगते हैं..
पर हाँ यह बात तो मैं मानूंगा कि शख्सियत ओबामा जैसी होनी चाहिए.. बुड्ढे अपना भार तो संभाल नहीं पा रहे हैं.. देश क्या ख़ाक संभालेंगे.. विडम्बना है जी.. भारी विडम्बना है...
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Nishant has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
यदि और ओसामा पैदा हो सकते हैं तो पृथ्वी वीरों से खाली नहीं होगी कभी । एक ओसामा पर दस ओबामा ज़रूर पैदा होते रहेंगे। आतंकवादियों का अंत होना ही चाहिए । कम से कम इस पृथ्वी पर कोई तो है जो सक्षम है ।
sahi likha zeal ji
ham kisi osama ko paida na hone denge
na jaichand ko ...aamin
ishwar nyay karta hai aur karega..
hitler na raha
na sikander rahe
...
jai hind ..
jai bhaarat....
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प्रवीण पाण्डेय has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
देश सर्वोपरि हो।
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संजय भास्कर has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
ओबामा द्वारा किया गया यह काम प्रशंसनीय है.
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आपका ये व्यंग काबिले गौर है की "पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था अब जाहिर हो चुकीहै । महान आतंकवादी भी महफूज़ नहीं रहा वहां , आम जनता की क्या कहें । इसके विपरीत भारत कीसुरक्षा व्यवस्था अति मज़बूत है । यहाँ कसाब जैसे आतंकवादी ३७६ खून करने के बाद भी 'शाही दामाद' कीहैसियत से रह सकते हैं।"
ओबामा ने ओसामा को मार के वास्तम में एक बहुत बड़ा काम किया है. इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं. पर उनकी भारतीय कपनियो से आउट सोर्स नै करने की नीति और भारतीय युवाओ को नोकरी न देने के नीति से मैं सहमत नहीं हूँ, जिसके वजह से ओबामा मेरे आदर्श कभी नहीं होंगे !
जयकृष्ण राय तुषार has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
बहुत अच्छी पोस्ट डॉ० दिव्या जी| आप और हम या भारतीय वसुधैव कुटुम्बकम की भावना रखते है ,लेकिन अमेरिकी सिर्फ़ अपने हितों के पोषक होते हैं |वहाँ राष्ट्रपति बदलते हैं नीतियां नहीं |
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kshama has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
नेतृत्व करने के लिए जो गुण चाहिए [ संवेदनशीलता, मानवता ,लोकप्रियता, देशभक्ति , ज्ञान , strategy], वे सभी गुण ओबामा में मौजूद हैं। वे एक आदर्श राष्ट्रपति हैं।
Aaka ye kahna bhee sahee hai....aur ye bhee sahee hai,ki,Obama ke peechhe ek shaktishaalee rashtr kee ,shaktishaalee sena khadee hai!
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hasyakavi albela khatri has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
mukhya baat ye hai ki hamaare netaaon me deshbhakti, imaandari aur bahadduri honi chaahiye.......
baaki baaten apne apne mat hain
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मदन शर्मा has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
दिव्या जी नमस्ते ! आपने समयानुकूल बहुत सही विषय उठाया है | मेरा पूरा समर्थन आपके साथ है | हम कब तक दब्बू बने रहेंगे? हम कब तक निर्णायक वार करने से डरते रहेंगे? क्या हम इसलिए डरते रहेंगे की पकिस्तान पर अमेरिका का वरद हस्त है या सारे इस्लामिक देश हमसे नाराज हो जायेंगे | एक ओर तो हम कहते हैं की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता दूसरी ओर उनके विरुद्ध कार्यवाही करते वक्त धार्मिक दृष्टिकोण का हवाला भी देते हैं | हम आर या पार की लड़ाई क्यों नहीं लड़ते? ओबामा ने जो भी किया उचित किया उसे किसी भी तरह अनूचित नहीं ठहराया जा सकता | हमें उनसे सबक लेनी चाहिए | उसने कभी नहीं सोचा की चीन क्या कहेगा, दुसरे इस्लामिक देश क्या कहेंगे |
आतंकवादी किसी भी देश में हों उन्हें वहां घुस कर मारना कोई गुनाह नहीं है | चाहे वो हमारा ही देश क्यों न हो यदि कोई सरकार नकारा है तो उसका यही इलाज होना चाहिए |
लादेन की मौत के बाद अपने यहां जो लोग इस संभावना पर खुश थे कि अब दाऊद को भी इसी तर्ज पर निशाना बनाया जा सकता है, उन्हें अमेरिका का ताजा नजरिया धक्का पहुंचा सकता है। अमेरिका ने ऐसी किसी संभावित भारतीय कार्रवाई का विरोध करते हुए साफ-साफ कहा है कि 9/11 और 26/11 में अंतर है। साफ है कि जिस तरह कथित संप्रभुता के हनन के बावजूद पाकिस्तान के लिए अमेरिकी सहयोग जरूरी है, उसी तरह बार-बार पकड़े जाने के बावजूद महाशक्ति देश को इसलामाबाद का साथ चाहिए। ऐसे में हमें आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई अकेले ही लड़नी होगी।
अब जब आतंकवाद और उससे लड़ाई के सारे नियम बदल गए हैं, तब भारत को भी नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी होगी। यह भी गौर करने लायक है कि ओबामा प्रशासन ने ऑपरेशन ओसामा के लिए किसी दूसरे राष्ट्र पर भरोसा नहीं किया। संयुक्त राष्ट्र की भूमिका तो इराक पर हमले के समय से ही महाशक्ति देश के पिछलग्गू जैसी हो गई है।
जिस देश की नीति ही आतंकवाद पर चल रही है, उसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता। यही वक्त है, जब भारत को आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धताओं को मजबूती से दुनिया के सामने रखना होगा।
एक न एक दिन तो हमें सत्य का समर्थन करना ही पड़ेगा | आपके हौसले को मेरा कोटिशः सलाम !!!
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Rakesh Kumar has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
मेरी समझ में यह नहीं आ रहा कि यह क्यूँ कहना पड़ रहा है कि "ओबामा को सबक सिखाने के लिए एक ओसामा चाहिए. ओसामा क़ी शहादत बेकार नहीं जाएगी. अमेरिका के आतंक को ख़त्म करने के लिए और ओसामा पैदा होंगे."
क्या ओसामा ओबामा को कोई सबक सिखा रहा था या सबक सिखाने की कोई हैसियत रखता था ?
ऐसी कौन सी काबलियत थी ओसामा में सबक सिखलाने की सिवाय आतंकवाद के ?
क्या ओसामा विश्व-बंधुत्व का प्रतीक था या उसमे अन्य कोई ऐसा मानवीय गुण था कि उसके निधन को हम शहादत समझें ?
हम और ओसामाओं के पैदा होने की क्यों अपेक्षा रखते हैं ?
भारतीय होने के कारण हम 'ओबामा' को सराहें या 'ओसामा को ?
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राज भाटिय़ा has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
हमारा नेता कैसा हो ? लाल बहादुर शास्त्री जी की तरह का,जो देश ओर देशावासियो को गर्व से जीना सीखाये, ओर विदेशो क्मे भी भारत का गोरव बढाये.
चंद्रमौलेश्वर प्रसाद has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
चुनाव के पहले ओबामा ने कहा था कि वह पाकिस्तान जैसे आतंकी देश की नकेल कसेगा पर चुनाव के बाद अरबों डालर उनको हर वर्ष भेंट में दे रहा है जबकि उसके देश में हाहाकार मचा हुआ है। वह अन्य देशों से कुंठा रखता है जब वे आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। वह भारत और चीन को सदा पीछे धकेलने की चालें चल रहा है। अब आप ही कहिए कि वह आदर्श नेता कैसे हो गया?
Swarajya has left a new comment on the post "हमारा नेता कैसा हो ? बराक ओबामा जैसा हो .":
आपने एक सार्थक चर्चा की शुरुआत की है. मुझे लगता है कि हमारा नेता ओबामा जैसा नहीं ,बल्कि महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद , अमर शहीद भगत सिंह,चन्द्रशेखर आज़ाद और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जैसा होना चाहिए . वैसे इराक पर बुश के नेतृत्व में हुए अमरीकी हमले के बारे में आपका क्या कहना है ? एक ऐसा हमला जो वहाँ रासायनिक हथियार होने के बहाने झूठ की बुनियाद पर खड़े होकर किया गया था, जिसमे लाखों बेगुनाह इंसान मारे गए, वहाँ के निर्वाचित राष्ट्रपति को अमरीका ने कैद कर मौत की सजा दे दी , आज भी इराक पर अमरीकी कब्जा है, लीबिया में ओबामा के अमरीका समेत नाटो सेनाओं द्वारा किए जा रहे मानव-संहार के बारे में आपके क्या विचार हैं ? ओबामा के अमरीका में सुरक्षा जांच के नाम पर भारतीयों के साथ क्या सलूक होता है ,उसकी खबरें तो मीडिया के ज़रिये आप तक भी पहुँचती होंगी , उसके बारे में आपका क्या ख्याल है ? ओबामा जब भारत आए थे ,तब उनकी पूरी सुरक्षा व्यवस्था अमरीकी सेना के हाथों में थी राजघाट जाने से पहले उनके कुत्तों ने हमारे राष्ट्रपिता की समाधि की चेकिंग की थी ,यह सब हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान के खिलाफ था . क्या भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के अमरीका दौरे पर वहाँ भारत सरकार को ऐसी सुरक्षा अपनी तरफ से करने की छूट मिलेगी ?
यथासंभव सभी टिप्पणीकारों की टिप्पणियां यहाँ वापस ला सकी हूँ , यदि किसी की टिप्पणी रह गयी हो तो कृपया सूचित करें।
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स्वराज्य जी ,
हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी तो हमारा गौरव हैं ही , इसीलिए लेख की शुरुवात ही उनकी याद से की है , निसंदेह वे सर्वोपरि हैं। लेकिन हमें बाहरी हस्तियों से भी सीखना चाहिए। हमें दूसरों की अच्छियाँ ग्रहण करनी चाहिए।
गांधी जी भारत के लिए लड़े , अंग्रजों के लिए तो नहीं लड़े। ओबामा ने गांधी जी से नेतृत्व सीखा, नेताजी से साहस , विवेकानंदा से अध्यात्म । उसने प्रत्येक धर्म का सार ग्रहण कर लिया। वो सबकी अच्छाईयां ग्रहण कर लेता है और खुद को शक्तिशाली बनाता जा रहा है। उसके पास विवेक भी है , साहस भी और देशभक्ति का जज्बा भी । इसलिए पाकिस्तान में घुसकर उसने २६/११ का बदला ले लिया , जिससे उसके देशवासियों की आस्था उसमें और भी बढ़ गयी । लेकिन हमारा देश तो आतंवादियों को अपने ही घर में सहेज कर रखे हुए है , कुछ दिनों में भारत ही अड्डा बन जाएगा। सारे आतंकवादी , भारत की जेलों में ही नमूदार होंगे।
भारत के लोग , क्यूँ इतनी अपेक्षा रखते हैं अमेरिका के साथ ? क्यूँ जीना जाते हैं परजीवी बनकर ? क्यूँ नहीं स्वयं को सशक्त बनाते ? क्यूँ नहीं अपने आत्म सम्मान को बढाते ?
जो कमज़ोर होते हैं वही दूसरों से अपेक्षा ज्यादा रखते हैं , इसीलिए भारत ओबामा से हर छोटी बड़ी बात के लिए मदद की अपेक्षा रखता है । स्वयं को मज़बूत करें । पहले घर में में छुपे आतंवादियों को सजा दें , फिर ओबामा से मदद की अपेक्षा नहीं रखनी पड़ेगी।
ओबामा अपने देश के लिए जो भी कर रहा वही करना चाहिए । दुश्मों को बक्शा नहीं उसने। खदेड़ कर मारा। पाताल से निकालकर कर मारा। ...[अनुकरणीय है ये ]
हमें ओबामा की अच्छाईयाँ ग्रहण करनी चाहिए, उसी की तरह । जैसे उसने देश विदेश की महान हस्तियों की अच्छाईयाँ , साहस और आदर्श अपने आप में , समय के अनुरूप लिया है , उसी तरह हमें भी उसके साहस और देशभक्ति से कुछ सीखना चाहिए। आज ओबामा के कारण दुश्मन अमेरिका की तरफ आँख उठा कर देखने की कोशिश भी नहीं करेगा।
ओबामा एक बुद्धिमान एवं अति व्यवहारिक व्यक्ति है । अपने देश और देशवासियों के प्रति निष्ठावान है । ओबामा और जॉर्ज बुश जैसे राष्ट्रपतियों में ज़मीन आसमान का अंतर है।
मुझे तो लगता है ओबामा से बहुत कुछ सीखा जा सकता है ।
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कोई एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा आगे कर दिया जाए क्या ?
पेंटागन पर आतंकी हमले के बाद क्या white house पर हमला करने के लिए उसे छोड़ देना चाहिए ?
मुझे तो ओबामा के निर्णय में व्यावहारिकता के दर्शन होते हैं और अपने देश के प्रति उसकी कटिबद्धता।
अन्यथा हमारे देश के नेता तो काला धन जुटाने में ही व्यस्त हैं। जन्मों के भूखे हैं । इनकी धन-एषणा कभी समाप्त ही नहीं होगी। सारे के सारे गुनाह के बोझ तले दबे हुए हैं ।
कब तक हम गांधी , सुभाष का नाम लेते हुए सोये रहेंगे ? आजाद होते हुए भी गुलाम ही रहेगी आवाम । क्यूंकि हम शहीदों को श्रद्धांजलि देकर इतिश्री कर लेते हैं अपने दायित्वों की । लेकिन ये नहीं सोचते की हमारे अमर शहीद भी दुखित होते होंगे हमारी आज की सत्ता में बैठे नकारा नेतृत्व करने वालों से।
समय के साथ चलना चाहिए । यदि हम ओबामा जैसी जागरूक हस्तियों से कुछ सीखने के बजाये कोसेंगे उन्हें , तो यूँ ही सोये रहेंगे और चीन , पाकिस्तान हमपर चढ़ाई करते रहेंगे। और छछूंदर जैसे आतंकवादी अपना आतंक फैलाते रहेंगे।
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yes ,obama has proved his loyalty towards his nation ,what other people think its other matter .
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
ओबामा हमारा आदर्श नहीं हो सकता। उसकी यह चाल कामयाब रही लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि वो हमारा आदर्श है। सभी खिलाड़ी अपने मोहरे, समय के अनुसार चाल चलते हैं । भारत अमेरिका नहीं है।
दिव्याजी,
ओबामा के लिए तो मत-मतांतर हों रहा है.मेरा तो मत है कि यदि आप जैसा नेता हों तो सबसे ज्यादा मत आपको ही मिलने चाहियें.
फिर क्यूँ न एक स्वप्न रच डालिए आप अपनी सरकार का.उसमें किस किस को आप मंत्री-मंडल में लेंगी और किस प्रकार से अपनी सरकार चलायेंगीं बता दीजियेगा .क्या पता यह स्वप्न सच भी हों जाये एक दिन.तब देर किस बात की,इंतजार है आपके 'दिव्या'स्वप्न का.
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दो चार आदर्श लोगों के नाम भी गिनवा दीजिये।
ताकि अगली पोस्ट लिखने के काम आये ।
वैसे सतयुग,त्रेता और द्वापर के कुछ नाम -
राम
कृष्ण
इतिहास के नाम -
गांधी , नेहरु , डॉ राजेन्द्र प्रसाद , नेताजी , लाल बाल पाल , विवेकानंद , दयानंद सरस्वती आदि आदि ।
वर्तमान में एक जीवित हस्ती -
जिसे शासन करना आता है , जिसे अपनी आवाम के सुख-दुःख से सरोकार है , जिसके खौफ से दुश्मन थरथरायें , जिसकी और बड़े बड़े देश मदद की भीख मांगे। ---वो है ओबामा।
गौर फरमाएं , उससे हमें सीखना है , उसे अपना देश नहीं सौंपना है ।
जब तक ओबामा की तरह निडर , निर्भीक , विवेकी और मौकापरस्त नहीं होंगे , विकासशील ही रहेंगे । विकसित देश नहीं कहलायेगा। ये भारत है , जहाँ करोडपति नेता देश को लूटते हैं , और किसान आत्महत्या करते हैं ।
क्या देश का प्रमुख मनमोहन सिंह जैसा होना चाहिए ? या राहुल गाँधी जैसा ? या फिर सोनिया जी ? या फिर mayawati ?
लगता है कुछ लोग केवल शीर्षक पढ़कर ही कमेन्ट कर देते हैं। चाहे जितनी मेहनत और तर्कों से नज़रिए को स्पष्ट किया जाए , उसे पढना तक गंवारा नहीं होता लोगों को ।
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राकेश जी ,
आपकी शुभकामनाओं क साथ ही तो आगे बढ़ रही हूँ । और कलम के माध्यम से देश सेवा और समाज सेवा कर रही हूँ। मेरे जैसे लोग नेता नहीं बनते , क्यूंकि नेता बनने क लिए थोडा सा भ्रष्ट होना बहुत जरूरी है । और वो मैं हूँ नहीं ।
रही बात स्वप्न की तो स्पष्ट कर दूँ ....अक्सर हकीकत को स्वप्न कहकर सुनाती हूँ।
Smiles....
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लोहे को लोहा काटता है और विष को विष मारता है। अमेरिका से टक्कर लेने के लिए अमेरिकी नीतियों को ही अमल में लाना होगा। भारत को नहले पर देहला बन कर दिखाना होगा। ओबामा से बुद्धिमानी , चतुराई और मौकापरस्ती सीखनी होगी।
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zeal ji ke kahne ke anusaar hame har us soch ka samman karna chahiye jisme deshbhakti rahe..
hame martin luther king,mother terresa,nelson mandela se sikh lena chahiye...
maangane se kuch nahi milta
kranti honi chahiye
aur iske liye ham koshish karenge ....
swapn hi haqeeqat banate hain.......an idea is necessary......and if we the people of india get determined and change ourselves for the better india then it can be possible.....
every person has potential ......aadarsh vyakti ko nahi vyaktitv ko banana chahiye ..ek acche vyaktitv ko..
zeal ji ne ye hi kaha hai....
gandhi ji se ham:aatmnirbhar hona sikh sakte hain
if we stop greed ....then we can help our country....
Very nice and objective post.
Why Obama?
Why cant we have so many more Shastriji in the country?
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@--आदर्श व्यक्ति को नहीं व्यक्तित्व को बनाना चाहिए..
निशांत जी ,
जो मैं कहना चाहती हूँ , उसे बखूबी आपने समझा। एक आभार है मन में आपके लिए। मेरा लिखना व्यर्थ नहीं जा रहा , इसका थोडा सा सुकून भी।
हमें देश , काल , जाति और धर्म से ऊपर उठकर , सद्गुणों और progressive विचारधारा का सम्मान करना होगा तभी अपनी तरक्की संभव है।
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@ BK Chowla -
Why not OBama ?
any logic Sir ?
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स्व-देश के पक्ष से और दुनिया के पक्ष से .. .ओबामा ने यह कार्य तो सराहनीय ही किया.
अपने देश को मंदी से बचाने के लिये, अपने देश के उद्योगों में पुनः प्राण फूँकने के लिये ...
नौकरियाँ ढूँढने के ठोस कार्य करना मतलब समझौते करना... यह एक आदर्श राष्ट्र-स्वामि के ही गुण हैं.
प्रतिशोध लेना .. और वह भी योजनाबद्ध तरीके से .. ... राष्ट्र की गरिमा को बढ़ाता है... राष्ट्र में रहने वाली भयभीत प्रजा को निर्भीकता की खुराक देना है.
यदि आज भारत में भी ........ किसी नेता में निर्णय लेने की शक्ति का चिह्न प्रकट हो जाये तो देश के दुश्मनों की घुसपैठ तो दूर उनकी आँखें भी नहीं उठ सकतीं.
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नरेन्द्र मोदी जैसे नेता यदि भारत में ओबामा जैसी ही शक्ति से संपन्न हों जाएँ तो हमें 'आदर्श' बाहर ढूँढने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
सत्य वचन है आपका ! जी हाँ प्रतुल वशिष्ठ जी की बातों से सहमत!
नरेन्द्र मोदी आज पुरे देश के लिए जरुरत हैं
दिव्या दीदी शायद यहाँ कुछ लोग आपसे सहमत नहीं हैं...व्यक्तिगत रूप से मैं भी ओबामा का बहुत बड़ा प्रशंसक तो नहीं हूँ किन्तु यहाँ आपसे पूर्णत: सहमत हूँ...अमरीका विरोधी नीति के विरोध में ओबामा का यह अभियान सच में प्रशंसनीय है...कम से कम उसने अपने देश का अपमान करने वालों का अंत तो किया, हमारे नेताओं जैसे तो नहीं जो आतंकवादियों को घर जमाई बना कर रखा हुआ है...निश्चित रूप से इसके लिए हमें अपनी संकीर्ण मानसिकता को त्याग कर ओबामा की खुले दिल से प्रशंसा करनी चाहिए...एवं उसे एक आदर्श के रूप में देखा जाना चाहिए क्यों कि यह मुद्दा देश की सुरक्षा का है...
अत: टिप्पणी करने वालों से मेरा अनुरोध है कि केवल शीर्षक के आधार पर अपनी राय न दें, कृपया पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें...यह हमारे लिए सोचने का विषय है...
बढ़िया व्यंग के लिए शुक्रिया!!
जी सारी, मैं आपकी बात से सहमत नहीं हू। बराक ओबामा ही नहीं अमेरिका कोई भी राष्ट्रपति किसी भी इंडियन का आदर्श नहीं हो सकता। हम गांधीवाद में विश्वास रखते हैं और वो हिंसा में। उनकी नीतियां हमारी नीतियों से बिल्कुल अलग हैं। जैबिक हथियार का बहाना बनाकर सद्दाम हुसैन को फांसी पर चढाना, तेल के लिए लीबिया पर हमला बोलने को कत्तई समर्थन नहीं दिया जा सकता। लादेन को उन्होंने मार गिराया ये ठीक है, लेकिन इसके लिए अमेरिका को आदर्श बनाना मेरे ख्याल से ठीक नहीं है। प्लीज एक बार फिर विचार कीजिए
हमारे देश के सत्ताधारियों को ओबामा से शिक्षा लेनी चाहिए की शासन कैसे किया जाता है । देश और देशवासियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए.... bilkul sahi baat... lekin sattadharion ko apni rotiyan sekne se fursat mile tab n sochniyen....
चुनौतियों को जीतने वाले आकर्षित करते हैं।
आपकी पसंद ओबामा वास्तव में अच्छे नेता हैं। पर भारत में ये नहीं हो सकता क्योंकि हमारा देश सिहर उठता है जब चार आतंकवादी काबुल हमारा विमान ले जाते हैं और हमारा एक मंत्री विमान में उनकी धमकी से डरकर वहाँ जाता है और हम दोबारा ऐसा ही नेता चुनते हैं!कम से कम वो सांसद तो बन ही जाता है!
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
sahi kaha...
ओबामा ने जो किया ठीक किया.....
अच्छे काम की प्रशंसा खुले दिल से की जानी चाहिए.Obama has done great job.
bilkul sahi likha aapne aise hi netaon ki jarurat hai hamare desh ko .jo hamaare desh ko nukshaan pahuchaye use khatm kernaa hi behtar hai.naa ki bombay ke taj hotel aur khuleaam goliyan chalaaker kai maasumon ko maarne waale kasab ko hum abhi tak jail main hi paal rahen hai.jo insAAN KO chain se naa rahane de aur jinake karan poori duniya ko dar ke saaye main jeena padhe aise insaanon ko khatm hi kar denaa thik hai.
GOOD WISHES ZEAL JI
KEEP WRITING...
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यदि ओबामा जैसा कोई जांबाज़ नेता हमारे देश में भी होता तो ---
कलमाड़ी न होते ,
राजा न होता ,
दिग्विजय न होते।
काला धन विदेशों में जमा न होता ।
किसान आत्महत्या न करते
७३ साल के वृद्ध को व्यथित होकर भ्रश्चार के खिलाफ भूख हड़ताल न करनी पड़ती।
आतंकवाद न होता ।
कसाब जैसे खूनी जिन्दा न होते।
चीन और पाकिस्तान घुसपैठ न कर पाता ।
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