इस्लामिक कांग्रेस !
खबरदार अगर किसी ने कांग्रेस को कुछ कहा तो !
वो तुष्टिकरण नहीं करती ! वो तो पालती पोसती है अपने लाडलों को , फिर चाहे
वो खान पारिवार हों अथवा अफज़ल हो अथवा कसाब। चाहे वो अश्लीलता करें , परदे
पर नाचें अथवा कसाब की तरह क़त्ल और आतंकवाद करे ! इन सब पर हमारी सरकार
दया दृष्टि रखती है ! इनके लालन-पालन में कोई कसर नहीं छोडती !
कांग्रेस की बैसाखी है इस्लाम या फिर इस्लाम की बैसाखी है कांग्रेस ? मुस्लिम वोटों की दया के बिना कांग्रेस डूब जायेगी या कांग्रेस की दया के बिना मुसलमान बर्बाद हो जायेंगे ?
अगर
थोड़ी सी भी बुद्धि का इस्तेमाल करें ये लोग तो आसानी से समझ सकते हैं कि
कांग्रेस केवल इनका इस्तेमाल कर रही है अपने निजी हित में ! कांग्रेस ने
मुस्लिम समाज का स्वाभिमान खरीद लिया है और उसे डरे-सहमे रहकर जीने को
मजबूर कर दिया है!
यदि भारत से इतनी ही तकलीफ है तो इन लोगों को
पाकिस्तान में जाकर पुरसुकून से रहना चाहिए , लेकिन नहीं ये लोग बहुत चतुर
हैं , हमारा अधिकार मारकर , हमारा खून पीने के लिए यहीं जमे हुए हैं ! लेकिन सनद रहे -कभी नाव गाडी पर तो कभी गाडी नाव पर होती है !
खुशनसीब
हैं गुजरात के मुसलमान जो अपने नेता को उसके धर्म से नहीं , बल्कि उसके
कर्म से पहचानते हैं ! और इसीलिए लगातार उन्नति कर रहे हैं और खुशहाल हैं !
आज तक दो ही मुसलमान देखे जो खुले दिमाग से सोचते हैं --
सलमान रुश्दी
तस्नीमा नसरीन
इन दोनों ने इस्लाम को सच्चे अर्थों में समझा है और बंगाल-शेरनी को भी दहला के रख दिया है।