Friday, August 30, 2013

भटके हुए भटकल

एक और शाही मेहमान 'यासीन भटकल' आतंकवादी आज विशेष विमान से दिल्ली लाया जा रहा है! ४५ बम ब्लास्ट और २०० मौतों की ज़िम्मेदारी ली है ! इसने इन्डियन मुजाहिद्दीन को ट्रेनिंग देकर बहुत से अन्य आतंकियों को बम बनाने में expert कर दिया है। अब बिरयानी का खर्चा और बढेगा! चुनाव करीब है , अभी और भटके हुए भटकल पकडे जायेंगे और बिरयानी खिलाकर कांग्रेस , वोटरों का तुष्टिकरण करेगी ! भारत की जनता अब कांग्रेस में अपना विश्वास खो चुकी है !

8 comments:

रविकर said...

अटकल दुश्मन लें लगा, है चुनाव आसन्न |
बुरे दौर से गुजरती, सत्ता बांटे अन्न |

सत्ता बाँटे अन्न, पकड़ते हैं आतंकी |
आये दाउद हाथ, होय फिर सत्ता पक्की |

हो जाए कल्याण, अभी तक टुंडा-भटकल |
पकड़ेंगे कुछ मगर, लगाते रविकर अटकल ||

Unknown said...

भटकल जैसे खटमल तो अभी पूरे भारतवर्ष में भरे पड़े हैं और इन खटमलों के बारे में इस्लामिक पैगम्बर दिग्विजय सिंह कुरैशी एवं मुल्ला मुलायम के यही बयान आयेंगे कि इन खटमलों का कोई धर्म नहीं होता . मगर साध्वी प्रज्ञा सिंह एवं अन्य हिन्दू संगठनों का मूल धर्म आतंकवाद ही होता है . अबकी बार सोनिया के साथ - साथ शायद राहुल गांधी भी रोयेंगे की भटकल अब्बा के साथ अमानवीय व्यवहार बटला हाउस जैसा न किया जाए .एक अमेरिका है जिसने पाकिस्तान के घर में घुसकर ओबामा को ठोंक डाला और एक हमारी सरकार है जो पाकिस्तान को जवाब देना तो दूर हिन्दुस्तान में रह रहे कठमुल्लों को आतंकवादी कहने की भी ताकत नहीं हैं. कभी कभार अजमल जैसा कोई आतंकी पकड़ भी लिया गया तो उसकी खातिरदारी एवं आवभगत में करोड़ों खर्च करने में इस सरकार को कोई गुरेज़ नहीं हैं भले ही विदर्भ के किसान कर्ज के बोझ से आत्महत्या करतें रहें .
और दिव्या जी भटकल हो या करीम टुंडा इनके फैसले इनकी मौत के बाद ही आयेंगे अदालत से,तब तक कांग्रेस अपने इन दामादों को पूरी हिफाजत से वोट बैंक में जमा करके रखेगी .

अशोक सलूजा said...

वी.आई.पी मेहमान इकठ्ठे हो रहे है ....और मेहमाननवाज़ी भारतियों का धर्म ????

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

जाने कहाँ भर्ती होंगे यह सब।

प्रतिभा सक्सेना said...

जनता का पैसा, कौन अपनी कमाई है !

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

sach kaha ma'm!

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

आदरणीया दिव्या जी ..आतंकी मुझसे ही पैदा होते हैं ..मुझमे ही समाते हैं ..बम हम ही लगवाते है हटवाते हैं ..हम परम सत्ता है हमें न कुछ हमसे जुदा है न हमसे अलग है .आपदाएं भी हमारी हैं राहतें भी हमारी है ..हम ही मर्ज हैं हम ही दावा हैं ..कांग्रेस की क्या मंशा है समझना मुश्किल है लेकिन जनता कब समझेगी ..ये बोटों की राजनीत जाने क्या क्या करवायेगी ..अभी देखते चलिए

Anonymous said...

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