Friday, June 29, 2012
Thursday, June 28, 2012
डॉक्टर की फीस (चिकित्सा शुल्क) कितना होना चाहिए ?
कल अपनी फेसबुक वाल पर आम जनता की राय जानने के लिए एक पोस्ट डाली और पूछा की - "अपनी क्लिनिक में प्राईवेट प्रैक्टिस करते हुए एक चिकित्सक का चिकित्सा-शुल्क कितना होना चाहिए ? जिसे देने में मरीज को कष्ट न हो , उसे उचित लगे और वो ख़ुशी-ख़ुशी दे सके ?"
इस पर अभी तक प्राप्त १२७ टिप्पणियों में ५० प्रतिशत ने इलाज मुफ्त में किये जाने बात कही है। शेष ३० प्रतिशत ने कहा की २५ रूपए फीस होनी चाहिए। बची हुयी दयालू जनता ने ५०/- रूपए फीस होने की बात कही।
पढ़कर लगा , ११ रूपए में आधा किलो प्याज तो मिल ही जाएगा, गर्मियों के मौसम में कितना लाभदायी है। ५० रूपए में तो एक किलो आम या फिर ३०० ग्राम लीची भी मिल सकती है।
पढ़िए नीचे कुछ रोचक टिप्पणियां ---
इस पर अभी तक प्राप्त १२७ टिप्पणियों में ५० प्रतिशत ने इलाज मुफ्त में किये जाने बात कही है। शेष ३० प्रतिशत ने कहा की २५ रूपए फीस होनी चाहिए। बची हुयी दयालू जनता ने ५०/- रूपए फीस होने की बात कही।
पढ़कर लगा , ११ रूपए में आधा किलो प्याज तो मिल ही जाएगा, गर्मियों के मौसम में कितना लाभदायी है। ५० रूपए में तो एक किलो आम या फिर ३०० ग्राम लीची भी मिल सकती है।
पढ़िए नीचे कुछ रोचक टिप्पणियां ---
- अपनी क्लिनिक में प्राईवेट प्रैक्टिस करते हुए एक चिकित्सक का चिकित्सा-शुल्क कितना होना चाहिए ? जिसे देने में मरीज को कष्ट न हो , उसे उचित लगे और वो ख़ुशी-ख़ुशी दे सके ? कृपया मार्ग-दर्शन करें ।
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कृपया एक नज़र इस आलेख पर डालें।
डॉ वर्मा की उत्कृष्ट रचना पढ़िए----हमने बिस्मिल की तड़पती वो गज़ल देखी है
वक़्त-ए-रुख्सत जो लिखी थी वो नकल देखी है
जब क़दम वादी-ए-गुर्बत में उन्होंने रक्खा
हमने उस दौर की जाँबाज फसल देखी है
सरफ़रोशी की तमन्ना में भी कितना दम था
खाक में मिलने की हसरत पे अमल देखी है
आज जरखेज जमीनों में जो उग आयी है
हमने हालात की बीमार फसल देखी है
कल भी देखा था जो हम सबको हिला देता था
और जब कुछ भी न होता हो वो कल देखी है
'क्रान्त' अब मुल्क की हालत पे हँसी आती है
रंज होता था कभी सबको वो कल देखी है
ZEAL