जो कौम इतिहास से
नही सीखती वो बर्बाद होकर मिट्टी मे
मिल जाती है |
जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है
कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे
कोई नही मिटा सकता मै उन्हें मुर्ख और
बेवकूफ ही समझता हूँ |
आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट
गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश
का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर
नही बचा |
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है
जहां की रानी गांधारी थी आज
उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज
एक भी हिंदू नही बचा |
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट
बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०%
हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे |
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले
५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू
नही बचा |
केरल मे १० साल पहले तक ६०%
जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ
१०% हिंदू केरल मे है |
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम
आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते
है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
मित्रों, १५६९ तक ईरान का नाम
पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक
भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते
थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण
होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने
नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई
मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे
पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे
उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन
होता रहा .. एक नाव मे बैठकर २१
पारसी किसी तरह गुजरात के
नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे
और आज पारसी सिर्फ भारत मे
ही गिनती की संख्या मे बचे है |
कांग्रेस के लोग कृपा करके
सोनिया गाँधी को समझाये
की वो विभाजन काल
की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से
कुछ सीखता नही वो मिट जाता है.
सूरहावर्दी ने 1946 मे कलकत्ता मे
हिंदुओं का क़त्ले आम करने के लिए 24 मे से
22 पुलिस थाने मुस्लिम अधिकारीओं और 2
अन्ग्लो इंडियन अधिकारीओं के हवाले
किया था यही हाल पूरे बंगाल का था.
हमारे केंद्रीय गृह सचिव
यदि किसी महा भयंकर षड्यंत्र
को नही समझते तो उन्हे पद पर बना रहने
का अधिकार नही है.
26/11 के पाकिस्तानी हमले के समय
कौन था मुंबई का पुलिस सर्वोच्च
अधिकारी और कहाँ बैठा था क्या कर
रहा था ज़रा सोचिए गंभीरता से.
इसकी भयानकता के बारे मे अंदाज
लगाना ही है तो इस देश की देशभक्त
जनता पर उपकर करने के लिए श्री माधव
गोड़बोले आइ ए एस भू. पु. केंद्रीय गृह सचिव
की लिखित "दी हॉलोकास्ट ऑफ इंडियन
पार्टीशन: एन इंक्वेस्ट" यह किताब
पूरी संजीदगी से पढ़ें जिसमे एक भी लफ़्ज
बिना आधार के काल्पनिक
नही लिखा गया; आप आज उसी पद पर हैं.
यह आदेश जारी करके हिंदुओं के भावी क़त्ले
आम की सुविधा कर रहे हैं॥
By Daniel murffy
.
नही सीखती वो बर्बाद होकर मिट्टी मे
मिल जाती है |
जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है
कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे
कोई नही मिटा सकता मै उन्हें मुर्ख और
बेवकूफ ही समझता हूँ |
आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट
गया ?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश
का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर
नही बचा |
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है
जहां की रानी गांधारी थी आज
उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज
एक भी हिंदू नही बचा |
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट
बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |
बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०%
हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे |
कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले
५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू
नही बचा |
केरल मे १० साल पहले तक ६०%
जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ
१०% हिंदू केरल मे है |
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम
आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते
है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |
मित्रों, १५६९ तक ईरान का नाम
पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक
भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते
थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण
होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने
नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई
मिटा नही सकता .
लेकिन ईरान से सारे के सारे
पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे
उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन
होता रहा .. एक नाव मे बैठकर २१
पारसी किसी तरह गुजरात के
नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे
और आज पारसी सिर्फ भारत मे
ही गिनती की संख्या मे बचे है |
कांग्रेस के लोग कृपा करके
सोनिया गाँधी को समझाये
की वो विभाजन काल
की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से
कुछ सीखता नही वो मिट जाता है.
सूरहावर्दी ने 1946 मे कलकत्ता मे
हिंदुओं का क़त्ले आम करने के लिए 24 मे से
22 पुलिस थाने मुस्लिम अधिकारीओं और 2
अन्ग्लो इंडियन अधिकारीओं के हवाले
किया था यही हाल पूरे बंगाल का था.
हमारे केंद्रीय गृह सचिव
यदि किसी महा भयंकर षड्यंत्र
को नही समझते तो उन्हे पद पर बना रहने
का अधिकार नही है.
26/11 के पाकिस्तानी हमले के समय
कौन था मुंबई का पुलिस सर्वोच्च
अधिकारी और कहाँ बैठा था क्या कर
रहा था ज़रा सोचिए गंभीरता से.
इसकी भयानकता के बारे मे अंदाज
लगाना ही है तो इस देश की देशभक्त
जनता पर उपकर करने के लिए श्री माधव
गोड़बोले आइ ए एस भू. पु. केंद्रीय गृह सचिव
की लिखित "दी हॉलोकास्ट ऑफ इंडियन
पार्टीशन: एन इंक्वेस्ट" यह किताब
पूरी संजीदगी से पढ़ें जिसमे एक भी लफ़्ज
बिना आधार के काल्पनिक
नही लिखा गया; आप आज उसी पद पर हैं.
यह आदेश जारी करके हिंदुओं के भावी क़त्ले
आम की सुविधा कर रहे हैं॥
By Daniel murffy
.
26 comments:
बहुत विचारणीय प्रस्तुति....
सार्थक विचार संप्रेषित करती पोस्ट इतिहास और यथार्थ के दरीचों से आवाज़ देती हुई .
कृपया यहाँ भी पधारें -
फिरंगी संस्कृति का रोग है यह
प्रजनन अंगों को लगने वाला एक संक्रामक यौन रोग होता है सूजाक .इस यौन रोग गान' रिया(Gonorrhoea) से संक्रमित व्यक्ति से यौन संपर्क स्थापित करने वाले व्यक्ति को भी यह रोग लग जाता है .
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
ram ram bhai
शुक्रवार, 8 जून 2012
जादू समुद्री खरपतवार क़ा
बृहस्पतिवार, 7 जून 2012
कल का ग्रीन फ्यूल होगी समुद्री शैवाल
http://veerubhai1947.blogspot.in/
इसके लिए तो किसी भी प्रामाणिकता के पैमाने की जरुरत नहीं है कि हिन्दू धर्म दुनिया के सभी धर्मों में श्रेष्ठ और प्राचीन है, किन्तु अन्य सभे धर्मों के मुकाबले इस धर्म ने जो अपने अनुयायियों को एक बंदिश रहित उदार पालन की सुविधा दी, अफ़सोस कि इसके अधिकाँश स्वार्थी,कायर, कुटिल. मौकापरस्त और लोभी अनुयायियों ने उसका सर्वथा दुरुपयोग किया ! आज सुबह बस यूं ही जब ख़बरों का अवलोकन कर रहा था तो एक नजर लैलाखान वाली खबर पर भी गई, जो दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए ब्लास्ट के बाद से गायब है ! यह भी जाना कि इसकी मुंबई और महाराष्ट्रा में काफी अचल सम्पति भी थी ! वही हाल वीना मालिक का भी है ! ये लोग हमारे यहाँ आकर आखिर सम्पति खरीद कैसे लेते है और कैसे पैर जमकर बैठ जाते है क्यों ? क्योंकि हम लोभी, देशद्रोही किस्म के लोग है जो पैसे के लिए किसी भी हद तक चले जाते है, बिना यह देखे कि अपने धर्म और देश के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी है ! क्या कोई हिन्दू भारतीय अभिनेत्री पाकिस्तान में जाकर वही सब कर सकती है जो ये पाकिस्तानी अभिनेत्रियाँ भारत आकर करती है ? यह बात बहुत छोटी सी है लेकिन मैं इसका उल्लेख दूसरे परिपेक्ष में कर रहा हूँ! जिस धर्म के अनुयायी दूसरी शादी रचने के लिए चाँद मुहम्मद बन जाते है, उस धर्म का पतन तो निश्चित ही है ! दुनिया में और जितने भी धर्म आये उन्होंने अनुयायी जोड़े और अपने संख्या बधाई और हमारे धर्म के लोग इतनी धार्मिक आजादी के बावजूद भी इसी के होकर नहीं रह पाए !मानता हूँ कि इसके पीछे बहुत से कारण है किन्तु सिर्फ कारन गिनाने की बजाये, इंसान एक नजर अपने कर्मों पर भी तो मारे !
हिंदू सभ्यता की रक्षा पर वाकई ध्यान देने की जरुरत है!...अन्यथा 'अब पछताए होत क्या...जब चिडिया चुग गई खेत!...जैसा समय आएगा और बचे हुए चंद हिंदुओं के पास करने के लिए कुछ नहीं रहेगा!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (09-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
aaderneeya divya jee ..atyant bicharneey..hinduon ka patan kee aithihasik prasthbhoomi padhkar dimag kee nashen hil gayeein....ham ab bhee nahi samjhe to patan wakai sunishchit hee hai..sadar badhayee ke sath
sach jo itihas se nahi sikhta wo mit jata he...abhi bhi waqt he sachet ho jaw...
1000 वर्ष पहले तक भारत में केवल हिंदू थे। मुगलों और अंग्रेजों के भारत आने के बाद से ही धर्म परिवर्तन का जो सिलसिला शुरू हुआ वह आज तक जारी है।
धर्म परिवर्तन पर कानूनी रूप से रोक लगा देनी चाहिए।
There is a need to analyse the situation and consequences.why degradation is going on ? what are the main reasons for blockage the currents of Hinduism.Equality and devotion are required from kitchen to temple,sacrifice is needed rather preaching,high moral is wanted rather so called purity ."जो तो प्रेम खेलन का चाओ,सिर धर तली गली मेरे आओ ". otherwise perfectly you are true-Hindu will become endangered species one day.....good chanting appreciable.
समस्या ये है कि आज हिन्दू कौन बचा है , कोई ब्रह्मण , कोई राजपूत , कोई बहुजन , कोई कायस्थ , कोई ओबीसी न जाने कितने टुकडो में बँटे है. हिन्दू होने का जो दावा करते है , वो इसे कट्टरता से बचाना चाहते है , जो बहुत मुश्किल है . हिन्दू धर्म कि कमियों को दूर कर नए ज़माने के हिसाब से बदलना होगा . उम्मीद अभी भी है .............
विचारणीय पोस्ट,,,,,
RESENT POST,,,,,फुहार....: प्यार हो गया है ,,,,,,
Bachchon ko gurukulon men padhao .
convent men padhaoge to khud ko khud hi mitaaoge.
दुखती रग पर हाथ रख दिया आपने तो.अपने को हिन्दू कहनेवाले अब कितने स्वार्थी और कायर हो गये हैं.सिर्फ़ पुराना गौरव दोहरा कर वर्तमान स्थिति से पलायन कर जाते हैं. .
मुकेश पाण्डेय चन्दन जी से सहमत हूँ. जाति-पाति हिंदू शब्द से साथ ऐसे जुड़ी है कि एकता की बात करना कठिन हो जाता है. एक ही स्थिति में एक खुद को खतरे में महसूस करता है तो दूसरा सुरक्षित. दिव्या जी इसका निदान आसान नहीं. हमें भारतीय बनने में बहुत समय लग सकता है.
.
अनवर जमाल --
आप तो गुरुकुल में नहीं पढ़े, फिर भी आप महान हैं। क्योंकि आप मदरसे में पढ़े हैं। हिन्दू महिलाओं का अपमान करते हैं अपने दर्जनों ब्लॉग्स पर।
मदरसे में पढ़कर आप लोग जेहादी बनते हैं। हिन्दू काफिरों को बरगलाकर या लव जेहाद द्वारा उनका धर्म-परिवर्तन करवाते हैं, जो दृढ हैं और आप लोगों के बरगलाने में नहीं आते हैं , उनके खिलाफ आप फतवा जारी कर देते हो।
हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करके और उनका क़त्ल करके और काफिरों का नाश करके आप लोगों को जन्नत की हूरें जो मिलती हैं। आह ! धन्य है इस्लाम !
गुरुकुल में पढाया जाएगा तो हिन्दुओं के सेक्युलर बन जाने का ज्यादा खतरा पैदा हो जाता है। ये सेक्युलर हिन्दू ही हैं जो हिन्दुओं के विनाश का कारण हैं।
कॉन्वेंट में पढ़ने पर कोई खतरा नहीं है , यदि सच्चे हिन्दू अपनी संतान को सही संस्कार देते हैं तो। सच्चे हिन्दुओं को न ही इसाई बनाया जा सकता है, न ही मुसलाम।
मैं भी कान्वेंट की पढ़ी हुयी हूँ। गुरुकुल में न पढने के कारण कोई कमी तो नहीं है मुझमें। हिन्दू हूँ, हिन्दू ही रहूंगी। और धर्म परिवर्तन कराने वाले जल्लादों और कसाईयों की नाक में नासूर ही बनी रहूंगी।
वन्दे मातरम् !
.
दिव्या जी...
----आप बहुत बड़े भ्रम में हैं( बाकी वाह-वाह करने वाले लोग भी )
--- सत्य तो यही है कि कान्वेंट में पढाने/पढने से ही हिन्दू समाप्त होरहे हैं, क्योंकि वे हिंदुत्व से दूर होकर इस पोस्ट की भांति व्यर्थ के प्रलाप की पोस्टें लिखने में लग जाते हैं, और स्वयं ही हिंदुत्व के पतन का कारण बनते हैं..
---- हिन्दू धर्म के पतन का मूल कारण कान्वेंट स्कूल ही हैं जहां हिंदुत्व के मूल-अर्थ भाव न पढाकर विकृत कथाएं पढाई जाती हैं ( यशोगान तो क्रिश्चियन-संस्कृति का किया जाता है ) ...
--- अगर आप विश्व-इतिहास देखेंगे तो जाने कितनी संस्कृतियाँ नष्ट होचुकी है परन्तु हिन्दू-संस्कृति नहीं ...हर बार पतन के बाद बार-बार नयी बन कर उभरी है..
---आप कान्वेंट की पढ़ी हैं अतः समस्या को अंग्रेज़ी पैटर्न पर समझने व कारण ढूँढने का प्रयास करती हैं जो स्वयं समस्या का कारण है... और हिंदू धर्म के पतन का कारण निश्चय ही हम लोगों का स्वयं का हिन्दू-धर्म को भूल जाना ही है..
--- यह भी सत्य है कि किसी भी संस्कृति-धर्म के पतन का कारण स्वयं उसके अनुयायियों के पतित होकर अपने धर्म से गिर जाना ही होता है..
.
श्याम गुप्ता जी-
तो अब दिव्या जैसे लोग हिन्दू धर्म के पतन का कारण हैं ?
धन्य हैं आप।
आभार।
.
ये बात ठीक है कि इतिहास से सीखा जाना चाहिए। मैं नहीं चाहती की हिंदू कट्टर हों, वो मनुष्यता के करीब रहें यही अच्छा।
कुछ कारण तो बिलकुल स्पष्ट है वैसे अभी बहुत कुछ न कहते हुए -
एक इशारा करना चाहूँगा - गार्जियन अपने बच्चों के लिये अंग्रेजी कोचिंग या अन्य तकनिकी पढाई के लिए चिंतित हैं. उनके चरित्र निर्माण शिक्षा आदि पर नहीं सोच रहे हैं या कहिये सोचने
समझने की शक्ति दुसरे धर्म के प्रचारकों ने छीन लिया है. पेशेवर हिन्दू रीलिजियस टीचर्स के पास
आजीविका का संकट है.
समस्या यही है कि अधिसंख्य हिन्दू केवल मंदिरों में पण्डे पुजारी और ज्योतिषों को अपना भाग्य बनाने के लिए चंदा दे रहे हैं, राजनीतिक, सामाजिक/सामूहिक सुरक्षा और साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रति उदासीन हैं.
अधिसंख्य हिन्दू सोचते हैं चंदा तो केवल बड़े लोग दे सकते हैं हमारी आमदनी से तो बस परिवार ही चल सकता है.
स्वाभिमानी हिन्दू नेता को स्वयं हिन्दू वोटर्स सम्मान (सहयोग) नहीं दे रहा.
हिन्दू धर्म एक महान संस्कृति से जुड़ा रहा है और आगे भी रहेगा इस में कोई संदेह नहीं है. लेकिन जब बात इसके अनुयायियों की हो रही है - तो सौ बात की एक बात जिस समुदाय में अधिसंख्य लोग
स्वहित के लिए लोभ और देश द्रोह के रस्ते पर जायेंगे तो उस देश और समुदाय को तो मिटना ही होगा.
यदि भविष्य में जो बड़ी लड़ाईयां होंगी उसमे दो पक्ष अपने अपने पंथ के लिए लड़ेंगे - क्रिश्चियन और इस्लाम. हिन्दू तो सेकुलर हैं.
दिव्या दीदी. आपके विचार सच में विचार योग्य हैं. इस्पे ध्यान देना चाहिए.
पर वो कहावत है की हस्ती मिटती नहीं हमारी पांच हजार से ज्यादा साल से हम यूँ ही नहीं हिंदुत्व का परचम लहरा रहे हैं विश्व में.
हिंदुत्वा को ठेस पहुंचा देना कोई हसी ठट्ठा नहीं .
----------
और शिकायत है आपसे आप नहीं आती मेरे ब्लॉग पे. आपके कमेंट्स का आभारी .मेरे ब्लॉग पे आएगा
आज भारत बंद है
प्रगतिशील सरकार की पहचान !
संग्रहणीय पोस्ट...बधाई.
विचारणीय सत्य कथन
आपने बिल्कुल ठीक कहा है ।
भारत का उत्थान और पतन हिन्दुओं पर ही निर्भर करता है । अगर हिन्दु नहीं जागा तो बहुत विकट स्थिति आने वाली है । आज कोई भी राष्ट्र , भारत भी खुल कर हिन्दुओँ की चिन्ता नहीँ करता । यहाँ तो सभी सुविधाएं तथा विशेषाधिकार अल्पसंख्यकोँ के लिये हैं । प्रधानमंत्री भी यहाँ के सभी संसाधनोँ पर पहला हक मुसलमानों का मानते हैं । यहाँ तो जो जितना हिन्दु विरोधी , वह उतना ही बड़ा सैकुलर । हिन्दु हितोँ की बात करने वाले को सांप्रदायिक घोषित कर दिया जाता है ।
ऐसे मेँ हमेँ अपनी चिन्ता स्वयं करनी होगी । हिन्दु समाज को संगठित होना होगा । संगठित हिन्दु ही समर्थ भारत का निर्माण कर सकते हैं । एक राजनैतिक शक्ति के रुप मेँ उभरकर स्वयँ तथा अपनी संस्कृति को समृद्ध तथा शक्तिशाली राष्ट्र के रुप मेँ स्थापित कर सकते हैँ ।
तुम्हारा ज़िक्र तक ना होगा दस्तानों में...
विचारणीय प्रस्तुति !
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