मोदी का करारा, मुंहतोड़ जवाब --
बीजेपी को साम्प्रदायिक ठहराने के लिए सुहासिनी हैदर ने चली सस्ती चाल – क्या बीजेपी आज भी हिंदुत्व के मुद्दे को अपने साथ रखती है ?
नरेंद्र मोदी – मैं बताता हूँ आपको कि क्या है हिंदुत्व , हिंदुत्व कहता
है ‘’ सर्वधर्म समभाव ‘’ यानी सभी धर्मों का सम्मान हो और सभी धर्मों के
प्रति हमारे भीतर अच्छे और समान भाव हों , जरा आप बताएंगी कि इस देश में
कौन है जो इस बात का विरोध करेगा, हिंदुत्व कहता है ‘’ एकमसत् विप्राः
बहुधा वधंती ‘’ यानी सत्य एक है अलग-२ लोग उसको अलग-२ प्रकार से कहते हैं
चाहे वो गीता के जरिये कहें या कुरआन के जरिये या महाभारत के जरिये या
रामायण इत्यादि के जरिये , हिंदुत्व कहता है ‘’ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यन्ते मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्
।। ‘’ यानी सभी सुखी हों सबको आरोग्य मिले सबको अच्छी शिक्षा-दीक्षा मिले
ये कहता है हिंदुत्व , है कोई इस देश में जो इसका विरोध करेगा ..?
बीजेपी को साम्प्रदायिक ठहराने के लिए सुहासिनी हैदर ने चली सस्ती चाल – क्या बीजेपी आज भी हिंदुत्व के मुद्दे को अपने साथ रखती है ?
नरेंद्र मोदी – मैं बताता हूँ आपको कि क्या है हिंदुत्व , हिंदुत्व कहता
है ‘’ सर्वधर्म समभाव ‘’ यानी सभी धर्मों का सम्मान हो और सभी धर्मों के
प्रति हमारे भीतर अच्छे और समान भाव हों , जरा आप बताएंगी कि इस देश में
कौन है जो इस बात का विरोध करेगा, हिंदुत्व कहता है ‘’ एकमसत् विप्राः
बहुधा वधंती ‘’ यानी सत्य एक है अलग-२ लोग उसको अलग-२ प्रकार से कहते हैं
चाहे वो गीता के जरिये कहें या कुरआन के जरिये या महाभारत के जरिये या
रामायण इत्यादि के जरिये , हिंदुत्व कहता है ‘’ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यन्ते मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्
।। ‘’ यानी सभी सुखी हों सबको आरोग्य मिले सबको अच्छी शिक्षा-दीक्षा मिले
ये कहता है हिंदुत्व , है कोई इस देश में जो इसका विरोध करेगा ..?
9 comments:
Meaningful explanation and secular indeed...
बिलकुल-
सर्व धर्म समभाव
हिन्दू ही कहता है-
शेष ,-स्वयं के धर्म को श्रेष्ठ मानते हैं और दूसरे को हीन -
यह अहं ही उनके विनाश का कारण बन सकता है-
सादर-
आपकी बातों से पूर्णतः सहमत
wah, sundar uttar.
यही एक राष्ट्र भक्त की इच्छा होनी चाहिए |
ये प्रयास सभी पत्रकार किसी न किसी तरीके से करते रहते हैं ...
सलीम अख्तर सिद्धिकी , तुम्हारी वाहियात टिपण्णी पढ़कर यह साफ़ पता चल रहा है की ज्यादातर मुस्लिम तुम्हारी तरह आतंकवादी प्रकृति के होते हैं ! तुम्हारी घटिया टिपण्णी प्रकाशित करने योग्य नहीं है अतः डिलीट कर दी गयी। कहीं और जाकर अपनी गन्दगी फैलाओ !
"हीनेन दूयते इतिसः हिन्दू:" अर्थात जिसका मन हीन कर्मों से दुखित होता है वह हिन्दू है.यह व्याख्या गुजरात के संत प.पू.रंग अवधूत जी महाराज ने भी प्रस्तुत की है. बिलकुल सच है.
आज का चालाक इलेक्ट्रानिक मीडिया दूरिया पैदा करने की और खुद को केंद्र में रखने की सतत कोशिश कर रहा है जो समयानुकूल ठीक नहीं.
"जो हिंसा से दूर रहे वह सच्चे अर्थों में हिंदू है,जो इस ला को मत माने समझो उसकी रग-रग में बू है." ('मेरी इक्यावन कविताएँ' की काव्य मीमांसा से उद्धृत पंक्तियाँ)
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