सब कुछ बदलने के लिए शुरुवात तो होगी ही कहीं से ! और उसके लिए 2014 में मोदी का विकल्प सबसे अच्छा है ! मोदी का राज --दूसरा कांग्रेस कभी नहीं बनेगा ऐसा मेरा विश्वास है !
2014 में सत्ता मोदी के हाथ में ही होनी चाहिए ! निर्वात नहीं आयेगा! एक बेहतर शुरुवात होगी ! आँधियों का दौर चल ही रहा है , 2013 तक इसकी तीव्रता और बढ़ेगी ! कांग्रेस का विनाश तय है ! 2014 में शान्ति और खुशहाली आएगी !
जनता को एकाएक बदलाव की उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए ! कांग्रेस की फैलाई गंदगी साफ़ करने में भी तो कुछ वक्त लगेगा , उसके बाद ही नयी सरकार के सकारात्मक प्रयास, प्रभावी रूप में दिखाई देंगे।
किसी भी हालत में बिना रीढ़ की हड्डी वाले विकल्प (अमूल बेबी) को तो आकार लेने ही नहीं देना है।
तख्ता पलटना बहुत ज़रूरी है , तभी लोकतंत्र बचेगा और देश सुरक्षित रहेगा , विकास करेगा !
9 comments:
आपके मुह में घी -सक्कर भगवन करे सोनिया सर्कार जल्दी जय भारत को यदि बचाना है तो मोदी जी को लाना है ये भारत आवस्यकता हैं.
उफ़ ये वादे भी न
स्साले कभी पूरे नहीं होते
मोदी के अतिरिक्त और कौन है जो खुद को साबित कर पाया?
एक विकास पुरुष के रूप में उसने गुजरात को एक विकसित राज्य बनाया और गुजरात को पूरी दुनिया में दुसरे नंबर का विकसित प्रदेश का गौरव दिलाया।
महाराष्ट्र का विदर्भ, आन्ध्र प्रदेश का उत्तरी क्षेत्र व गुजरात का सौराष्ट्र एक ही जलवायु जैसे क्षेत्र हैं। तीनों ही क्षेत्रों में कपास की खेती होती है। क्या कारण है कि महाराष्ट्र का किसान कपास उगता है और आत्म हत्या करता है, आन्ध्र का किसान कपास उगता है और आत्म हत्या करता है, वहीँ गुजरात का किसान कपास उगता है और उसे चीन के बाजारों में तीन गुना दामों में बेचता है।
ये तो एक छोटा सा उदाहरण है। कभी गुजरात को महसूस कीजिये। वहाँ का विकास पूर्वाग्रहों से रहित होकर देखिये। सच में एहसास हो जाएगा कि मोदी कमाल है।
बिलकुल सही कहा...
मोदी की राह के रोडेः-
आडवाणी - मरने से पहले प्रधान मन्त्री बनने की लालसा (जो कभी पूरी नहीं होगी)
सुषमा स्वराज - अपनी होम सेटेट हरियाणा में जीरो - सिर्फ सेफ सीट से लोक सभा या राज्य सभी में पहुँच पाती हैं।
वैनकेया नायडू - आन्ध्र में जीरो सभी जगह बनते हैं हीरो।
नकवी - मुस्लिम इलाके से खुद भी चुनाव नहीं जीत सकते।
बलबीर पुंज - जम्मू में जीरो और उन्हें कोई नहीं जानता।
गोपी नाथ मुण्डे - महाराष्ट्र में सिर्फ परिवार पालिटिक्स कर सकते हैं या गडकरी की पीठ में छुरा घोंप सकते हैं।
जावडेकर - बी जे पी का कमजोर मनिष तिवारी
राजनाथ सिहँ- उत्तर प्रदेश का बेडा गर्क करने वाला।
अरुण जेतली - अछा वकील परन्तु प्रसासन में अनुभवहीन।
यह वह लोग हैं जिन्हों ने बी जे पी को दिशी हीन कर रखा है, हिनदुत्व का ढकोसला कर के अन्प संख्यकों का तुष्टिकरँ करते हैं और प्रदेशों के सक्षम लीडरों को आगे नहीं आने देते। यही मोदी जैसों के आगे आने की रुकावट हैं।
par BJP v Yah Chahe Tab na...yahan v tang khicho politics chal raha he
जनता को मोदी के अतिरिक्त आज देश में किसी भी पार्टी में ऐसा कोई नेता दिखाई भी तो नहीं दे रहा है जिस पर जनता भरोसा कर सके लेकिन भगवान् भाजपा को सदबुद्धि दे तब हो ना !!
Maine kuchh din pahle Modi ko pratyakshtah suna.Sunne ki ichchha bhi hoti hai, aur bharosa bhi.
बिलकुल सही कहा...दिव्या जी
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