- आप सभी का हार्दिक आभार। क्यूंकि बिना आपके प्रोत्साहन और सकारात्मक योगदान के ये यात्रा संभव ही नहीं थी। मेरा व्यक्तिगत अनुभव यही है की प्यार सभी भावों पर भारी होता है। ये आपसी प्यार ही है जो हमें एक दुसरे से जोड़े रखता है। खट्टी-मीठी यादों के साथ nostalgic हूँ...
कुछ लिखा है आप सभी के लिए , पहचानिए तो आप किन पंक्तियों में हैं , यदि आप पहचान लें तो अपनी टिप्पणी में पूरा नाम अवश्य लिखें । आप स्वयं को अथवा अन्य नामों को पहचान सकते हैं । clue के रूप में पाठकों के नाम के initials लिख रही हूँ।
१-पापा तुम कितने अच्छे हो , कितना मुझको है प्यार दिया
मुझको 'बेटी' कह करके, हर बेटी पर उपकार किया।
I love you Dad ...
(clue- JC )
२-तुम 'मोम' के जैसी भावुक हो ...clue-A S
३-है ब्लॉग तुम्हारा बहुत बड़ा ,
जिसकी छाया में पला बढ़ा
है बरगद के सादृश खड़ा ,
हर ब्लॉगर का नग है जड़ा। -----clue -र प्र
४-चुन चुन कर कवियों को लाते हो
शायर को भी पढवाते हो
जब मुझसे मिलने आते हो
तो प्यार ही प्यार लुटाते हो
मैं जब भी अकेली होती हूँ,
सब 'musings' पर कह लेती हूँ -------clue- R k
५-सुन्दर गजलों की मालिक तुम
हो कपिला सी तुम सरल-सरल
मन तेरा, मन-भावन है
टिप्पणी देती निर्मल निर्मल -------clue- N k
६-धीर-गंभीर व्यक्तित्व तुम्हारा
जब भी घर तुम आती हो
माँ जैसा प्यार लुटाती हो ----clue-S C
७-टिप्पणी के बदले टिप्पणी मिलती है,ये तुम ही तो समझाती हो
लम्बे-लम्बे लेखों से तुम अपनी पहचान बनाती हो ---------clue- R R
८-शेक्सपियर की धरती पर ,
हिंदी का मान बढाया है --------clue -S v
९-औद्योगिक नगर से आते हो
तुम मेरा मान बढ़ाते हो
कितने भी तुम व्यस्त रहो
पर आशीष सदा दे जाते हो -----clue-A
१०- अद्भुत , गरिमामय व्यक्तित्व तुम्हारा
दीन दुखी का दर्द समझते हो
"साहस नाम है दिव्या का (The ZEAL)"
ये कहकर मेरा मान बढाया है .------clue--B B
११-कुछ छोटे भी खोटे निकले
नहीं ज़रा भी मान दिया
पर 'दीदी' कह करके तुमने
दिल भर कर सम्मान दिया ----clue -- D D G
१२-निर्भीक , निडर तुम रहती हो
बिना डरे सब कहती हो
निरपेक्ष अपने वक्तव्यों में
नीर-क्षीर विभाजन करती हो ......clue- A G
१३ -भ्रष्टाचार की खातिर तुमने ,
मूंछों को कुर्बान किया -----clue- T S D
१४-मेरा तुम से है पहले का नाता कोई,
यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई ......clue - S
१५-तुम भाई मेरे अनमोल रतन
मैं बहन तुम्हारी 'शुष्क-शिला '----clue-P V
१६-'संगीत' तुम्हारी कविताओं में
रच-बस कर यूँ बहता है
बार-बार पढूं , और डूब जाऊं
मन ये मेरा कहता है --------clue--S S
१७-छोटे परदे पर तुम सबको
खुश करते और हंसाते हो
लेकिन अपनी गंभीर टिप्पणियों से
श्रेष्ठ बात कह जाते हो --------clue- A k
१८-तुम कितनी मेहनत करती हो
तुम सबकी 'चर्चा' करती हो
तुम मेरे दिल में रहती हो ------clue--V G
१९-तुम कविता सुन्दर रचते हो
और सबके दिल में रहते हो
बच्चों में भी तुम लोकप्रिय
हे 'मयंक' तुम हो सरल सहज ---clue- RC S M
२०-प्यार तुम्हारा निश्छल है
भरी हुयी हो करुणा से
'झील' तुम मुझको कहती हो
नाम तुहारा 'अरुणा' है -----clue---D. A
२१-दिल में जो तुम रखते हो
वो चित्रों से ही कह देते हो
टिप्पणी में कोई शब्द नहीं
बस smiling emoticon देते हो ---Clue--K K
२२-तुम प्यार असीम लुटाते हो
दुनिया भर की खबरें तुम
सब ब्लॉगों तक पहुंचाते हो
सबका जन्म दिन हैं याद तुम्हें
शुभकामनाएं देते और दिलवाते हो -----Clue--B S P
२३- अच्छी अच्छी बोध-कथा तुम
ब्लॉग पर अपने लगाते हो
जीवन कैसे जीना होगा
ये हमको तुम सिखलाते हो -------Clue -- H S
२४-लेकिन तुम सबसे अलग क्यूँ हो ?
भीड़ जिस तरफ चलती है ,
तुम उससे जुदा मेरे ही साथ चलते हो
अपनी एक पंक्ति में मुझे
तूफानों से लड़ने का साहस दे जाते हो.....Clue--M V
२५-है ओज तुम्हारी कविता में , स्नेह तुम्हारी बातों में
जब भी तुम घर आते हो , सारे 'झंझट' मिट जाते हैं। ------clue ---S S 'J'
कुछ बेहतरीन टिप्पणियां आपकी , जिनके माध्यम से आप सभी को याद कर रही हूँ....पहचानिए खुद को अपने ही शब्दों में .... मेरा वादा है आप खुद को निम्नलिखित उद्घृत की गयी टिप्पणियों में अवश्य पायेंगे। क्यूंकि आप मुझे भूल सकते हैं , लेकिन मैं नहीं ...तो फिर देर किस बात की ...पहचानिए खुद को ........
-
- आज देखा सपना ही कल का सच बनता है खुदा उन आंखों को सलामत रखे और उनके नूर से दुनिया रौशन होती रहे दिव्या जी । वादा रहा कि सपनों को सच बनते हुए मैं जरूर कैद करूंगा अपने कैमरे में ...आप श्रेष्ठ हैं ..और सर्वस्व संपूर्ण भी ...(clue -AKJ)
- कुछ लोगों के कद सम्मानों से भी ऊंचे होते हैं.....(clue-V)
- दिव्या रानी ! बहुत पहले एक कहानी पढी थी ...आज तुम्हारे सपने से याद आ गयी ....बता नहीं सकूंगा ...बस मेरी आँखें नम हैं ....एक बार और तुम्हें मेरा आशीर्वाद. ....(clue-K)
- By the way, the women who fires machine gun by her words is now firing, sweet candy on us! :)
- Apart from the Best,the most enthusiastic blogger!
- हमारा मूल्यांकन, हमा्रे अन्तरमन से अधिक कौन करेगा?
- आपकी लेखनी किसी भी पुरस्कार की मुहताज नहीं है ...
- “हमारे फन की बदौलत हमें तलाश करें,मज़ा तो तब है कि शोहरत हमें तलाश करें।”
- खुशियाँ कही से भी मिले...बटोर लेनी चाहिए!...अगर स्वप्न में कुछ पलों के लिए भी मिलती है, तो भी उन्हे गले लगा लेना चाहिए!...
- .जिन आंखो में सपने होते हैं सच भी होते है...
- ।hundreds of Comments at ur each and every Post are enough to prove that it was not merely a dream of yours. Personally i feel that these comments are much more valuable than those tiny awards....
- ॥ पुरूषाकारं अनुवर्तते दैवम ॥अर्थात- प्रयत्न करनेवाले के साथ दैव(आशिष)रहता है।
- दिव्या जी...जब मै कभी - कभी आप के ब्लॉग को पढ़ता हूँ तो यही देखता हूँ की ....मेरे अधूरे वाक्य को आप एक गजब ढंग से पेश कर देती है ! आप की लेखनी का नमूना अभी तक तो मुझे नहीं मिला !
- नींद के स्वप्न तो क्षणिक होते है दिन में खुली आँखों से स्वप्न देखा करे वे साकार होते हैं
- आपके सभी ब्लॉगों की रचना अति सुन्दर होती है ! सभी ब्लॉग ज्ञानवर्धक हैं ! सामाजिक समस्याओं और उनके समाधान से जुड़े हैं ! हमदोनो के आंकलन में आप के ब्लॉग हर तरह से हिन्दी भाषा के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग हैं ! रोचक शब्दावली , आकर्षक ले आउट और, overall presentation ! आज नहीं तो कल आपका स्वप्न सच होगा ही ! हमारी शुभ कामनाएं और आशीर्वाद ...
- हम ब्लॉग्गर नहीं है, तो क्या हुआ?
क्या वफ़ादार पाठक और टिप्पणीकार के लिए उस सभा गृह के एक कोने में भी जगह नहीं?
क्या कुछ दिनों की अनुपस्थिति की सजा है यह? - Your father has a great handwriting. I enlarged the picture and read his message.
I could not see even a single erasure or strike out.
Many of the youngsters today just cannot write like this.
They type or use the thumb for texting and can hardly hold a pen or pencil to write neatly.
Even when they type they use the backspace or Del key more often than any other key.
Please convey my regards to him.
- we need to learn to contain ourselves in mist of strangers and not share our personal tidings with everyone
- विकास संसाधनों का हुआ है स्त्री पुरुष की मानसिकता का नहीं । इनमें आज भी वही हॉमोन्स बनते हैं जो कि हज़ारों साल पहले बनते थे। एहतियात बेहतर है ।
- ये जिन्दगी इतनी आसान नहीं प्यारे गैर तो गैर अपने भी मेहरबान नहीं प्यारे ||वे रिश्ते जब अपनी कीमत तय कर ले | मोल चुका देने में, नुकसान नहीं प्यारे ||
- यह सरकार उसी राह पर निकल पड़ी है जिसपर इंदिरा जी इमरजेंसी में निकल पड़ी थीं। अच्छा प्रेरक पोस्ट।
- सच में यह एक पार्दार्शिकता की क्रांति है...भ्रष्टाचार के खिलाफ सशक्त आवाज है॥इन मुद्दों को राजनीतिज्ञों के हाथ का खिलौना न बनने दें। सभी को इस क्रान्ति में सभी मतभेद भुला कर एकजुट होने की ज़रूरत है...
- इस क्रांति को तोड़ना बहुत सरल है..... बस, हिंदुत्व का ठप्पा लगा दीजिए! हमारे यह लिखने तक शायद यह क्रांति टूट चुकी होगी:(
- विश्वास फिर अंधविश्वास और उसके बाद विश्वास घात के आसार ज्यादा रहते हैं। वो जो कहते हैं की जबान से निकली बोली और बन्दुक से निकली गोली वापस नहीं जाती. सो किसी से कुछ भी बोलने के पहले चाहें वो जान पहचान वाला हो य अनजान दस बार सोच ही लेना बेहतर है.
- we should keep the confidentiality and trust which is bestowed upon us, but as always exceptions are always there !!
- हमें कोई छोटा मोटा काम मिल जाये दिव्याजी तो बहुत खुशी हुई | वैसे आपने तो सारे प्रश्न चुटकी में सुलझा दिये, अब बचा हि क्या है| और हां एक हिंदी ब्लॉगर और महिला ब्लॉगर के PM बनने से हमारी भी इज्जत बड गयी, अब जरा रोब झाड सकेंगे, दिव्याजी हमारी दोस्त है! पता नही आपको? :) :).
- बेशक निजता का सम्मान किया जाना चाहिए...इसी में मित्रता की गरिमा है।
- I hope that when people tell us they will make public or this and that then at least we know how good a friend they are
- प्रेम वही कर सकता है जिसमें जुनून होगा... जिसमें जुनून और पाने की चाहत ही नहीं वो किसी भी काम को नहीं कर सकता..
- व्यक्ति के दोषों के लिये पूरे वर्ग को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
- मै आप से वादा करती हूँ की मैं न तो ऐसे जुमलों का कभी खुद प्रयोग करुँगी और न ही सुनूंगी
- इस समय देश को जिस क्रान्ति की ज़रूरत है उसका आवाहन हो चुका है .
मुँह मोड़नेवाले कायरों में श्रेणी में गिने जाएँगे । - Those who have read British India history will know how slowly the colonial rule is coming back to India।
- सौ धिक्कार ! सौ धिक्कार !ऐ दिल्ली वाली सरकार !
- इस भ्रष्ट सरकार का तो समझ आता है लेकिन बुद्धिजीवियों का ताण्डव समझ नहीं आ रहा है।
- बहुत सारे अच्छे मुद्दों के बीच "भारत स्वाभिमान" का मुद्दा मेरे मन में बरसों से है। जब हम अपना, अपने प्राकृतिक संसाधनों, अपनी प्रतिभा का सही नियोजन कर इसे उद्द्याम्शीलता में नहीं बदलेंगे तब तक हम दुसरे देशों, विदेशी भाषाओं, विदेशी संस्कृतियों के ग़ुलाम बने रहेंगे; घोषित आजादी के बाद से ही हमारा इंडिया यही अनुसरण करता दिखा रहा है. आवश्यक परिवर्तन के लिए पहले मन से और फिर समूह के साथ क्रान्ति तो बनता है
- तो अब तक कर क्या रहे थे? क्या अपने आप बदला है किसी नें खुद को? यह बात तो सभी यथास्थितिवादी सदियों से कहते आए है। पर सुधार का झंडा हमेशा किसी महापुरूष को उठाना पडता है। इस ज्ञानगम्भीर बात में फुसलाकर पापो से बचने के प्रयास मत करो। बुरे स्वयं कभी नहीं सुधरते किसी नेतृत्व की हृदयभेदी प्रेरणा की जरूरत रहती है।यदि इन्सान में स्वयं सुधरने की कुवत होती तो न महापुरूष अवतार धारण करते न सुधारक आकर अपना जीवन ही होम देते।
- बाबा रामदेव का मुद्दा सही है और इनको इमानदार लोगों का सहयोग मिलना ही चाहिए लेकिन उनको सहयोग करने के नाम पे कुछ भ्रष्ट राजनेताओं और पार्टियों ने अपना उल्लू सीधा करना शुरू कर दिया है और यही बाबा के भ्रष्टाचार मिटाओ अभियान को नुकसान पहुंचा रहा है।
- मैं फिर दोहराऊंगा कि आजादी इस लिये मिल गयी कि लोग अधिक पढ़े लिखे नहीं थे. गांधी जी ने बुलाया कि हाजिर. सुभाष बाबू ने आवाज दी कि दौड़ पड़े अपना सबकुछ लेकर.किसी ने यह नहीं कहा कि गांधी जी आप वकील हो कहां आजादी के संघर्ष में सियासत चमकाने आ गये.किसी ने यह नहीं कहा कि भगत सिंह पढो-लिखो, यह तुम्हारा क्षेत्र नहीं.किसी ने यह नहीं कहा कि सुभाष बाबू अपने खातों की जांच कराओ...
- मातु पिता गुरु गणपति सादर..पूजहू सदा होय सुख आगर
- Speechless ,but salute the maneuverability to that one who cares at that extant। That is only beloved Dad undoubtedly .
- माता-पिता के सत्कर्मों का सीधा लाभ संतान को ही मिलता जाता है....
- 'Feedjit' लगा के करते है वो इन्तेज़ारे यार,
'टिप्याए' गर न आके, तो होते है बेक़रार,
'तुम' को क्या फ़िक्र, तुम तो 'शतक-वीरनी' रही,
याँ मर-मराके होता है इक आंकड़ा ही पार!!! - अच्छा बच्चू , तू तो मेरा दुश्मन है , फिर तेरी जुर्रत कैसे हुई मेरे ब्लौग पर झाँकने की ....(अब मिलिए , Hypertensive हो गए जनाब )
पहली बार डॉक्टर दिव्या की पोस्ट पढ़ कर अनायास ही हँसी आ गई।अच्छा लगा.अभी तक सिर्फ गंभीर विषयों पर लिखी गई पोस्ट ही पढ़ी थी । - इरफ़ान... मैने लिखा तो था कि यह बसंत होगा या माली , जो बिना लालच मे गुल की देख भाल करता हे, प्यार करता हे, एक सच्चा प्रेमी, जो गुल को देख कर उसे बडता फ़ुलता देख कर उस की खुशी मे खुश होता हे...
- हमारे मोहल्ले में इतने तो नहीं मगर इसका ६०% के एक थे, पूरा मोहल्ला उनको पीठ पीछे लल्लु राम पुकारता था...उसी से डर के हमने इस दिशा में कभी कदम ही नहीं उठाये. न कभी ललक हुई.
जैसे हैं, स्वीकृत है उस जगह, जहाँ होना चाहिये, विवाह भी हो चुका है उन्हीं से तो मान्यता प्राप्त भी कहलाये और सबसे ज्यादा खुशी की बात कि प्रसन्न भी हैं... :) :) - हम सदा ही आदर्श और यथार्थ के बीच एक पुल बनाते रहते हैं। जितना यथार्थ की ओर बढ़ेंगे उतना स्थायित्व भी आता है। बड़ा ही सुन्दर गीत।
- आपकी बेबाक लेखनी ने गुल गुलशन और गुलफाम सहित इरफ़ान भी दिखा दिए , हमारे,आपके,सबके अन्दर बैठे है गुलफाम भी इरफ़ान भी, इस सभ्य समाज में ज्यादातर गुलफाम ही उभरते है , इरफ़ान तो छिपे ही होते है या लगभग नदारत। ये विडंबना ही है की किसी गुल ने कभी नहीं कहा मुझे इरफ़ान मिल गया. इस बेचैन समाज में सभी गुलफाम ही है इरफ़ान तो भगवान् हो गए मूर्तियों में बैठे है .
- आदर्श प्रेमी का सटीक विश्लेषण किया है आपने...किन्तु .....‘कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता.कभी ज़मी तो कभी आसमां नहीं मिलता.’शायद यही प्रेमी और आदर्श प्रेमी के बीच का अन्तर है...केवल प्रेमी ही नहीं , दुनिया में कुछ भी आदर्श नहीं है। रसायन शास्त्र में आदर्श गैस का जिक्र आता है, लेकिन वह भी केवल सैद्धांतिक तथ्य है।मेंहदी हसन साहब द्वारा गाई यह ग़ज़ल उनकी सबसे बेहतरीन ग़ज़लों में से एक है। राग झिंझोटी पर आधारित इस ग़ज़ल को जितनी बार भी मैं सुनता हूं, हर बार नए-नए भाव प्रकट होते हैं। आपका आभार, इसे यहां प्रस्तुत करने के लिए।
- आदर्श प्रेम और आदर्श प्रेमी की कल्पना एक सुख एहसास से ज़्यादा कुछ नहीं.....अपने परिवार को एक सूत्र में बाँध कर साथ साथ चलते जाना भी आदर्श प्रेम का ही उदाहरण है मेरे विचार में...
- पवित्र प्रेम (आदर्श भी कह सकते हैं) शाश्वत सम्बन्धों का आधार है। शिष्ट व्यवहार शालीनता से भरा होता है, जबकि दूषित व्यवहार अकीर्तिकर होता है।
- थोड़े से शब्दों में बहुत बड़ी बात मैं आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूँ क्युकी इन्सान बिना किसी स्वार्थ के कोई काम करता ही नहीं और जब तक स्वार्थ है तक तक लोभ और इर्षा का होना लाज़मी है और जब तक इन्सान में ये सब है और प्रेम में सफल हो ही नहीं सकता प्रेम वही सफल है जहां लेने की नहीं सिर्फ देने की चाह हो |
- गुल, गुलशन, गुलिस्तान... सभी में प्यार की समीर :)
- आदर्श तो पाने कि कोशिश की जाती है...तब कहीं ९०-९५% करीब पहुँच पाते हैं...लेकिन आदर्श की कल्पना भी कम नहीं है...अगर हम कुछ खोज रहे हैं तो...वो कहीं ना कहीं होगी जरुर...तलाश जारी रखिये...
- फैज़ की इन पँक्तियों ने आकर्षित किया ।आदर्श प्रेमी की परिभाषा फैज़ ने भी इसी गज़ल में दी है ।
जो कू-ए-यार ( यार की गली ) से निकले तो
सू-ए-दार ( सूली की ओर ) चले "
- हाँ ,स्त्री और पुरुष की मानसिकता में काफ़ी अंतर है.अक्सर तो पुरुष स्त्रियों से संबद्ध बोतों को वे गंभीरता से लेते नहीं ,कभी लें भी लें तो कुछ ही समयके लिए .फिर वही सोच कि हमें क्या करना .स्त्रियाँ दूसरी को परेशानी में पड़ा देख कर सोचती हैं कहीं हमें झंझट में न पड़ जायँ सो सहानुभूति दिखा कर तटस्थ हो जाती हैं .पुरुष दूसरे आदमी की खोट जानते हुए भी चुप्पी लगा जाते हैं ,उसके साथ यह भी डर होता होगा कहीं बेकार मैं बदमज़गी न हो जाय ..स्त्रियों पर आक्षेप करने में उन्हें कोई ख़तरा नहीं लगता कभी मज़ा लेने के लिए ,या दूसरे समर्थन करने के लिए ,तो वहाँ कमेंट करने से चूकते नहीं .साघारणतया ऐसा होता है -विशेष स्थिति की बात अलग है
- हम्म ...और या फिर इतना शक्तिशाली होना होगा कि अपनी उपस्थिति मात्र से बदल सकें हर तरह की नकारात्मक उर्जा के प्रवाह को ! जैसे बुद्ध की चेतना से अंगुलिमाल की धारा बदल गयी थी।
- "art of weeding" a new concept of "art of living"...a novel thought...and true one.
- Theory of natural selection और Auto polarization दो ऐसे कंसेप्ट हैं जो जाने-अनजाने, जीवन के नेपथ्य में काम करते रहते हैं। ये प्रत्येक को वांछित परिणाम प्रदान करते हैं :)
- नकारात्मक - सकारात्मक उर्जा सभी में घटती बढती रहतीं हैं।केवल व्यक्तियों पर ही यह निर्भर नहीं करता.देश,काल परिस्थिति भी इसमें अपना योगदान करती रहतीं हैं.यदि किसी को शराब पिला दी जाये,और कहें बहके न तो यह संभव नहीं लगता.इसीलिए पूर्ण सत्संग की आवश्यकता है ,जैसा कि मैंने अपनी पोस्ट 'बिनु सत्संग बिबेक न होई' में वर्णित किया है.
- राधिका उवाच - " कहती तो तुम ठीक हो दिव्या .....मगर मुश्किल यह है कि ये मरे नासपीटे निगेटिव ऊर्जा वाले इस बुरी कदर चिपके हुए हैं कि इन्हें निराई-गुडाई करके निकाल फेकना बड़ा मुश्किल हो गया है। अब अपने बॉस को ही लो .......कैसे निकाल फेकूँ उस मरदूद को ?
- additionally there is one more thing called constructive negativism like worst case Scenario analysis।
- bahut sach hai...
be the change we wish to see in the world...gandhi ji...
be strong and concentrate on the goal..and negativity will turn into positivity...
i think being positive is best way to avoid negative thoughts ....
i second babusha ji...we can't be lord buddha but we should try....
----------------- दिव्या जी, यह आलेख नहीं बल्कि एक कहानी है...जीवन की गांठों से परिचित करवाती। सपना हमेशा निराश करता है क्योंकि बहुत कम संभावनाएँ होती है उसके पूरा होने की। लेकिन विराट जीवन को जिंदा रखता है...विराट जीवन की अहमियत समझता है, वह जीवन को चलायमान रखने के लिए नम्र है...लेकिन कर्म के बिना वह स्वप्न को पूरा नहीं कर सकता। सपना को विराट होने के लिए कर्म करना ही पड़ेगा...और इस रहस्य को भी समझना पड़ेगा कि जीवन है तो सपना है। विराट भी तब तक साथ देता है जब तक जीने की इच्छा और कर्मण्यता का भाव है।
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very intricate !!
really sometimes people ( which involves u and me ) don't realize that our actions are hurting others, and often its too late to realize।
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Congratulation on 200th post. Expressing love is equally important as लव
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दिव्या जी आपकी बात विचारणीय है किन्तु यदि ऐसे लोग अपने बहुत निकट के ही हों तो उनसे कैसे निबटा जाये ! ये तो दिन रात आपके साथ आँखों के सामने ही रहते हैं और आपके हर निर्णय और प्रस्ताव को प्रभावित करते हैं ! सारगर्भित आलेख
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२०० वीं पोस्ट की बधाई।मेरे विचार से कथा का सुखांत ही होगा.सपना ने सशक्त होकर पुन: आने का विचार करके ही घर को छोड़ा है,सदा के लिए नहीं. शाश्वत सत्य है कि उपलब्धता में मूल्य ज्ञान नहीं होता.मूल्य ज्ञान तो खोने पर ही होता है.भाई -बहन के स्नेह में अहम् नहीं होता.विराट को बहन के खोने पर दुःख अवश्य होगा.दुःख के क्षणों में मनुष्य अपनी अंतरात्मा को जरुर टटोलता है.विराट इन क्षणों में आत्म विश्लेषण कर अपनी कमी का एहसास जरुर करेगा और सपना को ढूंढ कर जरुर लायेगा.
--------------- - दिव्या जी ,बिलकुल सही सपना देखा आपने ....आप अपने तेवर की 'सर्वश्रेष्ठ ब्लागर ' हैं , वह भी निःसंदेह |
बाबा के जिस पत्र का लोग हवाला दे रहे है उसमे गलत क्या है ? उसमे यही लिखा है कि- मांगे मान ली जाएगी तो अनशन ख़त्म कर दिया जायेगा | जहाँ तक मांगो पर सहमती बन कर समझोता होने वाली बात है तो सरकार ने भी बाबा को आश्वासन दिया था और उस पत्र में बाबा ने भी अनशन खत्म करने का आश्वासन दिया था उसमे गलत क्या है ?जब तक सरकार सब कुछ लिखित में नहीं दे देती तब तक बाबा अनशन ख़त्म कैसे कर सकते थे ?वैसे भी अब इस धूर्त सरकार पर कौन भरोसा करेगा ? पहले अन्ना टीम को इसने ठगा अब बाबा को शिकार बना दिया
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दमनपूर्ण कार्यवाही गलत है तो गलत है ही। ऐसे मौके पर दुष्टता का खुलकर विरोध करने के बजाय, अनशन को सरकारी आज्ञा थी या नहीं, जनता को सुशासन की आशा रखनी चाहिये या बाबा के कपडे भगवा क्यों जैसे बेतुके सवाल उठाने वालों की मंशा क्या है, यह किसी से छिपा नहीं रह सकता है। (बाबा और दिव्या दोनों से अनेकों मुद्दों पर सहमत होते हुए भी) मैं यही कहूंगा कि सरकार ने कायरतापूर्ण क्रूरकर्म किया है, यह घटना शर्मनाक है और इसका मुखर और प्रखर विरोध ज़रूरी है।
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महाकाव्य लिख डालो इतना पतन दिखाई देता है
घोर गरीबी में जकड़ा ये वतन दिखाई देता है ।
जनता की आशाओं पर इक कफन दिखाई देता है।
उजड़ा उजड़ा सच कहता हूँ चमन दिखाई देता है ।
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यह निंदनीय तो हैं ही पर इसकी निंदा करने के लिए हमें घरों से निकलना होगा। प्रतिकार करना होगा। तरीका जो भी हो
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जब दिग्विजय सिंह जो लादेन के साथ सम्बन्ध रखने वाला हो कपिल सिब्बल के पास भी विदेशी बैंको का अकाउंट हो कसाब और अफजल गुरु जिनके चचेरे मौन्सेरे हों तो दिव्या जी ये स्वतन्त्र भारत, ऐसी सरकार से क्या उमीद कर सकता है जब बडबोले कपिल सिब्बल ने चिठ्ठी से बाबा को धमकाया तो तभी आशंकाए घर करने लगी थी अभी कांगेरेसी ब्लॉगर भी इसे सांप्रदायिक कहलाने पर तुले है . हिन्दू पूजा करता है भगवा पहनता है , तो साम्प्रदयिक है मुस्लमान सवेरे बांक देता है मस्जिद से , तो धर्म निरपेक्ष है सोनिया गिरजाघर जाती है तो धर्म निरपेक्ष है परन्तु अडवानी , ऋतंभरा मदिर की बात भी करते है तो सांप्रदायिक है . जब है भ्रस्ताचार के बाद साम्प्रदायिकता की भी परिभाषा स्पष्ट की जाय इस देश में.
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भ्रष्टाचार के खिलाफ जो आन्दोलन शुरू हुआ है ... वो यदि बरकरार रहे तो निस्संदेह समाज और देश में बेहतरी होगी ... आम जनता को इस मुहीम में अन्ना और रामदेव जी का साथ देना चाहिए ... इस आन्दोलन के खिलाफ केवल वही लोग आवाज़ उठाएंगे जो खुद भ्रष्ट खेमे से हैं या फिर बेवक़ूफ़ है ॥
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DIVYA MAM ME CHAUNGA KI APKA KHWAB PURA HO। SUBHKAMNAYE APKE SATH HAIN॥ . . . . . . . . . JAI HIND JAI BHARAT
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..Dearest ZEAL:
It feels very good to see your huge love for the nation and your respectful liking for various languages. Today, on your birthday, I am sending to you in three languages, this ghazal which is full of love for the soil of one’s native place. Hope you like it. Given below is the link to this unforgettable ghazal:
With the best wishes on your birthday,
Arth Desai
नदी नी रेत मा....
[01]
Nadi ni retmaa ramtu nagar made naa made
Fari aa drayshya smruti pat upar made naa made
Nadi ki ret mein kheltaa nagar mile naa mile
Fir ye drashya smruti pat par mile naa mile
A City playing amidst the river sands, may or may not be
Again this fine sight in the mind’s eye, may or may not be
- -------------------------------------------
This is wonderful news. I am so thrilled to see this about our Dear Dr. Divya Srivastav and her articles being appreciated worldwide on the blogworld, specially the tone of recognition of her YEOMEN service to women in particular and human kind in general is highly laudable, indeed. KUDOS!. Much appreciated that you have highlighted this here as well.
Dr. Divya definitely deserves many more of such accolades and "This is DEFINITELY a great way to encourage her in her mission, for which she has chosen to give her mind, heart and soul"
When I was in school, back home in India, my Physics professor used to say "If one uses just the Mind, one can be called intelligent, if Mind and heart are used the person would be extra-ordinarily intelligent/Brilliant, but if one uses the mind, heart and soul, the person would be called a genius" -- And Dr. Divya uses all three!
Many regards and gratitude for publishing this on your Blog site.
Jagan Ramamoorthy
Los Angeles, CA. USA
मधु ‘मोहिनी’ जी का एक गीत है :
रूप को सिंगार दे तो जानिए वो प्यार है
रंग को निखार दे तो जानिए वो प्यार है
जीने की जो चाह दे तो जानिए वो प्यार है
ज़िंदगी को राह दे तो जानिए वो प्यार है
मोम-सा पिघल गया तो जानिए वो प्यार है
दर्द को निगल गया तो जानिए वो प्यार है
भावना को ज्वार दे तो जानिए वो प्यार है
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आँख बोलने लगे तो जानिए वो प्यार है
भेद खोलने लगे तो जानिए वो प्यार है
बिन कहे सुनाई दे तो जानिए वो प्यार है
हो न हो दिखाई दे तो जानिए वो प्यार है
हो के दूर पास हो तो जानिए वो प्यार है
मन युँ ही उदास हो तो जानिए वो प्यार है
दर्द से उबार दे तो जानिए वो प्यार है
बहुत भावपूर्ण सुन्दर पोस्ट
आभार & शुभ कामनाएं
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कुछ रूठे हुए पाठकों के लिए --
क्या तुम्हारा प्यार इतना हल्का था,
जो ज़रा सी बात पर खफा हो गए ?
तुमको बुला रहीं हूँ वापस
आ जाओ , गर प्यार है ।
फिर न कहना ...
हमसे आया न गया ,
तुमसे बुलाया न गया।
कठिन है राह बहुत ,
थोड़ी दूर साथ चलो
आभार
.
109 comments:
कार्य प्रगति पर है , त्रुटियों एवं मानवीय भूलों के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।
mam apne bare me dundh raha tha kuch, lelin dundh nahi paya , shayad agle barsh dund paun. . . . . . . . Jai hind jai bharat
Badhaai....aapko padhnaa humesha achha lagtaa hai
chand lafz apke liye. . .
Apke is mukaam par hum apko kya de sammaan,
Duwa hai apke dil ka pura ho har armaan. . .
Jai hind jai bharat
मुबारक हो उत्साह भरी लेखनी का सफर
कभी भी ना रही आसान, तुम्हारी ये डगर
कही तनी भृकुटी , कही मिली पारखी नजर
निर्विवाद है अद्भुत, तुम्हारी लेखनी प्रखर
आपका योगदान महत्वपूर्ण है-ब्लॉग और विचार-दोनों लिहाज से। बने रहें।
सबसे पहले तो इस खास दिन की बहुत-बहुत बधाई,
और आपकी इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिये क्या कहूं,
शब्द-शब्द स्नेहिल भाव लिये हुये ... यह नाता यूं
ही निभाये चलिये ... शुभकामनाएं ।
ब्लॉग की प्रथम सालगिरह की हार्दिक बधाई , दिव्या जी ! आशा करते हैं कि ऐसी कई साल गिरहें भविष्य में भी हम आपके साथ मनाएं. रूठे हुओं को दुबारा आमंत्रित कर आपने अपने उदात्त व्यक्तित्व का परिचय दिया है. इस बात की भी बधाई.
शुभकामनायें !
बहुत बहुत बधाई!..झील को भी और इसकी सर्जक डॉ.दिव्या को भी!...
Here's to another year of experience.
Hope your birthday blossoms into lots of dreams come true!
hope that for every candle on your cake you get a wonderful surprise.
Happy Birthday and many happy returns of the day.
........ main hun kya kahin ?
nahin to bhi , hun to
क्या तुम्हारा प्यार इतना हल्का था,
जो ज़रा सी बात पर खफा हो गए ?
तुमको बुला रहीं हूँ वापस
आ जाओ , गर प्यार है ।
फिर न कहना ...
हमसे आया न गया ,
तुमसे बुलाया न गया।
.
अदाज़ बहुत ही अच्छा है . बुला कर फिर से ना भगा देने का वादा भी तो करना था तभी तो नाराज़ ब्लॉगर वापस बे फ़िक्र हो कर आते. मैं तो भाई ना नाराज़ होता हूँ किसी से और ना ही वापस लाने के लिए किसी को बुलाने का अवसर देता हूँ.
सबसे पहले तो हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें
हमने तो अपने को पहचान लिया …………18 नम्बर पर हूँ।
१८-तुम कितनी मेहनत करती हो
तुम सबकी 'चर्चा' करती हो
तुम मेरे दिल में रहती हो ------clue--V G
बस दिल मे रहें तो इसके बाद कुछ नही चाहिये होता………आभार
आप इसी तरह लिखती रहें यही कामना करती हूँ।
ZEAL को बहुत बहुत बधाई ..हार्दिक बधाई !
प्रथम वर्षगाँठ का अवसर यों..जैसे अपनी संतान का प्रथम जन्मदिवस !
दिव्या जी ! आपके इस उत्सव में हम भी मन से सम्मिलित हैं और अपनी उपस्थिति दर्ज़ करने के लिए अपनी मंगल कामनाओं सहित हाज़िर हैं
उत्तरोत्तर आपका ब्लॉग यशस्वी हो ऐसा आपके सभी मित्र चाहते होंगे .
आज आपने विशिष्ट अन्दाज़ में अपने शुभचिंतकों और पाठकों को यह पोस्ट भेन्ट की है जिसे देख और बांच कर आनन्द मिला
पुनः बधाई !
-अलबेला खत्री
है ब्लॉग तुम्हारा बहुत बड़ा ,
जिसकी छाया में पला बढ़ा
है बरगद के सादृश खड़ा ,
हर ब्लॉगर का नग है जड़ा। -----clue -र प्र.... इस सम्मान के लिए बहुत प्यार और ब्लॉग का ही जन्मदिन नहीं
यह, भावनाओं को जन्म देनेवाला भी उस नए जन्म का अधिकारी होता है , है न ?
आदरणीय डॉ. दिव्या जी,
ब्लॉग की सालगिरह पर बधाई और आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएँ. आपके द्वारा व्यक्त भावों का सम्मान करता हूँ और जिस प्रकार आप अपने संगी-साथी ब्लॉगरों के प्रति स्नेह रखती हैं वह आपकी इस पोस्ट में देखने योग्य है. पुनः आभार.
भारत भूषण
प्रथम वर्ष गाँठ की ढेरों बधाइयाँ...सालों साल ये ब्लॉग यूँ ही चलता रहे.
नीरज
बधाई हो एक साल पूरा होने पर ... कुछ ब्लॉगेर पहचाने गये अपनी टिप्पणियों की ख़ास अदा से ...
आप ऐसे ही लिखती रहें और ब्लॉगजागत में छाई रहें ...
बहुत बहुत मुबारक हो....ब्लॉग की वर्षगाँठ
यूँ ही लिखते रहने का ज़ज्बा बना रहे ...शुभकामनाएं
आपको बहुत सी बधाई एवं भविष्य के लिये बहुत सारी शुभकामनाएं
HAPPY B'DAY OF THIS BLOG WITH ALL CONCERN.........
balak ke taraf se sabhi ko mubarak with cake....
हम ब्लॉग्गर नहीं है, तो क्या हुआ?
pranam.
ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं।
प्रगति के नए सोपान गढे व अंबर पर छा जाएं।।
glad to see that out of several thousnad of comments you got, one of my comment got space here....:))
and yes i again say that for a blogger, comments are much more satisfactory than any sort of award..and not necessarily comments which are appreciative even the criticizing comments are equally important n valuable as long as they do healthy criticism......
oh...i just forgot to wish you on the occasion.... I wish you continue same way writing here with little bit of less serious write ups in between...:D
CONGRATS....
Regards,
irfan.
दिव्या जी ,
ब्लॉग की वर्ष गाँठ पर आपको बहुत बहुत बधाई ...यह क्रम निरंतर चलता रहे ..इसके लिए शुभकामनायें ..
सालगिरह मनाने का अंदाज़ बहुत पसंद आया ...
डा. दिव्या जी, आपकी और हमारी अपनी भी... ZEAL की पहली सालगिरह पर हार्दिक शुभकामनाये .थाईलैंड में रहकर आपने हिंदी भाषा का गौरव बढाया है. नाम की दिव्यता तो है ही, ब्लॉग के नाम का कमिटमेंट भी दिन दूना रात चौगुना बढ़ता रहे .मेरा ब्लॉग kishordiwase.blogspot.com अपने साथी ब्लॉग ZEAL का हमसफर बना रहेगा ,यह वायदा. खूबसूरत दिल की आयरन लेडी डा. दिव्या को पुनः थ्री चीयर्स...!!!
ब्लॉगिस्तान में आपके ब्लॉग का एक वर्षँ पूर्ण होने पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
--
आप इस ब्लॉग के माध्यम से ब्लॉग जगत को धन्य कर रहीं है!
कामना करता हूँ कि यह सिलसिला आजीवन जारी रहेगा!
शुभकामनाये वर्षगांठ पर......अच्छा तो आप लिखती ही हैं.....इसमें कोई संदेह नहीं......हमारे जैसे नए पाठकों के लिए भी कुछ लिख देतीं |
ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
बहुत बहुत बधाई दिव्या जी,
ZEAL ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ के लिए,
शुभकामनायें !
दिव्या, मुबारक कबूल करो !
अपना तो बस एक ही नारा
झंडा ऊँचा रहे तुम्हारा
कर ले चाहे कोई जितने जत्त्न
होगा न बाल भी बांका तुम्हारा ||
इतना प्यार और मान देने के लिये मुझे अपने खुद से भी अन्जान
ही रहने दो !
खुश और स्वस्थ रहो !
आशीर्वाद !
अशोक सलूजा !
अभी एक वर्ष ही हुआ है, लगता तो ऐसे है जैसे बरसों की पहचान हो। प्रथम वर्षगाँठ वैसे भी सबसे मधुर होती है, बधाई स्वीकार करें। ब्लोगर पहचान तो आ रहे हैं लेकिन सभी नहीं। मेरी यह मान्यता है कि जो भी अपनी नजरिये से समाज को या उससे जुड़ी समस्याओं को देखता है उसके विचार हमेशा ही स्पष्
ट होते हैं। यदि हमारे विचार स्पष्ट और प्रभावी नहीं होंगे तो हम परिवार में भी अपना मंत्वय स्पष्ट नहीं कर पाएंगे। ना ही बच्चों को प्रभावित कर पाएंगे। तुम्हारे विचार हमेशा ही स्पष्ट और बेबाक होते हैं, इसी कारण चर्चा को आगे बढाने में आनन्द आता है। मेरी शुभाशीष है कि प्रबुद्ध बनो लेकिन बुद्धिजीवी नहीं। जब व्यक्ति बुद्धिजीवी बनता है तब वह अपनी आजीविका का साधन बुद्धि को बना लेता है और फिर जहाँ भी लाभ की सम्भावना हो या सत्ता पक्ष के करीब रहने का मौका तो वह अपनी बुद्धि को कुटिलता पूर्वक भी प्रयोग करता है। जबकि प्रबुद्ध व्यक्ति ज्ञानवान होता है और कभी बुद्धि का दुरूपयोग नहीं करता है। पुन: शुभकामनाए।
प्रिय दिव्या ,ब्लाग के वर्षगांठ की बहुत सारी बधाइयां .....
कई नाम तो पहचान गयी पर खुद को ही नहीं :)
divya ji,
aapka sathi bloggars ke prati pyar aur aabhar pragat karne ka style bahut pasand aaya.aapko ham blog jagat kee ''IRON LADY''ke roop me jante hain aur ye aaj pata laga ki aap to komal bhavnaon se bhi utni hi aut-prot hain jitnee majboot bhavnaon se.pahli varshganth par badhai aur aage ke liye shubhkamnayen.
बहुत बहुत बधाई .अंदाज पसंद आया .काफी लोगों को ढूंढ लिया :).
हमें भी याद रखने का शुक्रिया.:)
अनूठा अंदाज पसंद आया।
...बहुत बधाई।
हार्दिक शुभकामनायें दिव्या जी, आशा है आपको योंही पढ़ते रहेंगे!
:]
ब्लाग के पहली वर्ष गांठ की बहुत बहुत बधाई |
है ये अंदाज
तुम्हारा निराला
इसीलिए" निराली "हो
सबके दुःख को
महसूस करती
अपने जैसा
सबको समझती
इसीलिए
माँ को प्यारी लगती |
शुभकामनाये |
हार्दिक शुभकामनाएँ इस प्रथम सालगिरह की । उम्मीद है साल दर साल इस माध्यम से लेखनयात्रा यूं ही जारी रहेगी । पुनः बधाईयाँ...
दिव्याजी,
ब्लॉग की प्रथम सालगिरह की हार्दिक शुभकामनायें !
ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
शुभकामनाये |
jai baba banaras.........
yahan meri bhi ek comment hai...thanks zeal ji :)
usase badi baat hai ki aapne sabhi paathak gano ke comments ko aatmsaat kar kar itni mehnat se prastut kiya ,ye batata hai ki aap apni lekhani se jitna pyaar karti hain utna hi tippaniyon se bhi...
aapko bahut badhai is acche blog ke varshgaanth par....
my wishes that your pen get all the blessings to pour the best of your qualities...may god be with your pure and pious journey towards the goal....
ek sukti aapke liye ..mere ek ajnabee dost ne mujhe boli thi...
"जोरे कलम बुलंद हो जी "
..Neelansh
इस नए और रोचक अंदाज़ की और एक वर्ष पूरा होने की बहुत बहुत बधाई |
?कुछ छोटे भी खोटे निकले
नहीं ज़रा भी मान दिया
पर 'दीदी' कह करके तुमने
दिल भर कर सम्मान दिया"
दीदी मैंने खुद को पहचान लिया...आपके जीवन में एक याद मैं भी बना, इसकी ख़ुशी है मुझे...अपनी दीदी का सम्मान जीवन भर करूँगा...
किन्तु "कुछ छोटे भी खोटे निकले, नहीं ज़रा भी मान दिया" यह समझ नहीं आया|
आशा है, आपको जीवन में कभी मुझसे कोई शिकायत नहीं होगी...
दिव्या बेटी, ज़ील के एक वर्ष पूरे करने पर बहुत बहुत बधाई !!
- JC जोशी
आपके ब्लॉग का एक वर्ष पूरा हुआ...इसके लिए आपको बहुत बहुत बधाई...आपके ब्लॉग की सालगिरह पर यही कामना है कि यह ब्लॉग और नयी ऊचाइयों को छुए| इसी प्रकार आपका हमारा साथ बना रहे...
आपका जीवन सुखमय बना रहे...
ब्लॉग की प्रथम सालगिरह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ...
दिव्या जी ,
बहुत -बहुत बधाई !
पहला वर्ष बहुत मुश्किल होता है ,समझने-समझाने में काफ़ी वक्त निकल जाता है.
आप अपनी विशिष्टताओं के साथ यों ही जमी रहें .बहुत प्यारे ढंग से आपने सबके प्रति अपनत्व जताया - लगा कि हम खाली लेखक और पाठक भर नहीं उससे आगे भी कुछ हैं .
लेखनी की सजगता और प्रखरता और परवान चढ़े !
स्नेह और शुभ-कामनाएँ स्वीकार करें !
ब्लॉगिंग की सालगिरह पर अनंत शुभकाननाएँ
ज़ील ब्लॉग ने एक साल में ही सार्थक उँचाईयाँ सर की है।
वर्षगांठ के अवसर पर यह स्नेह-मिलन भाव भारा है।
इस खास दिन की बहुत-बहुत बधाई
ब्लॉग वर्षगांठ पर हार्दिक शुभ कामनाएं
सभी को एक सूत्र में बाँधना और परिवार जैसा वातावरण बना देना ......... यही आपकी विशेषता है.
आज इस तरह की वृहत आत्मीयता की अत्यधिक आवश्यकता है और यह कार्य वही कर भी सकता है जो सभी का प्रिय बन गया हो.
आपने एक वर्ष में ही रिकोर्ड प्रेम अर्जित कर लिया है. शुभकामनाएँ.
मैंने स्वयं को पहचान लिया। मुझे लग रहा है, मेरा कद ऊंचा, बहुत ऊंचा हो गया है।
इस अपनत्व के लिए हृदय से आभार।
ZEAL की वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई एवं शुभेच्छाएं अर्पित करता हूं। मां सरस्वती की कृपा आप पर निरंतर बनी रहे।
दिव्या जी जन्म दिवस की बधाई , आपका ब्लॉग यु ही दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करें और निरंतर लोग इससे जुड़ते रहे लाभान्वित होते रहे , अनुभूतियों का आकाश आपके प्रथम प्रशंसक होने का पल अपने साथ सजो कर रखेगा हमेशा के लिए , आपके ज्यादातर clues पहचान लिए गए है , बहुत ही खूबसूरती से आपने अपनी यात्रा को इस पोस्ट में प्रश्तुत किया है . आपकी लेखनी निरंतर प्रगति करे इन्ही शुभकामनाओं के साथ
डॉ.दिव्या ,आपके यत्न -प्रयत्न आपको आज इस मुकाम पर खड़ा करते हैं ,जहाँ बहुत कम लोग स्थान पाते हैं ,वांछित मुकाम को हासिल करें ,रब से मेरी दुआ है /विभिन्न आयामों से गुजरता ब्लॉग कारवां ,पहली आरंभन तिथि को पुनः प्रतिष्ठित कर नए संवत्सर नयी ऊँचाई को प्राप्त करे
मेरी बधाई एवम शुभकामना है आपको ....
दीदी आपके इस ब्लॉग के प्रथम जन्म दिवस पर इस दिवस की बधाई स्वीकार करें...
यह दिवस जब तक जीवित है, प्रत्येक जन्म दिवस पर उपस्थित रहेगा, वचन देता हूँ...
नये अंदाज में बड़ी ही खूबसूरती से पेश किया गया लेख. बहुत बहुत बधाई और ढ़ेरों शुभकामनायें.
congratulations ,continue writing with the same zeal,more has to come from your pen
ब्लॉग की प्रथम सालगिरह की हार्दिक शुभकामनायें !
लीगल सैल से मिले वकील की मैंने अपनी शिकायत उच्चस्तर के अधिकारीयों के पास भेज तो दी हैं. अब बस देखना हैं कि-वो खुद कितने बड़े ईमानदार है और अब मेरी शिकायत उनकी ईमानदारी पर ही एक प्रश्नचिन्ह है
मैंने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर श्री बी.के. गुप्ता जी को एक पत्र कल ही लिखकर भेजा है कि-दोषी को सजा हो और निर्दोष शोषित न हो. दिल्ली पुलिस विभाग में फैली अव्यवस्था मैं सुधार करें
कदम-कदम पर भ्रष्टाचार ने अब मेरी जीने की इच्छा खत्म कर दी है.. माननीय राष्ट्रपति जी मुझे इच्छा मृत्यु प्रदान करके कृतार्थ करें मैंने जो भी कदम उठाया है. वो सब मज़बूरी मैं लिया गया निर्णय है. हो सकता कुछ लोगों को यह पसंद न आये लेकिन जिस पर बीत रही होती हैं उसको ही पता होता है कि किस पीड़ा से गुजर रहा है.
मेरी पत्नी और सुसराल वालों ने महिलाओं के हितों के लिए बनाये कानूनों का दुरपयोग करते हुए मेरे ऊपर फर्जी केस दर्ज करवा दिए..मैंने पत्नी की जो मानसिक यातनाएं भुगती हैं थोड़ी बहुत पूंजी अपने कार्यों के माध्यम जमा की थी.सभी कार्य बंद होने के, बिमारियों की दवाइयों में और केसों की भागदौड़ में खर्च होने के कारण आज स्थिति यह है कि-पत्रकार हूँ इसलिए भीख भी नहीं मांग सकता हूँ और अपना ज़मीर व ईमान बेच नहीं सकता हूँ.
aapka blog dekha, bahut achha aur dilkash laga.
ब्लॉग के १ वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई और शुभ कामनायें..
मेरे कमेन्ट को स्थान देने के लिये आभार..
दिव्या जी ब्लॉग के प्रथम जन्म दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं !
इश्वर से प्राथना है की समाज के ज्वलंत विषय पर आप की बेबाक लेखनी इसी तरह चलती रहे !!
कहें सच.....कुछ को मजा आ जाए ....कुछ निराश ....कही और खो जाए ! समयाभाव की वजह से ज्यादा नहीं लिख पा रहा हूँ ..पिछले वर्ष की बधाई और आने वाले के लिए शुभ कामनाये !ख़ुशी और गम ...दोनों में साथ - साथ !
बहुत बधाई हो एक वर्ष पूरा होने पर। आप उत्तरोत्तर वृद्धि करें।
Congrats on the landmark and wishing you many many more to come ...
I have always found something new to learn each time i have come here ..
Many many happy returns of the day to Your blog ..
and I hope the ones who are ROOTHE hue , become friends again ...
Bikram's
दिब्य जी नमस्ते
ब्लॉग के वर्ष गठ पर हार्दिक बधाई,आपके कठिन परिश्रम का कायल हु बहुत-बहुत आभार.
yes,you yourself are a live example of "art of living". always nice to read you.you very well connect with the readers and the subject.many many congratulations on the "blogging anniversary".keep going as usual with "zeal" and make us feel being in "paradise".
आपके ब्लाग के प्रथम वर्ष गांठ पर आaप्को बहुत बहुत बधाई।
बधाई और शुभकामनाएं |
- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
डॉ० दिव्या जी बधाई और शुभकामनाएं |
आप मनोचिकित्सक ही नहीं अपितु आपने तो सर्जरी में भी लोहा मनवा लिया दिव्या जी. प्रथम वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई.
ghafil sir ke blog se aap tak pahuncha... aapko padha.. bahuto hi sahjata se badi badi batein karti hain aap... i also invite you to visit my blog.. shauk to mujhe bhi bachpan se hi likhne ka hai.. lekin main chahata hoon aap bhi mujeh aina dikhayein...aina such kehta hai aap bhi such hi batayein... i welcome you to visit my blog www.ashutoshmishrasagar.blogspot.com...
आपको मुबारक हो ।
बहुत बधाई हो
.सफलता और उपलब्धियों के एक वर्ष पूरे होने पर बधाई ।
उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु शुभकामनायें !
कुछ अटकल कुछ पहचान
S C = शौभना चौरे
P V = प्रतुल वशिष्ठ
K K = काजल कुमार
B S P = बी.एस. पाबला
S S J = सुरेन्द्र सिंह झँझट
T S D = डॉ. टी.एस.दराल
र प्र = रवीन्द्र प्रभात
S = सूज्ञ
A k = अलबेला खत्री
मातु पिता गुरु गणपति सादर..पूजहू सदा होय सुख आगर = The Blacklisted One
उपलब्धियों के लिये बधाई और शुभकामनाएँ
Congratulations on completing one year. It requires discipline, dedication and ideas to continue. I wish I would have made in the list of comments that you liked but I will make it next year. I just started reading your Hindi posts recently :)))
बहुत बधाई और शुभकामनायें...!
सबसे पहले तो आपको मील के इस पत्थर तक पहुंचने की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं । शानदार टिप्पणियों से अपनी पहचान बना कर ब्लॉगजगत में उतरने वाली शायद आप पहली और अकेली ब्लॉगर हैं , और फ़िर ब्लॉगपोस्टों के माध्यम से न सिर्फ़ पाठकों को बहस के लिए ,प्रेरित किया बल्कि खुद भी उस बहस में कदम दर कदम साथ चलती रहती हैं । यहां सिर्फ़ विचारों का द्वंद चलता है और उसे आप बखूबी संचालित करती हैं सच कहा जाए तो ब्लॉगिंग जैसे मंच की यही सबसे बडी सार्थकता है । आने वाले कई सालों के लिए आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं दिव्या जी । ये कलम यूं ही चलती रहे ...और हां ऐसे तमाम मौकों पर मैं आपको कहीं न कहीं किसी कोने पर खडा जरूर मिल जाऊंगा । भई अब दोस्ती की है निभानी तो पडेगी ही :)
Congratulations. A milestone indeed. Frankly, I see the blogger Zeal very different from the Zeal of those zealous comments.
हार्दिक शुभकामनायें!
ब्लॉग की प्रथम सालगिरह की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं |
यह प्रस्तुति भी एकदम अलग हट कर.....so nice....
बधाई और शुभकामनाएं |
Congrats, Its been a unique journey, seeing a new ZEAL emerge with each and every post. You have managed to surprise me with the in depth knowledge and courage with each and every topic. Hope to see many more writings in the time to come.
ब्लॉग की पहली साल-गिरह पर हार्दिक बधाइयाँ.जील जुबलियाँ मनाये.यही आशीष .इस अवसर पर आपकी मेहनत,लगन, लगाव ,सहृदयता पोस्ट में स्पष्ट परिलक्षित है.मेरी और मेरे परिवार की और से हार्दिक शुभ कामनाएं.
बहुत बहुत बधाई
व शुभकामनाएं
इस पड़ाव पर
सफर जारी रहे आने वाले कई वर्षों तक
मुझे याद रखने, मान देने का आभार
अरे बाप रे इतना बडा जश्न और हमे भनक ही नही मिली\ कितने दिन लगाये इस पोस्ट को बनाने मे? ब्लाग की सालगिरह पर लाखों करोडों बधाइयाँ। ये सफर सालों साल ऐसे ही चलता रहे--- शुभकामनायें।
:-)
ek saal poora hua hai to cake khilaao ! happy budday Zeal ! :-)
ek saal poora hone par apko hamari or bahut bahut badhaiyan
जश्न-ए-ज़ील का यह अन्दाज़ भी मन मोह गया...कुछ मेहमान दूर खड़े रह कर भी दुआएँ देते रहते हैं....यूँ ही सालों तक ऐसा ही जश्न होता रहे..बधाई और ढेरो शुभकामनाएँ
दिव्या जी,
जील ब्लॉग की प्रथम सालगिरह पर हार्दिक बधाई !
आपकी भावनात्मक एवं वैचारिक यात्रा इसी तरह अविरत प्रवाहित होती रहे, यही कामना करती हूं.
काव्य पंक्तियों में स्मरण-स्नेह के लिए आभारी हूं.
saalgirah mubaarak ho , miles 2 go--
आपको बधाई.
क्या बात है।
आपके ब्लॉग के पहली साल गिरह पे हार्दिक अभीनंदन .
आपके इतने प्यार के साथ मनुहार देख के ह्रदय में एक अलग ही अपनत्व का भाव जागृत हुआ.
मेरी शुभकामना आपके साथ है .
आदरणीय दिव्या दीदी आप मेरे ब्लॉग को Follow कर रही हैं...मैंने अपने ब्लॉग के लिए Domain खरीद लिया है...पहले ब्लॉग का लिंक pndiwasgaur.blogspot.com था जो अब www.diwasgaur.com हो गया है...अब आपको मेरी नयी पोस्ट का Notification नहीं मिलेगा| यदि आप Notification चाहती हैं तो कृपया मेरे ब्लॉग को Unfollow कर के पुन: Follow करें...
असुविधा के लिए खेद है...
धन्यवाद....
प्रथम वर्षगांठ की बधाई- केक के रूप में इतने सारे कमेंट कि चाकू की धार भी जाती रही :)
देरी से बधाई संदेश भेजने के लिए क्षमा-प्रार्थी हूँ।
इस एक साल में 200से अधिक पोस्टों के माध्यम से समाज के अनेक क्षेत्रों पर हिंदी ब्लॉग जगत में बहस छेड़ने वाली आप एकमात्र ब्लॉगर हैं। बहस में सर्वाधिक टिप्पणी पाने वाली भी आप अकेली हैं। इस एक साल में आप अनेक उतार-चढ़ाव देख चुकी हैं। कुछ अति खट्टे और मीट्ठे अनुभव लेने के बाद आप अधिक परिपक्व हुई हैँ।
जिंदगी के अनेक पहलुओं पर अनेक विषयों पर आपने जो चर्चाएँ की ,उन्होंने पाठकों को उद्वेलित किया है...सोचने पर मजबूर किया है।
बहुत बार लोगों को एक अलग नजरिए से चीजों को देखने का माध्यम मिला है।
आपका ब्लॉग यूँ ही आगे बढ़ता रहे यही मेरी ओर से आपके इस ब्लॉग की प्रथम वर्ष गाँठ पर शुभकामनाएँ हैं ...
पुनश्च: धन्यवाद कुछ चुनिंदा टिप्पणियों में मुझे स्थान देने के लिए।
ब्लॉग की सालगिरह पर बधाई
ब्लाग की प्रथम वर्ष गाँठ पर हार्दिक बधाइयाँ.उत्तरोत्तर प्रगति करें.
सुनते हैं कि इन्टरनेट में हैं ब्लागर बहुत अच्छे
कहते हैं कि दिव्या का है अंदाजेबयां और.......
बधाई हो आप जैसों की वजह से ब्लॉग जगत की जय जयकार हो रही है |
ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनाएँ.......
Hardik badhai sath hi dheron shubhkamanaye...
प्रथम ब्लॉग वर्ष की बधाई !तुम जिओ हज़ारों साल ....
.
विश्वनाथ जी की टिप्पणी ---
-----------
Vishwanath Gopalkrishna to me
show details Jun 13 (2 days ago)
I read it and was unable to post the following comment inspite of trying two times.
Here is my comment:
Zeal ब्लॉग की पहली सालगिरह पर मुबारक हो!
आशा है कि आप ऐसे ही लिखती रहेंगी।
हमने अपनी टिप्पणियों को पहचान लिया।
हमारी टिप्पणियों को इस सूची में सम्मिलित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
मेरा subscription का क्या हुआ?
एक दिन और प्रतीक्षा करते हैं, शायद कुछ देर बाद Inbox में अपने आप पहुँच जाएगा
इस अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
==========
On Mon, Jun 13, 2011 at 4:55 PM
.
.
किसी की ख़ुशी में शामिल होकर उसकी ख़ुशी को दोगुना करना आपका बड़प्पन है । आप मेरी ख़ुशी में शामिल हुए इसके लिए , यहाँ आये सभी पाठकों का ह्रदय से आभार। जिन पाठकों ने स्वयं को पहचान लिया उसके लिए मुझे बहुत ख़ुशी है , की मेरे मन की बात उन तक पहुँच गयी ।
पुनः एक बार , शुभकामनाओं तथा स्नेह के लिए धन्यवाद।
.
Dearest ZEAL:
Congratulations on the first anniversary of your blog. I wish you fantastic success in all your endeavors.
The ‘first’ always has a huge significance in our lives. Every ‘first’ has a history to it and it remains with us for eternity. They are cherished forever despite us scaling further milestones in life. The ‘first’ of most events and occurrences arrive at a very nascent time, but the first anniversary comes at a time when we have walked a fair distance on our chosen path.
If I were to list the joys of ‘firsts’ that I have experienced, it would be a story in itself. But to cut a long story short, I acknowledge with deepest gratitude the mention of yours.
It is a time to look back at the first year that was and time is compressed to the few minutes of memories as we pick up myriad images from the year that was to compile the highlights.
It is also a frontier from where newer sights are set as there comes a phenomenal conviction of ‘Yes, I Can’ with one year’s success saga to rely upon. Commitment is fostered by passion and enriched by the faith we bestow it with. Unfaltering is the way of the true and so shall yours be. Always.
My best wishes are for you at every moment and I am with you at every step.
A Signal Of Fate just happened to fulfill my wish. This is comment # 108.
Semper Fidelis
Arth Desai
अभी आपको इस ब्लॉगजगत में आये सिर्फ एक साल ही हुआ है यह आज ही जाना. एक साल में आपने समय का बड़ा ही सदुपयोग किया है. इतने सारे लेख, वह भी विभिन्न दिशाओं वाले विषयों पर! कमाल है आपकी लेखनी जिन्दाबाद! सच में आपके लेखों को पढ़ने में कुछ अलग ही रवानगी का अंदाजा सा होने लगता है. इसलिए आपकी कलम ऐसी ही चलती रहे पहली वर्ष गाँठ पर ढेर सारी बधाई. मगर हम पाठकों के पढ़ने के स्पीड से भी तेज है आप लिखने में. ;-)
यह पोस्ट दिल को छू रही है. आपने सच में कितने अच्छे से एक एक शब्दों को अभी भी वैसे ही संजो के जीवंत बनाये हुए रखा है.
आपको एक वर्ष पूर्ण करने के लिए हार्दिक अभिनन्दन.मेरी टिपिण्णी को अपने इस लेख में स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार.बहुत मेहनत से आपने इस लेख को सजाया और संवारा है.जीवन में सकारात्मकता के साथ सदा ही आगे बढती रहें यही दुआ और कामना है.
दिव्या "जील" जी आप के ब्लॉग का एक वर्ष पूरा हुआ, आपको बहुत बहुत बधाई...आपके ब्लॉग की इस सालगिरह पर कामना है कि यह ब्लॉग और नयी ऊचाइयों को छुए -नए नए विचार , मुद्दे उठें हमारे सामने ताकि यहाँ अपनी फोटो देख हम पुनर्जन्म के बाद पहचान सके एक दुसरे को -एक बार फिर मिल सकें और आप पर बची खुची सारी भंडास निकाल कर फिर मोक्ष दे सकें -
ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं
शुक्ल भ्रमर ५
मैं बहुत विलम्ब से आया इधर. मुझे दिव्या का डॉक्यूमेंटेशन बहुत प्रभावित करता है. लोगों की साल भर की टिप्पणियों में से छाँट-बीन करना केवल कुछ घंटों या दिनों की कवायद नहीं है ..एक सुनिर्धारित योजना का परिणाम है. नवीनता दिव्या की विशेषता और भव्यता है. मुझे याद रखा इस मान के लिए .........नहीं-नहीं, धन्यवाद देना बड़ा छोटा लग रहा है मुझे ...भावनाएं अनमोल हैं बस ! तुम्हें मेरा शुभ आशीर्वाद ! कल्याणमस्तु ! ! ! उठो ......जागो ...और आगे बढ़ो ......जब तक की तुम्हारा लक्ष्य तुम्हें मिल न जाय .....
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