सपने अधूरे भले ही रह जाएँ,
लेकिन मरते नहीं हैं कभी !
मुझसे तो मेरे मरने के बाद भी
मुझे हिला कर पूछ लेना,
यही आवाज़ आएगी ...
"हाँ, फिर से शहर बदला है
और फिर से उम्मीद जागी है "
लेकिन मरते नहीं हैं कभी !
मुझसे तो मेरे मरने के बाद भी
मुझे हिला कर पूछ लेना,
यही आवाज़ आएगी ...
"हाँ, फिर से शहर बदला है
और फिर से उम्मीद जागी है "
4 comments:
बिलकुल सच, सपने कहाँ मरते हैं...बहुत सटीक..
सपने देखने वाले उसके लिए प्रयास कराते हैं इस लिए मरते नहीं ---- आपकी पोस्ट पर बहुत दिन बाद आया
धन्यवाद
सपने मर जायेंगे तो समाज की तरक्की ही रुक जाएगी
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