Thursday, April 23, 2015

सपने मरते नहीं हैं कभी...

सपने अधूरे भले ही रह जाएँ,
लेकिन मरते नहीं हैं कभी !
मुझसे तो मेरे मरने के बाद भी 
मुझे हिला कर पूछ लेना,
यही आवाज़ आएगी ...
"हाँ, फिर से शहर बदला है 
और फिर से उम्मीद जागी है "

4 comments:

Kailash Sharma said...

बिलकुल सच, सपने कहाँ मरते हैं...बहुत सटीक..

सूबेदार said...

सपने देखने वाले उसके लिए प्रयास कराते हैं इस लिए मरते नहीं ---- आपकी पोस्ट पर बहुत दिन बाद आया
धन्यवाद

dr.mahendrag said...

सपने मर जायेंगे तो समाज की तरक्की ही रुक जाएगी

Anonymous said...

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