Monday, October 24, 2011

क्या साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जिन्दा हैं ?

जी हाँ, जीवित ही नहीं अमर भी हैं देश और धर्म की रक्षा करने वाली वीरांगनायें हर दिल में जीवित रहती हैं और अपनी सशक्त क्रांतिकारी आवाज़ से करोड़ों लोगों को उद्वेलित करती हैं। ऐसे लोगों के मन में अपने देश को ऊँचाइयों की और ले जाने का जो जज्बा होता है वह विरले ही किसी में होता है। धन्य है इस भारत की माटी जहाँ कुटिल राजनीतिज्ञों को ललकारने वाली वीरांगनायें भी जन्म लेती हैं।

आइये हम इस वीरांगना के अच्छे स्वास्थ के लिए प्रार्थना करें और इन्हें सरकार के चंगुल से बचाने के लिए प्रयत्न करें। आज देश को ऐसी ही देशभक्त नारियों और वीर पुरुषों की ज़रुरत है जो राष्ट्र की रक्षा करने के लिए अपनी जान की परवाह किये बिना सतत प्रयत्नशील हैं और कटिबद्ध हैं।

जो लोग कुत्सित विचारों को धारण किये हुए हैं और अजमल कसाब को बचाने के लिए प्रयत्नशील हैं उन पर थू है। इस देश को आतंकवादियों का शरण स्थल नहीं बनने दिया जाएगा। यहाँ सिर्फ सच्चे , इमानदार और देशभक्त लोगों को जन्मने और जीने का अधिकार दिया जाएगा।

साध्वी प्रज्ञा जैसी वीरांगनाओं के अस्तित्व को कभी मिटाया नहीं जा सकता करोड़ों दिलों में इस जज्बे की मशाल है। एक नहीं अनेक साध्वी प्रज्ञायें हैं इस धरती पर किस-किस को मिटायेंगे ये ? हर दिन इस विशाल भारत भूमि पर एक साध्वी का , एक वीरांगना का जन्म होता है।

साध्वी प्रज्ञा के अच्छे स्वास्थ्य की कामना कीजिये ताकि वे उसी दम-ख़म के साथ वापस आकर देश के लिए लडाई लड़ सकें। आज भारत को ज़रुरत है वीर सपूतों की और वीरांगनाओं की।

शहीदों की जय
जीवित देशभक्तों की जय
भारतमाता की जय
वन्देमातरम !

Zeal

53 comments:

SANDEEP PANWAR said...

आपसे सहमत हूँ। बेकसूर को जेल में नहीं होना चाहिए।

महेन्‍द्र वर्मा said...

देश हित से जुड़ा मुद्दा, देशवासियों को इस मुद्दे पर चिंतन करना चाहिए।
देश के दुश्मनों की आवभगत करना और देशभक्तों को उत्पीडि़त करना- यह नीति भारत के लिए अच्छा नहीं है।
साध्वी प्रज्ञा के अच्छे स्वास्थ्य और सुदीर्घ जीवन के लिए शुभकामनाएं।
देशभक्तों और शहीदों को नमन।

DUSK-DRIZZLE said...

YOU HAVE DISCLOSED NEW THING THOUGH THIS POST. I SALUTE YOUR DARE....FOR DROP SOME WORDS TOWARDS PRAGYA THAKUR ..... THAX NOW I WANT TO KISS YOUR PEN. YOU THINK ABOUT NATION..BUT THE LEADERS OF BJP HAVE NO DARE TO THINK SUCH A WAY.

मनोज कुमार said...

आपने जिस जज़्बे के साथ इस अलेख को लिखा है वह काफ़ी प्रेरक है।
आपके विचारों से सहम्त होते हुए साध्वी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

DR. ANWER JAMAL said...

देश हित से जुड़ा मुद्दा, देशवासियों को इस मुद्दे पर चिंतन करना चाहिए।

सदा said...

आपकी बात से पूर्णत: सहमत हूं सार्थक व सटीक लेखन ...दीपोत्‍सव की शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

अरुण चन्द्र रॉय said...

आपके विचारों से सहम्त होते हुए साध्वी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। दीवाली की शुभकामनायें।

ashish said...

उचित आह्वान . देश को ऐसी बहुत साध्वियों की जरुरत है .

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

अपने ही देश में अपने देश के हित में कार्यरत लोगों को आतंकवादी घोषित करना सरकार पर एक काला धब्बा ही कहा जाएगा। तभी तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वह उचित स्थान नहीं मिला जो देश के महान नेताओं को मिलता है।

रविकर said...

सुन्दर प्रस्तुति |

शुभ-दीपावली ||

aarkay said...

जाट देवता ( संदीप जी ) से पूर्णतया सहमत हूँ. निर्दोष को कारागार में नहीं होना चाहिए !

रचना said...

ALL THE BEST TO HER FOR HER HEALTH

Human said...

बहुत ही अच्छा और विचारणीय लेख,बधाई !
सच्चे शूरवीर हमेशा ही निस्वार्थता और निर्भीकता का पर्याय रहे हैं तथा हमेशा ही अपना जीवन देश,समाज और मानवता की भलाई के लिए न्योछावर करते रहे हैं ।
अक्सर ऐसा होता है की सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले को हर पग पर कठिनाई मिलती है लेकिन ये इस बात की कसौटी होती है और एक तरह का शुभ संकेत की उसका रास्ता सही है ।
सच्चे शूरवीरों को वस्तुवादिता और वासना प्रधान समाज द्वारा सदा से ही समर्थन कम मिला जबकि वो उसी समाज की उन्नति के लिए अपनी जान कुर्बान कर देते हैं, परन्तु फिर भी
ये उतना दुखद नहीं लगता जितना की ऐसे सच्चे शूरवीरों द्वारा राजनीति की गणित में फस जाना या अपने ही साथी शूरवीर के खिलाफ हो जाना या स्वार्थपरक हो जाना या फिर अपनी नीति या राह से भटक से लगता है ।

Bharat Bhushan said...

हमारी न्यायिक प्रक्रिया बहुत दोषपूर्ण हैं. जब तक न्याय हो पाता है तब तक आरोपी और साक्षी दुनिया से जा चुके होते हैं. प्रज्ञा के स्वास्थ्य के शुभकामनाएँ.

दिवस said...

दिव्या दीदी
बिलकुल सही कहा है आपने|
एक तरफ अफजल गुरु व अजमल कसाब हैं जिन्हें सुरक्षा बलों ने रंगे हाथों आतंकी वारदातें करते पकड़ा था, किन्तु आज वे आलीशान जेलों (वैसे जेल कहना गलत है, ये किसी राज महल से कम नहीं) में ऐश कर रहे हैं, चिकन-बोटियाँ तोड़ रहे हैं| जबकि साध्वी प्रज्ञा पर अभी अपराध सिद्ध भी नहीं हुआ है| उनका केस अभी कोर्ट में विचाराधीन है, फिर भी उन्हें जेल में कड़ी यातनाएं दी जा रही हैं| यहाँ तक की उन्हें पीटा भी गया है| ये भी भूल गए की वह एक स्त्री है|
खैर उनका अपराध यही है कि वे भगवा पहनती हैं व हिंदुत्व की बात करती हैं| वर्तमान सरकार में केवल इतना भर कर देना किसी अपराध से कम नहीं है|

आपने सही कहा कि साश्वी प्रज्ञा देवी जैसी वीरांगनाओं के अस्तित्व को मिटाया नहीं जा सकता| कितनों को मारेंगे? भारत देश में तो अनगिनत साध्वी प्रज्ञाएं हैं| जालिम हुकूमत का नाश करने के लिए तो हमारे देश की वीर स्त्रियाँ ही काफी हैं| एक साध्वी के नाम का इतना खौफ इस बात की पुष्टि करता है|

दिव्या दीदी
वैसे आजकल ब्लॉग जगत में आपके नाम का खौफ भी काफी है| आप भी किसी साध्वी प्रज्ञा से कम नहीं|

वंदेमातरम...

Man said...

दीदी वन्देमातरम ,
जो हजारो कष्ट सह के भी इस भारत की सुपुत्री के रूप में जिन्दा हे ,जिसने जान लेवा यातनाये इस लिए भोगी हे क्योकि वो हिन्दू वीरांगना हे |इन सियारों के राज में कसाब जेसे भेडिये चिकन ,मछली इसलिए उड़ा रहे की हम से ही कुछ गद्दार हिन्दू कोम में रह कर उसी कोम को मटिया मेट करने पर तुले हुवे हे |ऐसे गद्दारों को जवाब देना जरूरी हे |इसके लिए चेतना की आवश्यकता हे जो धीरे धीरे आम जन तक पहुँच रही हे ,एक समय एसा भी आएगा जब इसी तरह ऐसे गंदी नाली के कीड़ो को सीवरेज लाइनों के पाइप से पकड़ पकड़ बहर घसीटा जायेगा और गोली मार दी जाएगी |

प्रतिभा सक्सेना said...

सही कह रही हैं आप.
दीपावली मंगलमय हो !

Neelkamal Vaishnaw said...

बहुत बढ़िया...

आपको धनतेरस और दीपावली की हार्दिक दिल से शुभकामनाएं
MADHUR VAANI
MITRA-MADHUR
BINDAAS_BAATEN

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

आपके पास समय हो तो आप निम्नलिखित लिंक को जरुर देखें. http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/SIRFIRAA-AAJAD-PANCHHI/entry/%E0%A4%B8%E0%A4%9A-%E0%A4%95-%E0%A4%B8-%E0%A4%A5-%E0%A4%AE-%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%AE-%E0%A4%B5-%E0%A4%87-%E0%A4%B8-%E0%A4%A8-%E0%A4%AF%E0%A4%A4-%E0%A4%AE-%E0%A4%B0-%E0%A4%A7%E0%A4%B0-%E0%A4%AE-%E0%A4%B9

http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/SIRFIRAA-AAJAD-PANCHHI/entry/%E0%A4%B8%E0%A4%9A-%E0%A4%95-%E0%A4%B8-%E0%A4%A5-%E0%A4%AE-%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%AE-%E0%A4%B5-%E0%A4%87-%E0%A4%B8-%E0%A4%A8-%E0%A4%AF%E0%A4%A4-%E0%A4%AE-%E0%A4%B0-%E0%A4%A7%E0%A4%B0-%E0%A4%AE-%E0%A4%B9-2

Gyan Darpan said...

प्रज्ञा ठाकुर सेकुलर राजनीति की घृणित चाल में फंस गयी|

संजय राणा said...

आदरणीय दीदी ,
बंदे मातरम , आपका लेख पढ़ा एक जोश सा भर गया और साध्वी दीदी प्रज्ञा के बारे में सोच कर मन द्रवित हो गया , सोचता हूँ बहुत इस भर्ष्ट और हिन्दू विरोधी तंत्र और इसके नुमाईंदों के बारे में , तो दिल करता है की मैं भी भगत सिंह या नाथूराम गोडसे बन जाऊं पर दोस्त कहते हैं संजय अपने काम पर कंसंट्रेट करो अगर आप इन कामो में पढ़ गए तो सब बिखर जाएगा पर सोचता हूँ अगर हर कोई अपने स्वार्थ पर ही कंसंट्रेट करेगा तो इस भरष्ट तंत्र से मुक्ति कौन दिलवाएगा बस यही प्रशन परेशान करता है हर वक्त ! जिसका जबाब मुझे कहीं मिल नहीं रहा है फिलहाल ?

Unknown said...

इस कायर देश में न जाने और कितनी प्रज्ञा सिंह को प्रताड़ना झेलनी होगी. भ्रष्टाचार का बिगुल तो अनन्ना ने फूंका , देखते है संतुस्तिवाद और वोटों की खातिर पनपते अनितिक्वाद का बिगुल कौन फूकेगा. शायद दिव्या के शब्दों से शुरूआत हो .. शुभकामनाये

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

Atul Shrivastava said...

वंदे मातरम्।
आपको और आपके परिवार को दीप पर्व की शुभकामनाएं....

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं

JC said...

"एक नूर तों सब जग उपजेया / कौन भले को मंदे", गुरु ग्रन्थ में भी मानव जीवन का सार दर्शाया गया है 'सनातन धर्म' का, "सत्यम शिवम सुन्दरम" समान - अर्थात अनंत शिव ही केवल सत्य है ("सत्यमेव जयते" अर्थात केवल वो एक ही अजन्मा जो सजर-अमर है), और शिव ही सुन्दर है, अर्थात वो निराकार ही परम सत्य है, और उसके ही अनंत स्वरुप सारे साकार दोषपूर्ण हैं और अस्थायी हैं - आये और गए, मानव रूप में १००+ वर्षों के भीतर ही जबकि हमारी पृथ्वी/ सौर-मंडल वर्तमान में भी चार अरब वर्षों से महाशून्य में, कृष्ण के मुंह के अन्दर, विद्यमान हैं, जिसके नवग्रह के माध्यम से बने हम सभी प्रतिरूप हैं...

'भारत'/ 'संसार' भर में कार्तिक मास में - कृष्ण-पक्ष अमावस्या के दिन - रात में की जाने वाली लक्ष्मी पूजा, अर्थात दीपावली के प्रकाश से अँधेरे को दूर करने हेतु संकेत मात्र है मन के अन्धकार को दूर करने का दीपकों की लड़ी समान वर्णमाला के माधाम से...:)

जय माता कृष्णा / काली की!

संगीता पुरी said...

वंदे मातरम् ..
.. आपको भी दीपावली की शुभकामनाएं !!

Kunwar Kusumesh said...

Best wishes for her health.

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

Bharat Bhushan said...

आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

Taarkeshwar Giri said...

Bilkul sahi kaha hai apne. wo to bechari congress ki shikar ban gai

Taarkeshwar Giri said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

किलर झपाटा said...

आपने बिल्कुल सही कहा ज़ील जी। देशहित सबसे ऊपर है और हम सबको मिलकर देश को सँवारने में सहयोग देना चाहिये। आप सभी को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ।

virendra sharma said...

भारत देश के हृदय में रहतीं हैं ऐसी वीरांगनाएं मेरे आपके ज़ज्बातों में भी .दिवाली मुबारक .

ZEAL said...

.

@- किलर झपाटा-

देश के हित की बात आपके मुख से शोभा नहीं देती।

आप एक ऐसे शख्स हैं जो स्त्रियों के खिलाफ ब्लौग पर गन्दा आलेख लिखकर उन्हें माँ-बहन की गालियाँ लिखते हैं और कुत्सित मानसिकता वाले आपके घटिया आलेख पर आकर उस स्त्री के खिलाफ विषाक्त टिप्पणी लिखते हैं , जिससे आपके घायल अहम् को संत्रुष्टि मिलती है।

मैं आप जैसे कुत्सित विचार वालों का त्याग करती हूँ और बहिष्कार करती हूँ।

अब आपका अगला कदम क्या होगा ? अब तक मुझे अपमानित करने के लिए आप कई आलेख चुके हैं। माँ-बहन की गालियों से नावाज़ चुके हैं। हिंदी ब्लौगिंग को कलंकित करने में आप पूरा योगदान दे चुके हैं ?

कुछ बचा क्या ? अब क्या करेंगे आप ?

चलिए एक और आलेख लिखिए मेरे खिलाफ...यकीन जानिए , कोई आये न आये , दो चार तिलमिलाए हुए बहिष्कृत किये गए , कुत्सित मानसिकता वाले ज़रूर आयेंगे आपका साथ देने।

दीपावली की शुभकामनाएं देने के लिए आभार। आपको भी ईद ओर बकरीद की अग्रिम शुभकामनाएं।

.

महेन्‍द्र वर्मा said...

दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

Amit Sharma said...

पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !
***************************************************

"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"

Rakesh Kumar said...

आपकी व आपके समस्त परिवार के स्वास्थ्य,सुख समृद्धि की मंगल कामना करता हूँ.दुआ करता हूँ कि आप अपने सद् लेखन से ब्लॉग जगत को सदा ही प्रकाशित करती रहें.

दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.

tips hindi me said...

नमस्कार,
आप के लिए "दिवाली मुबारक" का एक सन्देश अलग तरीके से "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर तिथि 26 अक्टूबर 2011 को सुबह के ठीक 8.00 बजे प्रकट होगा | इस पेज का टाइटल "आप सब को "टिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ दीवाली के पावन अवसर पर शुभकामनाएं" होगा पर अपना सन्देश पाने के लिए आप के लिए एक बटन दिखाई देगा | आप उस बटन पर कलिक करेंगे तो आपके लिए सन्देश उभरेगा | आपसे गुजारिश है कि आप इस बधाई सन्देश को प्राप्त करने के लिए मेरे ब्लॉग पर जरूर दर्शन दें |
धन्यवाद |
विनीत नागपाल

Human said...

आपको और सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Aruna Kapoor said...

बे कुसूर पर जुल्म होते देख दिल तील तील टूटता है...आप से पूर्ण तया सहमत हूँ!

दीपावली की अनेको शुभ कामनाएँ!

Dr. Braj Kishor said...

इस प्रकरण में मैं भी क्षोभ से भरा हुआ हूँ.आप से पूर्णतया सहमत हूँ .

BrijmohanShrivastava said...

दीपावली केशुभअवसर पर मेरी ओर से भी , कृपया , शुभकामनायें स्वीकार करें

Kailash Sharma said...

शोचनीय...दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!

Unknown said...

रोशनी के पर्व "दीपावली " पर दिव्या जी आपको परिवार सहित हार्दिक शुभकामनाये. आपकी लेखनी आनेवाले समय में और धार दार हो, रौशनी से सराबोर हो, महिषासुर मर्दनी की शक्ति से परिपूर्ण हो इन्ही शुभकामनाओ सहित -कुश्वंश

सूबेदार said...

दिब्य जी नमस्ते
अपने दुखती राग पर हाथ रख दी हम कैसे हो गए है एक बिदेशी नारी क सामने बेबस है अजमल.कसाव, अफजल गुरु व अन्य देश द्रोही बचाए जा रहे है देश भक्त जेल में डालकर उन्हें देश द्रोही साबित करने का प्रयत्न किया जा रहा है ,यदि हिन्दू लड़की को मुसलमान ले जाता है तो वह सेकुलर है यदि हिन्दू लड़का मुस्लिम लड़की ले आता है तो सांप्रदायिक हो जाता है ,हमें लगता है की वह दिन दूर नहीं जब आम हिन्दू देश भक्त कुछ करने को केवल सोचेगा ही नहीं हथियार उठाने को बिबस हो जायेगा.
इस पोस्ट के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद.

Unknown said...

Sahi kahti hain dibya ji.. Aapke vicharon ka hum purjor samarthan karte hain.. Aabhar..

Vishesh aabhar humare blog par utsahvardhak tippani ke liye.. Ummeed hai aage bhi aap mera utsahvardhan karti rahengi..

-:SHUBH DEEPAWALI:-

समय चक्र said...

दीपावली पर्व अवसर आपको और आपके परिजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग said...

Aapko tatha aapke pariwar ko deepawali ki hardik subhkamna.

Manu Tripathi said...

She is very badly tortured, on the instruction of pigvijay singh.

Unknown said...

इस्लाम समर्थक हिन्दू आचार्य ?

आजकल प्रचार का जमाना है .और लोग अपना प्रचार करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं .इसीलिए कुछ मुस्लिम ब्लोगरों ने इस्लाम का प्रचार करने के लिए यही तरकीब अपना रखी है .सब जानते हैं कि अधिकांश हिन्दू संगठन और संस्थाए भी दोगली विचारधारा रखती हैं .और कुछ तथाकथित स्यंभू आचार्य ,और पंडित अपना धर्म बेच चुके है ,और इस्लाम का प्रचार कर रहे है .कुछ दिनों पूर्व " सनातन धर्म इस्लाम " (http://sanatan-dharm-islam.blogspot.com/)के नाम से एक ब्लॉग नजर में आया ,जिसमे किसी अहमद पंडित और किसी लक्ष्मी शंकर आचार्य के साथ कुछ अन्य हिन्दू लेखकों ने मिलकरयह सिद्ध करने का प्रयास किया है ,कि इस्लाम एक उदार धर्म है ,इसमें जबरदस्ती नहीं है .यह हरेक व्यक्ति को अपना धर्म पालन करने की अनुमति देता है .इस्लाम की नजर में सभी मनुष्य समान हैं .इस्लाम लोगों में सद्भावना फैलाना चाहता है .आदि ,इन्हीं बातों प्रमाणित करने के लिए इस ब्लॉग में कुरान शरीफ की कुछ आयतें और विडिओ भी दिए गए है .यहाँ पर ब्लॉग में किये गए दावों की दुर्भावना रहित समीक्षा दी जा रही है ,ताकि उन हिन्दू विद्वानों को सटीक उत्तर दिया जा सके .और सत्यासत्य का निर्णय हो सके .देखिये -
1 - इस्लाम का अर्थ शांति नहीं है .
अभी तक लोग इसी भ्रम में पड़े हुए हैं ,कि इस्लाम का अर्थ शांति है .और इसलिए इस्लाम शांति का धर्म है .लेकिन इस्लाम का वास्तविक अर्थ शांति नहीं बल्कि समर्पण है ."Islam" does not mean "peace" but "submission"जैसा कि कहा जाता है ("السلام" ولكن "تقديم"استسلاما )इस्लाम शब्द अरबी के तीन अक्षरों (root sīn-lām-mīm (SLM [ س ل م ) से बना है .और कुरान में कई जगह इस्लाम का अर्थ समर्पण ही किया गया है ,सूरा तौबा 9 :29 में इसका अर्थ-
To surrender -اسلام=Submission बताया है .इसी तरह सूरा आले इमरान 3 :83 में इसका अर्थ अल्लाह का धर्म और सूरा आले इमरान 3 :19 में भी वही अर्थ"islam is surrender to allah 's will استسلاما=To surrender " दिया है .इस्लाम का अर्थ शांति फैलाना कदापि नहीं है .इस शब्द का प्रयोग लोगों को धमकी देकर आत्मसमर्पण (surrender ) करने के लिए किया जाता रहा है ,जो इन हदीसों से सिद्ध होता है .


"रसूल ने यहूदियों से कहा कि यह सारी जमीन मुसलमानों की है .इसलिए तुम इसे खाली कर दो .और इस्लाम कबूल करो .और खुद को अल्लाह के रसूल के सामने समर्पित कर दो " बुखारी -जिल्द 9 किताब 92 हदीस 447
"एक औरत ने रसूल से पूछा कि इस्लाम क्या है ,तो रसूल ने कहा ,सिर्फ अल्लाह की इबादत करना , रोजा रखना ,जकात देना और खुद को अल्लाह की मर्जी के हवाले कर देना "बुखारी -जिल्द 1 किताब 1 हदीस 47
"रसूल ने Byzantine ईसाई शाशक "हरकल Harcaleius को सन्देश भेजा ,जिसमे कहा कि मैं अल्लाह का रसूल मुहम्मद तुम्हें चेतावनी देता हूँ ,कि अगर तुम अपनी जान बचाना चाहते हो ,तो समर्पण कर दो .और इस्लाम स्वीकार कर लो "बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 191
वह इस्लाम भक्त हिन्दू आचार्य बताएं कि क्या इस्लाम का अर्थ समर्पण करना नहीं है ? और इस्लाम के जन्म से लेकर मुसलमान इसी तरह से विश्व में शांति (अशांति ) नहीं फैला रहे हैं ?

Unknown said...

2 -इस्लाम में जबरदस्ती नहीं है
इन इस्लाम परस्त पंडितों ने जकारिया नायक के सामने मुस्लिमों को खुश करने के लिए यह कह दिया कि इस्लाम में किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं है ,और सबको अपना धर्म पालने की आजादी है .इसके लिए इन लोगों ने कुरान की इन आयतों का हवाला दिया है -
अ -"दीन (इस्लाम ( में कोई जबरदस्ती नहीं है " सूरा -बकरा 2 :256
ब-"तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन और हमारे लिए हमारा दीन "सूरा -काफिरून 109 :6
बहुत कम लोग यह जानते हैं कि कुरान की सूरतें और आयते घटनाक्रम के अनुसार ( according revelation ) नहीं है .इसलिए इनका सही तात्पर्य और अर्थ समझने के लिए हदीसों का सहारा लेना जरुरी है .पहली आयत 2 :256 यहूदियों से सम्बंधित है .हदीस में कहा है ,
"अब्दुल्ला इब्न अब्बास ने कहा कि इस्लाम से पहले जिन औरतों के बच्चे नहीं होते थे ,या बार बार मर जाते थे ,वह यहूदियों के मंदिर में जाकर रब्बी के सामने यह मन्नत मांगती थीं ,कि अगर मुझे बच्चा होगा ,या मेरी संतान जीवित रहेगी तो उसे मैं यहूदी बनाकर तुम्हारे हवाले कर दूंगी . मक्का में ऐसे बहुत से बच्चे यहूदियों के पास थे . जब इस्लाम आया तो रसूल ने उन सभी बच्चों को यहूदियों से मुक्त कराया और कहा कि " दीन ( मान्यता ) में कोई जबरदस्ती नहीं है "
अबू दाउद-किताब 14 हदीस 2676
इसी तरह दूसरी आयत 109 :6 का जवाब उसी सूरा में मिल जाता है ,जिसमे कहा है कि "हे काफिरों मैं उसकी इबादत नहीं करूँगा ,तुम जिसकी इबादत करते हो
" सूरा -काफिरून 109 :4 .इसी बात को और स्पष्ट करने के लिए कुरान की इस आयत को पढ़िए जो कहती है कि,
"और जो लोग इस सच्चे दीन (इस्लाम )को अपना दीन नहीं मानते ,तुम उनसे लड़ो ,यहाँ तक वह अपमानित और विवश होकर जजिया न देने लगें "
सूरा- तौबा 9 :29
अब कोई कैसे मान सकता है ,कि इस्लाम बलपूर्वक नहीं फैलाया गया ,और सबको अपने धर्मों के पालन करने की अनुमति देता है ?
3 -इस्लाम वैश्विक भाईचारा चाहता है


वास्तव में इस्लाम " वैश्विकबंधुत्व "الأخوة العالمية" universal fraternity" नहीं बल्कि " मुस्लिम भाईचारे "" الاخوان المسلمين" muslim brotherhood की वकालत करता है . जो इन आयतों से स्पष्ट हो जाती है ,जो कहती हैं .
" ईमान वाले (मुस्लिम ) तो भाई भाई हैं "सूरा -अल हुजुरात 49 :10
यही बात इन हदीसों में में साफ तौर से कही गयी है ,कि मुसलमान दुसरे धर्म वालों के भाई या मित्र नहीं हो सकते .हदीस में है ,
"रसूल ने कहा कि इमान वालों को सिर्फ इमान वालों से ही दोस्ती करना चाहिए "अबू दाउद -किताब 41 हदीस 4815 और 4832
"रसूल ने कहा हे ईमान वालो तुम मेरे शत्रुओं ( गैर मुस्लिम ) को अपना भाई या दोस्त नहीं समझो " बुखारी -किताब 59 हदीस 572
कुरान में गैर मुस्लिमों से दोस्ती न करने का कारण भी दे दिया है और रसूल के स्वभाव के बारे में कहा है कि ,
"मुहम्मद अल्लाह के ऐसे रसूल हैं ,जो काफिरों के प्रति कठोर और अपने लोगों ( मुसलमानों ) के प्रति अत्यंत दयालु हैं "सूरा -अल फतह 48 :29
सब जानते हैं कि मुसलमान रसूल का अनुकरण करते हैं ,और जब रसूल ही गैर मुस्लिमों से दोस्ती और भाईचारे को बुरा बताते हों ,तो मुसलमानों क्या मजाल जो हिन्दुओं से दोस्ती कर सकें .यही कारण था कि जब केजरीवाल मौलाना अरशद मदनी के पास दोस्ती के लिए गए तो उनको भगा दिया गया .और अन्ना का आन्दोलन फेल हो गया .( जागरण 28 दिसंबर 2011 )याद रखिये गाँधी ने भी यही किया था .

Unknown said...

4-विधर्मी भटके लोग और जानवर हैं
आप सोच रहे होंगे कि इस्लाम गैर मुस्लिमों से मित्रता करने का विरोधी क्यों है .क्योंकि इस्लाम कि नजर में सभी गैर मुस्लिम ,जैसे यहूदी ,ईसाई और हिन्दू भटके हुए लोग और कुत्ते ,बन्दर ,सूअर और चूहे की तरह निकृष्ट प्राणी है .यह कुरान की इन आयातों और हदीसों से सिद्ध होता है .जो कहती हैं कि-
"क्या कभी कोई अँधा और आँखों वाला व्यक्ति बराबर हो सकता है "सूरा -रअद 13 :16
" निश्चय ही जमीन पर चलने वाले सभी जीवों में अल्लाह कि नजर सबसे निकृष्ट जीव वह लोग हैं जो इस्लाम नहीं लाते"सूरा-अनफ़ाल 8 :55
"जो इस्लाम को छोड़कर अपनी ही इच्छा पर चलते हैं ,उनकी मिसाल कुते की तरह है .जो अपनी इच्छा पर चलता है "सूरा-आराफ 7 :176
"जब वह हमारी बात ( इस्लाम लाओ ) छोड़कर ढिढाई से वही पुराना काम करने लगे ,तो हमने (अल्लाह ) कहा जाओ तुम धिक्कारे हुए बन्दर बन जाओ "
सूरा -आराफ़ 7 :166
"और जब उन लोगों (यहूदी ) हमारे आदेश को नहीं माना तो हमने कहा तुम बन्दर बन जाओ "सूरा -बकरा 2 :65
"जिन्होंने अल्लाह के आलावा किसी और की इबादत की ,तो उन पर अल्लाह का प्रकोप हुआ .जिस से उन में से बन्दर और सूअर बना दिए गए .
सूरा -अल मायदा 5 :60 .यही बातें इन हदीसों में दी गयी है -
" अबू सईद ने कहा कि रसूल ने कहा "सभी यहूदी और ईसाई भटके हुए लोग है और जानवरों से बदतर है .यह एक दिन गर्त में जा गिरेंगे "
बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 662
" अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने कहा यहूदी चूहों की तरह है ,जब इनको बकरी का दूध दिया जाता है ,तो पी लेते है .लेकिन जब ऊंटनी का दूध दिया जाता है तो इनको कोई स्वाद नहीं आता.यानि तौरेत पढ़ लेते हैं लेकिन कुरान से इकार करते है "सही मुस्लिम किताब 42 हदीस 7135 यही कारन है कि मुसलमान हिन्दू ,ईसाई और यहूदी जैसे जानवरों से दोस्ती नहीं करते हैं .
5-अल्लाह भटकाता रहे ,और
लगता है अल्लाह ने जिस दिन कुरान उतारी थी ,उसी दिन से पृथ्वी से काफिरों ( गैर मुस्लिम ) के सफाया की योजना बना रखी थी .कि वह उनको गुमराह करके उनसे गुनाह ,अपराध कराता रहे .फिर जहाँ भी इस्लामी हुकूमत हो जाये वहां जिहादी किसी न किसी बहाने उनको क़त्ल करते रहें .यह बात कुरान कि इन आयतों से स्पष्ट हो जाता है -
" यदि अल्लाह चाहता तो सबको एक गिरोह बना देता ( ताकि वह सत्कर्म करते ) लेकिन वह जिसको चाहे गुमराही में डाल देता है "
सूरा-अन नह्ल 16 :93
" वह लोग बिच में ही डावांडोल रहते हैं ,न इधर के और न उधर के . जिसको चाहे गुमराही में डाल देता है,और जिसे खुद अल्लाह भटका दे उनके लिए कोई रास्ता नहीं रहता "सूरा -अन निसा 4 :143
"अल्लाह जिसको चाहे उसको भटका देता है ,और जिसको चाहे सन्मार्ग दिखा देता है "सूरा-अल मुदस्सिर 74 :31
"अल्लाह ने जानबूझ कर उनको सन्मार्ग से भटका दिया है ,और उनके कानों और दिलों पर ठप्पा लगा दिया है "सूरा -अल जसिया 45 :23
अल्लाह के इस काम में शैतान भी मदद करते रहते हैं .जो इस आयत से पता चलता है .
"क्या तुम नहीं जानते कि हमने इन काफिरों पर अपने शैतानों को छोड़ रक्खा है ,जो इनको गुमराह करते रहते हैं "सूरा -मरियम 19 :83
काश वह हिन्दू पंडित जकारिया नायक से पूछते कि ,जब खुद अल्लाह ही शैतान के साथ मिलकर लोगों को गुमराह कराता रहता है ,तो असली अपराधी अल्लाह क्यों नहीं है .फिर गैर मुस्लिमों पर हमले क्यों किये जाते हैं ?जैसा कि आगे बताया गया है -

Unknown said...

6-जिहादी मारते रहें
क्या इसी को इस्लामी कानून कहते हैं कि ,करे अल्लाह और भरें हिन्दू या गैर मुस्लिम .फिर भी जिहादी अल्लाह की जगह गैर मुस्लिमों पर जिहाद करते रहते हैं .जैसा कि कुरान की इन आयतों में लिखा है ,
"हे ईमान वालो तुम उन सभी काफिरों से लड़ते रहो जो तुम्हारे आस पास रहते हों "सूरा -तौबा 9 :123
"जो इमान वाले हैं ,वह हमेशा अल्लाह के लिए लड़ते रहते है "सूरा -निसा 4 :76
"जहाँ तक हो सके तुम हमेशा सेना और शक्ति तैयार रखो ,और काफिरों को भयभीत करते रहो "सूरा -अनफाल 8 :60
" हे नबी तुम काफिरों और मुनाफिकों के साथ सदा जिहाद करो और उन पर सख्ती करते रहो "सूरा -अत तहरिम 66 :9 .और सूरा तौबा 9 :73
"तुम उनसे इतना लड़ो की वह बाकि न रहें ,और सभी धर्म इस्लाम हो जाएँ "सूरा -अन्फाल 8 :39 और सूरा -बकरा 2 :193
"हे नबी तुम ईमान वालों को हमेशा लड़ाई करने पर उकसाते रहो "सूरा -अन्फाल 8 :63


अब पाठकों से विनम्र नवेदन है कि वह पहले ऊपर दिए गए "सनातन धर्म इस्लाम "में दिए गए हिन्दू पंडितों के तर्कों को पढ़े ,फिर निष्पक्ष होकर कुरान की दी गयी आयतों को पढ़ें . फिर अपना निर्णय टिपण्णी के रूप में देने की कृपा करें .अथवा ,प्रथम अनुच्छेद में जिस ब्लॉग का हवाला दिया गया है ,उसमे उन पंडितों और आचार्यों के पते दिए गए हैं ,जो इस्लाम के भक्त है .आप उन से सवाल कर सकते हैं .




http://www.thereligionofpeace.com/Pages/Quran-Hate.htm

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