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Saturday, April 7, 2012

धन्य है यादव सरकार

मुसलामानों से किया गया वादा निभाएगी अखिलेश सरकार। २००७ में लखनऊ , फैजाबाद, वाराणसी (संकटमोचन) में हुए बम ब्लास्ट्स में गिरफ्तार आतंकियों को छोड़ेगी यादव सरकार। अपने जमीर का सौदा करने वाले इन नेताओं को देशद्रोही करार कर देना चाहिए।

Zeal

Friday, March 30, 2012

माया बहन बनाम अखिलेश बाबू

मायावती जी ने लखनऊ शहर को पत्थरों के शहर में तब्दील करके हरियाली ही छीन ली थी। अब अखिलेश बाबू उनसे भी दो कदम आगे निकले। शहर के dividers पर लगे हरे , घने, सायादार वृक्षों को बेरहमी से कटवा कर शहर का सुन्दरीकरण कर रहे हैं। पढाई लिखाई सब व्यर्थ है यदि वृक्षों का महत्त्व ही समझें तो। उत्तर भारत की चटकती धूप में जहाँ रिक्शेवाले, खीरे-ककड़ी वाले, आम पथिक और विद्याथी उन वृक्षों की सघन छाया से थोडा राहत पा जाते थे , वह भी अब नसीब नहीं होगा। अलीगंज में वर्षों में उगे हुए इन सघन वृक्षों की बेदर्दी से कटाई अत्यंत दुखद एवं खेदजनक है।

Thursday, March 8, 2012

मुळ-मुळ यादव की 'पंचर' साईकिल

दिसंबर को बजरंग दल के जिन दो वीर सैनानियों (कोठारी बंधुओं) ने सबसे पहले 'राम जन्म भूमि' पर भगवा झंडा फहराया था , उन्हें इस मुळ मुळ (मुलायायम यादव) सरकार ने पुलिस आदेश करके मरवा दिया था। धिक्कार है मुलायम सरकार को। यदि इस बार इन्होने ज़रा भी बेशर्मी की तो जैसे भ्रष्टाचारी कांग्रेस को उखाड़ कर फेंका गया है , वैसे ही इस ढुल-ढुल सी , मुळ मुळ सरकार को भी नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की जनता ने अब पाठ पढाना सीख लिया है। पंजे की सारी उंगलियाँ तोड़ फेंकी , हाथी को दिखाया जंगल का रास्ता, भगवा को किया खबरदार , अब संभलो साईकिल वालों नहीं तो "पंचर" कर दिए जाओगे। -- वन्देमातरम।

Wednesday, February 8, 2012

मुलायम का चुनावी समाजवादी मुद्दा.

वोट लूटने की खातिर , खिलवाड़ करते नेता। अब मुलायम महोदय का चुनावी स्टंट आया है की मुझे जिताओ , मैं सेंट्रेल की तरह स्टेट यूनीवरसिटी में भी प्रोफेसर्स की रिटायरमेंट की उम्र ६२ से ६५ वर्ष करवा दूंगा। ६२ ही ज्यादा है ६५ की क्या ज़रुरत है? क्या युवाओं को पढ़ाने का मौका नहीं मिलना चाहिए क्या? जब UGC में रिटायर्मेंट के बाद दो वर्ष की "प्रोफ़ेसर-अमेरिटस " की सुविधा है तो ६५ वर्ष करने की क्या आवश्यक है? उम्र बढ़ाकर युवा पीढ़ी को नौकरी के अवसरों से वंचित करना उचित नहीं लगता।