फोन पर रवीन्द्र जी का निमंत्रण मिला - " दिव्या जी , आपको सर्वश्रेष हिंदी ब्लॉगर के लिए चयनित किया गया है , ३० अप्रैल को सम्मलेन में आपकी उपस्थिति अपेक्षित है "
हे भगवान् , इतना बड़ा सम्मान , मुझ जैसे अदना ब्लॉगर को ? मेरे तो पाँव ही नहीं पड़ रहे थे ज़मी पर। खैर सज धज कर मैं सम्मलेन में पहुंची , एक से एक विद्वान् और वरिष्ठ ब्लॉगर्स के दैदीप्यमान चेहरों को देखने का अभूतपूर्व सुख मिला । कुछ भी तो आभासी नहीं था। सभी तो मेरी तरह bilaterally symmetrical और emotional थे वहां पर। एक दुसरे से मिलने का सुखद सिलसिला जारी था । लोगों से मिलकर कभी अधर मुस्कुराते थे तो कभी नेत्र अश्रुपूरित हो छलछला उठते थे । भावुक दिव्या भावनाओं में बही जा रही थी ....
स्टेज पर सम्मान ग्रहण करने के लिए मेरा नाम पुकारा गया। सकुचाती हुयी कांपते हाथों से इतना बड़ा सम्मान ग्रहण किया । ह्रदय मानो कृतज्ञता के बोझ तले दबा जा रहा था। अनेक तेस्वीरें खिंच गयीं। कुछ मुस्कुराते हुए , कुछ लजाते हुए , कुछ तस्वीरों में तो गालों पर छलकी लाली भी बखूबी कैद हो गयी ।
अजय कुमार झा जी ने बेहतरीन तसवीरें लीं हमारी और वादा भी किया की शीघ्र ही कूरियर से भेजेंगे मुझे ताकि मैं उन तस्वीरों को अपने इस लेख पर लगा सकूँ।
अब बधाई देने वालों का तातां लग गया ...
मेरी निगाहें किसी को तलाश रहीं थीं , तभी राधिका आ टपकी , बोली - " दिव्या अब ज्यादा खुश होना बंद करो , चलो जल्दी चलो " मैंने कहा रुको , थोड़ी देर बाद चलेंगे , मुझे यहाँ अच्छा लग रहा है ।
लेकिन राधिका नहीं मानी , मुझे जोर-जोर से खींचने लगी । गुस्से में बोली- " तुम्हें खयाली पुलाव बनाने की आदत सी पड़ गयी है "
हडबडाहट में मेरी आँख खुल गयी , देखा पतिदेव मुझे हिला-हिला कर जगा रहे थे , बोले "जल्दी उठो देर हो रही है , बच्चों के लिए टिफिन तैयार कर दो , वैन आने वाली है "
मैंने कहा - " प्रियतम , आपसे मेरा थोडा भी सुख नहीं देखा जाता न , इतना मीठा स्वप्न देख रही थी ...."
वे बोले - " इसमें नया क्या है , तुम तो रोज ही सपना देखती हो की ओबामा ने तुम्हें भोज पर आमंत्रित किया है । अब बस भी करो मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देखना। इस तरह के सपने देखने से कोई लाभ होने वाला नहीं है।"
क्या करती । धीमी आवाज़ में बोली - " स्वामी , यह एक सकारात्मक स्वप्न था , इसे कहते हैं 'Stress management' "
आभार।
हे भगवान् , इतना बड़ा सम्मान , मुझ जैसे अदना ब्लॉगर को ? मेरे तो पाँव ही नहीं पड़ रहे थे ज़मी पर। खैर सज धज कर मैं सम्मलेन में पहुंची , एक से एक विद्वान् और वरिष्ठ ब्लॉगर्स के दैदीप्यमान चेहरों को देखने का अभूतपूर्व सुख मिला । कुछ भी तो आभासी नहीं था। सभी तो मेरी तरह bilaterally symmetrical और emotional थे वहां पर। एक दुसरे से मिलने का सुखद सिलसिला जारी था । लोगों से मिलकर कभी अधर मुस्कुराते थे तो कभी नेत्र अश्रुपूरित हो छलछला उठते थे । भावुक दिव्या भावनाओं में बही जा रही थी ....
स्टेज पर सम्मान ग्रहण करने के लिए मेरा नाम पुकारा गया। सकुचाती हुयी कांपते हाथों से इतना बड़ा सम्मान ग्रहण किया । ह्रदय मानो कृतज्ञता के बोझ तले दबा जा रहा था। अनेक तेस्वीरें खिंच गयीं। कुछ मुस्कुराते हुए , कुछ लजाते हुए , कुछ तस्वीरों में तो गालों पर छलकी लाली भी बखूबी कैद हो गयी ।
अजय कुमार झा जी ने बेहतरीन तसवीरें लीं हमारी और वादा भी किया की शीघ्र ही कूरियर से भेजेंगे मुझे ताकि मैं उन तस्वीरों को अपने इस लेख पर लगा सकूँ।
अब बधाई देने वालों का तातां लग गया ...
- समीर लाल जी आये , बोले --" दिव्या बधाई हो , तुम ही असली हक़दार हो इस पुरस्कार की "
- निर्मला कपिला जी बोलीं - " दिव्या मुझे गर्व हैं तुम पर , शुभकामनाएं "
- डॉ अरुणा कपूर जी ने ह्रदय से लगा लिया , उनके नेत्रों में प्रेम के अश्रु थे ।
- रश्मि प्रभा जी ने मधुर शब्दों में बधाई दी ।
- अजित गुप्ता जी आयीं - गर्मजोशी से मेरी पीठ ठोकी , " ये हुयी न कोई बात दिव्या -बधाई"
- शोभना चौरे जी ने अश्रुपूरित नयनों से अंक में भर लिया - "बहुत खुश हूँ दिव्या , गर्व है तुम पर"
- वाणी जी आयीं , बोलीं -" आनंद आ गया-बधाई "
- सदा जी चहकती हुयी आयीं - "दोस्त हो तो दिव्या जैसी , सखियों का नाम रौशन कर दिया"
- अनूप शुक्ल जी आये , मुस्कुराकर बोले - " बहुत खूब " --मुझे लगा कमेन्ट कट-पेस्ट हो गया है।
- LA से जगन जी आये , मुस्कुराए और बोले - " You genuinely deserve this award "
- रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी आशीर्वाद स्वरुप सर पर हाथ फेरा और बहुत आशीष दिया ।
- आशीष जी आये , बोले - " मैं कहता था न , तुम ही इस सम्मान की असली हक़दार हो "
- प्रतुल जी बोले - "बहिन , मुझे गर्व है तुम पर "
- अचानक मेरी निगाह कोने में खड़े एक छोटे से समूह पड़ी , उस समूह में खड़े विद्वान् ब्लॉगर्स को देखकर सहम गयी , उनकी निगाहें मानों कह रही थीं -" इस मूर्ख को किसने चयनित किया है " --
- मुझे सहमा हुआ देखकर सुज्ञ जी आ गए , बोले - " डरना मना है , जो डर गया वो मर गया "
- तभी सतीश सक्सेना जी नज़र आये , मुस्कुराए और बोले - "आशीर्वाद एवं शुभकामनायें डॉ दिव्या "
- फिर डॉ रूपेश और संजय कटानवणे साथ साथ नज़र आये , इससे पहले की डॉ रुपेश कुछ कह पाते , संजय जी बोलेआपने अभी तक मेरे प्रश्न का जवाब नहीं दिया , फिर आपको ये सम्मान आखिर दिया किसने ।
- "भूषण जी दूर बैठे मुस्कुरा रहे थे ।
- अचानक ब्लॉगर-डाक्टरों का दल निकट आया , डॉ अमर बोले -" अरे सारे ढंग-तरीके के बिलागर मर गए थे क्या जो दिव्या को पुरस्कार थमा दिया ?" ...फिर मुस्कुराए और बधाई दी ।
- aarkay जी हर्षातिरेक से भावुक थे अपनी दिव्या के लिए ।
मेरी निगाहें किसी को तलाश रहीं थीं , तभी राधिका आ टपकी , बोली - " दिव्या अब ज्यादा खुश होना बंद करो , चलो जल्दी चलो " मैंने कहा रुको , थोड़ी देर बाद चलेंगे , मुझे यहाँ अच्छा लग रहा है ।
लेकिन राधिका नहीं मानी , मुझे जोर-जोर से खींचने लगी । गुस्से में बोली- " तुम्हें खयाली पुलाव बनाने की आदत सी पड़ गयी है "
हडबडाहट में मेरी आँख खुल गयी , देखा पतिदेव मुझे हिला-हिला कर जगा रहे थे , बोले "जल्दी उठो देर हो रही है , बच्चों के लिए टिफिन तैयार कर दो , वैन आने वाली है "
मैंने कहा - " प्रियतम , आपसे मेरा थोडा भी सुख नहीं देखा जाता न , इतना मीठा स्वप्न देख रही थी ...."
वे बोले - " इसमें नया क्या है , तुम तो रोज ही सपना देखती हो की ओबामा ने तुम्हें भोज पर आमंत्रित किया है । अब बस भी करो मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देखना। इस तरह के सपने देखने से कोई लाभ होने वाला नहीं है।"
क्या करती । धीमी आवाज़ में बोली - " स्वामी , यह एक सकारात्मक स्वप्न था , इसे कहते हैं 'Stress management' "
आभार।
97 comments:
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कृपया बधाई देना मत भूलियेगा ।
[Divya reporting from Bangkok]
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सुंदर स्वप्न...वैसे आप सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग लेखिका हैं ही ...
‘अब बधाई देने वालों का तातां लग गया ...’
’
हमारी भी बधाई स्वीकार कीजिए... नींद में ही सही :)
DIVYA MAM ME CHAUNGA KI APKA KHWAB PURA HO. SUBHKAMNAYE APKE SATH HAIN.. . . . . . . . . . JAI HIND JAI BHARAT
मेरा सपना आपने हाईजैक कैसे कर लिया!
बधाई हो ! इसे भी सपना मत समझिएग!
आज देखा सपना ही कल का सच बनता है खुदा उन आंखों को सलामत रखे और उनके नूर से दुनिया रौशन होती रहे दिव्या जी । वादा रहा कि सपनों को सच बनते हुए मैं जरूर कैद करूंगा अपने कैमरे में ...आप श्रेष्ठ हैं ..और सर्वस्व संपूर्ण भी ...बहुत बहुत शुभकामनाएं । लिखती रहिए
30 april ke sammelan ka sapana aapne 2 may ke subah me dekha :D
कुछ लोगों के कद सम्मानों से भी ऊंचे होते हैं.
सचिन भारत रतन ही है,और आप सर्व श्रेष्ठ ब्लॉगर.
Badhai. Party due ho gayee ! (par sapne me mat de dijiyega!)
Are bhai. Bloggers list me mera naam to tha hi nahi ! Ab itna bura to nahi likhte....!
divya, badhai ho, vilamb se sahi, hardik badhai....
dher saari badhaai
badhaai sang mithaai !
शैतान और प्यारी दिव्या का प्यारा सा सपना प्यारा सा लगा ...मेरी ओर से भी बधाई ..और ढेरों आशीर्वाद ......एक -दो ट्रक कम पड़ें तो बताना और भेज दूंगा ...ब्राह्मणों के पास यही तो है जो इफ़रात है. और हाँ ! इतना भी जानता हूँ कि तुम यह सपना देखना डिजर्व करती हो.....एक बार तो मैं चौंक ही गया ...तुम्हें तो अगस्त में आना था न ! मैं प्रतीक्षा कर रहा हूँ ....
दिव्या रानी ! बहुत पहले एक कहानी पढी थी ...आज तुम्हारे सपने से याद आ गयी ....बता नहीं सकूंगा ...बस मेरी आँखें नम हैं ....एक बार और तुम्हें मेरा आशीर्वाद.
Divyaji badhai ho, You deserve it! Waise you missed one thing, I was there to congratulate you, you didn't write! :).
By the way, the women who fires machine gun by her words is now firing, sweet candy on us! :)
दिव्या जी आपने सपने में अनुपस्थित लोगों को भी उपस्थित कर दिया. आपने उन सभी की बधाई ले ली जो ग़ैर-हाज़िर थे. इस प्रकार आपने ज़्यादा वोट बटोर लिये.
बधाई हो.
Mai to apne aap ko kosne lagee,ki,mujhe aap sammelan me dikhee kyon nahee? Bahut man tha aur hai aapse milne kaa! Apnee bewaqoofee pe pachhata rahee thee,ki aapne sapnewalee baat bata dee! Khair! Ye puraskaar aap pake rahengee! Apart from the Best,the most enthusiastic blogger!
बधाई स्वीकार करें, सुबह का स्वप्न है इसलिए सच ही है।
दिव्या जी आप जैसे ब्लागर किसी सम्मान की इच्छा रखती हो न न ....अब यह बताइए आपने सपना कैसे देखा ?
BADHAYI HO ...........
यह बढ़िया रहा ......
मगर दिव्या ...यह पुरस्कार तो मुझे मिला था .... :-))
सुंदर स्वप्न...वैसे आप सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग लेखिका हैं ही ...
सपने में जब आपको डरने से मना कर रहा था, यकिन मानो तब स्टेज से मुझे पुकारा गया था,सम्मान के लिये। पर मेरा ध्यान आप पर था और अपना सम्मान चुक गया। :)
खैर आपको ढेर सारी बधाई!!
हमारा मूल्यांकन, हमा्रे अन्तरमन से अधिक कौन करेगा?
कहते हैं कि एक-दो दोस्तों ने कह दिया था कि पुरस्कार ज़रूर लेना।
आप अपने क़लम की हत्या किस कुसूर के बदले कर रहे हैं ?
:))
.
मुझे स्वयँ ही लग रहा है कि मैं इस आलेख को नींद में पढ़ रहा हूँ,
क्योंकि मैं अपना लिखा एक खोया हुआ ड्राफ़्ट खोजते हुये थक कर सो गया था !
जब अपने को गुट विशेष ( डॉक्टरों के दल ) में शामिल पाया.. तो तय हुआ कि यह मेरा लिखा नहीं है ।
आज अलबत्ता मुस्कुरा रहा हूँ कि दिव्या ( डॉ. दिव्या ) ने लँतरानी अच्छी छोड़ी है ! मेरी ओर से भेली-गुड़ !
ईश्वर आपके स्वप्न को साकार करे, शुभकामना सहित।
बड़े लोगों के बड़े सपने...मै वहां नहीं था...इसलिए यहाँ मेरी ओर से भी बधाइयाँ दर्ज कीजिये...सपने देखते रहिये...सपने ही साकार होते हैं...
:)
बधाईयां जी।
यह स्वप्न सच होगा।
सपना और हकीकत दोनों में फर्क क्या है? हकीकत भी तो बीत कर सपना बन जाती है.३० अप्रैल को बहुत से लोगो से मिलना नहीं हो पाया.कमाल है आप भी आईं थीं ? अब कुछ फोटो जारी करें तो पता चले कि सपने की आपवाली फाइल में क्या मै भी था.या मैंने कोई और
सपना देखा.
ekdam sahi leval hai'nirmal haasy'.
आपकी लेखनी किसी भी पुरस्कार की मुहताज नहीं है आज कल पुरस्कार सिर्फ चाटुकारिता वादी लोगों को ही मिलता है मेरे ब्लॉग पर आके मेरा उत्साह बढाने के लिए आपका आभार कृपया ऐसा ही प्रेम बनाये रखिये ये भी मेरे लिए पुरस्कार ही है कृपया बहुत देर से आपके पास आने के लिए माफ़ कीजिये
हमारी तरफ़ से डबल बधाई,अब सर्दियो मे भारत के लिये टिकट बुक कर लो परिवार समेट, अह अभी से आमंत्रित करते हे , एक छोटे ओर सादे ब्लाग मिलन के लिये
बधाई के साथ शुभकामनाएँ भी टांक देते हैं... :)
आनंदम !
badhai divya ji,
achhi post dali hai maja aa gaya ....
Dr. Divya, Congrats! Main tou khushi se phooley nahin samaa paaraha!
Issmein sabse pyaari baat hai --
@ -LA से जगन जी आये , मुस्कुराए और बोले - " You genuinely deserve this award "
Ghazab hougaya ji. Main tou aapko yahaan Hollywood ki sayr karwaane ka khwaabh dekh rahaa thaa, aur aapne dekha hi nahin, mehsoos bhi kar liya aur khoobh pakwaan bhi.
Dreams are memories to a few. Visitations of other realms by us, for some. For me dreams are my pals. They are my friends. They tell me everything that I am supposed to be doing. Hence, I dream. I dream very big and unimaginable things happen to me. One can easily tap into not just one's own but into others’ too. Dreams are my world, as this entire world seems like a dream, that we live in and the dreamer dreams of "us being alive". When the dreamer wakes up, everybody else in the dream goes off to sleep... Now I await in my dream for the Fedex guy, see if he brings in my "Paydaas" from Bangkok? much gratitude for this lovely post.
परमानंदम्....परमानंदम्..... बधाई और शुभकामनाएँ.
सही है जी , मुबारक हो . सपने सच ही होंगे . अब पुरस्कार समारोह वाली तस्वीर भी देख लेते है .
रेवड़ियों की तरह बंटने वाले सम्मान के सपने मत देखो। तुम्हें इतने लोग पढ़ते हैं और खुला वाद-विवाद करते हैं, यह ही सबसे बड़ा सम्मान है। बस समाज हमें स्नेह की नजर से देखे, इसी सम्मान की आकांक्षा रखनी चाहिए।
.
दुबारा पढ़ा, लेकिन इस बार जगा हुआ हूँ !
ये लै इक और भेली-गुड़ !
दिव्या जी, इस पुरस्कार के लिए आपको ढेरों बधाइयां। रविन्द्र प्रभात जी का निमन्त्रण मुझे ईमेल के जरिये मिला था किन्तु कुछ अपरिहार्य कारणवश मैं इस शानदार कार्यक्रम में नहीं पहुँच सका, इसका मुझे बहुत अफसोस रहेगा। हिन्दी ब्लागरों के बढ़ते कद को रेखांकित करता है यह समारोह।
कल आपके सपने में मैं भी बधाई देने आ जाऊंगा ... वैसे मुझ जैसे छोटा मोटा ब्लॉगर को शायद आप पहचान नहीं पायेगी ... खैर कोई बात नहीं ... आप लिखती भी बहुत अच्छी है ... आपका यह सपना शायद पूरा हो जायेगा ...
zeal ji main jab padh raha tha ye aalekh tab mujhe sarvatha satya laga ...
aapne is swapn kah diya ..
par aap sarvshresh hindi bloggers me hi hain..
mujhe jo pasand aate hain ..wo hain aap(acche topics par likhna ),rashmi prabha ji(apne blog ke saath doosron ki rachnao ko bhi samman dena ) ..jyoti ji(simple but very good),om kashyap (navodit par acche), indraneel ji(real life aur gambhir zwalant muddon par likhte hain), ashutosh ji(gambhir vishay par lekhan ke saath acche kavitayen bhi likhte hain ).......aur main bhi (kal sapna dekha tha ki meri kavita ko charcha manch par laaya gaya hai) ...sangeeta swaroop ji(zyada nahi jaanta par margdarshan deti hain apnir achnao se aur comments se)....aur main to thak jaoonga ab..
हा हा हा ..........
हो सकता है जिसे आपने सपना समझा वही सच्चाई हो और यह पोस्ट और सपना खुलने की घटनायें आदि सपना।
हो सकता है अभी जो चल रहा है वही सपना हो, जब जागेंगे तभी तो जान पायेंगें। खैर…………
बधाई स्वीकार कीजिये
प्रणाम
सुंदर सपनी बीत गया, ... एक शे’र याद आ गया
“हमारे फन की बदौलत हमें तलाश करें,
मज़ा तो तब है कि शोहरत हमें तलाश करें।”
हकीकत मे तो नही मिल सके चलो सपने मे ही सही। अगली बारी आपकी है अग्रिम बधाई स्वीकार करें। हाँ तब हकीकत मे याद कर लेना आ जायेंगे मिलने। बधाइयाँ--- बधाइयाँ- बधाइयाँ- बधाइयाँ- बधाइयाँ-
वाह ! स्वप्न में भी कितनी सच्चाई : हमने तो आप को ब्लॉगजगत की बेताज मल्लिका माना ही हुआ है - और साथी ब्लॉगियों की संभावित या संभाव्य प्रतिक्रिया भी कितनी सही और सटीक ! अंग्रेजी में Zeal और हिंदी में अपनी छोटी सी ( उम्र में ) , प्यारी सी दिव्या जी से आज सिर्फ यही कहना चाहूँगा - तुस्सी ग्रेट हो !
दिव्या जी, बहुत-बहुत बधाई ... यह बधाई पुरूस्कार की वजह से नहीं है बल्कि आपके सर्वश्रेष्ठ लेखन की है ...सच आप बहुत ही अच्छा लिखती हैं ... और यहां मैं अजित गुप्ता जी की बात से सहमत हूं ... आप स्वयं ही एक मिसाल हैं ...तो एक बार फिर से बधाई आपको, आपके लेखन को ... आप यूं ही निरंतर आगे बढ़ती रहें, शुभकामनाओं के साथ वर्ष 2011 का सम्मान आपके नाम ... ।
पहली पंक्ति पढते ही समझ गए थे कि आप स्वप्न लोक में विचरण कर रही हैं ....लेकिन फिर भी एक शिकायत है ...हमारी बधाई बधाई नहीं या इतने भयंकर हैं कि सपने में ही देखना गवारा नहीं .. हा हा ...
बहुत बढ़िया पोस्ट ....हकीकत बनाने के लिए सपने देखना ज़रूरी है .... जल्दी ही यह सपना हकीकत बने ..शुभकामनाएँ
वाह दिव्या!..कितना सुंदर सपना!....खुशियां कही से भी मिले...बटोर लेनी चाहिए!...अगर स्वप्न में कुछ पलों के लिए भी मिलती है, तो भी उन्हे गले लगा लेना चाहिए!...बहुत प्रेरक आलेख!
चलिए जी हमारी भी बधाई स्वीकार करिए...जिन आंखो में सपने होते हैं सच भी होते है...
कहते हैं भोर का देखा सपना जरुर सच होता है...सुन्दर प्रस्तुति...बधाई.
ये तो सभी ब्लागर्स का स्वप्न है ....आज तो दिव्या आपको बधाई )
सपने देखे जाएँ तभी पूरे होते हैं .
बधाई और शुभकामनायें भी :)
Divya ji...hundreds of Comments at ur each and every Post are enough to prove that it was not merely a dream of yours....
Personally i feel that these comments are much more valuable than those tiny awards....
PS: i often dream of getting these many comments at my blog post, buttt i know its a dream...:))
चलिए जी हमारी भी बधाई स्वीकार करिए..
ham bhi confuse ho gaye...aapko dekha to nahi wahan pe..:)
anyway badhai!!
दिव्या जी ,
बिलकुल सही सपना देखा आपने ....
आप अपने तेवर की 'सर्वश्रेष्ठ ब्लागर ' हैं , वह भी निःसंदेह |
अरे दिव्या जी
अब हम भी सपने में ही पुरस्कृत करेंगे और टिप्पणी भी सपने में ही देंगे |
वैसे भी कितने ही नामी गिरामी लोग" पद्मश्री "जैसा सम्मान लौटा चुके है तो सम्मान का सपना क्या देखना?
आपके प्रेरक लेखो पर इतने पर विविध विचार व्यक्त कर इतने पाठक उसे सार्थक बनाते है ये सम्मानीय है |
बाकि
सपने सपने कब हुए अपने ,आँख खुली और टूट गये
ये थे अंधियारे के मोती, भोर भये नित टूट गये |
जागते रहो ....
आपका लेखन ही आपका पुरुष्कार है. बधाई!
ये भी खूब रहा.
दुनाली पर
लादेन की मौत और सियासत पर तीखा-तड़का
दिव्या जी , सपने में इतने लोगों से मिलना हो गया । बधाई ।
प्रत्यक्ष में शायद इतना समय ही नहीं मिलना था । :)
आदरणीय सुश्रीदिव्याजी,
सपना हो तो ऐसा,वर्ना ना हो..!!
॥ पुरूषाकारं अनुवर्तते दैवम ॥
अर्थात- प्रयत्न करनेवाले के साथ दैव(आशिष)रहता है।
मार्कण्ड दवे।
http://mktvfilms.blogspot.com
a men......अर्थात काश ! ऐसा ही हो..
आदरणीय बहन दिव्या जी...आपका यह स्वप्न अवश्य सच हो ऐसी कामना है...वैसे हमारे लिए तो आप सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर हैं...सपना ही सही पर जब कभी भी यह सच होगा आपका यह भाई भी आएगा आपको बधाई देने...
आपको बधाई और शुभकामनाएं. ..
दिव्या जी ....जब मै कभी - कभी आप के ब्लॉग को पढ़ता हूँ तो यही देखता हूँ की ....मेरे अधूरे वाक्य को आप एक गजब ढंग से पेश कर देती है ! जिसे मैंने अपने पोस्ट पर सच्चाई के सिवा कुछ नहीं दे सका ! अवार्ड के ऊपर किसी एक के हस्ताक्षर होते है , पर ब्लॉग तो बहुत कुछ दे देता है ! क्या स्वप्न भी सच्चे होते है ? पर ही आधारित पोस्ट एक सप्ताह बाद पोस्ट करूंगा ! जरुर पढियेगा ! आप के लेखनी का नमूना अभी तक तो मुझे नहीं मिला ! बधाई !
This is really a good news. You really deserve it. Congrats.
I also very much like Praveen Pandey's blog. http://praveenpandeypp.blogspot.com/
न दैन्यं न पलायनम्
आप सम्माननीय तो है ही दिव्या जी, आपकी प्रतिभा, आपकी रचनात्मकता, आपका लेखन बड़े से बड़े सम्मान से ऊपर है. ..........और देर-सबेर सम्मान देने वाले आपको सम्मान देकर खुद ही ज्यादा सम्मानित होंगे........ ! शुभकामनायें.
पुरस्कार कैसे मिलते हैं यह सब जानते हैं
सुंदर कल्पना।
बधाई हो !
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बधाई
Really you are above all awards,but you deserve for any award, your work, thoughts, sentiments ,relativity & action are appreciable .my best wishes to you.
हमारी तरफ़ से बधाई
सर्वश्रेष्ठ ब्लागर दिव्या जी
......बहुत-बहुत बहुत-बहुत बधाई .
चलिए किसी ने न सही स्वयं की अनुभूति ही सही। स्वप्न द्रष्टा, स्वप्न देखना जारी रखें। आपने अनेक ब्लॉगरों को पात्र रूप में सजीव चित्रण किया है। बधाई।
No doubt, you write impressively. Best wishes.
जी नींद में आपने बडे बडे लोगों की बधाई ली, अब मैं आपके लेखन के लिए वाकई देता हूं। लेकिन दिव्या दी मेरा नाम इतना बड़ा नहीं कि आपको खुशी हो।
dream, dream, dream, dreams transforms into thoughts, and thoughts result in action. i wish ur dream transform directly in action.aapka lekh bahut achcha laga.aapko haardik badhaai mujhe wish karne ke liye.god bless you.
नींद के स्वप्न तो क्षणिक होते है दिन में खुली आँखों से स्वप्न देखा करे वे साकार होते हैं
Swapn jaroor poore bhi to hote hain ... jaroor milega ...
Nice to know this :]
आदरणीय डॉ. दिव्या जी आपको बहुत - बहुत बधाई , आपका लेखन ही आपका वास्तविक पुरूष्कार है , सच में आप श्रेष्ठ , उपयोगी और सुन्दर लेखन करती हो । आप ऐसे ही उन्नति के पथ पर निरंतर आगे बढती रहे , शुभकामनाओं के साथ पुनः एक बार हार्दिक बधाई ।
आदरणीय डॉ. दिव्या जी आपको बहुत - बहुत बधाई , आपका लेखन ही आपका वास्तविक पुरूष्कार है , सच में आप श्रेष्ठ , उपयोगी और सुन्दर लेखन करती हो । आप ऐसे ही उन्नति के पथ पर निरंतर आगे बढती रहे , शुभकामनाओं के साथ पुनः एक बार हार्दिक बधाई ।
देर से ही सही .....बधाई स्वीकार करें. आशा है की आप अपने लेखन से हमें यूँ ही समृद्ध करते रहेंगे.
आभार.
अपने शब्दों में पिरोकर जो स्नेह आप भेजते हैं , वो बखूबी मुझ तक पहुँचता भी है। भावुक होकर आप सभी के स्नेह के लिए दिल से आभार।
दिव्या जी ,मेरा सम्मान तो आपके लिए सुरक्षित ही था --बस मै स्टेज पर लेकर आने ही वाली थी की आपके पतिदेव जी ने उठा दिया --आज तक वो पुरूस्कार मेरे हाथो में हे --ये पति लोग होते ही ऐसे है ,जरा भी सहन शील नही होते --
खेर ,ओबामा ने मुझे भी डिनर पर आमंत्रित किया है --जरा जल्दी कोई दिन डिसाईट करे --ताकि वो बेचारा हमारे इन्तजार से फ्री हो सके -- बधाईयाँ ..!
आपके सभी ब्लॉगों की रचना अति सुन्दर होती है ! सभी ब्लॉग ज्ञानवर्धक हैं ! सामाजिक समस्याओं और उनके समाधान से जुड़े हैं ! हमदोनो के आंकलन में आप के ब्लॉग हर तरह से हिन्दी भाषा के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग हैं ! रोचक शब्दावली , आकर्षक ले आउट और, overall presentation ! आज नहीं तो कल आपका स्वप्न सच होगा ही ! हमारी शुभ कामनाएं और आशीर्वाद - (डोक्टर) श्रीमती कृष्णा भोला / VNS भोला
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आदरणीय डॉ कृष्णा जी , भोला जी ,
इस स्नेह एवं आशीर्वाद के लिए अभिभूत हूँ । अभिवादन स्वीकार करें ।
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हमारा भाग्य ही खोटा है।
आपके सपने में हम कहीं नजर नहीं आए?
हम ब्लॉग्गर नहीं है, तो क्या हुआ?
क्या वफ़ादार पाठक और टिप्पणीकार के लिए उस सभा गृह के एक कोने में भी जगह नहीं?
क्या कुछ दिनों की अनुपस्थिति की सजा है यह?
कोई बात नहीं।
जब एक दिन, आपको सचमुच सर्वश्रेष्ट ब्लॉग्गर का पुरस्कार मिलेगा, हम बिन बुलाए भी वहाँ पहुँच जाएंगे, बधाई देने।
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
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आदरणीय GV Sir ,
ह्रदय चार कोष्ठों [chambers] में बंटा होता hai , आप तो उसी में रहते हैं , इसलिए हम जहाँ भी होंगे , आपकी उपस्थिति वहाँ होगी ही होगी । मेरी हर ख़ुशी आपकी उपस्थिति के बिना अधूरी ही होगी।
.
शुभ लाभ ।Seetamni. blogspot. in
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