जीवित होते हुए भी
मर चुके हो तुम
इस जीवन में अब
तुम्हारा स्थान वो है जहाँ
मृत 'अपनों' की यादें रहती हैं
तुम्हें याद तो किया जाएगा लेकिन
अब बातें न होंगीं तुमसे
मर चुके हो तुम
इस जीवन में अब
तुम्हारा स्थान वो है जहाँ
मृत 'अपनों' की यादें रहती हैं
तुम्हें याद तो किया जाएगा लेकिन
अब बातें न होंगीं तुमसे
तुम जाओ
तुम मुक्त हो
तुम उन्मुक्त उड़ो
अब पीछे से आवाज़ देने वाला
नहीं है कोई
कोई बाधा नहीं
कोई अवरोध नहीं
खाली वीरान सड़कों पर
अब निर्विघ्न चलो
मंज़िल खुद से तलाशो
कस कर हाथ पकडे अब
तुम्हारे कोई साथ नहीं
तुम मुक्त हो
तुम उन्मुक्त उड़ो
अब पीछे से आवाज़ देने वाला
नहीं है कोई
कोई बाधा नहीं
कोई अवरोध नहीं
खाली वीरान सड़कों पर
अब निर्विघ्न चलो
मंज़िल खुद से तलाशो
कस कर हाथ पकडे अब
तुम्हारे कोई साथ नहीं
तुम मेरा वर्तमान नहीं
तुम मेरा भविष्य नही
हाँ , बीत चुके कुछ पन्नों पर,
दर्ज हुए इतिहास हो तुम ।
तुम मेरा भविष्य नही
हाँ , बीत चुके कुछ पन्नों पर,
दर्ज हुए इतिहास हो तुम ।
3 comments:
गहरी सोच से उपजी रचना है ...
badhiya ..itahass dukhad ho to bhulana behtar :) jsk
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