Monday, August 23, 2010

भारत से वापसी---मैं जीवित हूँ ! ---दिव्या

२१ अगस्त , लखनऊ से दिल्ली की flight [IC-412] में हुए हादसे से सकुशल बच गयी , शायद मेरे शुभचिंतक ज्यादा हैं ! कल दिल्ली से Bangkok की flight में मृत्यु निश्चित दिख रही थी ! लेकिन फिर इश्वर की कृपा और शुभचिंतकों की दुआओं ने बचा लिया !

सभी की मेल्स का जवाब लिख पाना संभव नहीं हो पा रहा , इसलिए common लिख रही हूँ ! सभी मित्रों का हार्दिक धन्वाद , पत्र लिखने के लिए और मुझे याद करने के लिए !

एक महीने तक इन्टरनेट का उपयोग नहीं हो सका और मैंने आप सभी को बहुत मिस किया !

62 comments:

anoop joshi said...

jako rakhe saiyian mar sake na koy,,,,,,,,,

शिवम् मिश्रा said...

बस आप एकदम ठीक ठाक है यही हम सब के लिए सब से बड़ी बात है !
अपना ख्याल रखें और जो हुआ उसे दिमाग से बिलकुल निकाल दें !
जल्द आपकी नयी पोस्ट पढने को मिलेगी यही आशा है !
शुभकामनायो सहित !

सदा said...

आपके लिये ढेरों शुभकामनायें ।

ashish said...

सर्व शक्तिमान ने आपकी रक्षा की , अच्छे कर्मो का फल मिला. आपका स्वागत है , लम्बे ब्रेक के बाद.

सम्वेदना के स्वर said...

ईश्वर का धन्यवाद! आपके इंतज़ार में था यह आभासी जगत.
अपना देश राम भरोसे चल रहा है यह तो अब सिद्द हुआ जाता है!ईश्वर में आस्था ही आखिरी सहारा है हम भारतीयों का.

Himanshu Pandey said...

शुभकामनाएं !

सुज्ञ said...

आपके शुभ कर्मों ने आपका साथ दिया।
आपका आयुष्य लम्बा हो यही प्रार्थना !!

Sarika Saxena said...

Best Wishes

प्रवीण पाण्डेय said...

बधाई हो। नया जीवन मान और सक्रिय ब्लॉग जीवन बितायें।

Deepak Shukla said...

Hi...

Apna khayal rakhiyega....

Deepak...

arvind said...

ढेरों शुभकामनायें .sachmuch ek mahine hamane aapko bahut miss kiyaa.

राजेश उत्‍साही said...

आप तो जीवित ही रहें और आपके दुश्‍मन भी। मेरा मतलब है मैं कहना चाहता था मरें आपके दुश्‍मन । पर अब यह मुहावरा पुराना हो गया है। और अगर दुश्‍मन न हों तो जीने का मजा नहीं आता।
बहरहाल आप इस आभासी दुनिया में भी लौट आईं हैं तो अच्‍छा लगा। वरना कुछ लोगों ने मान ही नहीं लिया था बल्कि बाकायदा घोषणा कर दी थी कि दिव्‍या जी ने ब्‍लाग की दुनिया से पलायन कर दिया है।
फिर सलिल जी यानी बिहारी बाबू खबर लेकर आए कि आप किसी परीक्षा में व्‍यस्‍त हैं। उम्‍मीद है परीक्षा अच्‍छी रही होगी। शुभकामनाएं।

Mithilesh dubey said...

आपके लिये ढेरों शुभकामनायें ।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

अच्छे कार्यों के प्रति आपका उत्साह (ZEAL) इतनी जल्दी आपको खोने नहीं देगा.

Udan Tashtari said...

मंगलकामनाएँ...

पी.एस .भाकुनी said...

ईश्वर का धन्यवाद,ढेरों शुभकामनायें । ....

एक बेहद साधारण पाठक said...

@ शायद मेरे शुभचिंतक ज्यादा हैं

अब ई वाक्य में सायद लगाने की कौनो जरूरत नाही है
अब तो रक्षा बंधन का बधाई स्वीकारियेगा ना
अभी हम डेशबोर्ड्वा [ कार का नाही बिलाग का] चेक कर रहे थे तो ज्ञात हुआ की आप ६ घंटा पहले ही पोस्ट डाल दिए हैं

का ई घटना का ही बात हो रहा है ??


Passengers survive scare as AI plane suffers tyre burst

Coral said...

भगवान का लाख शुक्र है .... मेरी और इन्द्रनील (जो की नेट जगत से गायब है और कुछ दिन और रहेंगे ) की तरफ से आपको ढेरो शुभकामनाये !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

शुभकामनायें ...

Mahak said...

कवच बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे
अरे!!वो शमां क्या बुझेगी जिसे खुद रोशन खुदा करे


ईश्वर का लाख-२ शुक्र है की आप सुरक्षित हैं ,भगवान आपको लंबी आयु प्रदान करे ,मैं तो खुद सोच रहा था की दिव्या जी आखिर कहाँ है , चलिए अब आप वापस आ गयीं हैं तो बेहद खुशी हो रही है , रक्षाबंधन की बधाई स्वीकार करें

महक

Arvind Mishra said...

शुभागमन! -बिन बताएं भारत आयीं और चली भी गयीं -दिस इज नाट फेयर ..अब्सोल्युटली नाट ...लखनऊ में सब कुशल मंगल होगा ...जिस फ्लाईट में आप हो तो वह स्मूथ कैसे उड़ सकती है :) थैंक गाड प्लेन ही डैमेज हुआ आपका बाल बांका तक नहीं ..
दो चार दिन और आपका इंतज़ार कर एक पोस्ट बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका स्वरुप डालने ही वाला था -खुशी हुयी (सच्ची ) आप सकुशल आ गयीं ....
चलिए ब्लॉग पर जमिये ....यात्रा संस्मरण से ही ...

एक बेहद साधारण पाठक said...

@जिस फ्लाईट में आप हो तो वह स्मूथ कैसे उड़ सकती है :))
@यात्रा संस्मरण से ही, ya right, ur blog family is waiting for a fresh post

and yes for ur valuable views on post too

************************************************
रक्षा बंधन [ कथाएं, चर्चाएँ, एक कविता भी ] समय निकालो पढ़ डालो

अजय कुमार said...

ईश्वर का शुक्रिया ।

Aruna Kapoor said...

ईश्वर से प्रार्थना है कि आप हंमेशा स्वस्थ और सकुशल रहे!.... ईश्वर ही सब से बडा है...वही हमारी रक्षा करता है!

Anonymous said...

इस 'शायद' ने बहुत गड़बड़ कर दी :-)

खैर, आप परमात्मा की कृपा से परिवार सहित सकुशल बच गईं।
आप सभी को शुभकामनाएँ

लेकिन अरविन्द जी से सहमत कि -बिन बताएं भारत आयीं और चली भी गयीं -दिस इज नाट फेयर

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

@राजेश उत्साहीः
बड़े भाई... हमरा सूचना गलत था कि दिव्या जी कोई परीक्षा में ब्यस्त थीं... बास्तव में जब इनके अचानक बिना इत्तला के गायब होने के बाद हम इनको खोजना सुरू किए तो जो पुराना आदमी मिल जाता था उसी से पूछ लेते थे.. काहे कि हमको बस एही चिंता था कि ठीक ठाक हों दिव्या जी! इसी दौरान स्वप्निल कुमार आतिश ने बताया कि दिव्या इम्तहान में ब्यस्त हैं और हम आप्को खबर किए.
बाद में पता चला कि स्वप्निल जो दिव्या के बारे में बताए थे वो भी डॉक्टर थीं, दिव्या थीं अऊर श्रीवास्तव थीं..एतना संजोग त सिनेमा में होता है. तभी बाद में पता चला कि ऊ जो डॉ. दिव्या श्रीवास्तव के बारे में बताए थे ऊ कलकत्ता में रह्ती हैं, बैंकाक में नहीं.
ई खबर आपको देने में चूक हो गया, छमा चाहते हैं!

36solutions said...

शुभकामनांए.

संगीता पुरी said...

हमारी शुभकामनाएं आपके साथ है .. और रहेगी !!

honesty project democracy said...

अच्छे लोगों की रक्षा हमेशा भगवान जरूर करते हैं ..आपको हमारी हार्दिक शुभकामनायें ...

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बताइए......... आप लखनऊ में थीं..... और हमें पता ही नहीं चला..... शायद टेलीपैथिक सिग्नल्स वीक हो गए होंगे.... हमें आपने ज़र्रा नवाज़ी का मौका भी नहीं दिया..... अच्छे लोगों की रक्षा ख़ुदा भी करता है.... माय ऑल बेस्ट विशेस आर विद यू...


रिगार्ड्स.........

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

दिव्या जी

भगवान का लाख लाख शुक्र है !

आपके लिए सच्चे हृदय से प्रार्थना है ईश्वर से !

सहस्रों शुभकमनाएं !

- राजेन्द्र स्वर्णकार

दीपक 'मशाल' said...

ईश्वर आपको सदा सलामत रखें.... जानके अच्छा लगा कि दो बड़ी बलाएँ टलीं....

संजय @ मो सम कौन... said...

डबल एस्केप पर डबल बधाई।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

जाको राखे सांईंया मार सके ना कोय
श्रावणी पर्व की शुभकामनाएं


लांस नायक वेदराम!---(कहानी)

अनूप शुक्ल said...

शुभकामनायें हैं।

राम त्यागी said...

शुभकामनायें .. चलो आप सकुशल है - अच्छा लगा सुनकर !!

प्रवीण said...

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वैलकम बैक,दिव्या जी,

मैंने भी आपको मिस किया... आगे काफी बहसें जो करनी हैं... :)

"कल दिल्ली से Bangkok की flight में मृत्यु निश्चित दिख रही थी ! लेकिन फिर इश्वर की कृपा और शुभचिंतकों की दुआओं ने बचा लिया !"

यहाँ पर यदि आप 'प्लेन के पाइलट व को-पाइलट की तत्परता, विशेषज्ञता व निपुणता ' तथा 'हर हाल में सुरक्षित यात्रा करवा पाने की प्लेन की तकनीकी क्षमता' भी जोड़ देती... तो मुझे बहुत अच्छा लगता... :)


आभार!


...

एक बेहद साधारण पाठक said...

काहे थोडा इन्तजार नाही कर लेते गुरु जी
आप तो न्यूज लिंक ढूंढ लेने में वैसे ही माहिर हैं :))
वहां तो जैसा हुआ होगा उससे भी बेहतर वर्णन मिर्च मसाले के साथ मिल जायेगा :)
[जैसे की विमान सच में विदेशियों के दिमाग की उपज रहे हों और उनसे आठ साल पहले भारत में न बने हों [1895 में श्री शिवकर बापू तलपदे जी द्वारा]]

मेरा गप्प बाज भारत महान ???
जानता हूँ टिप्पणी थोडा आउट ऑफ़ फोकस है :))

एक बेहद साधारण पाठक said...

बड़े बड़े वैज्ञानिक इश्वर को मानते हैं , वो अगर देखें तो आश्चर्यचकित हो जायेंगे की उनके फोलोवर्स तो सिर्फ तकनीक को ही भगवान् के समकक्ष समझ बैठे हैं

अल्बर्ट आइन्स्टाइन-
जब मैंने गीता पढ़ी और विचार किया कि कैसे इश्वर ने इस ब्रह्माण्ड कि रचना की है, तो मुझे बाकी सब कुछ व्यर्थ प्रतीत हुआ।

सञ्जय झा said...

this information gave me a passion

hamare liye ye breking news hai.

ishwar aapko hamesha salamat rakhen.

pranam

मुकेश कुमार सिन्हा said...

RAKHI ki bahut bahut subhkamnayen........:)

abhi aapko lakho varsho tak jeena hai......:D

देवेन्द्र पाण्डेय said...

Ishvar aapko lambii umra de...

HBMedia said...

achhe logo ke liye salamati ki duya har koi karta hai...aap bhi unme se ek hai!

aapko rakshabandhan par dher saari shubhkamnaye!

दिगम्बर नासवा said...

ईश्वर का धन्यवाद .... स्वागत है आपका पुनः ब्लॉग जगात पर ....

Darshan Lal Baweja said...

जान बचने पर बधाई ..

डॉ टी एस दराल said...

आप सकुशल हैं , इश्वर का धन्यवाद है ।
शुभकामनायें ।

डा० अमर कुमार said...
This comment has been removed by the author.
एक बेहद साधारण पाठक said...

अमर कुमार जी प्रणाम स्वीकार करें
बहुत दिनों बाद आपकी टिपण्णी देख कर अच्छा लगा :)

एक बेहद साधारण पाठक said...

बुद्धिमानों के लिए उनके प्रशंसक कहते है "लाख लाख" शुक्र है
इस हिसाब से [कम से कम]
नंबर ऑफ़ प्रशंसक x लाख = ???

ZEAL said...

@--यहाँ पर यदि आप 'प्लेन के पाइलट व को-पाइलट की तत्परता, विशेषज्ञता व निपुणता ' तथा 'हर हाल में सुरक्षित यात्रा करवा पाने की प्लेन की तकनीकी क्षमता' भी जोड़ देती... तो मुझे बहुत अच्छा लगता... :)

Praveen ji...The answer is in next post .

ZEAL said...

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@- फिर भी मुझे कोई शिकायत नहीं !

Dr Amar---

kaash aapko shikayat hoti..

@-जानबचा कर घर को लौटे बुद्धुओं को लाखों मिला करता है, पर बुद्धिमानों को ? फिर तो घाटे में रहीं !

Answer-- jaan bach gayee , jo sab kuchh hai....iska mol lakhon aur karoron mein nahi.

ZEAL said...

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@ Gaurav -

Good calculation !

Very innovative !
.

ZEAL said...

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आप सभी की शुभकामनाओं के लिए ह्रदय से आभार। जीवन में इसकी आवश्यकता सबसे ज्यादा है ।
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प्रवीण said...

.
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@ दिव्या जी,

धन्यवाद !


@ Gourav Agrawal,

मेरा कमेंट जिसके लिये लिखा गया था उसने समझ लिया और अपनी नई पोस्ट उस विषय पर लिख भी दी... अब आप मनके पिरोते रहो...

आउट आफ फोकस तू कौन... मैं ख्वामखाह...:))
मेरा भारत महान !



...

एक बेहद साधारण पाठक said...

प्रवीण शाह ji,

मैं आपकी पोस्ट पढ़ कर खोया हुआ था
वहां मेरे कमेन्ट करते ही आपका कमेन्ट यहाँ चमका
वहां पढ़िएगा , अभी दिमाग इतना तो फोकस में ही है
की सही को सही और जयादा सही को जयादा सही जज कर सकूं :))

अक्सर आम आदमी संकट से बाहर आकर
कहता है फू ....ह (राहत की सांस ) थेंक गोड और छोटी सी पोस्ट उसपर भी कोई आकर विशेषज्ञों की तरह विज्ञान , तकनीक जैसे सवाल खड़े कर दे ,[ इश्टाइल में ]
तो वो भी कुछ ज्यादा ही आउट ऑफ़ फोकस नजर आता है
या शायद ये सिर्फ हर समय खुद को वैज्ञानिक दिखाने की कोशिश भर हो
[ ध्यान दें ऊपर देखें अरविन्द जी की बात पर मैंने सहमती जताई है ]

एक बेहद साधारण पाठक said...

@मेरा भारत महान !

उम्मीद है आप दिल से कह रहे हैं , [ शायद नहीं, शायद हा, पता नहीं ]

मैंने हमेशा कहा है जरूरी नहीं मेरी बात से दिव्या जी सहमत हों ,
अगर वो अभी सहमत ना भी हों तो भी मुझे फर्क नहीं पड़ता

चाहें तो इसी ब्लॉग की पिछली पोस्टस निकल कर पढ़ लीजियेगा
मैं तो हमेशा इसी उम्मीद में बोलता हूँ की सामने वाले लोग ख्वामखाह के लेवल पर ही लें [मान तो अच्छी बात है]

मैं ऐसी कोई बात बोलता ही नहीं जिसका स्पष्टीकरण न दे सकूं :))

प्रवीण said...

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@ Gourav Agrawal,

'शायद' भी एक दोधार वाला शब्द है...
चलो मित्र, जो हुआ सो हुआ, इसे यहीं पर छोड़ते हैं...
अभी आपकी नयी पोस्ट पढ़ रहा हूँ...
वहीं मिलते हैं।


...

एक बेहद साधारण पाठक said...

@जो हुआ सो हुआ, इसे यहीं पर छोड़ते हैं...
जैसा आप कहें प्रवीण जी

@अभी आपकी नयी पोस्ट पढ़ रहा हूँ..
आप मेरी पोस्ट पढ़े, ये मेरे लिए ख़ुशी की बात है

Sadhana Vaid said...

सुरक्षित और सकुशल घर लौटने के लिये हार्दिक शुभकामनाएं और अभिनन्दन ! आप सदैव खुश रहें यही दुआ है ! यात्रा संस्मरण की लिंक अवश्य भेजियेगा !

वाणी गीत said...

ईश्वर हर नेकदिल को सलामत रखे ...!

बसंती said...

शायद शुभचिंतक ज्यादा हैं

ethereal_infinia said...

Dearest ZEAL:

Welcome back.


Arth kaa
Natmastak charansparsh