Sunday, September 1, 2013

बलात्कार और मनमर्जी के सरकारी संशोधन

१६ दिसंबर निर्भया बलात्कार काण्ड के छठे आरोपी, जो पौने अठारह साल का था उसे नाबालिग बताकर मात्र तीन वर्ष के लिए सुधार गृह भेजा गया है। शायद उसने बलात्कार बचकाने तरीके से किया होगा इसलिए उसे बच्चों वाली सज़ा दी गयी है ! तीन वर्ष बाद बाहर निकलकर दुबारा ऐश करेगा ये सरकारी अल्पसंख्यक बच्चा।

सनद रहे इस लफंगे ने ना केवल बलात्कार किया अपितु छात्रा के पेट में लोहे का सरिया डालकर उसकी आंतें बाहर निकाल दी थी!

बलात्कार और मर्डर की सज़ा मात्र तीन वर्ष के लिए सुधार गृह की सज़ा ! हो रहा भारत निर्माण , बढ़ रहे हैं अत्याचार।

हमारी सरकार जहाँ चाहती हैं वहां तो त्वरित संशोधन कर बिल पास करा लेती है , लेकिन बलात्कार की शिकार हो रही लड़कियों के लिए कोई संशोधन नहीं किया जाएगा ! हम लाचार हैं ! या फिर लचर हैं आप ?

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प्राचीन भारत में बलात्कार एवं त्वरित दण्ड के संदर्भ

रावण जिसे दुष्टता का पर्यायवाची माना जाता है - उसने सीता हरण किया - परन्तु अपने महल में न रख कर - 1 महीने तक अशोक वाटिका में पूर्ण सुरक्षा एवं सुविधा के साथ रक्खा और बलात्कार तो दूर की बात है - दोबारा हाथ तक नहीं लगाया किया - फिर भी उसके पुतले को आज तक जलाया जाता है |

इन्द्र के पुत्र जयंत ने रूप बदल - कौव्वा का रूप धरण कर - सीता के पैरों में चोंच मार कर भाग गया | प्रभु श्री राम के छोड़े हुए बाण ने चौदहों लोकों में पीछा कर के ढूंढ कर प्राणदान देते हुए एक आँख फोड़ कर दंडित किया |

इन्द्र ने रूप बदल कर सती अहिल्या के साथ छलपूर्वक शीलहरण किया - इन्द्र को देवराज होने के उपरांत भी कठोर दंड मिला |

महाभारत की कथा में वर्णन है - दुस्साशन ने द्रौपदी के केश पकड़ कर उसे सभा तक खींचा और दुर्योधन ने द्रौपदी को जंघा पर बैठाने का आदेश मात्र दिया - लेकिन उस कुकृत्य के कारण धृतराष्ट्र के समस्त पुत्रों को मृत्यु दंड मिला और कौरव वंश का नाश हुआ |

विदेशी आक्रमणकरियों के भारत पर अधिकार करने के पहले क्या ऐसा कोई संदर्भ मिलता है कि किसी ने बलात्कार जैसा कुकृत्य - जघन्य अपराध किया हो और उसे राजाज्ञा द्वारा त्वरित मृत्यु-दंड न दिया गया हो ?

क्षत्रपति शिवाजी ने भी विदेशी आक्रमणकरियों के विरुद्ध कई युद्ध लड़े और उन्हें परास्त कर अपने देश की भूमि का पुनः अधिग्रहण किया - लेकिन उस कार्यवाही में पराजित विदेशी आक्रमणकरियों की स्त्रियों के साथ पूर्ण सज्जनता प्रदर्शित करते हुए सम्मानपूर्वक उन्हें सुरक्षित उनके खेमों में भिजवाने के उल्लेख मिलते हैं |

विदेशी आक्रमणकरियों के भारत पर अधिकार करने के पश्चात उन्होने अपनी सभ्यता (?) के अनुसार पराजित देश की स्त्रियों के साथ बलात्कार की परंपरा स्थापित की - अतः पराजित जाति आज तक बलात्कार भोगने के लिए विवश है |

स्त्री को प्रताड़ित या उस का बलात्कार करना तो तो दूर - अपमानित करना भी भारत की सभ्यता एवं संस्कृति में वर्जित है - त्वरित एवं कठोर दंडनीय - अक्षम्य अपराध है |

16 comments:

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

ab is desh me kanoon hai hee kahan ...har taraf bichhipttaa hee fail rahee hai ..atyant dukhad hai ..tarakkee ke naam pe shayad ab yahee ho raha hai ..

पूरण खण्डेलवाल said...

सटीक आलेख !!

Darshan jangra said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - सोमवार -02/09/2013 को
मैंने तो अपनी भाषा को प्यार किया है - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः11 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra




भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

संविधान में एक और संशोधन लाकर मैन्डेमस भी जोड़ना चाहिये जिससे कि कम से कम जनता अपने लिये हितकारी चीजों को जुड़वा सके. अच्छा आलेख.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

संविधान में एक और संशोधन लाकर मैन्डेमस भी जोड़ना चाहिये जिससे कि कम से कम जनता अपने लिये हितकारी चीजों को जुड़वा सके. अच्छा आलेख.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वे केवल स्‍वयं को सत्‍ता में बनाए रखने के कानून बना सकते हैं ...

Indrajeet said...

बकवास फूड सिक्योरिटि ?
भूमि अधिग्रहण बिल ?
टुंडा की सर्जरी
(एक आतंकी को हाई मेडिकल सर्विस)
रुपये का गुपचुप अवमूल्यन ?
खूँखार बलात्कारी को मामूली दण्ड?
भटकल नामक आतंकी ?
मंदिरों का सोना गिरवी करने का प्लान?
रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल के
दामों में खून चूसक बढ़त?

लोकतंत्र के तथाकथित चौथे खंभे ने एक आशाराम को बली चढ़ाकर, उपरोक्त समस्त आवश्यक मुद्दो को अपने डिबेट और पैनल डिस्कशन से बड़े ही षड़यंत्र पूर्वक तरीके से निकाल बाहर किया ।

और देश की जनता ? वो तो बडे मजे से आशाराम का पुतला फूँकने में मस्त है।

वाह मेरे देश की जनता ?
इसीलिये तू गुलाम थी, गुलाम है और गुलाम रहेगी ।

"@[100002413575045:] सदैव राष्ट्रवादी"

Ramakant Singh said...

http://zaruratakaltara.blogspot.in/2013/09/blog-post.html

विनम्र आग्रह २ का अवलोकन की कृपा कर अपना अमूल्य विचार दें


आपका कथन सदैव तथ्यपरक और विचारोत्तेजक रहते हैं कोई तो है जो समाज के गतिविधि पर नज़र रखे हैं स्वागतेय

शकुन्‍तला शर्मा said...

ऐसे पापी को तो सरे आम फॉसी पर लटका देना चाहिये वैसे भी वह जून में अठारह बरस का हो चुका है ।

Unknown said...

एकदम सटीक , किसी को ये सब सोचने की फुर्सत नहीं.बलात्कारियों को सजा दिलाने से कोई वोट बैंक नहीं बढ़ने वाला . सूचना का अधिकार ,राजनीतिक पार्टियों का नहीं, सांसदों का वेतन, मंत्रालय से फायले गायब होने का जिम्मेदार मंत्रालय नहीं और प्रधान मंत्री उसके लिए कतई जिम्मेदार नहीं ,राजनीति के कर्णधार सारे मुद्ददे आसानी से आर पार कर लेते है . एक स्त्री की अस्मिता के प्रश्न पर सिर्फ माइक बाजी और कानून का हवाला .. बस यही है ..६६ वर्षों की उपलब्धि.. जागो जागने का समय है .

Guzarish said...

आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [02.09.2013]
चर्चामंच 1356 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया

कार्तिकेय राज said...

ऐसे कानून जुर्म को बढ़ावा दे रहे हैं, उसके मन मे फिर कोई गलत कार्य करने की इच्छा जागृत होगी क्योकि वो समझ चुका है हमारा कानून कितना महान है...........

ZEAL said...

लड़की का तो बलात्कार हो गया , मौत भी हो गयी, लेकिन नृशंस बलात्कारी और हत्यारा आराम से सभी सुविधाओं के साथ जीवित है और मुफ्त की सरकारी रोटी तोड़ रहा है ! न्याय नहीं मिला। परिवारजन बिलख रहे हैं। सरकार केवल वोटों के लिए संविधान में संशोधन करती है , इस सरकार हो हटाना अब एक अहम् ज़रुरत है देश की !

कालीपद "प्रसाद" said...

सरकार अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए कोई भी सुधर रातो रात कर सकती कोई देश हीत की बिल पर नहीं
latest post नसीहत

Kartikey Raj said...

कानून कहता है की 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे कोई भी गलती करे उसे सुधार गृह भेज दिया जाए तो वो अपनी गलतियों को सुधार कर एक अच्छा जीवन व्यतीत करेगा पर ये नही कहता की उसने जो गलती की है उसकी भरपाई कौन करेगा? इसी प्रकार अगर कोई 17 वर्षीय युवा किसी लड़की का बलात्कार करता है तो उसे सुधारगृह भेज दिया जाता है पर ये नहीं सोचा जाता की उसने जिसकी ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ किया है आखिर उसका क्या होगा? क्या इससे उसका कुंवारपन वापस आ सकता है? येँ बातें सबको पता चलने पर उससे कौन शादी करना चाहेगा? ............
और बहुत कुछ कहना है समय की कमी के कारण नहीं कह पा रहा हूँ।

MG_Dumasia said...

अगर दोषित नाबालिग है तो सुधारगृह में जरूर भेजना चाहिए,
लेकिन उसके पालने वालो को सजा देनी चाहिए
क्योकि वो अपना सामाजिक दाईत्व निबाहने में निष्फल हुए
और भुगतना किसी निर्दोष को पडता है.