ईसा, मूसा थे दो भाई बिना बात की हुयी लडाई ईसा बोला मैं ही लूँगा मूसा बोला , कुछ न दूंगा झगड़ा सुनकर 'सोनी' आई मिलजुलकर कांग्रेस बनायीं बोली-ऐसा झगडा कभी न करना मिल-बाँट कर देश को खाना ।
ईशा और मूसा से अभिप्राय दो राजनीतिक दलों से तो नहीं है? जो कोई भी हो सकते हैं- कांग्रेस-सपा, कांग्रेस-बसपा, कांग्रेस-एनसीपी, कांग्रेस-टीएमसी, कांग्रेस-डीएमके या फिर भाजपा-अकाली, भाजपा-बसपा, भाजपा-सीपीआइ, भाजपा-जेडीयू वगैरा वगैरा. हम तो जनता है जो इनके जाल में फंस कर मछली की तरह तड़पती रहेगी. जाल डालने वाला कोई भी हो.
इन ईसा-मूसा से अपना घर तो संभला नहीं, दुसरे के घर में आग लगाने भी चले आए। अब इनका साथ देने के लिए पहले इन्होने कांग्रेस बनाई, फिर अपनी खुद की एजेंट सोनिया को भी यहाँ भेज दिया। आपके शब्दों में जबरदस्त शक्तियां हैं। इस रूप में प्रदर्शित करना और भी भा गया।
Rajiv Mitra उसके बाद एक रेसिपी बनी. एक UPA जैसा बर्तन लीजिये, उसमे पहले २G डालिए, ३G को छिड़कइए, एक चम्मच (दिग्गी) से सब को धीरे से मिलाइए , फिर coal डालिए. इसके बाद सिलिंडर के साथ diesel, डालकर सबको मिलाइए , मिलाने के बाद ये मसाला गरम हो जायेगा इसलिए इसे ठंडा होने दीजिये (चुनाव के पहले तक) तब तक दूसरा मसाला (गुजरात) तैयार कीजिये. इसमें शायद आप सफल न हो पायें. क्यूंकि ये मसाला तैयार करना काफी मुश्किल होगा... अब सारे चमचों को एक बर्तन में डालिए, धीरे धीरे माया के साथ मुलायम मुलायम लालू डालिए, उसपर पहले वाला मसाला डालकर सब को मिलिए और marinate कीजिये. ६४ साल में सारे मसाले चमचों के साथ मिल जायेंगे फिर इसे धीमी आंच में पकने दीजिये. बीच बीच में ममता का तड़का आपके हाथों में तेल के छींटें दे सकते हैं ज़रा होशियार रहिये. २०१४ के पहले इसे उतारके परोसिये. तैयार है आपका UPA dish. 3 minutes ago · Unlike · 1
24 comments:
बेहतरीन ।
chhoti lekin teekhi our satik chot maaratee kavita....bahut badhiyaa.kaafi dino ke baad blog par aa paayaa sorry divyaji for that.
Mil baant kar kha hee rahe hain!
hahahahha...badhia likha hain aapne
thank you
और इस तरह मम्मी के आदेश के पालनार्थ ‘बच्चों‘ ने मिल-जुल कर देश को खाना शुरू कर दिया...अभी भी खा रहे हैं, नोच-नोच कर !
theek hai,kuch panktiyon me badi sari bat
ईशा और मूसा से अभिप्राय दो राजनीतिक दलों से तो नहीं है? जो कोई भी हो सकते हैं- कांग्रेस-सपा, कांग्रेस-बसपा, कांग्रेस-एनसीपी, कांग्रेस-टीएमसी, कांग्रेस-डीएमके या फिर भाजपा-अकाली, भाजपा-बसपा, भाजपा-सीपीआइ, भाजपा-जेडीयू वगैरा वगैरा. हम तो जनता है जो इनके जाल में फंस कर मछली की तरह तड़पती रहेगी. जाल डालने वाला कोई भी हो.
waah.......
छ पंक्तियाँ और इतना सारा...
.... और बेटे को राजकुमार से राजा बनाना :)
वाह !खूब कहा !न जाने कितने देश को कुतर -कुतर कर खाने में लगे हैं ।
divya jee.. itne kam shabdon me gahri baat kah dee aapne..sadar badhayee aaur apne blog par amantran ke sath
बढिया व्यंग्य।
ho ho wah!
इन ईसा-मूसा से अपना घर तो संभला नहीं, दुसरे के घर में आग लगाने भी चले आए। अब इनका साथ देने के लिए पहले इन्होने कांग्रेस बनाई, फिर अपनी खुद की एजेंट सोनिया को भी यहाँ भेज दिया।
आपके शब्दों में जबरदस्त शक्तियां हैं। इस रूप में प्रदर्शित करना और भी भा गया।
सटीक ... मिल बाँट कर खाना बेट्टा... जात पांत मे बाँट के खाना... धरम क्षेत्र मे काट के खाना
आम आदमी खिलाता रहता है और ये खाते रहते हैं. उसका कुछ भी वापस नहीं करते.
sundar...ati sundar....khoob sundar...
pranam
sundar...ati sundar....khoob sundar...
pranam
वाह!...सुलह करवाई जाए तो ऐसी!
मगर हम हजम नहीं होने देंगे...
:)
व्यंग्य धारदार है।
मिल बांट कर देश को खाना ...ससुरे मिल कर बांट रहे हैं देश को खा रहे हैं ...सटीक बात वो भी खरी खरी
By Rajiv mitra---
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Rajiv Mitra उसके बाद एक रेसिपी बनी. एक UPA जैसा बर्तन लीजिये, उसमे पहले २G डालिए, ३G को छिड़कइए, एक चम्मच (दिग्गी) से सब को धीरे से मिलाइए , फिर coal डालिए. इसके बाद सिलिंडर के साथ diesel, डालकर सबको मिलाइए , मिलाने के बाद ये मसाला गरम हो जायेगा इसलिए इसे ठंडा होने दीजिये (चुनाव के पहले तक) तब तक दूसरा मसाला (गुजरात) तैयार कीजिये. इसमें शायद आप सफल न हो पायें. क्यूंकि ये मसाला तैयार करना काफी मुश्किल होगा... अब सारे चमचों को एक बर्तन में डालिए, धीरे धीरे माया के साथ मुलायम मुलायम लालू डालिए, उसपर पहले वाला मसाला डालकर सब को मिलिए और marinate कीजिये. ६४ साल में सारे मसाले चमचों के साथ मिल जायेंगे फिर इसे धीमी आंच में पकने दीजिये. बीच बीच में ममता का तड़का आपके हाथों में तेल के छींटें दे सकते हैं ज़रा होशियार रहिये. २०१४ के पहले इसे उतारके परोसिये. तैयार है आपका UPA dish.
3 minutes ago · Unlike · 1
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