आठवीं कक्षा के छात्र ने जब अपने दोस्तों से अपना सेल-फोन वापस माँगा तो
दोनों लकड़ों ने उसे पीट-पीट कर मार डाला! एक अन्य घटना में कुछ बच्चे
स्कोर्पियो गाडी चला रहे थे , संतुलन बिगड़ने पर सात लोगों के एक समूह को
रौंदा, बुज़ुर्ग को 20 मीटर तक घसीटा फिर दीवार से भयानक टक्कर के साथ उस वृद्ध को दीवार में घुसेड दिया! मौके पर ही मौत!
अपने बच्चों के हाथ में महंगे गेजेट्स मत दीजिये जो उनकी और दूसरों की जान के लिए ख़तरा बन जाएँ!
Zeal
11 comments:
sach kaha aapne...
सही कहा !!
सच बात है, लाड़ प्यार में इतना न बिगाड़ा जाये।
yes you are right, because of these things they are loosing there childhood and also not getting right things ...this is wrong for them and for others also.
पता नहीं ये देश ये भरतवर्ष का जो हम युवा को इसका भविष्य समझ रहे है वो कहा लेके जायेंगे
आज की मेरी नई रचना
ये कैसी मोहब्बत है
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किशोर के हाथ से कार की मार हमने भी देखी है एक बार।
अच्छी नसीहतें।
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवारीय चर्चा मंच पर ।।
सही लिखा है, मां-बाप को इन चीजों का ख्याल रखना चाहिये.
kya paisewale yh salah manenge? Unke status aur rur rob ka kaya hoga? Rahi baat samvedanaaon ki ti to we usase upar uth chuke hain. Akhir jan samany ko raundkar hi to Mahan bane hai. Fir bhi duwa jaroor karni chahiye ki unhe samajh aa jaaye.
Bahut hi uaatam salah. Badhai... Aabhar..
सार्थक संदेश. हर अभिभावक को मनन करने योग्य.
सुन्दर सार्थक सन्देश,पर कल ही जब अहमदाबाद के डॉक्टर पुत्र के द्वारा b m w द्वारा दो को कुचलने का समाचार सुना तो लगा आये दिन आने वाले यह समाचार एक ही बात का संकेत हैं की पुरे कुँए ही भंग पद गयी है
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